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Vidya Sagar Hindi Vidyalay
(Educational Institution)
विदà¥?या सागर हिनà¥?दी विदà¥?यालय पाकिसà¥?तान के सिंध पà¥?रानà¥?त के कंधकोट शहर में सà¥?थित à¤?क सà¥?पà¥?रसिदà¥?ध विदà¥?यालय है। इस विदà¥?यालय की सà¥?थापना 1988 में शà¥?री रामचंदà¥?र आरà¥?य दà¥?वारा की गई थी। जैसा कि पाकिसà¥?तान में आरà¥?य à¤à¤¾à¤·à¤¾ (हिनà¥?दी) और वेदादि धारà¥?मिक शासà¥?तà¥?रों का जà¥?ञान सà¥?कूलों या कालेजों में नहीं दिया जाता इस लिà¤? हमारे बचà¥?चे वैदिक जà¥?ञान के अनमोल खजाने से वंचित न रहें इस उदà¥?देशà¥?य को सामने रखते हà¥?à¤? और इस कमी को पूरा करने के लिà¤? इस विदà¥?यालय को असà¥?तितà¥?व में लाया गया. समय के साथ साथ नà¤? मितà¥?र आते गà¤? और इस धारà¥?मिक कारà¥?य में शà¥?री रामचंदà¥?र के सहयोगी बन कर अधà¥?यापक के रूप में सेवा करते रहे, इस कारà¥?य में जिन पà¥?रेमियों का महतà¥?वपूरà¥?ण योगदान रहा है उन में शà¥?री राजकà¥?मार आरà¥?य, शà¥?री जयपाल दास चौहाण, शà¥?री राजकà¥?मार, शà¥?री दिलीप कà¥?मार आरà¥?य, शà¥?री लकà¥?षà¥?मण दास, शà¥?री शंकर लाल, शà¥?री नारायण दास, शà¥?री सà¥?रीचनà¥?द, शà¥?री धरà¥?म दास आरà¥?य का नाम लेखनीय व सराहनीय है.
विदà¥?या सागर हिनà¥?दी विदà¥?यालय के पà¥?रयास और अनथक परिशà¥?रम से सैकड़ों छातà¥?र व छातà¥?राओं को पिछले २६ वरà¥?षों में निःशà¥?लà¥?क सà¥?शिकà¥?षित किया गया है. वरà¥?तमान में पà¥?रधानाधà¥?यापक शà¥?री पà¥?रदीप कà¥?मार आरà¥?य के नेतृतà¥?व में 150 से à¤à¥€ अधिक बालक व बालिकाà¤?ं विदà¥?या गà¥?रहण कर रहे हैं. शà¥?रीमती अनमोल आरà¥?या, शà¥?रीमती गà¥?ड़िया आरà¥?या, शà¥?रीमती वनà¥?ता आरà¥?या, शà¥?रीमती पूजा आरà¥?या, शà¥?रीमती राजशà¥?री आरà¥?या, शà¥?रीमान पà¥?रदीप कà¥?मार, शà¥?रीमान धरà¥?म दास और शà¥?रीमान सà¥?धाम चनà¥?द बतौर अधà¥?यापक सेवा कर रहे हैं.
विदà¥?यालय में होने वाली शैकà¥?षणिक गतिविधिओं में सरà¥?वपà¥?रथम नितà¥?य पà¥?रारà¥?थना सà¤à¤¾ में होने वाले ‘‘गायतà¥?री मनà¥?तà¥?र’’ का पाठहै, जिसके दà¥?वारा बचà¥?चों में अपनी संसà¥?कृति को जीवित रखने का पà¥?रयास किया जाता है। विदà¥?यालय के à¤?से ही अनेक पà¥?रयासों ने बचà¥?चों में नवीन चेतना व उतà¥?साह को à¤à¤°à¤¨à¥‡ का सारà¥?थक कदम उठाया तथा छातà¥?रों ने इसके अनà¥?रूप ही अपनी पà¥?रतिà¤à¤¾ का परिचय समय पर दिया। लगà¤à¤— हर तà¥?यौहार पर फंकशन का पà¥?रोगà¥?राम किया जाता है जिस में बचà¥?चों को तक़रीर, à¤à¤œà¤¨, पà¥?रवचन आदि के लिà¤? पà¥?रोतà¥?साहित किया जाता है, समय समय पर à¤à¥?रमण के लिà¤? टूवर आदि का पà¥?रबंध à¤à¥€ किया जाता है.
विदà¥?यालय के इन सà¤à¥€ विकास कारà¥?यो को देखते हà¥?à¤? आशा है कि शà¥?री रामचंदà¥?र आरà¥?य का वरदहसà¥?त तथा शà¥?री पà¥?रदीप कà¥?मार आरà¥?य के सानà¥?निधà¥?य तथा संसà¥?था के साथ शà¥?ठ-चिनà¥?तकों के सहयोग से विदà¥?यालय आने वाले समय में à¤à¥€ उतà¥?तरोतà¥?तर पà¥?रगति के पथ पर अगà¥?रसर रहेगा।
:
Mahraj Ladhu Raam Darbar, Gulsher Mohallah
Kandhkot, Sindh, Pakistan
:
79160
:
Urdu
News
Maharshi Dayanand Saraswati Janmotsav
24-Feb-2014
24-Feb-2014
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Maharshi Dayanand Saraswati Janmotsav
24-Feb-2014
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