हम तो मरने के बाद रो à¤à¥€ नहीं सकते!!
Author
Rajeev ChoudharyDate
13-Jan-2017Category
लेखLanguage
HindiTotal Views
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Sandeep AryaUpload Date
13-Jan-2017Download PDF
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इसलिठवहां के हिनà¥à¤¦à¥‚ अपने किसी परिजन के मरने पर रो à¤à¥€ नहीं पाते हैं. डर रहता है कि यदि रोठतो पड़ोस के
यह खबर उन लोगों को जरà¥à¤° पॠलेनी चाहिठजो सीरिया, फिलिसà¥à¤¤à¥€à¤¨ और मà¥à¤¯à¤¾à¤‚मार के मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ की बात कर दà¥à¤ƒà¤– जता रहे है और वो à¤à¥€ पà¥à¥‡ जो गाजा पटà¥à¤Ÿà¥€ के मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ की पीड़ा लेकर दिलà¥à¤²à¥€ में धरने पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ कर रहे थे. शायद इससे उन मीडियाकरà¥à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की à¤à¥€ संवेदना जागनी चाहिठजो à¤à¤• सीरियाई बचà¥à¤šà¥‡à¤‚ à¤à¤²à¤¨ कà¥à¤°à¥à¤¦à¥€ की लाश को दफनाने तक विलाप करती रही थी. खबर हैं कि पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के ख़ैबर पख़à¥à¤¤à¥‚नख़à¥à¤µà¤¾à¤¹ और कबायली इलाकों में रहने वाले हिंदू शà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤¨ घाट की सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ न होने के कारण अपने मृतकों को जलाने के बजाय अब उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कबà¥à¤°à¤¿à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ में दफनाने पर मजबूर हो गठहैं. इन इलाकों में हिंदू समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ हजारों की तादाद में पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ से पहले से रह रहे हैं. खैबर पख़à¥à¤¤à¥‚नख़à¥à¤µà¤¾à¤¹ में हिंदू समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ की आबादी लगà¤à¤— 50 हजार है. इनमें अधिकतर पेशावर में बसे हà¥à¤ हैं. इसके अलावा फाटा में à¤à¥€ हिंदà¥à¤“ं की à¤à¤• अचà¥à¤›à¥€ खासी तादाद है. ये अलग-अलग पेशों में हैं और अपना जीवन गà¥à¤œà¤°-बसर करते हैं. पिछले कà¥à¤› समय से हिंदू समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के लिठख़ैबर पख़à¥à¤¤à¥‚नख़à¥à¤µà¤¾à¤¹ और फाटा के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर शà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤¨ घाट की सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ न के बराबर ही रह गई है. इस वजह से अब वे अपने मृतकों को धारà¥à¤®à¤¿à¤• अनà¥à¤·à¥à¤ ानों के उलट यानी जलाने के बदले दफनाने के लिठमजबूर हो चà¥à¤•à¥‡ हैं.
चलो à¤à¤• बार को मान लिया पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ जैसे मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® देशों में जीवित हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं या सिख-बौद को कोई अधिकार नहीं है लेकिन कà¥à¤¯à¤¾ मृत शरीर जिसे देखकर इंसानी समाज में धरà¥à¤® से परे होकर संवेदना के अंकà¥à¤° फूटते है लेकिन यहाठतब à¤à¥€ गà¥à¤¸à¥à¤¸à¤¾ और कटà¥à¤Ÿà¤°à¤µà¤¾à¤¦. आखिर कहाठगये वो मानवाधिकारवादी जो मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ में à¤à¤• मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ को बिलà¥à¤¡à¤° दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किराये पर फà¥à¤²à¥‡à¤Ÿ नहीं के कारण सड़कों पर लेट गये थे. आज वो पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ और बंगलादेश के हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं की बात कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं करते हैं? जबकि यह लोग तो सिरà¥à¤« अंतिम संसà¥à¤•à¤¾à¤° के लिठथोड़ी सी à¤à¥‚मि मांग रहे है. पेशावर में ऑल पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ हिंदू राइटà¥à¤¸ के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· और अलà¥à¤ªà¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤•à¥‹à¤‚ के नेता हारून सरà¥à¤µà¤¦à¤¯à¤¾à¤² का कहना है कि उनके धारà¥à¤®à¤¿à¤• अनà¥à¤·à¥à¤ ानों के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° वे अपने मृतकों को जलाने के बाद असà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को नदी में बहाते हैं, लेकिन यहां शà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤¨ घाट की सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ नहीं है इसलिठवे अपने मृतकों को दफनाने के लिठमजबूर हैं.
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि केवल पेशावर में ही नहीं बलà¥à¤•à¤¿ राजà¥à¤¯ के ठीक-ठाक हिंदू आबादी वाले जिलों में à¤à¥€ यह सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ न के बराबर है. इन जिलों में कई सालों से हिंदू समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ अपने मृतकों को दफना रहा है. वह कहते हैं, पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के संविधान की धारा 25 के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° हम सà¤à¥€ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ बराबर अधिकार रखते हैं और सà¤à¥€ अलà¥à¤ªà¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤•à¥‹à¤‚ के लिठकबà¥à¤°à¤¿à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ और शà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤¨ घाट की सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करना सरकार की सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ है, लेकिन दà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ से न केवल हिंदू बलà¥à¤•à¤¿ सिखों और ईसाई समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के लिठà¤à¥€ इस बारे में कोई सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ उपलबà¥à¤§ नहीं है.” हारून सरà¥à¤µà¤¦à¤¯à¤¾à¤² के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° हिंदà¥à¤“ं और सिखों के लिठअटक में à¤à¤• शà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤¨ घाट बनाया गया है लेकिन जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° हिंदू गरीब परिवारों से संबंध रखते हैं जिसकी वजह से वह पेशावर से अटक तक आने-जाने का किराया वहन नहीं कर सकते. उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि पेशावर के हिंदू पहले अपने मृतकों को बाड़ा के इलाके में लेकर जाया करते थे कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वहाठà¤à¤• शà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤¨ घाट था लेकिन शांति की बिगड़ती सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ के कारण वह कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° अब उनके लिठबंद कर दिया गया है.
वो दावा कर कहते है कि पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ à¤à¤° में पहले अलà¥à¤ªà¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤•à¥‹à¤‚ को हर छोटे बड़े शहर में धारà¥à¤®à¤¿à¤• केंदà¥à¤° या पूजा सà¥à¤¥à¤² थे लेकिन दà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ से उन पर या तो सरकार या à¤à¥‚मि माफिया ने क़बà¥à¤œà¤¾ कर लिया, जिससे अलà¥à¤ªà¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤•à¥‹à¤‚ की मà¥à¤¸à¥€à¤¬à¤¤à¥‡à¤‚ बà¥à¥€ हैं. जिस तरह पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के बनने के समय अलà¥à¤ªà¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤• अपने अधिकारों के लिठलड़ रहे थे, उनके हालात में 70 साल बाद à¤à¥€ कोई बदलाव नहीं आया है. वे आज à¤à¥€ अपने अधिकारों से वंचित हैं.” पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° यदि कोई हिनà¥à¤¦à¥‚ मर जाता है तो उसके लाश को जलाने à¤à¥€ नहीं दिया जाता है. मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ कहते हैं कि लाश जलाने से बदबू होती है इसलिठलाश को दफना दो. इसलिठवहां के हिनà¥à¤¦à¥‚ अपने किसी परिजन के मरने पर रो à¤à¥€ नहीं पाते हैं. डर रहता है कि यदि रोठतो पड़ोस के मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ को किसी के मरने की जानकारी हो जाà¤à¤—ी और वे आकर कहने लगेंगे कि चलो कबà¥à¤° खोदो और लाश को दफना दो. à¤à¤¸à¤¾ करने से मना करने पर हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं के साथ मार-पीट शà¥à¤°à¥‚ कर दी जाती है.
कई जगह तो यहाठके हिनà¥à¤¦à¥‚ इन सबसे बचने के लिठहिनà¥à¤¦à¥‚ रात होने का इनà¥à¤¤à¤œà¤¾à¤° करते हैं और गहरी रात होने पर अपने मृत परिजन का अनà¥à¤¤à¤¿à¤® संसà¥à¤•à¤¾à¤° कहीं दूर किसी नदी के किनारे कर आते हैं. लाश को आग के हवाले करने के बाद वे लोग वहां से à¤à¤¾à¤— खड़े होते हैं, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यह डर रहता है कि आग की लपटें देखकर मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ आ धमकें और हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं पर हमले न कर दें. यही वजह है कि हाल के वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ हिनà¥à¤¦à¥‚ किसी à¤à¥€ तरह à¤à¤¾à¤°à¤¤ आ रहे हैं. ये लोग यहां मानवाधिकारवादियों की हर चैखट पर हाजिरी लगाते हैं, अपनी पीड़ा बताते हैं, लेकिन गाजपटà¥à¤Ÿà¥€ पर आसमान सिर पर उठाने वाले ये मानवाधिकारवादी पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं पर अपने मà¥à¤‚ह पूरी तरह बनà¥à¤¦ रखते हैं. जबकि सब जानते है कोई कितना à¤à¥€ धारà¥à¤®à¤¿à¤• अधारà¥à¤®à¤¿à¤• कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ न हो पर जनà¥à¤®, मरण और परण समाज में यह तीन पल à¤à¤¸à¥‡ होते है जिनमे धरà¥à¤® की ना चाहकर à¤à¥€ जरूरत होती है. फिर à¤à¥€ हम तो à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ देश से सिरà¥à¤« मानवता के नाते यह गà¥à¤¹à¤¾à¤° लगा रहे है कि धरà¥à¤® के हिसाब से जीने नहीं देते तो कम से कम मर तो जाने दो!....राजीव चौधरी
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