नागालैंड महिला अधिकारों पर चोट
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Rajeev ChoudharyDate
23-Feb-2017Category
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कà¥à¤¯à¤¾ वो इस बात को नकार सकते सकते है कि वहां की राजनीति पर ईसाइयत हावी नहीं है?
पिछले महीने से à¤à¤¾à¤°à¤¤ का पूरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤° इसाई बाहà¥à¤² राजà¥à¤¯ नागालेंड हिंसा में जल रहा है. हिंसा और आगजनी के कारण अधिकतर सरकारी इमारते पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आग के हवाले कर दी गयी. जिस कारण सà¤à¥€ सरकारी कामकाज रà¥à¤•à¥‡ हà¥à¤ है. दरअसल हिंसा तब à¤à¥œà¤•à¥€ जब मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ टीआर जेलियांग ने नगर निकाय के चà¥à¤¨à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ में महिलाओं को 33 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ आरकà¥à¤·à¤£ देने की बात कही थी. इस फैसले के खिलाफ आदिवासी समूह à¤à¥œà¤• उठे और राजà¥à¤¯ में जमकर हिंसा हà¥à¤ˆ जिसमे दो लोगों की मौत à¤à¥€ हो गयी. हिंसा के बाद जेलियांग ने अपना आदेश वापस लिया और मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ पद से इसà¥à¤¤à¥€à¤«à¤¾ à¤à¥€ दे दिया. हमारे देश में खà¥à¤¦ को धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤· कहने वाली मीडिया, दिलà¥à¤²à¥€ के अनà¥à¤¦à¤° वातानà¥à¤•à¥‚लित पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ में नारी मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ के आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ चलाने वाले बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤œà¥€à¤µà¥€ नागालेंड हिंसा से मà¥à¤‚ह फेरे बैठे है. कारण इस हिंसा का असली सच कहीं न कहीं सीधे-सीधे ईसाइयत से जà¥à¤¡à¤¾ है.
नागालेंड 18 वीं 19 सदी ईसाई मिशनरियों के यहाठपहà¥à¤‚चने पहले तक नागा समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ जीववादी, पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के ततà¥à¤µà¥‹à¤‚ की पूजा करने वाले थे. समाज à¤à¤²à¥‡ ही पà¥à¤°à¥à¤· पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ हो लेकिन महिला के अधिकार उतने ही थे जितने वैदिक काल में à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ नारी के. लेकिन बीसवीं सदी के अंत तक राजà¥à¤¯ की 90 फीसदी से अधिक आबादी ने ईसाई धरà¥à¤® को सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° कर लिया और बाइबल के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° नारी को शैतान की बैटी मानकर उसे अधिकारों से वंचित कर दिया. आज नगालैंड के हर गांव में कम से कम à¤à¤• या दो चरà¥à¤š है. जो इसाई समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ दिलà¥à¤²à¥€ में बैठा यूरोप में नारी की सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ के किसà¥à¤¸à¥‡ सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¤¾ है कà¥à¤¯à¤¾ वो नागालेंड में जाकर उनके अधिकारों की बात कर सकता है. आज नागालेंड में महिलाओं से जà¥à¥œà¥‡ उनके अधिकारों और उनके राजनेतिक असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ पर हिंसा ने पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¤šà¤¿à¤‚ह अंकित कर दिया कि कà¥à¤¯à¤¾ नगा महिलाओं को रसोई घर तक ही सीमित रहना चाहिठया फिर समाज की तय की गयी हदों को लांघ कर अपनी खà¥à¤¦ की पहचान बनाने के लिठआगे आना चाहिà¤. ये बहस इसलिठहै कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि नगालैंड में महिलाओं का राजनीति में पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¤à¥à¤µ बिलà¥à¤•à¥à¤² ही नहीं है.
समाचार पतà¥à¤°à¥‹à¤‚ की à¤à¤• रिपोरà¥à¤Ÿ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° नगालैंड को अलग राजà¥à¤¯ का दरà¥à¤œà¤¾ मिले 50 साल हो गठहैं और आजतक यहाठकी विधानसà¤à¤¾ में à¤à¤• à¤à¥€ महिला विधायक नहीं रही है. अलबतà¥à¤¤à¤¾ 1977 में रानो मेसे शाजिआ सांसद चà¥à¤¨à¥€ गईं थीं. दिखने को तो मौजूदा संकट महिलाओं को आà¤à¤—न के पार न निकलने देने के लिठही दिखाई पड़ता है. नगालैंड की राजनीति या समाज में महिलाओं का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¤à¥à¤µ कà¤à¥€ रहा ही नहीं. किनà¥à¤¤à¥ समय-समय पर महिलाà¤à¤‚ अपने अधिकारों के लिठसंघरà¥à¤· जरà¥à¤° करती रहीं हैं. नगालैंड के आदिवासी बहà¥à¤² इलाकों में पारंपरिक क़ानून लिखित नहीं हैं इसलिठअपने हिसाब से लोग इनकी वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾ करते हैं. जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° मामलों में पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ के पकà¥à¤· में वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾ की जाती है नागा जनजाति की महिला गà¥à¤°à¤¾à¤® परिषदॠकी सदसà¥à¤¯ à¤à¥€ नहीं हो सकतीं. महिलाओं का पà¥à¤¶à¥à¤¤à¥ˆà¤¨à¥€ संपतà¥à¤¤à¤¿ पर अधिकार नहीं. मतलब साफ है यहाठके बेहिसाब चरà¥à¤šà¥‹ से वो फरमान निकलते है जो कà¤à¥€ छटी सातवीं शताबà¥à¤¦à¥€ में यूरोप में लागू थे.
बाइबल कहती है कि गॉड ने आदम की à¤à¤• पसली से सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ की रचना की जो पà¥à¤°à¥à¤· के मन बहलाव के लिठबनाई गयी थी. पà¥à¤°à¥à¤· को समà¥à¤®à¥‹à¤¹à¤¿à¤¤ करने वाली जादूगरनी डायन है अत: सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ को यातना देना पà¥à¤£à¥à¤¯ कारà¥à¤¯ है, सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ तथा इस धरती को अपने अधीन दबाकर रखना आजà¥à¤žà¤¾à¤•à¤¾à¤°à¥€ हर इसाई पà¥à¤°à¥à¤· का करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ है और यह करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ उसे बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ और बल के हर संà¤à¤µ अधिकतम उपयोग के साथ करना है. इनà¥à¤¹à¥€ मूलà¤à¥‚त मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं के कारण इसाई समाज महिलाओं को शैतान की बेटी तथा शैतान का उपकरण माना जाता रहा है. यही नहीं ईसाइयत में किसी महिला का माठबनना à¤à¥€ पाप है यदि कोई माठबनती है तो यह उसे गॉड दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दणà¥à¤¡à¤¿à¤¤ किये का परिणाम है. यदि किसी समाज में इस तरह की मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं को सही माना जायेगा तो उकà¥à¤¤ समाज में नारी की दशा आप खà¥à¤¦ सोच सकते है.
जो राजनैतिक समीकà¥à¤·à¤• इस हिंसा को सतà¥à¤¤à¤¾à¤°à¥‚ॠगठबंधन के अंदरूनी कलह के रूप में बता रहे है कà¥à¤¯à¤¾ वो इस बात को नकार सकते सकते है कि वहां की राजनीति पर ईसाइयत हावी नहीं है? कशà¥à¤®à¥€à¤° के मदरसों की तरह ही वहां चरà¥à¤š के पादरी सीधे-सीधे सामाजिक जीवन में हसà¥à¤¤à¤•à¥à¤·à¥‡à¤ª नहीं करते है? कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इस ताजा हिंसा के मामले में à¤à¥€ बेपिसà¥à¤Ÿ चरà¥à¤šà¥‹ की मधà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¥à¤¤à¤¾ वहां ली जा रही है. नगालैंड में 28 जनवरी के बाद से जो कà¥à¤› सामने आया है, उसने à¤à¤¸à¥‡ कई सवालों को जनà¥à¤® दिया है जिनका उतà¥à¤¤à¤° खोजा जाना चाहिà¤. इससे सतही धारणा तो यही बनती है कि शकà¥à¤¤à¤¿à¤¶à¤¾à¤²à¥€ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ समूह महिला आरकà¥à¤·à¤£ का विरोधी है. मीडिया की मà¥à¤–à¥à¤¯à¤§à¤¾à¤°à¤¾ यही समठरही है और देश की सरकार à¤à¥€ यही समà¤à¤¾à¤¨à¤¾ चाह रही है, पर हकीकत इससे कोसों दूर है. हर बात में यूरोप की नारी मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ का उदहारण देने वाले पादरी कà¥à¤¯à¤¾ इस बात के लिठसंजीदा हो सकते है कि उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ उनके अधिकार मिलने चाहिठअगर नागालैंड में चà¥à¤¨à¤¾à¤µ में कोई महिला उतरती है तो उसे पà¥à¤°à¥à¤· वोट à¤à¥€ नहीं देना चाहते? à¤à¤¸à¤¾ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚? इसका कारण à¤à¥€ वहां तलाशा जाना चाहिà¤. वहां बलातà¥à¤•à¤¾à¤°, पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¥œà¤¨à¤¾ और घरेलू हिंसा के मामले आम हैं. उसी तरह महिलाओं को राजनीति में à¤à¤¾à¤— लेने की मनाही à¤à¥€ है. उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ संपतà¥à¤¤à¤¿ का अधिकार à¤à¥€ नहीं दिया गया है. जबकि नागालैंड की महिलाà¤à¤‚ मेहनती हैं मगर सिरà¥à¤« मेहनत करते हà¥à¤ नजर आने से ही कà¥à¤¯à¤¾ उनका सशकà¥à¤¤à¥€à¤•à¤°à¤£ हो जाà¤à¤—ा?
राजीव चौधरी
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