धरà¥à¤® के नाम पर अधरà¥à¤® कà¥à¤¯à¥‹à¤‚?
Author
Prakash AryaDate
28-Apr-2017Category
लेखLanguage
HindiTotal Views
1397Total Comments
0Uploader
RajeevUpload Date
28-Apr-2017Download PDF
-0 MBTop Articles in this Category
- फलित जयोतिष पाखंड मातर हैं
- राषटरवादी महरषि दयाननद सरसवती
- राम मंदिर à¤à¥‚मि पूजन में धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ कहाठगयी? à¤à¤• लंबी सियासी और अदालती लड़ाई के बाद 5 अगसà¥à¤¤ को पà¥
- सनत गरू रविदास और आरय समाज
- बलातकार कैसे रकेंगे
Top Articles by this Author
- सनत गरू रविदास और आरय समाज
- मेरी आसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤²à¤¿à¤¯à¤¾ यातà¥à¤°à¤¾
- मनà¥à¤¸à¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ को जलाना à¤à¤• अजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¤à¤¾ व सनातन संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की उपेकà¥à¤·à¤¾ है !
- International Arya Maha Sammelan 2017 Mandalay, Myanmar.
- सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ में à¤à¤—वाकरण का फैलाया à¤à¥à¤°à¤®
कà¥à¤¯à¤¾ इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की शारीरिक व मानसिक पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¥œà¤¨à¤¾ धरà¥à¤® है ?
à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¤• पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ देश है जिसके नागरिकों को अनेक पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤°à¤¤à¤¾ और अधिकार संविधान के अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤—त दिठगठहैं। पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ अधिकारों व सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤°à¤¤à¤¾ के साथ ही संवैधानिक रूप से कà¥à¤› करà¥à¤¤à¥à¤¤à¤µà¥à¤¯à¥‹à¤‚ और अवशà¥à¤¯ पालनीय सामाजिक नियमों के मानने का निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶ में संविधान में निहित है। अधिकार और करà¥à¤¤à¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ का जब तब ईमानदारी से पालन होता है, किसी की उपेकà¥à¤·à¤¾ या सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤°à¤¤à¤¾ के नाम पर शोषण अतिकà¥à¤°à¤®à¤£ नहीं होता है तब तक ही किसी राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¿à¤¤ रह सकती है।
वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ व किसी à¤à¥€ संगठन से बड़ा राषà¥à¤Ÿà¥à¤° होता है। ‘‘राषà¥à¤Ÿà¥à¤° पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ से बड़ा होता है, हम मिटते हैं तो राषà¥à¤Ÿà¥à¤° खड़ा होता है।’’ शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ ने, विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ ने धरà¥à¤® की 5 पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾ की है। वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त धरà¥à¤®, पारिवारिक धरà¥à¤®, सामाजिक धरà¥à¤®, राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ धरà¥à¤®, वैशà¥à¤µà¤¿à¤• धरà¥à¤®à¥¤ इसलिठवà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त धरà¥à¤® से बड़ा राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ धरà¥à¤® होता है। यही राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ धरà¥à¤® पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• नागरिक के लिठसरà¥à¤µà¥‹à¤ªà¤°à¤¿ है और होना à¤à¥€ चाहिà¤à¥¤
किनà¥à¤¤à¥ अतीत साकà¥à¤·à¥€ है पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤° के इस देश में महतà¥à¤¤à¥à¤µà¤¾à¤•à¤¾à¤‚कà¥à¤·à¥€ विचारों वाली राजनीति ने संविधान के आदरà¥à¤¶à¥‹à¤‚, उसकी मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं को, मानवीय, राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ अधिकारों की अवहेलना करने वाले वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का पोषण, और राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯à¤¤à¤¾ का शोषण किया है। अपने सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ में मजहबी विचारधाराओं को आशà¥à¤°à¤¯ देकर उनकी अनà¥à¤šà¤¿à¤¤ मांगों व करà¥à¤¤à¥à¤¤à¤µà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को मातà¥à¤° अपना समरà¥à¤¥à¤¨ जà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨à¥‡ में वे उचित, अनà¥à¤šà¤¿à¤¤ सब मानà¥à¤¯ करते रहे। इसका लाठउठाते हà¥à¤ जब किसी को कोई बात मनवानी हो तो उसके पकà¥à¤· में धरà¥à¤® रूपी शसà¥à¤¤à¥à¤° काम आता है। किसी बात को मानने या किसी को न मानने मेंं दलील देकर, धरà¥à¤® की दà¥à¤¹à¤¾à¤ˆ देकर सबको चà¥à¤ª करवा दिया जाता है।
इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ जहां आता है, वहां अपनी बात को धरà¥à¤® के नाम पर à¤à¥à¤¨à¤¾à¤¨à¥‡ का हथकणà¥à¤¡à¤¾ वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से चल रहा है। इसी सामà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ का और तà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¤°à¤£ का ही परिणाम पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ का जनà¥à¤® है।
जिस माटी में पले-बड़े हà¥à¤ उस माटी से अपने मजहब या धरà¥à¤® को राषà¥à¤Ÿà¥à¤° से बड़ा बताकर कोई à¤à¥€ कारà¥à¤¯ को महतà¥à¤¤à¥à¤µ देना सरासर गलत है।
आज देश की जनसंखà¥à¤¯à¤¾ बेहिसाब बà¥à¤¤à¥€ जा रही है, देश का à¤à¤• तबका सनà¥à¤¤à¤¾à¤¨ वृ( की उपेकà¥à¤·à¤¾ कर तेजी से देश की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ को बिगाड़ रहा है। देश की आरà¥à¤¥à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿, बेरोजगारी, आवास वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾, खादà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥à¤¨ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ सबको पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ कर राषà¥à¤Ÿà¥à¤° हित के विरà¥( कारà¥à¤¯ कर रहा है। जबकि शासन छोटे परिवार के नाम पर अनेक पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ करता है। किनà¥à¤¤à¥ वही सबकà¥à¤› हो धरà¥à¤® के नाम पर कà¥à¤› विचारधारा दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की उपेकà¥à¤·à¤¾ की जा रही है। कà¥à¤¯à¤¾ यह मजहबी धरà¥à¤® की आड़ में राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ धरà¥à¤® की उपेकà¥à¤·à¤¾ और असहयोग नहीं हो रहा है ? कà¥à¤¯à¤¾ अपनी à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं के कारण राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की करोड़ों जनता की समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं को कà¥à¤šà¤²à¤¤à¥‡ हà¥à¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° को कà¥à¤·à¤¤à¤¿ पहà¥à¤‚चाना कà¥à¤¯à¤¾ धरà¥à¤® है ?
हाल ही में सोनू निगम ने मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ से माईक पर आने वाली आवाज के समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ में आपतà¥à¤¤à¤¿ उठाई। इस पर तरह-तरह की चरà¥à¤šà¤¾ और विवाद खड़ा हो गया। उसकी पीड़ा जो करोड़ों-करोड़ों à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ की है, कोई उस सतà¥à¤¯ को सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° नहीं करना चाहता है। अनà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥à¤¯ कारणों से इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से होने वाले उस सामाजिक कषà¥à¤Ÿ को अनदेखा कर कोई सही कहना नहीं चाहता।
यह सरासर धरà¥à¤® के नाम पर अधरà¥à¤® है, इसà¥à¤²à¤¾à¤® परमातà¥à¤®à¤¾ को साकार नहीं मानता है। फिर वह अजान से आवाज देकर किसको सà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¤¾ चाहते हैं ? वैसे à¤à¥€ धरà¥à¤® पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ का विषय नहीं, मातà¥à¤° बोलचाल का नहीं है, वह तो आनà¥à¤¤à¤°à¤¿à¤• विषय व मौन करà¥à¤® है। धरà¥à¤® आचरण का विषय है ”धारणातà¥à¤§à¤°à¥à¤® इतà¥à¤¯à¤¾à¤¹à¥à¤ƒ“ जो धारण किया जावे, वह धरà¥à¤® है। पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ या मातà¥à¤° बाहरी चरà¥à¤šà¤¾ धरà¥à¤® का विषय नहीं, वह तो आतà¥à¤®à¤¾ का आनà¥à¤¤à¤°à¤¿à¤• और शानà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ है। परमातà¥à¤®à¤¾ की उपासना, पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾, शानà¥à¤¤ चितà¥à¤¤ से, à¤à¤•à¤¾à¤—à¥à¤° मन से की जाती है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ में पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• को अपनी धारà¥à¤®à¤¿à¤• मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ को करने की सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤°à¤¤à¤¾ है। परनà¥à¤¤à¥ धरà¥à¤® यह नहीं कहता कि अपनी मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ के लिठकिसी दूसरे को परेशान करना चाहिà¤à¥¤ यह धरà¥à¤® नहीं अधरà¥à¤® है। धरà¥à¤® कहता है ”आतà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤ƒ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥‚लानी परेषां न समाचरेतà¥à¥¤“ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ हम दूसरे से अपनी आतà¥à¤®à¤¾ के समान वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° करें। जो अपनी आतà¥à¤®à¤¾ को अचà¥à¤›à¤¾ लगता है वैसा वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° दूसरों से करें। जो वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° अपने को अचà¥à¤›à¤¾ नहीं लगता वह वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° हम दूसरों से न करें।
अजान देना है तो देवें इसमें किसी को कोई आपतà¥à¤¤à¤¿ नहीं होनी चाहिà¤à¥¤ किनà¥à¤¤à¥ यह नहीं होना चाहिठकि बड़ी ऊॅंची आवाज में कानों को कषà¥à¤Ÿ देती आवाज में अजान जो औरों के लिठउपयोगी नहीं है कषà¥à¤Ÿà¤¦à¤¾à¤¯à¥€ है, वह करना ही धरà¥à¤® है।
विशेषकर सà¥à¤¬à¤¹ 5 बजे, 4.30 बजे होने वाली अजान से अनेक वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ होते हैं। कई वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ बीमारी से जूठरहे हैं, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ डॉकà¥à¤Ÿà¤° ने आराम की सलाह दी होती है। रात में नींद नहीं आती, नींद की दवा, गोली लेकर सोते हैं जब सà¥à¤¬à¤¹-सà¥à¤¬à¤¹ नींद आती है, तो अजान से बीच में नींद खà¥à¤² जाती है। यह उनके लिठकषà¥à¤Ÿ का कारण है। बीमार वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को पूरà¥à¤£ आराम की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ होती है, उसके अà¤à¤¾à¤µ में वह कà¤à¥€ सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ हो ही नहीं पायेगा, à¤à¤¸à¤¾ विघà¥à¤¨à¤•à¤¾à¤°à¥€ करà¥à¤® धरà¥à¤® नहीं है।
कोई वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ मेहनत, मजदूरी करके काम से लौटकर देर रात में सोता है, सà¥à¤¬à¤¹ फिर काम करने जाता है, शरीर को आराम जरूरी है अनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ उस पर बà¥à¤°à¤¾ असर होगा पर अजान की आवाज उसे समय से पहले उठा देती है। कोई विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ दिन के अशानà¥à¤¤ चिलà¥à¤²à¤¾-पà¥à¤•à¤¾à¤° के वातावरण के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर शानà¥à¤¤à¤¿ से देर रात को पà¥à¤¾à¤ˆ करके सोता है, किनà¥à¤¤à¥ अजान से उसे बीच में उठना पड़ता है, नींद पूरी नहीं होती है। इसका सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ व मसà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤• पर गलत पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ होता है, यह सब कà¥à¤¯à¤¾ है ?
पहले बिना माईक के à¤à¥€ अजान होती थी। सà¥à¤¬à¤¹ की अजान à¤à¤• साथ व कà¥à¤› समय के लिठहोती थी। अब à¤à¤• शहर में जहांॅं कई मसà¥à¤œà¤¿à¤¦à¥‡à¤‚ हैं अब वहॉं से लमà¥à¤¬à¥‡ समय तक और अलग अलग समय में होती हैं। यह कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ है? यह जानबूà¤à¤•à¤° अपनी सामà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• विचारधारा का पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ की योजना है। कà¥à¤¯à¤¾ इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की शारीरिक व मानसिक पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¥œà¤¨à¤¾ धरà¥à¤® है ?
जल पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण, वायॠपà¥à¤°à¤¦à¥‚षण और वैसे ही धà¥à¤µà¤¨à¤¿ पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ के लिठहानिकारक है, सामाजिक अवà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ है, शासकीय नियम उपनियमों की सरेआम उपेकà¥à¤·à¤¾ है। माननीय सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ ने à¤à¥€ इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण को अनà¥à¤šà¤¿à¤¤ बताया है। इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° इन समसà¥à¤¤ बातों को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में रखकर इस पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿ पर चिनà¥à¤¤à¤¨ करना चाहिà¤à¥¤
बà¥à¤°à¤¾à¤ˆ किसी धरà¥à¤®, समà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯ तक सीमित नहीं, बà¥à¤°à¤¾à¤ˆ तो बà¥à¤°à¤¾à¤ˆ है। यहां à¤à¤• बात और इसी सनà¥à¤¦à¤°à¥à¤ में जोड़ना चाहता हूं यह केवल अजान तक ही धà¥à¤µà¤¨à¤¿ पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण नहीं है, देर रात तक अनà¥à¤¯ धारà¥à¤®à¤¿à¤• कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®à¥‹à¤‚ में, विवाह आदि के अवसर पर बड़े बड़े डी. जे., तेज आवाज में सà¥à¤ªà¥€à¤•à¤° बजाना à¤à¥€ अनà¥à¤šà¤¿à¤¤ है। इस पर à¤à¥€ नियनà¥à¤¤à¥à¤°à¤£ होना चाहिà¤, डी. जे. की à¤à¤¾à¤°à¥€ à¤à¤°à¤•à¤® आवाज हृदय रोग से पीड़ित वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को या किसी à¤à¥€ बीमारी से जूठरहे वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के लिठबहà¥à¤¤ कषà¥à¤Ÿà¤¦à¤¾à¤¯à¤• होता है। à¤à¤¸à¥‡ à¤à¤œà¤¨, गीत, सूचनाà¤à¤‚ मनोरंजन के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर कषà¥à¤Ÿ पहà¥à¤‚चाते हैं और पीड़ित वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ उनको कोसते हैं।
अजान का विरोध नहीं है, किनà¥à¤¤à¥ अपनी विचारधारा के लिठदूसरों को पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¥œà¤¿à¤¤ नहीं करना चाहिà¤à¥¤ कम से कम सà¥à¤¬à¤¹ की अजान का समय व धà¥à¤µà¤¨à¤¿ पर नियनà¥à¤¤à¥à¤°à¤£ करना नितानà¥à¤¤ आवशà¥à¤¯à¤• है। इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° à¤à¤• ही देश में सिकà¥à¤•à¥‡ के दोनों पहलू पर अपनी ही जीत वाली सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ ठीक नहीं है। à¤à¤• ओर दूसरी विचारधारा को तो हम नहीं मानेगें किनà¥à¤¤à¥ हमारी विचारधारा को हम जबरन दूसरों पर थोपें। यह कितना अवà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤• व तथà¥à¤¯à¤¹à¥€à¤¨ वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° है। गाय को हिनà¥à¤¦à¥‚ समाज पूजà¥à¤¯ मानता है किनà¥à¤¤à¥ अनà¥à¤¯ मजहबी विचारधाराà¤à¤‚ हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं की इस पवितà¥à¤° à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ की सरासर उपेकà¥à¤·à¤¾ कर रही हैं। कà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤• राषà¥à¤Ÿà¥à¤° में à¤à¤¸à¤¾ वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° उचित है? अजान कितनी à¤à¥€ जोर से देवें या धीमी आवाज में करें कà¥à¤¯à¤¾ अनà¥à¤¤à¤° पड़ता है? किनà¥à¤¤à¥ अपनी हठधरà¥à¤®à¥€, दिखावे से उसे महतà¥à¤¤à¥à¤µ देना à¤à¤• सामà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• है। à¤à¤• अचà¥à¤›à¥‡ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿, अचà¥à¤›à¥‡ समाज और अचà¥à¤›à¥‡ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ का आधार धरà¥à¤® है, सामà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ नहीं।
ALL COMMENTS (0)