à¤à¤²à¤¾ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ का दरà¥à¤¦ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ समà¤à¥‡?
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Rajeev ChoudharyDate
23-Feb-2017Category
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14 फरवरी का दिन था। इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¬à¤¾à¤¦ की सड़कों पर जिस यà¥à¤µà¤•-यà¥à¤µà¤¤à¥€ के हाथ में गà¥à¤²à¤¾à¤¬ का फूल दिखता पà¥à¤²à¤¿à¤¸ गिरफà¥à¤¤à¤¾à¤° कर लेती। सरकारी फरमान था कि वेलेंटाइन डे पर कोई यà¥à¤µà¤•-यà¥à¤µà¤¤à¥€ किसी को गà¥à¤²à¤¾à¤¬ न दे पाà¤à¥¤ यह विदेशी तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° है इससे पूरी पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ कौम को खतरा होगा। जिसके बाद à¤à¤•-à¤à¤• कर गà¥à¤¬à¥à¤¬à¤¾à¤°à¥‡ और फूल बेचने वाले गरीबों को गिरफà¥à¤¤à¤¾à¤° किया गया। लेकिन उसी दिन लाहौर की सड़कों पर आतंकी खून खराबा कर हमलों की जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ ले रहे थे। लेकिन इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦ बम बारूद से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ गà¥à¤²à¤¾à¤¬ के फूलों सा डरा सहमा सा नजर आ रहा था। उसी दिन वहां की मीडिया à¤à¥€ अपनी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और इसà¥à¤²à¤¾à¤® की दà¥à¤¹à¤¾à¤ˆ देकर वेलेंटाइन डे का विरोध करती नजर आ रही। कà¥à¤¯à¤¾ कोई बता सकता है किसी मà¥à¤²à¥à¤• के लिठफूल खरतनाक है या बम-बारूद? यà¥à¤µà¤¾à¤“ के हाथ में गà¥à¤²à¤¾à¤¬ सही है या असलहा? मà¥à¤à¥‡ नहीं पता उनकी यह सोच इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• है या पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€! पर जो à¤à¥€ हो यह तय है कि यह सोच आने वाले à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ को बरà¥à¤¬à¤¾à¤¦ जरà¥à¤° कर देगी।
सनॠ1947 से दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के नकà¥à¤¶à¥‡ पर आया à¤à¤• देश पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ शायद शà¥à¤°à¥‚ से ही यथारà¥à¤¥ को à¤à¥‚ल कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾à¤“ं में जी रहा है। वह मजहब के रासà¥à¤¤à¥‡ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ को फतेह करने के रोग से शिकार दिखाई देता है। जिसका सबसे बड़ा सबूत यह कि आज à¤à¤¾à¤°à¤¤ और अफगानिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के अलावा पूरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में आतंकवाद कहीं à¤à¥€ हो, उसमें पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के निशान जरà¥à¤° दिखाई देते हैं। चाहे अमेरिका के सैनबरà¥à¤¨à¤¾à¤°à¥à¤¡à¤¿à¤¨à¥‹ में तशà¥à¤«à¥€à¤¨ मलिक का हाथ हो या कंधार और à¤à¤¾à¤°à¤¤ में कोई हमला। सबमें अमूमन पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ का ही हाथ होता है। शायद इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦ हाफिज सईद और अजहर मसूद के जरिये जिनà¥à¤¨à¤¾ के पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ का नकà¥à¤¶à¤¾ बड़ा करना चाहता है। यदि यह उनकी पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤• सोच है तो इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦ की किसà¥à¤®à¤¤ में अà¤à¥€ काफी खून देखना बाकी है। हाल ही में हफà¥à¤¤à¥‡ à¤à¤° के à¤à¥€à¤¤à¤° वहां à¤à¤• के बाद à¤à¤• कई आतंकी हमले हो चà¥à¤•à¥‡ हैं और इन घटनाओं के निशाने पर सेना के जवान, पà¥à¤²à¤¿à¤¸à¤•à¤°à¥à¤®à¥€, जज, पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° और सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ व बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ समेत सà¤à¥€ तबकों के लोग रहे हैं। à¤à¤• हफà¥à¤¤à¥‡ में करीब 100 से 200 लोग मारे गये। शायद à¤à¥Œà¤—ोलिक दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से à¤à¥€ इन वारदातों का दायरा वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• है इन सब वारदातों से पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ अपने कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¤«à¤² से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ विशà¥à¤µ के अखबारों के पनà¥à¤¨à¥‹ में पा गया।
पिछले à¤à¤• सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ से पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ अवाम और मीडिया इस बात को लेकर मà¥à¤–र है कि दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ को पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ का दरà¥à¤¦ समà¤à¤¨à¤¾ चाहिठकि वह किस तरह आतंक से पीड़ित है। बिलà¥à¤•à¥à¤² मानवता के नाते यह समà¤à¤¨à¤¾ à¤à¥€ चाहिठलेकिन सवाल यह कि आतंकी अजहर मसूद को बचाने के लिठचीन से वीटो कराने वाला पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ कà¥à¤¯à¤¾ किसी का दरà¥à¤¦ समà¤à¤¤à¤¾ है? सब जानते है इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦ ने आतंक को दो हिसà¥à¤¸à¥‹à¤‚ में विà¤à¤•à¥à¤¤ किया है जिसे वह अचà¥à¤›à¤¾ और बà¥à¤°à¤¾ तालिबान कहता है। उनकी नजर में à¤à¤¾à¤°à¤¤ में मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ अटेक होता है तो अचà¥à¤›à¤¾ तालिबान पर जब पेशावर में 150 बचà¥à¤šà¥‡à¤‚ या शहबाज कलंदर दरगाह शाह की दरगाह पर 100 लोग मरते है तो बà¥à¤°à¤¾ तालिबान। उडी हमला कर 19 à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जवानों की हतà¥à¤¯à¤¾ करने वाले अचà¥à¤›à¥‡ तालिबानी लेकिन कà¥à¤µà¥‡à¤Ÿà¤¾ में पà¥à¤²à¤¿à¤¸ टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤‚ग सेंटर पर हमला कर 61 जवानों को मारने वाले बà¥à¤°à¥‡ तालिबानी होते हैं।
शहबाज कलंदर दरगाह शाह पर हमले के 24 घंटे बाद ही पाक आरà¥à¤®à¥€ ने 50 से 100 के बीच आतंकियों को मार गिराने का दावा किया है। फिलहाल अफगानिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ से लगी सीमा à¤à¥€ सील कर दी गई है पर सवाल है कि इतने कम समय में, सेना ने इतनी जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ जगहों पर मà¥à¤ à¤à¥‡à¥œ कैसे की? कà¥à¤¯à¤¾ उसे वे सारे ठिकाने पता थे और सब कà¥à¤› जानते हà¥à¤ à¤à¥€ खामोशी बरती जा रही थी? इन सवालों से à¤à¥€ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ अपने घर में ही घिरता नजर आ रहा है। इतिहास के कà¥à¤› पनà¥à¤¨à¥‡ कहते है कि जिनà¥à¤¨à¤¾ ने मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ की बेहतरी के लिठअलग पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ की मांग की थी लेकिन थोड़े समय के बाद जिनà¥à¤¨à¤¾ का पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ मजहबी तंजीमों, उलेमाओं, मोलवियों और आतंकियों का पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ बनकर रह गया और बने à¤à¥€ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ ना? कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि जिस देश का पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ à¤à¤• आतंकी बà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤¨ वानी को यà¥à¤µà¤¾à¤“ं का रोल माडल उनका आदरà¥à¤¶ बताने से गà¥à¤°à¥‡à¤œ नहीं करता तो उस मà¥à¤²à¥à¤• के यà¥à¤µà¤¾ बà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤¨ वानी ही बनेंगे न कि अबà¥à¤¦à¥à¤² कलाम। जहाठसरकारी सà¥à¤¤à¤° पर आतंकियों को महिमामंडित किया जाता हो और à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• विजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥€ नोबेल पà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤œ विजेता पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° अबà¥à¤¦à¥à¤¸à¤¸à¤²à¤¾à¤® जैसे लोगों का का अपमान तो सब आसानी से सोच सकते है कि वहां यà¥à¤µà¤¾ कà¥à¤¯à¤¾ बनेंगे?
पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ वैशà¥à¤µà¤¿à¤• मंच पर खà¥à¤¦ को आतंक से पीड़ित देश होने का रोना रोता है। ताजा हमले से à¤à¥€ जाहिर होता है कि यह तथà¥à¤¯ अपनी जगह सही à¤à¥€ है। लेकिन जब काबà¥à¤² या दिलà¥à¤²à¥€ से आतंक से निपटने की बात की बात दोहराई जाती है तो पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ का दोहरा चरितà¥à¤° देखने को मिलता है। बलूचिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨, पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ वजीरिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ आदि में पाक आरà¥à¤®à¥€ आपà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤¨ जरà¥à¤¬à¥‡ अजà¥à¤¬ चलाकर हवाई हमले करती है तो उसे आतंक का खातà¥à¤®à¤¾ आतंक के खिलाफ पाक मà¥à¤¹à¥€à¤® बताया जाता है लेकिन जब कशà¥à¤®à¥€à¤° में à¤à¤¾à¤°à¤¤ की फौज पर उसके पाले सांप जहर उगलते है तो इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¬à¤¾à¤¦ की तरफ से उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ आजादी के परवाने कहकर होसला अफजाई होती है।
शायद अब इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¬à¤¾à¤¦ को समà¤à¤¨à¤¾ चाहिठमजहबी आतंक किसी मà¥à¤²à¥à¤• के लिठलाठका सौदा नहीं होता। इसके उदहारण के लिठउसे मिडिल ईसà¥à¤Ÿ की तरफ देखना होगा। मजहबी तंजीमो के कारण ही आज सीरिया, सूडान, इराक तबाह हà¥à¤ तो सोमालिया, नाइजीरिया आदि देश à¤à¥à¤–मरी की जिनà¥à¤¦à¤—ी जीने को विवश हैं। इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦ को अजहर मसूद, हाफिज सईद, सयैद सलाहà¥à¤¦à¥€à¤¨ जैसे मानवता के खून के पà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥‡ दरिंदों से बचना होगा। आतंक के à¤à¥‡à¤¦ में गà¥à¤¡- बेड तालिबान के फेर से बाहर आना होगा। अपना दरà¥à¤¦ किसी को समà¤à¤¾à¤¨à¥‡ से पहले दिलà¥à¤²à¥€ और काबà¥à¤² का दरà¥à¤¦ à¤à¥€ समà¤à¤¨à¤¾ होगा। इसके बाद ही लोग पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ का दरà¥à¤¦ समठपाà¤à¤‚गे।
-राजीव चौधरी
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