आदरà¥à¤¶ इसà¥à¤²à¤¾à¤® à¤à¤• फैल सà¥à¤µà¤ªà¥à¤¨
Author
Rajeev ChoudharyDate
08-Feb-2017Category
लेखLanguage
HindiTotal Views
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amitUpload Date
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à¤à¤• जमाने में अकबर ने à¤à¥€ इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤§à¤¾à¤° करने की à¤à¤• कोशिश की
जब यह खबर पà¥à¥€ तो मेरे मन में कई सवाल उठे हालाà¤à¤•à¤¿ मà¥à¤à¥‡ इस समाचार से आशा à¤à¥€ नजर आई और निराशा à¤à¥€. और साथ ही सवाल यह à¤à¥€ जगा कि आखिर इतना अचà¥à¤›à¤¾ और आदरà¥à¤¶ सपना फैल कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ हà¥à¤†? केरल में आज से 10 साल पहले à¤à¤• ही तरह की सोच और à¤à¤• ही विचारधारा के मानने वाले दो दरà¥à¤œà¤¨ मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® परिवारों ने फैसला किया कि वो आबादी से कहीं दूर, जंगल के करीब जाकर अपना à¤à¤• अलग गाà¤à¤µ बसाà¤à¤à¤—े. उनकी कोशिश थी à¤à¤• आदरà¥à¤¶ इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ समाज बनाने की जहाठà¤à¤• मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ हो, à¤à¤• मदरसा हो और जहाठशांति से इसà¥à¤²à¤¾à¤® में बताठहà¥à¤ सही रासà¥à¤¤à¥‡ पर बिना किसी रà¥à¤•à¤¾à¤µà¤Ÿ के चला जा सके. ये लोग कटà¥à¤Ÿà¤°à¤ªà¤‚थी सà¥à¤¨à¥à¤¨à¥€ विचारधारा सलफी इसà¥à¤²à¤¾à¤® के मानने वाले हैं.
उनका विचार था कि खà¥à¤¦ से आबाद किठगठगाà¤à¤µ में हम असली इसà¥à¤²à¤¾à¤® पर अमल कर सकेंगे. वो बताते है हमने कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ की थी कि गाà¤à¤µ से गाड़ी से निकलेंगे और गाड़ी से वापस लौटेंगे, रासà¥à¤¤à¥‡ में किसी से संपरà¥à¤• नहीं होगा. उनका इरादा पैगमà¥à¤¬à¤° मोहमà¥à¤®à¤¦ के जमाने के इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ समाज की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ का था. कालीकट शहर से 60 किलोमीटर दूर, à¤à¤• वीरान इलाके में, जंगल के निकट आबाद किठगठइस गाà¤à¤µ को अतिकà¥à¤•à¤¡ का नाम दिया गया. à¤à¤• मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ बनी, मदरसा à¤à¥€ बना. लोगों ने अपने घर बनाà¤. लेकिन जिस कटà¥à¤Ÿà¤° विचारधारा ने गाà¤à¤µ में 25 परिवारों को à¤à¤• साथ जोड़ा था, उसी विचारधारा ने उनमें फूट à¤à¥€ डाल दी. हà¥à¤† यह कि मदरसे के मà¥à¤–à¥à¤¯ अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• ने à¤à¤• बार छोटे बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को अपनी गोद में बैठाया जिस पर गाà¤à¤µ के सलाफियों ने à¤à¤¤à¤°à¤¾à¤œ जताया. ये सहमति बनी कि मà¥à¤–à¥à¤¯ अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• को इसकी सजा मिलनी चाहिà¤. लेकिन इस सजा ने मतà¤à¥‡à¤¦ पैदा किये और यह सपना चकनाचूर हो गया.
हालाà¤à¤•à¤¿ यह सपना नितांत असंà¤à¤µ और शेखचिलà¥à¤²à¥€ के सपने जैसा है. जो कà¤à¥€ सचà¥à¤šà¤¾ नहीं हो सकता. कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि विचारधारा का टकराव आज से नहीं है इसका इसके इतिहास से गहरा नाता है. à¤à¤• जमाने में अकबर ने à¤à¥€ इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤§à¤¾à¤° करने की à¤à¤• कोशिश की थी लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात वाला ही रहा. कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि सलफी विचारधारा के तीन चरण होते हैं. पहले चरण में शà¥à¤¦à¥à¤§ इसà¥à¤²à¤¾à¤® को माना जाता है, दूसरे चरण में कटà¥à¤Ÿà¤°à¤¤à¤¾ बà¥à¤¤à¥€ है और तीसरे चरण में सलफी मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® कà¥à¤› à¤à¥€ करने को तैयार रहते हैं. कà¥à¤› समय पहले जब लेखिका अयान हिरसी अली से पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ किया गया कि कà¥à¤¯à¤¾ वे इस विचार से सहमत हैं कि कà¥à¤°à¤¨à¥à¤¤à¤¿à¤•à¤¾à¤°à¥€ इसà¥à¤²à¤¾à¤® समसà¥à¤¯à¤¾ है और नरमपंथी इसà¥à¤²à¤¾à¤® समाधान? तो उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने उतà¥à¤¤à¤° दिया था, “उनका मानना गलत है मà¥à¤à¥‡ इसका दà¥à¤– है.” मैं और वे à¤à¤• ही खाई में घिरे हैं और समान लकà¥à¤·à¥à¤¯ के लिये संघरà¥à¤· कर रहे हैं और मेरे लिठइसà¥à¤²à¤¾à¤® समसà¥à¤¯à¤¾ है या धरà¥à¤®, ये समà¤à¤¨à¤¾ बहà¥à¤¤ मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² है.
जैसे ही à¤à¤¾à¤°à¤¤ से बाहर निकलते है तो इसà¥à¤²à¤¾à¤® का आदरà¥à¤¶à¤µà¤¾à¤¦ छिन-à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ होता दिखाई देता है. इसके उदà¥à¤à¤µ से ही देखिये शिया-सà¥à¤¨à¥à¤¨à¥€ विचारधारा टकराव रहा है. जरा सोचिये ईरान-ईराक यà¥à¤¦à¥à¤§ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ हà¥à¤† था, पाकितान से बंगलादेश अलग कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ हà¥à¤†? मिसà¥à¤°, लीबिया, सीरिया, यमन तà¥à¤°à¥à¤•à¥€ आदि देशों में देखा जाये तो सिरà¥à¤« विचारधारा का ही टकराव है. यदि नरमपंथ की बात करें तो इस समय मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के 73 फिरके हैं, बरेलवी, देवबंदी आदि à¤à¥€ à¤à¤• दà¥à¤¸à¤°à¥‡ की अंदरूनी विचारधारा के अनà¥à¤°à¥‚प सही नहीं बैठते. उनका आपसी मतà¤à¥‡à¤¦ साफ नजर आता है.
पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ लेखक हसन निसार कहते है कि वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ समय में इस बात पर जोर देना होगा कि कà¥à¤°à¤¾à¤¨ और हदीथ जो कि इस मजहब के मूल सà¥à¤¤à¤®à¥à¤ हैं उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ किस रूप में समà¤à¤¾ जाये. इस सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ को मà¥à¤–रता देने का अरà¥à¤¥ है कि इसकी तà¥à¤°à¥à¤Ÿà¤¿ को सामने लाना कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि किसी à¤à¥€ चीज का पालन मनà¥à¤·à¥à¤¯ सदैव à¤à¤• समान नहीं कर सकता. सà¤à¥€ का इतिहास होता है. सà¤à¥€ का à¤à¤• à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ होता है जो कि अतीत से à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ होता है. कà¥à¤› लोगों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ इस बात को कहना कि इसà¥à¤²à¤¾à¤® कà¤à¥€ परिवरà¥à¤¤à¤¿à¤¤ नहीं हो सकता. अलà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¾ इकबाल जोकि इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ उमà¥à¤° के à¤à¤• बेहतरीन विचारको में से à¤à¤• थे वो कहा करते थे कि खà¥à¤¦ नहीं बदलते कà¥à¤°à¤¾à¤¨ को बदल देते है. जिस कारण इसà¥à¤²à¤¾à¤® à¤à¤• पिछà¥à¤¡à¤¾, आकà¥à¤°à¤¾à¤®à¤• और हिंसक शकà¥à¤¤à¤¿ का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¤à¥à¤µ करने लगता है.? कà¥à¤¯à¤¾ इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ अधिकारी अपने मजहब की à¤à¤¸à¥€ समठबना सकते हैं जो कि गैर मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ और महिलाओं को समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ अधिकार दे साथ ही मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ को à¤à¥€ अपनी आतà¥à¤®à¤¾ की आवाज सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ की सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करे? आदरà¥à¤¶à¤µà¤¾à¤¦à¥€ सà¥à¤§à¤¾à¤°à¤µà¤¾à¤¦à¥€ मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ को अपने मधà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ पूरà¥à¤µà¤œà¥‹à¤‚ से अचà¥à¤›à¤¾ करना होगा और अपनी वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾ धरà¥à¤®à¤—à¥à¤°à¤‚थों और यà¥à¤—ानà¥à¤•à¥‚ल संवेदना के संदरà¥à¤ में करनी होगी. अपने से गैर मजहबी पड़ोसी को à¤à¥€ सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° करना होगा. उसकी पूजा उपासना के ढंग से नफरत छोडनी होगी. कानूनी पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ सहित अनà¥à¤¯ मामलों में अपने साथी à¤à¤•à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤°à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का आचरण पालन करना होगा...राजीव चौधरी
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