हिंदà¥à¤¤à¥à¤µ की मूल à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ पर पà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤°
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Rajeev ChoudharyDate
11-Apr-2017Category
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11-Apr-2017Download PDF
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मà¥à¤à¥‡ नहीं पता इनके घर कितनी गाय है लेकिन इनका गोउ पà¥à¤°à¥‡à¤® इनके बयानों के बाद मीडिया के लिठचरà¥à¤šà¤¾ का व
जो लोग ये कहते हैं कि राम मंदिर का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ किया तो उसके गंà¤à¥€à¤° परिणाम à¤à¥à¤—तने होंगे, हम उनकी गरà¥à¤¦à¤¨ काटने का इंतजार कर रहे हैं. यह बयान à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ विधायक राजा सिंह का उस समय आया जब देश की मीडिया अलवर में कथित गौरकà¥à¤·à¤• दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤• आदमी की हतà¥à¤¯à¤¾ को à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ की विचारधारा से जोड़ने की जी तोड़ कोशिश में लगी है. अà¤à¥€ तक इस तरह के बयानों के लिठसाधà¥à¤µà¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€, साकà¥à¤·à¥€ महाराज आदि कà¥à¤› लोग जाने जाते थे लेकिन उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में मिले बमà¥à¤ªà¤° बहà¥à¤®à¤¤ के बाद हिदà¥à¤¤à¥à¤µ के नाम पर à¤à¤• बड़ी फौज हिंसातà¥à¤®à¤• बयानों के लिठखड़ी हो गयी है. पिछले महीने ही खतौली से बीजेपी विधायक विकà¥à¤°à¤® सैनी ने गाय पà¥à¤°à¥‡à¤® में कà¥à¤› जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ ही उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ होकर बड़े बोल दिये थे कि गौहतà¥à¤¯à¤¾ करने वालों के हाथ-पांव तà¥à¥œà¤µà¤¾ दूंगा. मà¥à¤à¥‡ नहीं पता इनके घर कितनी गाय है लेकिन इनका गोउ पà¥à¤°à¥‡à¤® इनके बयानों के बाद मीडिया के लिठचरà¥à¤šà¤¾ का विषय जरà¥à¤° बन गया था.
में धरà¥à¤® या गौमाता के खिलाफ नही लेकिन इस मानसिकता के जरà¥à¤° खिलाफ हूठजो आज सर और हाथ पैर गिन रही है.अà¤à¥€ तक इस तरह के कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ और बयानों के लिठà¤à¤• धरà¥à¤® विशेष का ही नाम आता था. अकà¥à¤¸à¤° उनके धरà¥à¤® गà¥à¤°à¥ धरà¥à¤® की कमजोरी का राग अलाप कर इस तरह के हिंसातà¥à¤®à¤• कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठलोगो को उकसाने का कारà¥à¤¯ करते नजर आते थे. लेकिन पिछले कà¥à¤› समय से हिंदà¥à¤¤à¥à¤µ के नाम पर à¤à¤• à¤à¤¸à¥€ ही à¤à¥€à¥œ तैयार हो रही है. इनके गà¥à¤¸à¥à¤¸à¥‡ का शिकार कोई à¤à¥€ हो सकता है. दादरी में अखलाक की हतà¥à¤¯à¤¾ के बाद मेरा मत था कि यह à¤à¤• अकेली घटना है जो कà¥à¤› लोगों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ इसे अंजाम दिया दिया गया लेकिन इसके बाद गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ ऊना में गौरकà¥à¤·à¤¾ के नाम पर कà¥à¤› दलित यà¥à¤µà¤•à¥‹à¤‚ की पिटाई का मामला सामने आने के बाद पà¥à¤°à¥‡ देश में बवाल मच गया था जिसके बाद पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ की तक को कथित गौरकà¥à¤·à¤•à¥‹à¤‚ को चेताना पडा था. कि गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ में गोरकà¥à¤·à¤¾ के नाम पर जो किया, वह पूरी तरह से हिंदà¥à¤¤à¥à¤µ की मूल à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ पर पà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤° था.
में अकà¥à¤¸à¤° सोशल मीडिया पर हर रोज देखता हूठकि नये-नये सोशल मीडियाबाज जब तक दो चार पोसà¥à¤Ÿ हिंदà¥à¤¤à¥à¤µ पर न डाल ले उनको तसà¥à¤¸à¤²à¥€ नहीं मिलती. कोई गौरकà¥à¤·à¤¾ के नाम पर तो कोई हिंदà¥à¤¤à¥à¤µ की रकà¥à¤·à¤¾ के नाम पर अपना पूरा समय सोशल मीडिया पर दे रहा है. सालों पहले लोग कबीलों में बंटे थे वो लोग अपनी कबीलाई संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को बचाने के लिठहिंसा का सहारा ही शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ समà¤à¤¤à¥‡ थे पर à¤à¤• बार फिर कà¥à¤› à¤à¤¸à¤¾ ही देखने को मिल रहा है. आज सोशल मीडिया à¤à¥€ à¤à¤• तरह से कबीलों में बंटा नजर आता है. लोग अपने जैसे विचारों को पसंद करते है अनà¥à¤¯ कोई à¤à¥€ सदà¥à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾, सहिषà¥à¤£à¥à¤¤à¤¾ या सामाजिक समरसता से à¤à¤°à¤¾ विचार उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ देश या धरà¥à¤® के विपरीत लगने लगा है. राजा सिंह हो या सैनी इनका बयान à¤à¤¸à¥‡ लोगों की विचारधारा को मजबूत करने का कारà¥à¤¯ करता है. हिंदà¥à¤¤à¥à¤µ के नाम पर गौरकà¥à¤·à¤¾ की पहरेदारी के नाम पर हो रही गà¥à¤‚डई और हिंसा को अब रोजमरà¥à¤°à¤¾ की रीत बनाने की कोशिश की जा रही है.
अà¤à¥€ तक इन सब हिंसा के मामलों का उदहारण à¤à¤• इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• धडा था. राम के नाम पर जो बयान राजा सिंह ने दिया à¤à¤¸à¥‡ बयान अब से पहले इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• चरमपंथी देते थे. चाहें उसमें डेनमारà¥à¤• के पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° पर नबी के चितà¥à¤° का मामला हो या फà¥à¤°à¤¾à¤‚स की पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾ चारà¥à¤²à¥€ हेबà¥à¤¦à¥‹ पर हà¥à¤† हमला या पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ की गरà¥à¤¦à¤¨ काटने के हिनà¥à¤¦à¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ फतवे यह सब उनकी रीत का हिसà¥à¤¸à¤¾ थे लेकिन वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में उà¤à¤°à¤¤à¤¾ हिंदà¥à¤¤à¥à¤µ उसी ओर जाता दिखाई दे रहा है. जबकि à¤à¤¸à¥‡ बयान देने वाले नेताओं या धरà¥à¤®à¤—à¥à¤°à¥à¤“ं को सोचना चाहिठकि आज हम कबीलों या राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की धारà¥à¤®à¤¿à¤• सतà¥à¤¤à¤¾ का हिसà¥à¤¸à¤¾ नहीं है आज हम à¤à¤• संवेधानिक राषà¥à¤Ÿà¥à¤° का हिसà¥à¤¸à¤¾ है जिसके अनà¥à¤¦à¤° सब मतमतांतर रहते है. यदि आप ही संविधान की धजà¥à¤œà¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ उड़ायेंगे तो बाकि कà¥à¤¯à¤¾ करेंगे? ऊना, दादरी या अलवर? नहीं यह सब हिंदà¥à¤¤à¥à¤µ का हिसà¥à¤¸à¤¾ नहीं है. हिंदà¥à¤¤à¥à¤µ की सरà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¥à¤® परिà¤à¤¾à¤·à¤¾ वीर सावरकर ने देते हà¥à¤ कहा था कि हिनà¥à¤¦à¥à¤¤à¥à¤µ शबà¥à¤¦ केवल धारà¥à¤®à¤¿à¤• और आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• इतिहास को ही अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ नहीं करता, अपितॠहिनà¥à¤¦à¥‚ के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ जातिगत सोपान पर मौजूद लोगों के सà¤à¥€ मत-मतांतरण को मानने वाले और उनकी धारणाà¤à¤‚ à¤à¥€ इसके अंतरà¥à¤—त आता है.
लेकिन कà¥à¤¯à¤¾ हम नहीं जानते हैं कि वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° में धरà¥à¤® ठीक इसके उलà¥à¤Ÿà¤¾ काम कर रहा है. नई दिलà¥à¤²à¥€ से लेकर सीरिया (दमिशà¥à¤•) तक धरà¥à¤® के नाम पर कहां नहीं लोग मारे गठहैं? पहले à¤à¥€ मारे गठऔर आज à¤à¥€ मारे जा रहे हैं. कहीं चरà¥à¤š पर आतà¥à¤®à¤˜à¤¾à¤¤à¥€ हमला तो कहीं शिया-सà¥à¤¨à¥à¤¨à¥€ के नाम पर मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ पर हमला. आज ही तà¥à¤°à¥à¤•à¥€ में à¤à¤• चरà¥à¤š को उड़ा दिया गया. कà¥à¤¯à¤¾ धरà¥à¤® मातà¥à¤° कà¥à¤› लोगों के निजी सà¥à¤•à¥‚न का जरिया बनकर रह गया? ख़à¥à¤¦ की राजनैतिक या धारà¥à¤®à¤¿à¤• हैसियत बचाने के लिठलोगों के समूह को संगठित कर à¤à¤• à¤à¤• सर को गिन रहे है. कà¥à¤¯à¤¾ यही धरà¥à¤® की परिà¤à¤¾à¤·à¤¾ रह गयी? कि हमारे पाले से कोई कम न हो जाठया उनके पाले में à¤à¤• जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ न हो जाà¤? आखिर कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ आज à¤à¤•à¤¤à¤¾ के लिठनेताओं या धरà¥à¤® गà¥à¤°à¥à¤“ं की à¤à¤¾à¤·à¤¾ हिंसक हो गयी कà¥à¤¯à¤¾ हमे यह पसंद है या यह सब हमारी पसंद का हिसà¥à¤¸à¤¾ बनाया जा रहा है? आखिर कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ आज ईशà¥à¤µà¤° या अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ की पà¥à¤°à¤ªà¥à¤¤à¤¿ का साधन साधना के बजाय बम बनà¥à¤¦à¥à¤• बनाये जा रहे है? आज सवाल यह है कि गौंरकà¥à¤·à¤¾ सिरà¥à¤« लठया बनà¥à¤¦à¥à¤• से होगी या फिर घर-घर उसके पालन पोषण से होगी? कितने हिनà¥à¤¦à¥à¤¤à¥à¤µà¤µà¤¾à¤¦à¥€ के घर में गाय है कà¥à¤¯à¤¾ यह आंकड़े à¤à¥€ सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• नहीं होने चाहिà¤? आज चाहे इसà¥à¤²à¤¾à¤® हो या हिनà¥à¤¦à¥‚ देखना होगा कि इनके नाम पर कोई हिंसा की सोच को परवाज तो नहीं दे रहा है? अगर हम चà¥à¤ª रहे तो अपने अपने धरà¥à¤®à¥‹à¤‚ का हम इतना बà¥à¤°à¤¾ करेंगे जितना हम इन धरà¥à¤®à¥‹à¤‚ को छोड़ नासà¥à¤¤à¤¿à¤• होकर नहीं कर पायेंगे!!
राजीव चौधरी
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