न सांप मरा न लाठी टूटी
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Rajeev ChoudharyDate
23-Feb-2017Category
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हमें तो सिरà¥à¤« वोट डालने की आजादी है जनाब उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ तो घूम-घूमकर पतà¥à¤¥à¤° मारने की à¤à¥€ आजादी है.
देश के राजनेताओं के लिठà¤à¤²à¥‡ ही आज गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ के गधे पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिक हो पर मेरे लिठआज दिलà¥à¤²à¥€ के सांप पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिक है. वो सांप जो आसà¥à¤¤à¥€à¤¨ में रहकर बार-बार डस रहे है. विशà¥à¤µ शोधकरà¥à¤¤à¤¾à¤“ं को यकीन है कि बेहद गहराई में रह रहे छोटे छोटे जीवों का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ करके वो धरती से परे जीवन की संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं का पता लगाने में कामयाब हो सकते हैं. उनकी रà¥à¤šà¤¿ यह जानने में है कि यहां जीवन कैसे बच सकता है और कैसे आगे बॠसकता है. हो सकता है उन शोधकरà¥à¤¤à¤¾à¤“ं की इन जीवों में रूचि हो किनà¥à¤¤à¥ मेरी रूचि फिलहाल यह जानने में है कि देश कैसे बचे और आगे बॠसकता है. देश के अनà¥à¤¦à¤° ही अनà¥à¤¦à¤° पलते सांपो को कैसे खतà¥à¤® किया जाये! इन देश के दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨à¥‹à¤‚ से कैसे बचा जाये ताकि इस देश की अखंडता बनी रहे.
सà¥à¤¨à¤¾ है पिछले साल जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚ से निकले à¤à¤¾à¤°à¤¤ माता के टà¥à¤•à¥œà¥‡ करने वाले, लेकर रहेंगे आजादी वाले सांप कल रामजस कॉलेज में पहà¥à¤à¤š गये जहाठउन पर लाठी डंडो से वार किया गया. हालाà¤à¤•à¤¿ समय पर पà¥à¤²à¤¿à¤¸ और मीडिया पहà¥à¤à¤š गयी जिसके बाद न सांप मरा न लाठी टूटी...
पिछले महीने की ही तो खबर थी कि गà¥à¤°à¥à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® सेकà¥à¤Ÿà¤° 17 ठमें बंदरों का आतंक बà¥à¤¤à¤¾ जा रहा है, गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤•à¤¾à¤¶à¥€ के à¤à¤• गांव में लंबे समय से गà¥à¤²à¤¦à¤¾à¤° का आतंक बना हà¥à¤† है और कशà¥à¤®à¥€à¤° में आतंकियों से हर रोज मà¥à¤ à¤à¥‡à¥œ हो रही है. खैर पà¥à¤°à¥‡ मामले से फिर à¤à¤• तशà¥à¤µà¥€à¤° साफ हो गयी कि à¤à¤²à¥‡ ही किसी देश के शिकà¥à¤·à¤£ संसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं से उस देश का अचà¥à¤›à¤¾ à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ निकलता हो किनà¥à¤¤à¥ à¤à¤¾à¤°à¤¤ को आजाद हà¥à¤ 70 साल हो गये पर अà¤à¥€ à¤à¥€ यहाठके सà¥à¤•à¥‚लों से आजादी के परवाने ही निकल रहे है. पता नहीं अब इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कौनसी आजादी चाहिà¤? बनà¥à¤¦à¤° वाली या आदमखोर गà¥à¤²à¤¦à¤¾à¤° वाली!
यदि कोई मà¥à¤à¤¸à¥‡ पूछे कि देश आजाद होने के बाद कà¥à¤¯à¤¾ मिला तो मेरा खà¥à¤¶à¥€ से जवाब होगा कि लोकतंतà¥à¤° और दà¥à¤ƒà¤– के साथ यह कहूà¤à¤—ा आजादी मिली पर इतनी नहीं मिली जितना कशà¥à¤®à¥€à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को मिली! संविधान का पनà¥à¤¨à¤¾-पनà¥à¤¨à¤¾ पॠउलट-पलट लीजिये यदि कशà¥à¤®à¥€à¤° शेष à¤à¤¾à¤°à¤¤ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ आजाद न हà¥à¤† तो उनकी आजादी हमसे पांच गà¥à¤°à¤¾à¤® à¤à¥€ कम हà¥à¤ˆ तो मेरे कान मदारी के जमूरे की तरह à¤à¤ देना. हमें तो सिरà¥à¤« वोट डालने की आजादी है जनाब उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ तो घूम-घूमकर पतà¥à¤¥à¤° मारने की à¤à¥€ आजादी है. हमें शायद इतनी आजादी नहीं कि हम शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र लालचैक पर तिरंगा फहराये पर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ देखिये साहब वो तो दिलà¥à¤²à¥€ में à¤à¥€ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° के दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨à¥‹à¤‚ के à¤à¤‚डे लेकर खड़े हो जाते है.
जिस आजादी की बात आज कà¥à¤› कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ कर रहे है कà¤à¥€ मजहब के नाम पर हमसे à¤à¤• दिन पहले उसी आजादी के साथ हमारा à¤à¤• पड़ोसी मà¥à¤²à¥à¤• à¤à¥€ आजाद हà¥à¤† था, कहते थे à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ मà¥à¤²à¥à¤• बनायेंगे जिसमे सब को अधिकार हो जो सिरà¥à¤« मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ की बेहतरी के लिठहोगा लेकिन अंदाज़ा ही नहीं था कि इस हरे à¤à¤‚डे के तले मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ से ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ सà¥à¤¨à¥à¤¨à¥€, शिया, वहाबी, देवबंदी, बरेलवी और तालिबानी फले फूलेंगे. अब हाल देख लीजिये पहले कॉलेज सà¥à¤•à¥‚ल फिर, बाजार, मसà¥à¤œà¤¿à¤¦, मदरसा और अब दगराह. जिस दहशत से आज वो मà¥à¤²à¥à¤• गà¥à¤œà¤° रहा है यह सब अब उस मà¥à¤²à¥à¤• का हिसà¥à¤¸à¤¾ बन गया है. इसà¥à¤²à¤¾à¤® और जेहाद के नाम पर दहशत की जो फसल खà¥à¤¦ की मिटà¥à¤Ÿà¥€ में सींची थी उसे अब हाफिज सईद, तालिबानी जैसे लोग काट रहे हैं. आधा मà¥à¤²à¥à¤• मजहबी à¤à¤¾à¤·à¤¾ लाधने के चकà¥à¤•à¤° में गंवा दिया बाकि का हद से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ मजहबी उनà¥à¤®à¤¾à¤¦ पी जायेगा.
यहाठकह रहे है आजाद होकर कशà¥à¤®à¥€à¤° को सà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤œà¤°à¤²à¥ˆà¤‚ड बनायेंगे, कैसे बनेगा सà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤œà¤°à¤²à¥ˆà¤‚ड? ये मजहबी उनà¥à¤®à¤¾à¤¦ सिरà¥à¤« सीरिया बना सकता है, इराक, यमन, सोमलिया बना सकता है, सà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤œà¤°à¤²à¥ˆà¤‚ड नहीं! कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि 56 देश है इसी मानसिकता से गà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ न कहीं लोकतंतà¥à¤° न कोई सà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¥à¤œà¤°à¤²à¥ˆà¤‚ड? कà¥à¤› लोग कहेंगे मà¥à¤à¥‡ शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ के इस तरह हमले नहीं करने चाहिठपर शायद ये तो वह तरà¥à¤• है जो सचà¥à¤šà¤¾à¤ˆ का आईना दिखा रहे है हमले वो है जो हर रोज देश के सैनिको को à¤à¥‡à¤²à¤¨à¥‡ पड़ते है. à¤à¤• बार शांति और सोहारà¥à¤¦ बनाकर देखो कशà¥à¤®à¥€à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ का सà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤œà¤°à¤²à¥ˆà¤‚ड ही है.
जो लोग टà¥à¤•à¥œà¥‡ करने वाले इस तरह के नारों को अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की आजादी कहते है चाहें उमर खालिद हो या कोई अनà¥à¤¯ दल का नेता वो à¤à¤• बार पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ जाये और गà¥à¤²à¤¾à¤® कशà¥à¤®à¥€à¤° की आजादी के लिठलाहौर चौक पर पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ तेरे टà¥à¤•à¥œà¥‡ होंगे इंसाअलà¥à¤²à¤¾à¤¹ जैसे नारे लगाकर जिनà¥à¤¦à¤¾ जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚ तक आ जाये तो हम मान à¤à¥€ जाये कि यहाठगà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ है.
सवाल यह नहीं कि आज आइसा और à¤à¤¬à¥€à¤µà¥€à¤ªà¥€ दोनों संगठनों में कौन राषà¥à¤Ÿà¥à¤° à¤à¤•à¥à¤¤ है और कौन देशदà¥à¤°à¥‹à¤¹à¥€! सवाल यह है कि आज हमारे सà¥à¤•à¥‚ल-कालेज शिकà¥à¤·à¤¾ के संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ के पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• बन रहे बन रहे है या राजनीति और देश बंटवारे के अडà¥à¤¡à¥‡? बरहाल अब यहाठसे आगे की राजनीति यह होगी कि यदि पà¥à¤²à¤¿à¤¸ उमर खालिद या किसी अनà¥à¤¯ को गिरफà¥à¤¤à¤¾à¤° करेगी तो विपकà¥à¤· कूद पड़ेगा यदि कोई कारवाही नही हà¥à¤ˆ तो तो à¤à¥€ विपकà¥à¤· कूद पड़ेगा. जो नेता आज ये सोचते है कि देश की जनता को हर रोज इस तरह की ओछी राजनीति कर गधा बनाया जा सकता है तो मेरा उनसे यही कहन है कि à¤à¤¾à¤ˆ अब गधे बड़े हो गये!
राजीव चौधरी
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