बिना धरà¥à¤® के लोग!!
Author
Rajeev ChoudharyDate
15-Feb-2017Category
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HindiTotal Views
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Sandeep AryaUpload Date
15-Feb-2017Download PDF
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कà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤¾à¤°à¤¤ की 80 फीसदी बहà¥à¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤• आबादी बिना धरà¥à¤® की है?
कशà¥à¤®à¥€à¤° से हिनà¥à¤¦à¥‚ निकाले गये उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ राजनीति से बड़े आराम से कह दिया कि नहीं-नहीं साहब वहां से पंडित निकाले गये. सब चà¥à¤ª कि चलो पंडित निकले. मà¥à¤œà¤«à¤°à¤¨à¤—र में दंगा हà¥à¤† उसे बड़ी सावधानी से मीडिया और राजनीति ने यह कह दिया कि नहीं साहब ये हिनà¥à¤¦à¥‚-मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® नहीं यह तो जाट-मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® दंगा था सब चà¥à¤ª कि चलो हिनà¥à¤¦à¥‚ मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® होता तो देखते. मालाबार में हिनà¥à¤¦à¥‚ मारे गये पर तब कहा गया कि ये वहां के नमà¥à¤¬à¥‚दरी बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£à¥‹à¤‚ और मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ के बीच दंगा था. कैराना से हिनà¥à¤¦à¥‚ निकाले गये मीडिया ने कहा नहीं- नहीं साहब यह तो मातà¥à¤° कà¥à¤› वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का पलायन था. अà¤à¥€ बंगाल के धà¥à¤²à¤¾à¤—ॠमें हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं पर अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° हà¥à¤† तो कहा गया नहीं-नहीं यह तो दलितों और मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ के बीच का मामला था. यदि à¤à¤¸à¤¾ है तो फिर कà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤¾à¤°à¤¤ की 80 फीसदी बहà¥à¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤• आबादी बिना धरà¥à¤® की है? इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ किस à¤à¤œà¥‡à¤‚डे के तहत जातिवाद में बांटा जा रहा है बस आज यही सोचने का विषय है ?
कà¥à¤¯à¤¾ कà¤à¥€ देश में फिर à¤à¤¸à¤¾ चाणकà¥à¤¯ आà¤à¤—ा जो à¤à¤• à¤à¤• बिखरी हà¥à¤ˆ आबादी का नेतृतà¥à¤µ करने की काबलियत रखता हो? अनैतिक राजनीतिजà¥à¤žà¥‹à¤‚ से निपटने और विशà¥à¤µ राजनीति के दाà¤à¤µà¤ªà¥‡à¤šà¥‹à¤‚ को à¤à¥€ समà¤à¤¨à¥‡ की उनकी कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ रखता हो? शायद सबका जवाब होगा कि चाणकà¥à¤¯ तो है पर बिखरा जनसमूह साथ नहीं देता. यह à¤à¤• पीड़ा है जो सब देशवासियों के मन को दà¥à¤°à¤µà¤¿à¤¤ करती है. वैसे राजनीति पर लिखना तो नहीं चाहता पर देश अपना है, समाज अपना है, धरà¥à¤® अपना है तो करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¶ लिखना मजबूरी बन जाता है. बहराल अà¤à¥€ देश में पांच राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में चà¥à¤¨à¤¾à¤µ है. जिनमें जातिगत समीकरण बनाकर देश और समाज को बांटने का काम होता दिखाई दे रहा है.
इस विषय में मà¥à¤à¥‡ रह-रहकर 2014 लोकसà¤à¤¾ चà¥à¤¨à¤¾à¤µ के दौरान पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ नà¥à¤¯à¥‚ज रूम में बैठे उनके राजनेतिक विचारक जफर हिलाली की बात याद आती कि मोदी को रोकना है तो वहां के अनà¥à¤¯ राजनैतिक दलों को हिनà¥à¤¦à¥à¤“ को जात-पात में बाà¤à¤Ÿ देना चाहिà¤. हालाà¤à¤•à¤¿ मà¥à¤à¥‡ वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ राजनीति से इतना लगाव नहीं है किनà¥à¤¤à¥ में हतपà¥à¤°à¤ था कि शतà¥à¤°à¥ हमारी कमजोरी से कदर वाकिफ है. अà¤à¥€ हाल ही में उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ विधानसà¤à¤¾ चà¥à¤¨à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ में हमेशा की तरह मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® वोटों को लेकर राजनीतिक दलों में जबरदसà¥à¤¤ रसà¥à¤¸à¤¾à¤•à¤¶à¥€ जारी है. सवाल ये उठरहा है कि कà¥à¤¯à¤¾ मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ का वोट किसकी à¤à¥‹à¤²à¥€ में जाà¤à¤—ा या फिर कई पारà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में बंट जाà¤à¤—ा? इसलिठसà¤à¥€ राजनैतिक दल अपनी-अपनी हैसियत से बà¥à¤•à¤° खà¥à¤¦ को मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® हितेषी साबित करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ कर रहे है. यदि à¤à¤¸à¥‡ में कोई पारà¥à¤Ÿà¥€ हिनà¥à¤¦à¥‚ हितेषी होने की बात करें à¤à¥€ तो मीडिया और तथाकथित सेकà¥à¤²à¤° पारà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¤¾à¤ उसका सामà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• होने का आरोप जड़कर बहिषà¥à¤•à¤¾à¤° करने की कोशिश करती है.
खैर तथाकथित धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤· पारà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¤¾à¤ खà¥à¤¦ जाट-मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®, दलित-मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®, यादव-मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® तो कोई गà¥à¤œà¥à¤œà¤° या राजपूत या बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¤®à¤£ मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® समीकरण बनाने में जà¥à¤Ÿà¥€ है. इन सारे जातीय समीकरणों को देखकर मन में टीस अवशà¥à¤¯ उठती है कि कà¥à¤¯à¤¾ देश में हिनà¥à¤¦à¥‚ खतà¥à¤® हो गये? या सब सतà¥à¤¤à¤¾ सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ में जातियों में बंटकर रह गये? यदि à¤à¤¸à¤¾ है तो नई गà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ की आदत अà¤à¥€ से डालनी होगी!! इतिहास गवाह रहा है कि कà¥à¤› लोगों ने सतà¥à¤¤à¤¾ के पायों को मजबूत रखने के लिठसदैव राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¦ को कमजोर करने के वे सà¤à¥€ तरीके अपनाà¤à¤‚ हैं, जो राषà¥à¤Ÿà¥à¤° के हित में नहीं थे. अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ के जाने के बाद आजाद à¤à¤¾à¤°à¤¤ में लोकतंतà¥à¤° पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ हà¥à¤†. लेकिन राजनेताओ ने अपने वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त सà¥à¤– और महतà¥à¤µà¤•à¤¾à¤‚कà¥à¤·à¥€ जीवन के लिठइसे जातितंतà¥à¤° बना डाला. यदि गौर करें तो देश पर जातियों का ही पà¥à¤°à¤à¥à¤¤à¥à¤µ दिखाई देता है न कि धरà¥à¤® का.
जब देश आजाद हà¥à¤† तो à¤à¤¾à¤°à¤¤ के पास अपनी विशà¥à¤µà¤•à¤²à¥à¤¯à¤¾à¤£à¤•à¤¾à¤°à¥€ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और अपना धरà¥à¤® था. हमारे पास जो था वह अनà¥à¤¯ देशों के पास नहीं था. लेकिन दà¥:ख की बात यह है कि जातिवाद से निकले नेताओं ने इन चीजों को सहेजने के बजाय उनको नषà¥à¤Ÿ किया. मामला सिरà¥à¤« चà¥à¤¨à¤¾à¤µ तक सीमित रहता तो à¤à¥€ कोई बड़ी बात नहीं थी लेकिन जिस तरह जातिवाद सामाजिक सà¥à¤¤à¤° पर फैल रहा है वो आने वाले दिनों में à¤à¤• मीठे सà¥à¤µà¤° में लिपटे इस राषà¥à¤Ÿà¥à¤° को पीड़ा की कराह में बदल देगा. मà¥à¤—ल शासन, अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ शासन से मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ के लिठकà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤¸à¥€ ही आजादी के लिठकरोड़ों देशà¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ ने अपने पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ की आहà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ इस लिठदीं थी कि इतनी कà¥à¤°à¥à¤¬à¤¾à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ देने के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ à¤à¥€ सतà¥à¤¤à¤¾à¤§à¥€à¤¶ नेता à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤®à¤¾à¤¤à¤¾ के साथ धोखा करेंगे? देश के बहà¥à¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤• हिनà¥à¤¦à¥‚ समाज को जितना अपमानित इस देश में किया गया उतना शायद ही किसी अनà¥à¤¯ देश में किया गया हो. हिनà¥à¤¦à¥‚ समाज की दरà¥à¤¦à¤¨à¤¾à¤• उपेकà¥à¤·à¤¾ और पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¥œà¤¨à¤¾ की गई. इसे जाति में इस तरह विà¤à¤¾à¤œà¤¿à¤¤ कर दिया कि à¤à¤• देश à¤à¤• समाज सरà¥à¤µà¤¸à¤®à¤¾à¤œ के चीथड़े उड़ा दिà¤. वोट के लिठराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¦ और सामाजिक समरसता को दाव इस तरह खेला कि पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤‚तà¥à¤° मातà¥à¤° à¤à¥à¤°à¤® बनकर रह गया. कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि पà¥à¤°à¤œà¤¾ जिस तंतà¥à¤° को चलाती है, उसे पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤‚तà¥à¤° कहते हैं, लेकिन यहां इसके उलट हो रहा है. पà¥à¤°à¤œà¤¾ तो सिरà¥à¤« à¤à¤• बार वोट दे देती है, उसके बाद तो पांच साल देश और हमारे लोगों को ये नेता चलाते हैं.
“अजब जूनून है इस दौर के नेताओं का... तू धरà¥à¤® के लिठमर गया तो तà¥à¤à¥‡ फिर जाति के नाम पर जला कर मारेंगे.”
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