आखिर कब तक यह खेल चलता रहेगा?
Author
Rajeev ChoudharyDate
23-Feb-2017Category
लेखLanguage
HindiTotal Views
1135Total Comments
0Uploader
RajeevUpload Date
23-Feb-2017Download PDF
-0 MBTop Articles in this Category
- फलित जयोतिष पाखंड मातर हैं
- राषटरवादी महरषि दयाननद सरसवती
- राम मंदिर à¤à¥‚मि पूजन में धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ कहाठगयी? à¤à¤• लंबी सियासी और अदालती लड़ाई के बाद 5 अगसà¥à¤¤ को पà¥
- सनत गरू रविदास और आरय समाज
- बलातकार कैसे रकेंगे
Top Articles by this Author
- राम मंदिर à¤à¥‚मि पूजन में धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ कहाठगयी? à¤à¤• लंबी सियासी और अदालती लड़ाई के बाद 5 अगसà¥à¤¤ को पà¥
- साईं बाबा से जीशान बाबा तक कà¥à¤¯à¤¾ है पूरा माजरा?
- शरियत कानून आधा-अधूरा लागू कयों
- जयोतिषी à¤à¤¾à¤°à¤¤
- तिबà¥à¤¬à¤¤ अब विशà¥à¤µ का मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ बनना चाहिà¤
à¤à¤• तरफ से à¤à¥€à¥œ सेना के जवानों पर पथराव कर रही थी तो दूसरी ओर आतंकी. पथराव को à¤à¥‡à¤²à¤¤à¥‡ हà¥à¤ à¤à¥€ जांबाज सैनिï
आतंकी घà¥à¤¸ आठहैं, इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ ढेर करके दोबारा कॉल करूंगा. यह बात 32 वरà¥à¤·à¥€à¤¯ मेजर सतीश दहिया ने अपने पिता अचल सिंह को कही तो उस बाप ने सपने में सोचा à¤à¥€ नहीं होगा कि शाम को इसके बाद जो कॉल आà¤à¤—ी वह बेटे की शहादत की खबर लेकर आà¤à¤—ी. देश का à¤à¤• लाल फिर à¤à¤¾à¤°à¤¤ माता की रकà¥à¤·à¤¾ के लिठअपने पà¥à¤°à¤¾à¤£ नà¥à¤¯à¥‹à¤›à¤¾à¤µà¤° कर गया. पीछे छोड़ गया तीन वरà¥à¤·à¥€à¤¯ बेटी पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾, बूà¥à¥‡ माता-पिता व आà¤à¤–ों में मीठे सपनों की यादों के आंसू लिठअपनी पतà¥à¤¨à¥€ सà¥à¤œà¤¾à¤¤à¤¾ को. जमà¥à¤®à¥‚-कशà¥à¤®à¥€à¤° में आतंकी मà¥à¤ à¤à¥‡à¥œ में शहीद हà¥à¤ 32 वरà¥à¤·à¥€à¤¯ मेजर सतीश दहिया का उनके पैतृक गांव बनिहाड़ी में राजकीय समà¥à¤®à¤¾à¤¨ के साथ अंतिम संसà¥à¤•à¤¾à¤° किया गया. मेजर दहिया की संतान अब उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कà¤à¥€ नहीं देख पाà¤à¤—ी. कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि मेजर ने हमारे à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ के लिठअपनी जान गंवा दी.
मेजर सतीश दहिया को तीन गोलियां लगी थीं जिसके कारण वे गंà¤à¥€à¤° रूप से घायल हो गठथे. सेना की गाड़ी जब उनको बेस असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² ले जाने के लिठचलने लगी तो सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ लोगों ने सेना की गाड़ी पर पथराव करके उनका रासà¥à¤¤à¤¾ रोके रखा. इसके कारण जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ खून निकलने की वजह से वे शहीद हो गठथे
सà¤à¥€ को जà¥à¤žà¤¾à¤¤ है कि यह सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ पतà¥à¤¥à¤°à¤¬à¤¾à¤œ कौन है? यदि इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ देश के दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨ कहे तो सेकà¥à¤²à¤° बà¥à¤°à¤¿à¤—ेड नाखà¥à¤¶. यदि इन पर पेलेट गन से वार करे तो कथित मानवाधिकारी दà¥à¤–ी. इन पर लाठी बरसायें तो मीडिया के कलेजे पर वार होता है. ये हर रोज पतà¥à¤¥à¤° बरसायें, सेना के जवानों पर हमला करे तो यह आजादी के परवाने यदि इन पर कारवाही हो तो कशà¥à¤®à¥€à¤° की फिजा बिगडती बताई जाती है. जब घायल मेजर सतीश को असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² ले जाया जा रहा था, तब कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ पतà¥à¤¥à¤° मार रहे थे. किसी à¤à¥€ मानवाधिकार कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾ ने इस बात पर आपतà¥à¤¤à¤¿ नहीं जताई है.''
à¤à¤• तरफ से à¤à¥€à¥œ सेना के जवानों पर पथराव कर रही थी तो दूसरी ओर आतंकी. पथराव को à¤à¥‡à¤²à¤¤à¥‡ हà¥à¤ à¤à¥€ जांबाज सैनिकों ने आतंकियों से लोहा लेना जारी रखा. मेजर सतीश दहिया साथियों के साथ आतंकवादियों को ललकारते हà¥à¤ आगे बॠरहे थे. इसी दौरान दो आतंकी फायरिंग करते हà¥à¤ à¤à¤¾à¤—े. इनमें आतंकियों की à¤à¤• गोली मेजर दहिया के सीने में आ लगी. इसके बावजूद सतीश दहिया बगैर लडखड़ाठआतंकियों को खदेड़ते हà¥à¤ साथियों के साथ आगे बà¥à¤¤à¥‡ रहे. à¤à¥€à¥œ का हो हलà¥à¤²à¤¾ à¤à¥€ जारी था. आतंकियों की दो और गोलियां मेजर के दहिया के सीने में आ लगी और मेजर दहिया अंतिम सांस तक अदमà¥à¤¯ साहस का परिचय देते हà¥à¤ मातृà¤à¥‚मि के लिठशहीद हो गà¤.
यह à¤à¤• बड़ा सवाल है कि देश à¤à¤° में अपनी डà¥à¤¯à¥‚टी के दौरान वतन की रकà¥à¤·à¤¾ करते हà¥à¤ शहीद होने वाले इन बहादà¥à¤°à¥‹à¤‚ पर देश को गरà¥à¤µ तो है, पर इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ हम कब तक यूठही खोते रहेगें? बीते कई बरसों से आतंकवाद से निपटना à¤à¤¾à¤°à¤¤ में सबसे बड़ा मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ बना हà¥à¤† है. à¤à¤• तरफ आंतकी तो दूसरी और पतà¥à¤¥à¤°à¤¬à¤¾à¤œ जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ मासूम कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ कहा जाता है. à¤à¤• तरफ आतंकी तो दूसरी तरफ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ परसà¥à¤¤ अलगाववादी, à¤à¤• तरफ देश के दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨ तो दूसरी तरफ कथित धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤· नेता जो सेना को इंसानियत का पाठपà¥à¤¾ रहे है और इन सबके बीच बीच में हमारे जवान आखिर कोई तो बताये कि कब तक यह खेल चलता रहेगा??
à¤à¤¸à¤¾ नहीं की ये पहली बार हà¥à¤† है, निरंतर ही ये होता रहा है या ये कहूं की लगà¤à¤— रोजाना ही होता है बस आप और हम इस सतà¥à¤¯ से अनà¤à¤¿à¤œà¥à¤ž रह जाते हैं. मà¥à¤à¥‡ कà¤à¥€-कà¤à¥€ लगता है कि हम न जाने सदैव कितने मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚ पर बात और बहस करने को उतारू रहते हैं पर शायद ही कà¤à¥€ किसी शहीद को लेकर बात करते होंगे!! शायद नहीं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि हमारे हीरों तो वो हो है जो अà¤à¥€ सतीतà¥à¤µ रकà¥à¤·à¤¾ करने वाली पधमिनी को खिलजी जैसे चोर की पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¿à¤•à¤¾ बता रहे थे. सबने देखी होगी अà¤à¥€ रईस फिलà¥à¤® किस तरह गà¥à¤‚डों को हीरो दिखाया जाता है. हम तो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ हीरों मानते है हैं न जिनकी पतà¥à¤¨à¥€ दादरी में à¤à¤• अखलाक की मौत से मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ में बैठी अपने लिठसà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ देश खोजने की बात करती है? हम कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ इन वीर सैनिको की बात करें. हमारे हीरो तो वो है जो इस देश में फिर तैमà¥à¤° पैदा कर रहे है. परà¥à¤¦à¥‹à¤‚ के हीरो को देख उनके साथ à¤à¤• तसà¥à¤µà¥€à¤° को मर मिटते हैं पर जो जवान हमारी और आपकी जिनà¥à¤¦à¤—ी के खà¥à¤¶à¥€ के लिठखà¥à¤¦ को मिटा देते उसके बारे में कोई चरà¥à¤šà¤¾ नहीं.
परà¥à¤¦à¥‡ के हीरो के पकà¥à¤· में सब राजनेता कूद पड़ते है सारी फिलà¥à¤® इंडसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€ सामने आ जाती है लेकिन सब देश के सचà¥à¤šà¥‡ हीरो इन जवानों की बात आती है तो सब इधर-उधर की बात करने लगते है. आज गम में डूबी मेजर दहिया की पतà¥à¤¨à¥€ सà¥à¤œà¤¾à¤¤à¤¾ कà¤à¥€ खड़ी होती तो कà¤à¥€ बेहोश लेकिन फिर à¤à¥€ डबडबाई आà¤à¤–ों से गरà¥à¤µ के साथ कह रही है कि बेटी को सेना का बड़ा अफसर बनाकर पति का सपना जरूर पूरा करूंगी. वो à¤à¤• देशà¤à¤•à¥à¤¤ की पतà¥à¤¨à¥€ है वो à¤à¤¾à¤°à¤¤ माता के सचà¥à¤šà¥‡ सपूत की पतà¥à¤¨à¥€ है. वो अपना वादा जरà¥à¤° पूरा करेगी लेकिन हम कल फिर इन फरà¥à¤œà¥€ हीरो के लिठसिनेमा हाल पर लाइन में खड़े होंगे. कल जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚ में फिर à¤à¤¾à¤°à¤¤ माता के टà¥à¤•à¥œà¥‡ करने की बात हो रही होगी. कल फिर कोई कनà¥à¤¹à¥‡à¤¯à¤¾ कà¥à¤®à¤¾à¤° सेना के जवानों को बलातà¥à¤•à¤¾à¤°à¥€ कह रहा होगा. कल फिर इन पतà¥à¤¥à¤°à¤¬à¤¾à¤œà¥‹, घायल सैनिको के रासà¥à¤¤à¤¾ रोकने वालों पर जब सेना कारवाही कर रही होगी तो राजनेता उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ मासूम कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ कह कर वोट बटोर रहे होंगे. कल फिर हम लोग इन नेताओं की पारà¥à¤Ÿà¥€ के à¤à¤‚डे पकडे खड़े होंगे.
मेजर सतीश दहिया अपने माà¤-बाप की इकलोती संतान थे. लेकिन बूà¥à¥‡ बाप को बेटे की सहादत पर फकà¥à¤° है. पर कल हम इनका नाम à¤à¥‚ल चà¥à¤•à¥‡ होंगे. अब à¤à¥€ समय है खà¥à¤¦ से पूछने का कि कà¥à¤¯à¤¾ हम सच में इन शहीद हà¥à¤ जवानों के आहà¥à¤¤à¤¿ को साकार कर रहे हैं जो सरहद और देश के लिठजंगलो, पहाड़ो में दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨ से लड़ते मर जाते हैं.?
राजीव चौधरी
ALL COMMENTS (0)