नये आदरà¥à¤¶à¥‹à¤‚ की तलाश में à¤à¤Ÿà¤•à¤¤à¤¾ यà¥à¤µà¤¾
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Rajeev ChoudharyDate
28-Feb-2017Category
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28-Feb-2017Download PDF
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शायद आने वाले वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में नैतिक शिकà¥à¤·à¤¾ जैसे विषयों में à¤à¥€ सनी लियोनी जैसी कलाकार अपनी जगह बना ले तï
जो राषà¥à¤Ÿà¥à¤° अपने महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ से मà¥à¤‚ह मोड़ लेता है उस राषà¥à¤Ÿà¥à¤° का कà¥à¤·à¤°à¤£ कोई नहीं रोक सकता। इस बार विशà¥à¤µ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• मेले में सनी लियोनी के जीवन पर आधारित पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• पà¥à¤°à¤¸à¤¿( पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤•à¥‹à¤‚ के सà¥à¤Ÿà¤¾à¤² पर बेची जा रही थी जो à¤à¤• कलाकार से साथ पोरà¥à¤¨ सà¥à¤Ÿà¤¾à¤° à¤à¥€ हैं। सनी के जीवन पर आधारित पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• में उसकी सफलता की कहानी को यà¥à¤µà¤¾ समाज के सामने परोसने का कारà¥à¤¯ कà¥à¤› इस तरह हो रहा था मानो à¤à¤¾à¤µà¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤ की निरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤¾ नई पीà¥à¥€ के पास आदरà¥à¤¶ सफल महापà¥à¤°à¤·à¥‹à¤‚ की कमी हो और इस कमी की पूरà¥à¤¤à¤¿ सनी लियोनी आदि से पूरी की जा सकती हो? उसे नवयà¥à¤µà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ बचà¥à¤šà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के सामने à¤à¤• आदरà¥à¤¶ के तौर पर पेश किया। मà¥à¤à¥‡ पता नहीं चल पा रहा है कि 21वीं सदी में हमने सफलता की कà¥à¤¯à¤¾ परिà¤à¤¾à¤·à¤¾ गॠली किनà¥à¤¤à¥ जो à¤à¥€ गà¥à¥€ वो आने वाली पीà¥à¥€ के लिठया कहो इस राषà¥à¤Ÿà¥à¤° के लिठबिलà¥à¤•à¥à¤² à¤à¥€ शà¥à¤ संकेत नहीं है। जिस तरह आज हमारे पाठà¥à¤•à¥à¤°à¤® बदले जा रहे हैं उसे देखकर अहसास जरà¥à¤° होता है कि शायद आने वाले वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में नैतिक शिकà¥à¤·à¤¾ जैसे विषयों में à¤à¥€ सनी लियोनी जैसी कलाकार अपनी जगह बना ले तो कोई अतिशयोकà¥à¤¤à¤¿ नहीं होगी।
इस काम में देश के यà¥à¤µà¤¾à¤“ं का मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ जहाठमीडिया आदि को करना था वहां इसके उलट कारà¥à¤¯ होता दिख रहा है मसलन अमूल घी का विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨ दिन में à¤à¤• बार और पेपà¥à¤¸à¥€ कोक आदि का दस बार आà¤à¤—ा तो वो यà¥à¤µà¤¾ अमूल घी नहीं पेपà¥à¤¸à¥€ कोक को ही अपने सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥ के लिठसही समà¤à¥‡à¤—ा! यह बात सरà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¤¿à¤¤ है कि वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ समय में हम जिस à¤à¤¾à¤°à¤¤ में बैठे हैं उसका निरà¥à¤®à¤¾à¤£ हमने नहीं किया इसके निरà¥à¤®à¤¾à¤£ के पीछे असंखà¥à¤¯ कà¥à¤°à¤¾à¤‚तिकारियों, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦ जैसे धरà¥à¤® और समाज सà¥à¤§à¤¾à¤°à¤•à¤¾à¤‚, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ शà¥à¤°(ाननà¥à¤¦ जैसे बलिदानियों और देश के अनà¥à¤¯ महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ का तà¥à¤¯à¤¾à¤— है। लेकिन कà¥à¤¯à¤¾ हम आज इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¥à¤²à¤¾à¤•à¤° फिलà¥à¤®à¥€ परà¥à¤¦à¥‹à¤‚ के हीरो और तथाकथित धरà¥à¤®à¤—à¥à¤°à¥à¤“ं से इनकी पूरà¥à¤¤à¤¿ करना चाह रहे हैं?
हम धीरे-धीरे अपने आदरà¥à¤¶ मिटा रहे हैं à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ नारी तो à¤à¤¸à¥€ होती थीं जो महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ को à¤à¥€ पà¥à¤¤à¥à¤° के रूप में पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर लेती थीं। हमारा इतिहास आदरà¥à¤¶ नारियों से à¤à¤°à¤¾ है अपने सà¥à¤•à¥‚लों के दिनों की याद आते ही, उस समय हमारे पाठà¥à¤¯à¤ªà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• में कहानी के रूप में दिया गया महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ के जीवनी पर आधारित लेख पर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ चला जाता है। à¤à¤¾à¤à¤¸à¥€ की रानी, रानी सारनà¥à¤§à¤¾, सà¥à¤à¤¾à¤· चनà¥à¤¦à¥à¤° बोस, लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦ आदि के जीवन-कथा और उनके राजनीतिक और दारà¥à¤¶à¤¨à¤¿à¤• उपलबà¥à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के बयान उन दिनों के शिकà¥à¤·à¤• काफी लगन के साथ विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के सामने पेश करते थे। वासà¥à¤¤à¤µ में, उस समय, देश में नायक के रूप में, à¤à¤¸à¥‡ ही वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ का पूजन होता था। à¤à¤• आध बार फिलà¥à¤®à¥€ हीरो या मशहूर खिलाड़ी को लेकर तो आम बैठक में चरà¥à¤šà¤¾ जरूर हो जाती थी, लेकिन कà¤à¥€ à¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ का दरà¥à¤œà¤¾ देना तो दूर, बराबरी की कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ à¤à¥€ नहीं की जाती थी। बलà¥à¤•à¤¿ उन महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ की जीवन-शैली तथा देश और देशवासियों के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ अपार पà¥à¤°à¥‡à¤® हमेशा ही बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के लिठमारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ का काम करता था।
अब मीडिया दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ परोसे जा रहे नये महापà¥à¤°à¥à¤· यानी अवतार के रूप में फिलà¥à¤®à¥€ सितारें और कà¥à¤°à¤¿à¤•à¥‡à¤Ÿ खिलाड़ियों का आगमन उन महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ की विदाई का रासà¥à¤¤à¤¾ साफ कर रहे हैं। आजकल के नौजवानों के लिठइन जगमगाते महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ से लगाव गत जमाने के अपने देशà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ और आदरà¥à¤¶ के लिठपहचाने वाले लोगों से काफी अधिक हैं। आधà¥à¤¨à¤¿à¤• समाज में इनके पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ को अनदेखा नहीं किया जा सकता। कहीं ये नई संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का जनà¥à¤® तो नहीं? यदि हाठतो इस जनà¥à¤® के परिणाम ही कितने खतरनाक होंगे अà¤à¥€ से समाचार पतà¥à¤°à¥‹à¤‚ में पà¥à¤•à¤° पता लगाया जा सकता है, à¤à¤• समय था जब पंजाब केसरी अखबार के गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° के रंगीन पेज को à¤à¥€ अधिकतर बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ से छिपा दिया जाता था। लेकिन बदलते समय में आज छोटे बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के हाथ में मोबाइल और उसमें खराब फिलà¥à¤®à¥‡à¤‚ आसानी से मिल जाà¤à¤—ीं। सोचिये आने वाले देश के à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ का चरितà¥à¤° कैसा होगा!
à¤à¤• बचà¥à¤šà¥‡ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ में, परिवारों में, बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की परवरिश का ढंग ही निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ करता है। समाज में बà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤¦à¥€ तौर पर परिवार और उसके पूरक के रूप में विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ ही अचà¥à¤›à¥‡ नागरिक बनाने का काम करते हैं। छोटे बचà¥à¤šà¥‡ तो कचà¥à¤šà¥€ मिटà¥à¤Ÿà¥€ के गोले जैसे हैं, जैसे à¤à¤• कà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤° अपने कलाकृतियों के सहारे उससे मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ बनाते हैं, उसी तरह समाज के इन पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ानों को ही नागरिक बनाने का जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ दी गई है। लेकिन आज कालेज-सà¥à¤•à¥‚ल राजनीति और फूहड़ता के अडà¥à¤¡à¥‡ बनते जा रहे हैं। ना शिकà¥à¤·à¤¾ बची न ढंग के शिकà¥à¤·à¤• यदि कà¥à¤› शिकà¥à¤·à¤• हैं à¤à¥€ तो जो विदà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¨ और संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ के जरिये मानवता का पाठपà¥à¤¾à¤•à¤° अचà¥à¤›à¥‡ नागरिक बनाने का सपना देखते हैं पर फिर à¤à¥€ यह उनका सपना ही रह जाता है कारण बाहरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में नायक के रूप में शाहरà¥à¤– खान à¤à¤—त सिंह से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ अहमियत रखता है और लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€à¤¬à¤¾à¤ˆ से सनी लियोनी कहीं अधिक लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯ बन गयी। आधà¥à¤¨à¤¿à¤• फिलà¥à¤®à¥€ हीरो की नकली फाईटिंग के सामने तो महाराणा पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª, नेताजी सà¥à¤à¤¾à¤·à¤šà¤‚दà¥à¤° बोस, शिवाजी महाराज की वीरता बौनी ही लगती है। हम केवल à¤à¤• शानदार परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ को ही नहीं à¤à¥‚ल रहे बलà¥à¤•à¤¿ अपना इतिहास à¤à¥€ मिटा रहे हैं हालाà¤à¤•à¤¿ कà¥à¤› लोग कहते हैं कि हम सिरà¥à¤« अतीत की जà¥à¤—ाली करके आगे नहीं बॠसकते पर हम अतीतà¥à¤¤ से वो पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ ले सकते हैं जो हमारे हर कदम को मजबूत बनाने के लिठमदद करती है। दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में कोई à¤à¥€ देश या जाति ने अपनी परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ à¤à¥‚लकर दूसरों की नकल करके पà¥à¤°à¤—ति नहीं की यदि की तो उसका इतिहास तो बचा पर संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और à¤à¥‚गोल दिखाई नहीं दिया! यदि आज यà¥à¤µà¤¾ इन आधà¥à¤¨à¤¿à¤• अà¤à¤¿à¤¨à¥‡à¤¤à¤¾/अà¤à¤¿à¤¨à¥‡à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को अपना आदरà¥à¤¶ समà¤à¤¨à¥‡ लगे तो यà¥à¤µà¤¾à¤“ं के साथ-साथ समाज और राषà¥à¤Ÿà¥à¤° का à¤à¥€ कà¥à¤·à¤°à¤£ होगा।
राजीव चौधरी
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