36 वां वनवासी वैचारिक कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति शिविर
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Rajeev ChoudharyDate
30-May-2017Category
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30-May-2017Download PDF
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‘अगर देश के काम न आये तो जीवन है बेकार हो जाओ तैयार साथियों, हो जाओ तैयार।’
आदिवासी बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की मदद को कपड़ें, जूते-चपà¥à¤ªà¤², किताबें आदि पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करने लिठसहयोग नामक योजना शà¥à¤à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ किया गया।
जहाठअलगाववाद के नारे लगते थे आज वहां जय हिनà¥à¤¦ और वंदेमातरमॠगूंज रहा है।
-महाशय धरà¥à¤®à¤ªà¤¾à¤²
देश में लोग मेहमान के दो दिन जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ रà¥à¤•à¤¨à¥‡ से थक जाते हैं à¤à¤¸à¥‡ में आरà¥à¤¯ समाज सेंकड़ों बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ का निःसà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ पालन-पोषण कर रहा है।
- शà¥à¤¯à¤¾à¤® जाजू (राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ उपाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·, à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾)
आरà¥à¤¯ समाज बिना आडमà¥à¤¬à¤° और निःसà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ à¤à¤¾à¤µ से आज देश को नई दिशा देने का कारà¥à¤¯ कर रहा है |
- अनà¥à¤¸à¥à¤‡à¤¯à¤¾ यूइके (à¤à¤¨ सी à¤à¤¸ टी, उपाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·)
आदिवासी कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में आरà¥à¤¯ समाज की जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ आज विशà¥à¤¦à¥à¤§ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ का पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ फैला रही रही है।
- कैपà¥à¤Ÿà¤¨ रूदà¥à¤°à¤¸à¥‡à¤¨ (हरिà¤à¥‚मि समाचार पतà¥à¤°)
आरà¥à¤¯ समाज शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤®à¤šà¤‚दà¥à¤° जी की तरह वनांचलो में सेवा कारà¥à¤¯ करने के साथ वनवासी समाज के अनà¥à¤¦à¤° संसà¥à¤•à¤¾à¤° और गौरव जगाने का कारà¥à¤¯ रहा है।
- विनोद बंसल (विशà¥à¤µ हिनà¥à¤¦à¥‚ परिषद)
वनवासियों के हित की रकà¥à¤·à¤¾ के लिठआरà¥à¤¯ समाज का लकà¥à¤·à¥à¤¯, संकलà¥à¤ª और विषय समà¥à¤®à¤¾à¤¨ का पातà¥à¤° है।
-सà¥à¤°à¥‡à¤¶ कà¥à¤²à¤•à¤°à¥à¤£à¥€ (संगठन मंतà¥à¤°à¥€, वनवासी कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ परिषद)
‘अगर देश के काम न आये तो जीवन है बेकार हो जाओ तैयार साथियों, हो जाओ तैयार।’ पूरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ से आये छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ गाये इस गीत के साथ अखिल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ दयानंद सेवाशà¥à¤°à¤® संघ की ओर से आयोजित 36वें वनवासी वैचारिक कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति शिविर का समापन समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हà¥à¤†à¥¤ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤œà¤¨ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ के साथ समारोह का à¤à¤µà¥à¤¯ आरमà¥à¤ वैदिक राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤—ान के साथ महाशय धरà¥à¤®à¤ªà¤¾à¤² जी ने दीप पà¥à¤°à¤œà¥à¤µà¤²à¤¿à¤¤ कर किया। समारोह में आये सà¤à¥€ अथितियों का पà¥à¤·à¥à¤ª माला पहनाकर सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया गया। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का संचालन आचारà¥à¤¯ दयासागर ने किया, मà¥à¤–à¥à¤¯ अतिथि के रूप में à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ के राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ उपाधà¥à¤¯à¤• शà¥à¤¯à¤¾à¤® जाजू उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ रहे। इस अवसर पर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने दयानंद सेवाशà¥à¤°à¤® संघ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ वनवासी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤—ियों को à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की शिकà¥à¤·à¤¾ देने पर बधाई दी। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि सबका साथ सबका विकास आरà¥à¤¯ समाज के मंचो और कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®à¥‹à¤‚ में हमेशा देखने को मिलता है। सिरà¥à¤« à¤à¤¾à¤·à¤£ देने से उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ नहीं होती, देश की उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ होती है आरà¥à¤¯ समाज की तरह पूरà¥à¤£ निषà¥à¤ ा à¤à¤µà¤‚ लगà¥à¤¨ के साथ काम करने से। जहाठदेश में लोग दो दिन जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ मेहमान के रà¥à¤•à¤¨à¥‡ से थक जाते हैं à¤à¤¸à¥‡ में आरà¥à¤¯ समाज सैंकड़ो हजारों बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ का निसà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ पालन-पोषण कर रहा है।
इस अवसर पर महामंतà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ जोगेंदà¥à¤° खंटà¥à¤Ÿà¤° ने बताया कि ‘‘शिविर में आसाम, नागालैंड, à¤à¤¾à¤°à¤–ंड, छतà¥à¤¤à¥€à¤¸à¤—à¥, ओडिसा, मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶, राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ व उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ से करीब 200 बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ समेत अनà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने à¤à¤¾à¤— लिया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि सनॠ1968 से संसà¥à¤¥à¤¾ इन कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में वनवासी समाज के उतà¥à¤¥à¤¾à¤¨ का कारà¥à¤¯ कर रही है। लगातार हर वरà¥à¤· आदिवासी, पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को सà¥à¤µà¤¾à¤µà¤²à¤‚बी बनाने की शिकà¥à¤·à¤¾ के साथ ही उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की जानकारी दी जाती रही है। आरà¥à¤¯ समाज किसी जाति समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ से बंधा नहीं है। हम जà¥à¤žà¤¾à¤¨ का दीपक लेकर आगे बॠरहे हैं ताकि आने वाला à¤à¤¾à¤°à¤¤ शिकà¥à¤·à¤¾ के साथ जागरूकता का पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ विशà¥à¤µ के कोने-कोने में पहà¥à¤‚चा सके। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि इस परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ पिछले 35 वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से लगातार जारी है। देश के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ से करीब दो सौ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ छातà¥à¤°-छातà¥à¤°à¤¾à¤à¤‚ दिलà¥à¤²à¥€ के गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² में रहकर निःशà¥à¤²à¥à¤• पॠरहे हैं जिसमें à¤à¤• बचà¥à¤šà¥‡ का मासिक खरà¥à¤š लगà¤à¤— 7 से 8 हजार रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ होता है। इस अवसर पर संसà¥à¤¥à¤¾ की ओर से गरीब आदिवासी बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की मदद को कपड़ें, जूते-चपà¥à¤ªà¤², किताबें आदि पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करने लिठ‘सहयोग’ योजना का à¤à¥€ शà¥à¤à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ किया गया।
कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में मौजूद राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ जनजाति आयोग की उपाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· अनà¥à¤¸à¥à¤‡à¤¯à¤¾ यूइके ने अपने उदà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ में पूरे सदन को संबोधित करते हà¥à¤ कहा कि ‘बिना आडमà¥à¤¬à¤° और निःसà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ à¤à¤¾à¤µ से आरà¥à¤¯ समाज आज देश को नई दिशा देने का कारà¥à¤¯ कर रहा है। अपनी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के साथ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ वैचारिक परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ आदिवासी समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ तक पहà¥à¤‚चा रहा है। आरà¥à¤¯ समाज के समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾à¤“ं को मेरा पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤®à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने संसà¥à¤¥à¤¾ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पूरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ समेत अनà¥à¤¯ आदिवासी कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में शिकà¥à¤·à¤¾ समेत सà¥à¤µà¤°à¥‹à¤œà¤—ार के पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ केंदà¥à¤° खोले जाने की सराहना करने के साथ संसà¥à¤¥à¤¾ को सामाजिक à¤à¤µà¤‚ वैचारिक राषà¥à¤Ÿà¥à¤° सेवा करने के लिठधनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ दिया। उनके उदà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ के साथ ही मावलंकर हाल करतल धà¥à¤µà¤¨à¤¿ से गूजं उठा।
कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में अपनी उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ दरà¥à¤œ कराते हà¥à¤ विशà¥à¤µ हिनà¥à¤¦à¥‚ परिषद की ओर से विनोद बंसल ने आरà¥à¤¯ समाज पर गरà¥à¤µ करते हà¥à¤ कहा कि ‘आरà¥à¤¯ समाज शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤®à¤šà¤‚दà¥à¤° जी महाराज की तरह वनांचलो में सेवा कारà¥à¤¯ करने के साथ वनवासी समाज के अनà¥à¤¦à¤° संसà¥à¤•à¤¾à¤° और गौरव जगाने का कारà¥à¤¯ रहा है।’ वनवासी कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ परिषद के संगठन मंतà¥à¤°à¥€ सà¥à¤°à¥‡à¤¶ कà¥à¤²à¤•à¤°à¥à¤£à¥€ ने कहा कि ‘आरà¥à¤¯ समाज की सेवा इकाई दयाननà¥à¤¦ सेवाशà¥à¤°à¤® संघ देश के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ हिसà¥à¤¸à¥‹à¤‚ में जाकर बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¦à¤° राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯à¤¤à¤¾ का à¤à¤¾à¤µ जगाकर देश को à¤à¤• सूतà¥à¤° में जोड़ने का कारà¥à¤¯ कर रही है।’ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने आरà¥à¤¯ समाज के कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की पà¥à¤°à¤¸à¤‚शा करते हà¥à¤ कहा कि ‘वनवासियों के हित की रकà¥à¤·à¤¾ के लिठआरà¥à¤¯ समाज का लकà¥à¤·à¥à¤¯, संकलà¥à¤ª और विषय समà¥à¤®à¤¾à¤¨ का पातà¥à¤° है।’
कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में मौजूद दिलà¥à¤²à¥€ आरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ सà¤à¤¾ के महामंतà¥à¤°à¥€ विनय आरà¥à¤¯ ने कहा कि ‘माता पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤²à¤¤à¤¾ के लगाये इस पौधे को महाशय जी ने अपने तन-मन-धन सींचा जिस कारण इस पौधे में आज कितने पतà¥à¤¤à¥‡ उग आये इसकी गिनती नहीं की जा सकती।’ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने आगे कहा कि ‘आरà¥à¤¯ समाज मानता है आदिवासी कमजोर नहीं ताकतवर हैं। बस इस सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨à¥€ समाज को आधà¥à¤¨à¤¿à¤• शिकà¥à¤·à¤¾ और मà¥à¤–à¥à¤¯à¤§à¤¾à¤°à¤¾ से जोड़ने की जरूरत है। इस कड़ी में हमने पिछले कà¥à¤› समय में तेजी लाते हà¥à¤ महाशय धरà¥à¤®à¤ªà¤¾à¤² जी व अनà¥à¤¯ आरà¥à¤¯ महानà¥à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ के सहयोग से पूरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ से लेकर मधà¥à¤¯ और दकà¥à¤·à¤¿à¤£ à¤à¤¾à¤°à¤¤ में सà¥à¤•à¥‚ल और बालवाड़ी का कारà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ किया। इस शिविर के माधà¥à¤¯à¤® से पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ लेकर आदिवासी कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ के लोग अपने गांव के लोगों को बालवाड़ियों के माधà¥à¤¯à¤® से शिकà¥à¤·à¤¿à¤¤ करते हैं।’
दिलà¥à¤²à¥€ सà¤à¤¾ के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ धरà¥à¤®à¤ªà¤¾à¤² आरà¥à¤¯ ने अपने उदà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ में कहा कि ‘à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समाज की विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾ में à¤à¤•à¤¤à¤¾ का सबसे सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° उदाहरण इस शिविर में देखने को मिलता है। सामाजिक, आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ से हजारों लोगों को संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ कर आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ अपने करà¥à¤¤à¥à¤¤à¤µà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का पालन कर रहा है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ लोगों पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ कर कहा कि मातà¥à¤° कह देने से समसà¥à¤¯à¤¾ का समाधान नहीं होता। à¤à¤• बार वहां जाकर देखिये महसूस कीजिये, आज के इस आधà¥à¤¨à¤¿à¤• दौर में à¤à¥€ आदिवासी समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ कितने कम संसाधनों में जीवन यापन कर रहा है।’
इस अवसर पर 15 दिन तक शिविर में उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ रहे छातà¥à¤°-छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं ने à¤à¥€ अपने विचार रखे शिवहर से दिलà¥à¤²à¥€ आये छातà¥à¤° बीरबल आरà¥à¤¯ ने कहा ‘इस शिविर के माधà¥à¤¯à¤® से जीवन में जो सीखा, हमेशा उसका पालन करूंगा। आरà¥à¤¯ समाज में आने के बाद चार वेद और सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ के बारे में जाना। यदि कोई à¤à¤¸à¥‡ शिविर में नहीं आता तो इस जà¥à¤žà¤¾à¤¨ से अधूरा रह जाता है, इसी दौरान गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² की मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® छातà¥à¤°à¤¾ नà¥à¤¸à¤°à¤¤ पà¥à¤°à¤µà¥€à¤¨ ने यह कहते हà¥à¤ सबका मन मोह लिया की संसार में कोई à¤à¤¾à¤·à¤¾ रहे न रहे पर संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ हमेशा थी, हमेशा रहेगी।
समारोह के अंत में आचारà¥à¤¯ वागीश ने अपने पà¥à¤°à¤–र वैदिक राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¦à¥€ विचारों से समारोह को उसकी शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ ऊंचाई पर पहà¥à¤‚चा दिया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा दà¥à¤ƒà¤– का कारण जà¥à¤žà¤¾à¤¨ का मिटना है जिस विराट हिनà¥à¤¦à¥‚ जाति के पास राम और कृषà¥à¤£ जैसे महापà¥à¤°à¥à¤· थे वह जाति हजारों साल गà¥à¤²à¤¾à¤® कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ रही? कारण हमने इन महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ को मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के कैद कर इनके विचारों को à¤à¥à¤²à¤¾ दिया। जिस कारण लोग वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ तक गजनी और अरब के बाजारों में गà¥à¤²à¤¾à¤®à¥‹à¤‚ के रूप में बेचे गये। हमने आजादी के बाद à¤à¥€ सही ढंग से होश नहीं समà¥à¤¹à¤¾à¤²à¤¾ और वनवासियों, आदिवासियों को शूदà¥à¤°, अछूत समà¤à¤•à¤° उनका निरादर किया जिसका लाठमत-मतानà¥à¤¤à¤°à¥‹à¤‚ ने उठाया। जबकि आदिवासी समाज हमारा रकà¥à¤·à¤• ही नहीं बलà¥à¤•à¤¿ वनों में उपलबà¥à¤§ सामान हम तक पहà¥à¤‚चाने वाले लोग हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने वैदिक वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ का हवाला देते हà¥à¤ कहा कि वैदिक काल की तरह सबको समान अवसर मिले तà¤à¥€ देश का परम वैà¤à¤µ और अचà¥à¤›à¥‡ दिन आयेंगे वरना वह à¤à¥€ आदिवासी है और हम à¤à¥€ आदिवासी हैं।
कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में à¤à¤¨à¤¸à¥€à¤à¤¸à¤Ÿà¥€ की उपाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· अनà¥à¤¸à¥à¤‡à¤¯à¤¾ यूइके, वनवासी कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ संगठन मंतà¥à¤°à¥€ सà¥à¤°à¥‡à¤¶ कà¥à¤²à¤•à¤°à¥à¤£à¥€ समेत संसà¥à¤¥à¤¾ के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ महाशय धरà¥à¤®à¤ªà¤¾à¤² ;à¤à¤®.डी.à¤à¤š गà¥à¤°à¥à¤ªà¤¦à¥à¤§, कैपà¥à¤Ÿà¤¨ रूदà¥à¤°à¤¸à¥‡à¤¨ ;हरिà¤à¥‚मि समाचार पतà¥à¤°à¤¦à¥à¤§, विनोद खनà¥à¤¨à¤¾, विशà¥à¤µ हिनà¥à¤¦à¥‚ परिषद की ओर से विनोद बंसल, आचारà¥à¤¯ वागीश, मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ से आचारà¥à¤¯ दयासागर, राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ से आचारà¥à¤¯ जीववरà¥à¤§à¤¨ जी समेत अनेक गणमानà¥à¤¯ लोग मौजूद थे। देश के कोने-कोने से आठछातà¥à¤°-छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं ने रंगारंग सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ कर सबका मन मोह लिया। इस अवसर पर परीकà¥à¤·à¤¾ में अचà¥à¤›à¥‡ अंक लाने वाले छातà¥à¤°-छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं को समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया गया। संसà¥à¤¥à¤¾ की ओर जोगेंदर खटà¥à¤Ÿà¤° जी ने सबका आà¤à¤¾à¤° वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किया। शानà¥à¤¤à¤¿ पाठके साथ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हà¥à¤†à¥¤
----राजीव चौधरी
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