हिंसक विचाधारा का खेल
Author
Rajeev ChoudharyDate
25-Nov-2016Category
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HindiTotal Views
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amitUpload Date
25-Nov-2016Download PDF
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आज बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ à¤à¤¸à¥‡ रासà¥à¤¤à¥‡ पर है जिससे वापसी मà¥à¤®à¤•à¤¿à¤¨ नहीं लगती.
à¤à¤¾à¤°à¤¤ के बहà¥à¤¤ पà¥à¥‡ लिखे और अतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• शिकà¥à¤·à¤¿à¤¤ कथित धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤µà¤¾à¤¦à¥€ अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के नाम पर हमारे देश में अकà¥à¤¸à¤° लीला कर मीडिया में छाये रहते है सीरिया में आइ. à¤à¤¸ के खोफ से पलायन को मजबूर à¤à¤²à¤¨ कà¥à¤°à¥à¤¦à¥€ की मौत हो गयी थी. à¤à¤• बचà¥à¤šà¥‡ à¤à¤²à¤¨ कà¥à¤°à¥à¤¦à¥€ की मौत ने कथित सेकà¥à¤²à¤°à¥‹ को तोड़ डाला था. जिस कारण पूरा यूरोप, अमेरिका, à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾ तक à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ माहौल मीडिया के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ रचा गया जैसे आतंक के à¤à¤¯ से यह सिरà¥à¤« पहली मौत हो! वैसे देखा जाये तो लगà¤à¤— सà¤à¥€ देशों में नये सेकà¥à¤²à¤° उà¤à¤° रहे है, जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बड़ी सावधानी से विचारधारा की समठरखने वाले, तरà¥à¤•à¤¶à¥€à¤², जमीनी हकीकत समà¤à¤¨à¥‡ वाले सचà¥à¤šà¥‡ धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤· लोगों को खतà¥à¤® करने के बाद पाला जा रहा है.
तसलीमा नसरीन à¤à¥€ सेकà¥à¤²à¤° है और अरà¥à¤§à¤‚ति राय à¤à¥€. पर कमाल देखिये! अरà¥à¤‚धती को अलगावादी नेताओं और कशà¥à¤®à¥€à¤° का दरà¥à¤¦ तो दिखता है पर बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ में हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं की चीख नहीं सà¥à¤¨à¤¤à¥€. दरअसल ये बहरापन नहीं बलà¥à¤•à¤¿ à¤à¤• विचारधारा है. जिसे यहाठधरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ और पड़ोसी देशों में कटà¥à¤Ÿà¤°à¤¤à¤¾ कहा जाता है. विचारधारा की रफà¥à¤¤à¤¾à¤° देखिये जो बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ को जनà¥à¤® 1971 से 2016 तक ले आई. अपने छोटे से जीवन में ही बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ ने धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ से इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ कटà¥à¤Ÿà¤° राषà¥à¤Ÿà¥à¤° तक का सफर तय कर लिया है. 2013 से अब तक हर उस वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ कतà¥à¤² किया जा चà¥à¤•à¤¾ है जो इस कटà¥à¤Ÿà¤° विचारधारा के खिलाफ खड़ा हà¥à¤†.
बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ सरकार खà¥à¤¦ को धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤· कहती रही है. लेकिन पिछले दो सालों से चल रहे इन हतà¥à¤¯à¤¾à¤“ं के सिलसिले को रोक पाने में वह बिलकà¥à¤² नाकामयाब रही है, इन हतà¥à¤¯à¤¾à¤“ं में शामिल अपराधियों को पकड़ने और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सजा देने में à¤à¥€ उसकी कोई खास रूचि नहीं है. हाठअगर कहीं रूचि दिखाई देती है तो आतंक के नाम पर अपने राजनैतिक पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¥à¤µà¤‚दà¥à¤µà¥€à¤“ं जमाते इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ के नेताओं को फांसी पर लटकाने में. जमात के लोगों को सजा या फांसी ने इन हमलों पर असर नहीं डाला है. इसका अरà¥à¤¥ यह है कि इस तरह की खूनी कटà¥à¤Ÿà¤°à¤¤à¤¾ को à¤à¤• सà¥à¤¤à¤° पर सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ समरà¥à¤¥à¤¨ है. दूसरी ओर हर à¤à¤¸à¥€ हतà¥à¤¯à¤¾ इस हिंसक विचार के लिठनई जमीन तैयार करती है. जिसकी सिंचाई वहां रह रहे अलà¥à¤ªà¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤•à¥‹ को अपने खून से करनी पड़ती है.
मैं बात कर रहा था विचारधारा की. à¤à¤¸à¤¾ नहीं कि सà¤à¥€ विचारधारा गलत है. अचà¥à¤›à¥€ विचारधाराओं से तो नये राषà¥à¤Ÿà¥à¤° खड़े होते है जो समय के साथ उसकी गरिमा बनाये रखते है वो राषà¥à¤Ÿà¥à¤° बने रहते है वरन अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ से शà¥à¤°à¥‚ होकर अवà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤“ं के कà¥à¤šà¤•à¥à¤° में फंसकर खतà¥à¤® हो जाते है. उदहारण, सूडान, सीरिया, इराक समेत बहà¥à¤¤à¥‡à¤°à¥‡ मà¥à¤²à¥à¤• है. इन देशों को बरà¥à¤¬à¤¾à¤¦ किसी पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• आपदा ने नहीं किया बस उस विचारधारा ने किया जिसकी राह पर आज बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ है. उरà¥à¤¦à¥‚ à¤à¤¾à¤·à¤¾ के विरोध में पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ से अलग हà¥à¤† बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ बांगà¥à¤²à¤¾ के पकà¥à¤· में था जिससे उसकी सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• विरासत बची रहे किनà¥à¤¤à¥ वहां का हाल देखकर अब लगता है कि कटà¥à¤Ÿà¤° जेहादी विचाधारा किसी à¤à¤• सà¥à¤¥à¤¾à¤ˆ à¤à¤¾à¤·à¤¾ की मोहताज नहीं है. यहां कटà¥à¤Ÿà¤°à¤¤à¤¾ का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° उसी बांगà¥à¤²à¤¾ à¤à¤¾à¤·à¤¾ में हà¥à¤† जिसके आधार पर कà¤à¥€ यह देश बना था.
जब किसी राषà¥à¤Ÿà¥à¤° में बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के सपने à¤à¤¯ से टूटते है तो समà¤à¥‹ वो राषà¥à¤Ÿà¥à¤° पतन की ओर चल पड़ा है. पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के टूटने से बदले का à¤à¤• सà¥à¤– और à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ की खà¥à¤¶à¥€ वहां रह रहे लोगों ने मिलकर मनाई कि à¤à¤• जो धरà¥à¤® की जगह à¤à¤¾à¤·à¤¾ को आधार-सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त मानता था. लेकिन आज बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ à¤à¤¸à¥‡ रासà¥à¤¤à¥‡ पर है जिससे वापसी मà¥à¤®à¤•à¤¿à¤¨ नहीं लगती. हमेशा वो ही देश बने रहते है सà¤à¥€ सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ विचारधाराओं का समà¥à¤®à¤¾à¤¨ करते है. दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में सिरà¥à¤« उनà¥à¤¹à¥€à¤‚ देशों में सà¥à¤¥à¤¾à¤ˆ लोकतंतà¥à¤° बचा है जहाठवैचारिक कटà¥à¤Ÿà¤°à¤¤à¤¾ दफना दी जाती है. यदि इस पà¥à¤°à¤¸à¤‚ग में इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• देशों की बात की जाये तो 56 के करीब देशों में सिरà¥à¤« बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ ही à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ मà¥à¤²à¥à¤• बचा है जहाठलोकतंतà¥à¤° है. किनà¥à¤¤à¥ इस वैचारिक कटà¥à¤Ÿà¤°à¤¤à¤¾ के दिनोंदिन उफान को देखकर लगता है कि कà¥à¤› दिन बाद यह पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ और अफगानिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ की राह पर चल पड़ेगा. दरअसल जिस देश में à¤à¥€ रोजगार के अवसर या आरà¥à¤¥à¤¿à¤• पूरà¥à¤¤à¤¿ आधà¥à¤¨à¤¿à¤• शिकà¥à¤·à¤¾ के बजाय धरà¥à¤® की जाती हो वहां अशिकà¥à¤·à¤¾ को ही लोग बने रहना देना चाहते है. चाहे इसमें बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ के मौलवी हो या जमà¥à¤®à¥‚कशà¥à¤®à¥€à¤° के सेंकडों सà¥à¤•à¥‚ल जला देने वाले अलगावादी या फिर तालिबान और इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤Ÿà¥‡à¤Ÿ के आतंकी ही कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ ना हो!!
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