फिर नफरत कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ बॠरही है?
Author
Rajeev ChoudharyDate
08-Mar-2017Category
लेखLanguage
HindiTotal Views
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Sandeep AryaUpload Date
08-Mar-2017Download PDF
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ऑनलाइन होने पर हमारा à¤à¥à¤•à¤¾à¤µ अपने जैसी बातें करने वालों की तरफ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ होता है. इस वजह से जिंदगी में द
सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° सपनों के साथ पति के साथ अमेरिका गई à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ इंजीनियर शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤¿à¤µà¤¾à¤¸ की पतà¥à¤¨à¥€ सà¥à¤¨à¤¯à¤¨à¤¾ पति के शव के साथ वापिस à¤à¤¾à¤°à¤¤ लौट आई. à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ मूल के वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¤¾à¤¯à¥€ हरà¥à¤¨à¤¿à¤¶ पटेल की उनके साउथ कैरोलीना सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ आवास के बाहर हतà¥à¤¯à¤¾ कर दी गई. नसà¥à¤²à¤à¥‡à¤¦à¥€ हमलों के बाद यह बात साफ हो चà¥à¤•à¥€ है कि टà¥à¤°à¤‚प की नीतियां आकà¥à¤°à¤¾à¤®à¤• और उकसाऊ हैं. शà¥à¤µà¥‡à¤¤ पà¥à¤°à¤à¥à¤¸à¤¤à¥à¤¤à¤¾à¤µà¤¾à¤¦à¥€ नीतियां अमेरिका को कहां ले जाà¤à¤‚गी, यह चिंता और चिंतन का विषय है. सà¥à¤¨à¤¾ है शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤¿à¤µà¤¾à¤¸ का हतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¾ टà¥à¤°à¤®à¥à¤ª के राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¦à¥€ विचारों से पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ था तो कà¥à¤¯à¤¾ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¦ का यह à¤à¤• नया रूप या परिà¤à¤¾à¤·à¤¾ उà¤à¤°à¤•à¤° सामने आ रही है? सà¥à¤¨à¤¯à¤¨à¤¾ ने अपने पति को किसी दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾ में नहीं खोया है बलà¥à¤•à¤¿ धारà¥à¤®à¤¿à¤• नफरत और हिंसा की लगातार फैलती à¤à¤• विचारधारा ने उसके पति को मारा है. अब सवाल यह उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ होता है कà¥à¤¯à¤¾ नफरत की विचारधारा को आधà¥à¤¨à¤¿à¤• समाज गले लगाà¤à¤—ा या दूर करेगा? हर रोज सà¥à¤¨à¤¤à¥‡ है कि आज के दौर में इंसान की समà¤à¤¦à¤¾à¤°à¥€ बà¥à¥€ है, à¤à¤• दूसरे से संपरà¥à¤• बà¥à¤¾ है. फिर नफरत कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ बॠरही है? विचारधारा के लिठलोग à¤à¤• दूसरे के ख़ून के पà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥‡ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ हो गठहैं?
मैंने खà¥à¤¦ के अनà¥à¤à¤µ के तौर पर देखा है कि बीते पिछले कà¥à¤› सालों में पूरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ समेत à¤à¤¾à¤°à¤¤ में à¤à¥€ काफी वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤• परिवरà¥à¤¤à¤¨ आया है. आज à¤à¤• अजीब सी नफरत लोगों के मन में घर करती दिख रही है. बस हो या टà¥à¤°à¥‡à¤¨ लोग à¤à¤• अजीब सा गà¥à¤¸à¥à¤¸à¤¾-नफरत लिठघूम रहे है. शायद इसके कई कारण हो सकते है à¤à¤• तो आज से कà¥à¤› साल पहले à¤à¤• कटà¥à¤Ÿà¤°, नफरत या हिंसा की विचाधारा से गà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ लोग दूर-दूर थे. लेकिन आज दौर के संचार माधà¥à¤¯à¤®à¥‹à¤‚ ने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ निकट ला खड़ा किया. संचार के तमाम तरीकों से à¤à¤• तरह की विचारधारा वाले लोग à¤à¤•-दूसरे से पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ हो रहे हैं. ये राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¦à¥€ वो गदà¥à¤¦à¤¾à¤° à¤à¤• दà¥à¤¸à¤°à¥‡ के हद से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¨ की वजह से उनकी अपनी राय à¤à¥€ कटà¥à¤Ÿà¤° होती जाती है. में अपनी जगह सही हूठइस विचारधारा पर à¤à¤°à¥‹à¤¸à¤¾ बà¥à¤¨à¥‡ के साथ ही लोग दूसरे के बारे में नफरत करने लगते हैं.
पिछले दिनों खà¥à¤¦ मैंने कई लोगों को अपनी फेसबà¥à¤• मितà¥à¤°à¤¤à¤¾ सूची से बाहर किया. कारण यह था कि वो लोग हर समय नफरत को बà¥à¤¾à¤µà¤¾ देने का कारà¥à¤¯ कर रहे थे. लेकिन इसमें सोचने वाली बात यह है कि अचानक यह लोग इस कारà¥à¤¯ में कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ लग गये? मनोविजà¥à¤žà¤¾à¤¨ के जानकर कहते है कि आज का दौर à¤à¤¸à¤¾ है कि हम अलग-अलग विचारधारा के लोगों के संपरà¥à¤• में कम ही आते हैं. ऑनलाइन होने पर हमारा à¤à¥à¤•à¤¾à¤µ अपने जैसी बातें करने वालों की तरफ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ होता है. इस वजह से जिंदगी में दूसरे की राय बरà¥à¤¦à¤¾à¤¶à¥à¤¤ करने की हमारी कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ कम होती जा रही है. हलियाठउदहारण दूठतो उतà¥à¤¤à¤°à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के चà¥à¤¨à¤¾à¤µ में पहले चरण के मतदान के दौरान मैं अलग-अलग राय के कई लोगों से मिला. जिनमे कà¥à¤› ने मà¥à¤à¥‡ सही और कà¥à¤› ने गलत ठहराया. जब à¤à¥€ में कà¥à¤› अलग बात कहनी चाही कई लोग तो आकà¥à¤°à¤¾à¤®à¤• हो उठे à¤à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ ने तो गà¥à¤¸à¥à¤¸à¥‡ में यहाठतक कह डाला कि चले जाओ यहाठसे वरना कà¥à¤°à¥à¤¸à¥€ सर पर दे मरूà¤à¤—ा! कारण बस मैंने उनकी राय को चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ दी थी.
आज सोशल मीडिया के इस दौर में किसी वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के पास किसी अनà¥à¤¯ कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठवकà¥à¤¤ हो ना हो लेकिन हर वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ अपना अचà¥à¤›à¤¾ ख़ासा वक़à¥à¤¤ सोशल मीडिया पर जरà¥à¤° देता है. अमूमन दो चार पोसà¥à¤Ÿ तो हर रोज पढता हूठजिनमें सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ लिखा होता कि जो मà¥à¤à¤¸à¥‡ सहमत नहीं वो मà¥à¤à¥‡ अनफà¥à¤°à¥‡à¤‚ड कर दे. कà¥à¤¯à¤¾ आज हम सच में वैचारिक रूप से इतने कमजोर हो गये कि किसी का à¤à¤• विचार हमसें बरà¥à¤¦à¤¾à¤¸à¥à¤¤ नहीं होता? या फिर इतने ताकतवर की कोई à¤à¥€ मजबूत से मजबूत फेकà¥à¤Ÿ हमारा नजरिया नहीं बदल सकता? कà¥à¤¯à¤¾ बस लोगों की कोशिश यही रह गयी कि अपने जैसी राय रखने वालों के गà¥à¤°à¥à¤ª का हिसà¥à¤¸à¤¾ बनें? सिरà¥à¤« इस अवधारणा के साथ कि जो कà¥à¤› मैंने पà¥à¤¾, लाइक या शेयर किया वो खà¥à¤¯à¤¾à¤² बिलकà¥à¤² सही है बाकि सà¤à¥€ बात बेकार व तथà¥à¤¯à¤¹à¥€à¤¨ है! अगर दूसरे लोग à¤à¤• अलग सोच रखते हैं, तो कà¥à¤› को लगता है कि उनमें समठकी कमी है. शायद यही वजह है कि आज अलग-अलग राजनैतिक विचार रखने वालों के बीच दूरियां और कड़वाहट बà¥à¤¤à¥€ जा रही है. इस कड़ी में यदि बात की जाये तो à¤à¤¾à¤°à¤¤ की राजनीति जो अà¤à¥€ तक चेहरों पर टिकी थी जो अब अचानक विचारों को à¤à¥€ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ कर रही है.
अमरीका के ओलेथ शहर में à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ इंजीनियर की हतà¥à¤¯à¤¾ को à¤à¤• मातà¥à¤° à¤à¤• घटना कहकर नहीं टाला जा सकता. हालाà¤à¤•à¤¿ à¤à¤¸à¥€ कà¥à¤›à¥‡à¤• घटना पहले à¤à¥€ हà¥à¤ˆ लेकिन इस घटना में हतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‡ की सोच पर नवनियà¥à¤•à¥à¤¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ के अमेरिकी चà¥à¤¨à¤¾à¤µ के दौरान दिठगये à¤à¤¾à¤·à¤£à¥‹à¤‚ का पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ था. कई बार कà¥à¤› लोग नेताओं के à¤à¤¾à¤·à¤£à¥‹à¤‚ से हद से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ हो जाते है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इससे उनके उनके तरà¥à¤• उनकी विचारधारा को à¤à¥€ मजबूती मिलती है. अपने पकà¥à¤· में कहने के लिठऔर फेकà¥à¤Ÿ मिल जाते है. इससे वो और कटà¥à¤Ÿà¤° हो जाते है यही वजह है कि आज अपनी विरोधी विचारधारा के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ लोगों का रà¥à¤–़ सख़à¥à¤¤ और हिंसक होता जा रहा है. थोड़े समय पहले तक इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• चरमपंथी ही इसका सबसे बड़ा उदहारण थे. अब जहाठदà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ तेजी से बदल रही है तो जाहिर सी बात है कि उदहारण à¤à¥€ बदलेंगे!!
राजीव चौधरी
great mein apki baat se sahmat hu khub likha h