सैनिक का थाल या गंà¤à¥€à¤° सवाल?
Author
Rajeev ChoudharyDate
13-Jan-2017Category
लेखLanguage
HindiTotal Views
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Sandeep AryaUpload Date
13-Jan-2017Download PDF
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जबकि अनà¥à¤¯ जगह तैनात कà¥à¤› जवान कह रहे है कि हो सकता है कि यादव के आरोप उनके निजी पसंद पर आधारित हों. हम
बीà¤à¤¸à¤à¤« के à¤à¤• जवान तेज बहादà¥à¤° यादव के विडियो जारी करके घटिया खाना दिठजाने और अफसरों पर à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° के आरोप लगाने के बाद बहस शà¥à¤°à¥‚ हो गई है. कà¥à¤¯à¤¾ सीमा पर जवानों को à¤à¤°à¤ªà¥‡à¤Ÿ खाना मिलता है या नहीं? इसमें à¤à¤• तरफ जहाठकà¥à¤› लोगों ने दावा किया है कि कà¥à¤› अफसर राशन और अनà¥à¤¯ चीजें गांवों में आधी कीमत पर बेच देते हैं, वहीं कà¥à¤› पूरà¥à¤µ सैनिकों ने खराब खाना परोसे जाने की खबर को खारिज किया है. हालाà¤à¤•à¤¿ पिछले दिनों केग की à¤à¤• रिपोरà¥à¤Ÿ में à¤à¥€ यह बात सामने आई थी कि कई जगह देश के सैनिक खाने की कà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤Ÿà¥€, मातà¥à¤°à¤¾ और सà¥à¤µà¤¾à¤¦ से संतà¥à¤·à¥à¤Ÿ नहीं है. जबकि अनà¥à¤¯ जगह तैनात कà¥à¤› जवान कह रहे है कि हो सकता है कि यादव के आरोप उनके निजी पसंद पर आधारित हों. हमारे मेस का खाना à¤à¤µà¤°à¥‡à¤œ है, लेकिन इतना à¤à¥€ बà¥à¤°à¤¾ नहीं जितना कि तेज बहादà¥à¤° बता रहे हैं. “इंटरनैशनल बॉरà¥à¤¡à¤° पर तैनाती की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में लाइन ऑफ कंटà¥à¤°à¥‹à¤² पर सेवाà¤à¤‚ देना बेहद मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² होता है. à¤à¤¸à¤¾ इसलिठकà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि मौसम और इलाका, दोनों ही चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ पैदा करते हैं. फिर à¤à¥€ राशन सà¤à¥€ को मिलता है.अचà¥à¤›à¥€ कà¥à¤µà¥‰à¤²à¤¿à¤Ÿà¥€ का यह राशन अचà¥à¤›à¥€ मातà¥à¤°à¤¾ और विकलà¥à¤ªà¥‹à¤‚ के तौर पर उपलबà¥à¤§ होता है.
जवान के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पोसà¥à¤Ÿ की गयी इस वीडियो को करीब पोने दो लाख लोग शेयर कर चà¥à¤•à¥‡ है जिसे करीब 31 लाख लोगों ने देखा. वीडियो को देखने के बाद नà¥à¤¯à¥‚ज चैनल और सोशल मीडिया के जरिये सेना के लिठकाफी संजीदगी लोगों के अनà¥à¤¦à¤° दिखाई दे रही है. जो होनी à¤à¥€ चाहिठआखिर गरà¥à¤®à¥€, धूप, बरसात हो या कड़ाके की ठणà¥à¤¡ जिस मà¥à¤¸à¥à¤¤à¥‡à¤¦à¥€ से जवान अपनी डà¥à¤¯à¥‚टी कर देश की सीमओं की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ कर रहे है यदि उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ ठीक से रोटी à¤à¥€ नसीब नहीं होगी तो फिर हमारा विशà¥à¤µ की सà¥à¤ªà¤°à¤ªà¤¾à¤µà¤° बनने का सपना बेमानी सा लगता है. कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि सीमा पर जवान और खेत में किसान किसी à¤à¥€ देश की सबसे बड़ी ताकत होती है. जवान ने जिस तरह इस वीडियो में कहा कि इसके बाद मैं जीवित रहूठया ना रहूठलेकिन मेरी बात देश के सिसà¥à¤Ÿà¤® के खिलाफ उठनी चाहिà¤. उपरोकà¥à¤¤ कथन à¤à¥€ लोगों की संवेदना को à¤à¤¿à¤‚à¤à¥‹à¥œà¤¤à¤¾ सा नजर आया. हालाà¤à¤•à¤¿ बीà¤à¤¸à¤à¤« ने जवान पर इसके उलट गंà¤à¥€à¤° आरोप लगाते हà¥à¤ सफाई देते हà¥à¤ कहा, कि जवान तेजपà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª की मानसिक हालत ठीक नहीं है वो अकà¥à¤¸à¤° शराबखोरी, बड़े अधिकारियों के साथ खराब वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° के आचरण से जाना जाता रहा है. वरà¥à¤· 2010 में तो à¤à¤• उचà¥à¤š अधिकारी को बनà¥à¤¦à¥à¤• दिखाने के जà¥à¤°à¥à¤® में उसे 90 दिनों की जेल à¤à¥€ हो चà¥à¤•à¥€ है. बीà¤à¤¸à¤à¤« और जवान तेज बहादà¥à¤° यादव के आरोप-पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‹à¤ª à¤à¥‚टे है या सचà¥à¤šà¥‡ यह तो अà¤à¥€ कहा नही जा सकता लेकिन इस मामले की केनà¥à¤¦à¥à¤°à¥€à¤¯ गà¥à¤°à¤¹à¤®à¤‚तà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ निषà¥à¤ªà¤•à¥à¤· जाà¤à¤š à¤à¥€ होनी चाहिà¤.
à¤à¤• ओर सीमा सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ बल के जवान तेजबहादà¥à¤° ने सेना में वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤¤ à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤° को उजागर करने का दावा किया है. जबकि कà¥à¤› लोग इसे जवान की महज नाराजगी बता रहे है. पर इस बहस में यह सवाल जरà¥à¤° उठना लाजिमी है कि कà¥à¤¯à¤¾ सेना अंदरूनी रूप से à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤° से मà¥à¤•à¥à¤¤ है या नहीं? यदि देश की आजादी के बाद तà¥à¤°à¤‚त हà¥à¤ जीप घोटाले को अलग à¤à¥€ रख दे तो कारगिल यà¥à¤¦à¥à¤§ में शहीद सैनिको के लिठताबूत में à¤à¥€ घोटाला सामने आया था. 2007 में लदà¥à¤¦à¤¾à¤– में मीट घोटाला और 2006-07 में ही अंडा और शराब घोटाला सामने आया था. à¤à¤• अनà¥à¤¯ राशन घोटाले में लेफà¥à¤Ÿà¤¿à¤¨à¥‡à¤‚ट जनरल à¤à¤¸. के साहनी को दोषी पाठजाने के बाद जेल à¤à¥‡à¤œà¤¾ गया था. इससे साफ जाहिर होता है कि सेना और अरà¥à¤§à¤¸à¥ˆà¤¨à¤¿à¤• बलों के अनà¥à¤¦à¤° à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤° की जड़ें काफी हद तक समाई है. सरकारी आंकड़ों के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° à¤à¤• सैनिक के लिठहर महीने 2905 का à¤à¥‹à¤œà¤¨ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤¾ सरकार की ओर से देय होता है हर वरà¥à¤· सेना तकरीबन 1440 करोड़ रूपये का राशन जवानों के लिठखरीदती है. सैनिको को मौसम के हिसाब से पà¥à¤·à¥à¤Ÿ आहार सरकार जारी करती है लेकिन इसके बाद à¤à¥€ à¤à¥‹à¤œà¤¨ की शिकायत आती है यह कारण à¤à¥€ जवानों के सामने सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ होने चाहिà¤.
दरअसल à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤° का यह कोई अकेला मामला नहीं है समय समय पर यहाठइस तरह के मामले उठते रहे है यदि खाने-पीने के मामले को ही ले लिया जाये तो सरकारी केंटिन हो या सरकारी सà¥à¤•à¥‚लों में मिड-डे-मील अकà¥à¤¸à¤° शिकायते सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ को मिल ही जाती है. अà¤à¥€ हाल में नोटबंदी के दौरान सबने देखा था किस तरह काले धन के खिलाफ लागू हà¥à¤ˆ मà¥à¤¹à¥€à¤® में कà¥à¤› बेंको दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ काले धन को सफेद करने का कारà¥à¤¯ लोगों के सामने आया था. यह मानव सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ होता है कि किसी à¤à¥€ कारà¥à¤¯ को वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ कम से कम कषà¥à¤Ÿ उठाकर पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर लेना चाहता है. वह हर कारà¥à¤¯ के लिठà¤à¤• छोटा और सà¥à¤—म रासà¥à¤¤à¤¾ खोजने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करता है. इसके लिठदो रासà¥à¤¤à¥‡ हो सकते हैं३ à¤à¤• रासà¥à¤¤à¤¾ नैतिकता का हो सकता है जो लमà¥à¤¬à¤¾ और कषà¥à¤Ÿà¤ªà¥à¤°à¤¦ à¤à¥€ हो सकता है और दूसरा रासà¥à¤¤à¤¾ है छोटा किनà¥à¤¤à¥ अनैतिक रासà¥à¤¤à¤¾. लोग अपने लाठके लिठजो छोटा रासà¥à¤¤à¤¾ चà¥à¤¨à¤¤à¥‡ हैं उससे खà¥à¤¦ तो à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿ होते ही हैं दूसरों को à¤à¥€ à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿ बनने मे बà¥à¤¾à¤µà¤¾ देते हैं.
कà¥à¤› परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ à¤à¤¸à¥€ à¤à¥€ होती हैं जहाठमनà¥à¤·à¥à¤¯ को दबाव वश à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° करना और सहन करना पड़ता है. इस तरह का à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° सरकारी विà¤à¤¾à¤—ों मे बहà¥à¤¤à¤¾à¤¯à¤¤ से दिखता है. वह चाह कर à¤à¥€ नैतिकता के रासà¥à¤¤à¥‡ पर बना नहीं रह पाता है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उसके पास à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° के विरà¥à¤¦à¥à¤§ आवाज उठाने के लिठअधिकार सीमित और पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ जटिल होती है. इस सैनिक के दावे में कितना सच है कितना à¤à¥‚ठइसकी अà¤à¥€ कोई अधिकारिक पà¥à¤·à¥à¤ ी नहीं हà¥à¤ˆ किनà¥à¤¤à¥ इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि कोई मामला à¤à¤¸à¤¾ हà¥à¤† ही न हो, à¤à¤• कहावत है जहाठआग लगी होती है धà¥à¤à¤† वहीं से निकलता है. सरकार को चाहिठइस मामले को यही दबाने के बजाय इस तवरित, उचित और निषà¥à¤ªà¤•à¥à¤· कारवाही करें. कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि जवान किसी सरकार पर नहीं बलà¥à¤•à¤¿ कà¥à¤›à¥‡à¤• उचà¥à¤š अधिकारियों पर आरोप लगा रहा है सरकार को सोचना चाहिठà¤à¤• सिपाही देश के दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨ के तो छकà¥à¤•à¥‡ छà¥à¥œà¤¾ सकता है लेकिन à¤à¥‚ख के नहीं!!
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