बटवारे की विचाधारा
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Rajeev ChoudharyDate
08-Mar-2017Category
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HindiTotal Views
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08-Mar-2017Download PDF
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अखंड ही थे हम 1947 में à¤à¤• विचारधारा को हमे बड़ा खंड देना था. उसके बाद à¤à¥€ अखंड ही थे हम लेकिन 62 में दूसरी वï
à¤à¤• विचारधारा जो बोदà¥à¤§à¤¿à¤• जाल के जरिये हर समय सतà¥à¤¤à¤¾ का विरोध करे तो वामपंथी कहलाये जाते है और हथियार से आगे बढे तो चरमपंथी. à¤à¤• विचारधारा दिल जोडती है, à¤à¤• विचारधारा जो देश तोडती है, à¤à¤• विचाधारा जो देश के लिठमरने मिटने वाले शहीद सैनिको का समà¥à¤®à¤¾à¤¨ करती है और à¤à¤• विचारधारा जो शहीद सैनिको की मौत पर जशà¥à¤¨ मनाती है. à¤à¤• विचारधारा डीयू और जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚ में उमर खालिद के विरोध में खड़ी हो जाती है तो à¤à¤• विचाधारा बीजेपी नेता शाजिया इलà¥à¤®à¥€ के विरोध में जामिया मिलिया में खड़ी हो जाती है.
इतिहास बताता है कि à¤à¤• विचारधारा ने 1940 के लाहौर अधिवेशन में मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ की बेहतरी के लिठअलग देश पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ की मांग रखी थी. विचाधारा का नाम मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® लीग था. शायद मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® लीग à¤à¥€ नहीं जानती थी कि इसके बाद उसी के देश में शिया, सà¥à¤¨à¥à¤¨à¥€, हनफी, वहाबी, अहमदिया आदि विचाधारा पनपेगी और इनके बाद à¤à¤¾à¤·à¤¾ की à¤à¤• अलग विचारधारा खड़ी होकर 71 में बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ बना लेगी. जो लोग आज उमर खालिद और उसके गेंग के नारों को अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की आजादी बता रहे है उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पता होगा कि बरसों पहले à¤à¤• सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ था सोवियत संघ के नाम से जाना जाता था. 20वीं सदी के इतिहास को, अरà¥à¤¥à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ को, और तकनीक को पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ करने वाला सोवियत संघ. आखिर कैसे à¤à¤• रात में टूट गया? वो देश टूट गया जिसके पास पृथà¥à¤µà¥€ का छठा हिसà¥à¤¸à¤¾ था. जिस सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ ने हिटलर को परासà¥à¤¤ किया, जिसने अमरीका के साथ शीत यà¥à¤¦à¥à¤§ किया और परमाणॠहोड़ में हिसà¥à¤¸à¤¾ लिया. साथ ही वियतनाम और कà¥à¤¯à¥‚बा की कà¥à¤°à¤¾à¤‚तियों में à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾à¤ˆ. जो देश बम, बनà¥à¤¦à¥à¤• से नही टà¥à¤Ÿà¤¾ उसे अमेरिका ने बस à¤à¤• विचाधारा खड़ी कर पनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¹ हिसà¥à¤¸à¥‹à¤‚ में तोड़ दिया. à¤à¤• विचारधारा चेक गणराजà¥à¤¯ और सà¥à¤²à¥‹à¤µà¤¾à¤•à¤¿à¤¯à¤¾ को बाà¤à¤Ÿ देती है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि चेक गणराजà¥à¤¯ केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ पर नियंतà¥à¤°à¤£ रखना चाहता था, जबकि सà¥à¤²à¥‹à¤µà¤¾à¤• जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ सà¥à¤µà¤¾à¤¯à¤¤à¥à¤¤à¤¤à¤¾ चाहते थे.
हमेशा धारà¥à¤®à¤¿à¤• विचाधारा नये देश सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ कर लेती आई है. लेकिन धारà¥à¤®à¤¿à¤• विचारधाराओं से देश नहीं चलते देश चलते है राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯à¤¤à¤¾ समरसता की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾, आम नागरिकों की जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ और सरकारों की जवाबदेही से. à¤à¤• विचारधारा à¤à¤• समय में पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिक हो सकती हमेशा नहीं! यदि धारà¥à¤®à¤¿à¤• विचारधारों से देश चलते, फलते फूलते तो आज मधà¥à¤¯ à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾ के देश सबसे खà¥à¤¶à¤¹à¤¾à¤² होते.
à¤à¤• विचाधारा जो नकà¥à¤¸à¤²à¥€ के नाम से à¤à¥€ जानी जाती हैं और à¤à¤¾à¤°à¤¤ में बीते चालीस सालों से अपनी गतिविधियां संचालित कर रहे हैं. खà¥à¤¦ को गरà¥à¤µ से माओवादी कहते है. à¤à¤²à¥‡ ही आज चीन माओवादी अरà¥à¤¥à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤° के विपरीत हैं. जिसकी अब खà¥à¤¦ चीन में ही उनकी अनदेखी की जा रही है. लेकिन इन लोगों के लिठमाओ आज à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिक है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚? कारण लोकतानà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤• वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में अविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ सिरà¥à¤« इतना सोचते जितने से इनका पेट à¤à¤° जाये और गरीब लोग हथियार उठा ले.
दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में दो विचारधारा हमेशा से सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ फली फूली à¤à¤• सतà¥à¤¤à¤¾ विरोध और दूसरी धारà¥à¤®à¤¿à¤• कटà¥à¤Ÿà¤°à¤¤à¤¾ जिसने नये नेताओ को जनà¥à¤® दिया, जिसने नये राषà¥à¤Ÿà¥à¤° बनाये, जिसने मानवता को अचà¥à¤›à¥‡ सपने दिखाकर आà¤à¤–ों में आंसू दिà¤. à¤à¤• विचाधारा अरब में छठी शताबà¥à¤¦à¥€ में खड़ी हà¥à¤ˆ थी, जिसने देश के देश और à¤à¤• बड़े को जनसमूह अपनी विचाधारा को मानने पर मजबूर किया. जिसका परिणाम आज à¤à¥€ अरब देशों में हिंसा का और यà¥à¤¦à¥à¤§ जैसा माहौल है. इस हिंसा के दोनों पहलू में इसà¥à¤²à¤¾à¤® का नाम शामिल है कहीं जिहाद के नाम पर तो कहीं इसà¥à¤²à¤¾à¤® की हिफाजत के नाम पर. कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि विचाधारा को जब आसà¥à¤¥à¤¾ से जोड़ दिया जाता है तो वो कà¥à¤› à¤à¥€ कर गà¥à¤œà¤°à¤¨à¥‡ को तैयार हो जाती है.
अमेरिका और पशà¥à¤šà¤¿à¤‚मी à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾ में इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤Ÿà¥‡à¤Ÿ ऑफ ईराक à¤à¤‚ड सीरिया (आईà¤à¤¸à¤†à¤ˆà¤à¤¸) और अफà¥à¤°à¥€à¤•à¤¾ में बोको हरम की कारगà¥à¤œà¤¾à¤°à¤¿à¤“ं की वजह से अमेरिका और दà¥à¤¸à¤°à¥‡ पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ देशों में मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® विरोधी विचारधारा में दिन-ब-दिन बà¥à¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤°à¥€ हो रही है. इसे लोग धारà¥à¤®à¤¿à¤• टकराव का नाम दे रहे है दरअसल यह वैचारिक टकराव है बस यà¥à¤¦à¥à¤§ धरà¥à¤® आसà¥à¤¥à¤¾ के नाम पर लड़ा जा रहा है. वैसे देखा जाये पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ देशों में मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® और इसà¥à¤²à¤¾à¤® विरोध का पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ इतिहास रहा है. इसà¥à¤²à¤¾à¤® और पशà¥à¤šà¤¿à¤® की यह लड़ाई मनोवैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• तरीके साथ-साथ मैदान -à¤-जंग में à¤à¥€ लड़ी जाती रही है.
मातà¥à¤° छ: लोग की विचारधारा मिलकर यूनाइटेड लिबà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤¨ फà¥à¤°à¤‚ट ऑफ असम’ (उलà¥à¤«à¤¾) संगठन खड़ा कर लेती जो 1979 में ‘संपà¥à¤°à¤à¥ और समाजवादी असम’ की मांग कर हतà¥à¤¯à¤¾ कर रहे है. वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से कà¥à¤² 3 से 5 परिवार कशà¥à¤®à¥€à¤° में लोगों के मन मसà¥à¤¤à¤¿à¤•à¥à¤· से खेल रहे है. वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ पहले à¤à¤• विचारधारा खालिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के नाम से थी जिसका दंश दशकों तक à¤à¥‡à¤²à¤¾. यदि आज उमर खालिद को राजनितिक लालसा में पà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¨ दिया गया मतलब à¤à¤• विचारधारा को राजनैतिक मिटटी पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ कर अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की आजादी के पानी से सिंचित करना है. जो नेता आज वोट बेंक के लालच में à¤à¤¾à¤°à¤¤ तेरे टà¥à¤•à¥œà¥‡ होंगे जैसे नारों को समरà¥à¤¥à¤¨ कर अखंड à¤à¤¾à¤°à¤¤ का सà¥à¤µà¤¾à¤‚ग à¤à¤°à¤¤à¥‡ दिखाई देते है उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ जà¥à¤žà¤¾à¤¤ होगा अखंड ही थे हम 1947 में à¤à¤• विचारधारा को हमे बड़ा खंड देना था. उसके बाद à¤à¥€ अखंड ही थे हम लेकिन 62 में दूसरी विचाधारा को तिबà¥à¤¬à¤¤ दे बैठे थे. यदि आज बसà¥à¤¤à¤° और कशà¥à¤®à¥€à¤° की आजादी मांगने वालों को सरकार विरोध समà¤à¤•à¤° समरà¥à¤¥à¤¨ कर रहे है तो कल यह विचाधारा जब बड़ी होगी तब कà¥à¤¯à¤¾ होगा?
राजीव चौधरी
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