पंजाब नेशनल बैंक (PNB) à¤à¤µà¤‚ लाला लाजपत राय जी का संकलà¥à¤ª
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Dr. Vivek AryaDate
17-Apr-2017Category
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17-Apr-2017Download PDF
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PNB की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ लाला लाजपत राय ने सामाजिक उतà¥à¤¥à¤¾à¤¨ à¤à¤µà¤‚ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤® की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ के चलते किया था।
पंजाब नेशनल बैंक का आज 123 वां सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ दिवस है। PNB की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤¦ आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œà¥€ नेता à¤à¤µà¤‚ शेरे-पंजाब लाला लाजपत राय दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ 12 अपà¥à¤°à¥ˆà¤²1895 को लाहौर के पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤¦ अनारकली बाजार में हà¥à¤ˆ थी। इस बैंक की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ करने वालों में लाला हरकिशन लाल (पंजाब के पà¥à¤°à¤¥à¤® उदà¥à¤¯à¥‹à¤—पति), दयाल सिंह मजीठिया (टà¥à¤°à¤¿à¤¬à¥à¤¯à¥‚न अख़बार के संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤•), लाला लालचंद (DAV कॉलेज के संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤•à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾ )राय मूल राज (लाहौर आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨), पारसी महोदय जेसà¥à¤¸à¤¾à¤µà¤¾à¤²à¤¾ (पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤¦ वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¥€), बाबू काली पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ रोय (पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤¦ वकील à¤à¤µà¤‚ कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ नेता)आदि थे। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦ के समाज सà¥à¤§à¤¾à¤° आंदोलन का à¤à¤• पृषà¥à¤ PNB बैंक की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ को कहा जाये तो अतिशà¥à¤¯à¥‹à¤•à¥à¤¤à¤¿ नहीं होगी। इसकी सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ करने वाले लोग अधिकतर आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œà¥€ थे अथवा राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¦à¥€ थे। इसलिठPNB ने अंगà¥à¤°à¥‡à¤œ सरकार से किसी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° का सहयोग नहीं लिया। उस समय 2 लाख रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ की धनराशि से बैंक का आरमà¥à¤ किया गया था। PNB देश का à¤à¤¸à¤¾ à¤à¤•à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤° सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¥€ बैंक है जो आज à¤à¥€ कारà¥à¤¯à¤°à¤¤ है। ततà¥à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ सà¤à¥€ सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¥€ बैंक या तो बंद हो चà¥à¤•à¥‡ है अथवा अधिकृत हो चà¥à¤•à¥‡ है।
PNB की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ लाला लाजपत राय ने सामाजिक उतà¥à¤¥à¤¾à¤¨ à¤à¤µà¤‚ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤® की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ के चलते किया था। उस काल में निरà¥à¤§à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ साहूकारों से ऋण लिया करते थे। अशिकà¥à¤·à¤¿à¤¤ किसानों से मनचाही बहियों पर अंगूठा लगवाकर साहूकार मनमाना बà¥à¤¯à¤¾à¤œ वसूलते थे। अकाल, बाॠआदि आ जाते तो किसान पूरा जीवन न उस ऋण से कà¤à¥€ मà¥à¤•à¥à¤¤ होता। न ही अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ की कोरà¥à¤Ÿ कचहरी से नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर पाता। अधिकतर साहूकार अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ के पिटठू थे। इसलिठउनका कà¥à¤› नहीं बिगड़ता था। अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ बैंक केवल पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ लोगों को ऋण देते थे। गरीब à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की वहां तक कोई पहà¥à¤à¤š नहीं थी , लाला जी ने जब इस शोषण और अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° को देखा तो इसका वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤• समाधान निकालने का निरà¥à¤£à¤¯ लिया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¦à¥€ मितà¥à¤°à¥‹à¤‚ के साथ मिलकर PNB की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की। इसका उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ गरीबों को साहूकार और अंगà¥à¤°à¥‡à¤œ दोनों के अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥‹à¤‚ से मà¥à¤•à¥à¤¤ करवाना था। लाला जी का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— अतà¥à¤¯à¤‚त सफल रहा। शीघà¥à¤° ही पूरे पंजाब में PNB की शाखाà¤à¤‚ फैल गई। इससे गरीबों को करà¥à¤œ के जाल से मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ मिली। लाला जी का संकलà¥à¤ª पूरा हà¥à¤†à¥¤ समाज सà¥à¤§à¤¾à¤° के इस सफल उदहारण को न किसी इतिहास की पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• में पà¥à¤¾à¤¯à¤¾ जाता, न ही किसी अरà¥à¤¥à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤° की पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• में पà¥à¤¾à¤¯à¤¾ जाता। इसके दो कारण है। पहला तो वोट बैंक की राजनीति। इस सà¥à¤§à¤¾à¤°à¤µà¤¾à¤¦à¥€ कदम का बखान करने से वोट नहीं मिलते। दूसरा कमà¥à¤¯à¥à¤¨à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿ मानसिकता वाले सामà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦à¥€ लेखक है। वे गरीबों के हक, शोषण की बात तो करते है परनà¥à¤¤à¥ उसका समाधान कà¤à¥€ नहीं करते। वे केवल अपने राजनितिक हितों को साधने में लगे रहते है। आज तक सामà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने à¤à¤¸à¤¾ कोई सामाजिक सà¥à¤§à¤¾à¤° किया हो तो बताये।
इतिहास में PNB की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ सामाजिक उतà¥à¤¥à¤¾à¤¨ कि à¤à¤• पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾à¤¦à¤¾à¤¯à¤• घटना है। लाला लाजपत राय को उनके इस महान पà¥à¤°à¥à¤·à¤¾à¤°à¥à¤¥ के लिठनमन।
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