‘अनà¥à¤•à¤°à¤£à¥€à¤¯ जीवन के धनी ऋषि à¤à¤•à¥à¤¤ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ शà¥à¤°à¥€ इनà¥à¤¦à¥à¤°à¤œà¤¿à¤¤ देव’
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Manmohan Kumar AryaDate
07-May-2017Category
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RajeevUpload Date
07-Jun-2017Download PDF
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‘अनà¥à¤•à¤°à¤£à¥€à¤¯ जीवन के धनी ऋषि à¤à¤•à¥à¤¤ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ शà¥à¤°à¥€ इनà¥à¤¦à¥à¤°à¤œà¤¿à¤¤ देव’
ऋषि à¤à¤•à¥à¤¤ आरà¥à¤¯ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ शà¥à¤°à¥€ इनà¥à¤¦à¥à¤°à¤œà¤¿à¤¤à¥ देव जी आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ की लेखों à¤à¤µà¤‚ उपदेशों के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सेवा करने वाले योगà¥à¤¯ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ हैं। हम विगत लगà¤à¤— तीन दशकों से पतà¥à¤°-पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾à¤“ं में उनके लेख पà¥à¤¤à¥‡ आ रहे हैं। गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² पौंधा, देहरादून à¤à¤µà¤‚ अजमेर के ऋषि मेले में उनके वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨ सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ का अवसर हमें मिला है। विगत कà¥à¤› अवसरों पर आप देहरादून आये हैं। वैदिक साधन आशà¥à¤°à¤® तपोवन देहरादून à¤à¤µà¤‚ गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² पौंधा के विगत अनेक उतà¥à¤¸à¤µà¥‹à¤‚ में आपके दरà¥à¤¶à¤¨ करने और वारà¥à¤¤à¤¾à¤²à¤¾à¤ª करने का संयोग à¤à¥€ हà¥à¤† है। आपका जीवन बहà¥à¤¤ ही सरल जीवन है। ऋषि दयाननà¥à¤¦ की विचारधारा का देश विदेश में पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° हो, यह à¤à¤¾à¤µ व सà¥à¤µà¤ªà¥à¤¨ आपके मन व मसà¥à¤¤à¤¿à¤• में पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ हर कà¥à¤·à¤£ होता है, à¤à¤¸à¤¾ हमें अनà¥à¤à¤µ होता है। हमारी आपसे पहली à¤à¥‡à¤‚ट सनॠ1997 में कादियां (पंजाब) में मनाई गई पंडित लेखराम बलिदान शताबà¥à¤¦à¥€ समारोह के अवसर पर हà¥à¤ˆ थी। उसके बाद देहरादून à¤à¤µà¤‚ अजमेर में आपसे à¤à¥‡à¤‚ट हà¥à¤ˆ हैं। गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² पौंधा व तपोवन आशà¥à¤°à¤® के विगत उतà¥à¤¸à¤µà¥‹à¤‚ में आपसे विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ वारà¥à¤¤à¤¾à¤²à¤¾à¤ª करने का अवसर à¤à¥€ हमें मिला है। आपने आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ विषयक कà¥à¤› महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ संसà¥à¤®à¤°à¤£ व घटनायें हमें सà¥à¤¨à¤¾à¤ˆ थी जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ हम अपने लेखों के माधà¥à¤¯à¤® से कà¥à¤› माह पहले पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ कर चà¥à¤•à¥‡ हैं। गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² पौंधा के इस वरà¥à¤· उतà¥à¤¸à¤µ के उपलकà¥à¤·à¥à¤¯ में आप 29 मई, 2017 को देहरादून पधारे हैं। यमà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¤—र से ही आरà¥à¤¯à¤œà¤—त के पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ित à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ à¤à¤œà¤¨à¥‹à¤¦à¤ªà¥‡à¤¶à¤• शà¥à¤°à¥€ ओमॠपà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ वरà¥à¤®à¤¾ जी à¤à¥€ पधारे हà¥à¤ हैं। शà¥à¤°à¥€ वरà¥à¤®à¤¾ जी ने गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² में अपनी à¤à¤• कà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¤¾ बनवा रखी है। उनका à¤à¤• पौतà¥à¤° à¤à¥€ गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² में शिकà¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर रहा है। यह पौतà¥à¤° बहà¥-पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤µà¤¾à¤¨ विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ हैं। उतà¥à¤¸à¤µ में इस यà¥à¤µà¤¾ विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ की पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ देखकर हमें बहà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾ होती है। विगत तीन दिनों से हमें शà¥à¤°à¥€ इनà¥à¤¦à¥à¤°à¤œà¤¿à¤¤à¥ देव जी और शà¥à¤°à¥€ ओमà¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ वरà¥à¤®à¤¾ जी आदि अनेक विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के दरà¥à¤¶à¤¨ हो रहे हैं और इनसे वारà¥à¤¤à¤¾à¤²à¤¾à¤ª सहित आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ के इतिहास से जà¥à¥œà¥€ दà¥à¤°à¥à¤²à¤ बातों को सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ का अवसर à¤à¥€ मिल रहा है
शà¥à¤°à¥€ इनà¥à¤¦à¥à¤°à¤œà¤¿à¤¤à¥ देव जी का जनà¥à¤® लाहौर में 27 मई, सनॠ1938 को हà¥à¤†à¥¤ आपके पालनकरà¥à¤¤à¤¾ पिता शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ दास जी और माता शà¥à¤°à¥€ à¤à¤¾à¤—वनà¥à¤¤à¥€ जी हैं जिनकी छतà¥à¤°à¤›à¤¾à¤¯à¤¾ में आपका जीवन वà¥à¤¯à¤¤à¥€à¤¤ हà¥à¤†à¥¤ आपने बताया कि आपके पालक माता-पिता और जनà¥à¤®à¤¦à¤¾à¤¤à¤¾ माता-पिता दो-दो हैं। यह नाम पालनकरà¥à¤¤à¤¾ माता-पिता के हैं। आपके पिताजी आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œà¥€ थे और आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ के अनेक आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨à¥‹à¤‚ में आपने à¤à¤¾à¤— लिया था। आपके पिता सनॠ1957 के पंजाब हिनà¥à¤¦à¥€ रकà¥à¤·à¤¾ आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ में जेल à¤à¥€ गये थे। पंजाब में उन दिनों जब कहीं लाइलाज बीमारी पà¥à¤²à¥‡à¤— का पà¥à¤°à¤•à¥‹à¤ª होता था तो आपके पिता उन सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर जाकर रोगियों की सेवा व उपचार करने में अपनी सेवायें देते थे। आपके 7 à¤à¤¾à¤ˆ à¤à¤¾à¤ˆ à¤à¤µà¤‚ दो बहिनों में अब दो à¤à¤¾à¤ˆ दिवंगत हो चà¥à¤•à¥‡ हैं। पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ सà¤à¥€ यमà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¤—र व समीप के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर निवास करते हैं। आपने लाहौर में ककà¥à¤·à¤¾ चार तक की शिकà¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ की थी। 14 अगसà¥à¤¤ सनॠ1947 को à¤à¤¾à¤°à¤¤ का विà¤à¤¾à¤œà¤¨ होने पर आपको à¤à¤¾à¤°à¤¤ आना पड़ा। आप अमृतसर आकर रहे और वहां ककà¥à¤·à¤¾ दस तक की शिकà¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ की। आप बताते हैं कि सनॠ1947 को à¤à¤¾à¤°à¤¤ में आने पर आपको गरीबी का बहà¥à¤¤ समीप से अनà¥à¤à¤µ हà¥à¤†à¥¤ आपने पंजाब विशà¥à¤µ विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ से पà¥à¤°à¤à¤¾à¤•à¤°, हिनà¥à¤¦à¥€ आनरà¥à¤¸ à¤à¤µà¤‚ साहितà¥à¤¯à¤°à¤¤à¥à¤¨ (इलाहाबाद) की परीकà¥à¤·à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ उतà¥à¤¤à¥€à¤°à¥à¤£ की हैं। आपने पंजाब राजà¥à¤¯ के सिंचाई विà¤à¤¾à¤— में नौकरी की। कà¥à¤²à¤°à¥à¤• से आरमà¥à¤ कर आप आफीस सà¥à¤ªà¤°à¤¿à¤Ÿà¥‡à¤£à¥à¤¡à¥‡à¤‚ट पद तक पहà¥à¤‚चे। रिशà¥à¤µà¤¤ आदि न लेने के कारण आपको à¤à¤¸à¥‡ कामों पर रखा जाता था जहां रिशà¥à¤µà¤¤ की गà¥à¤‚जाइश नहीं होती थी। आप लमà¥à¤¬à¥‡ समय तक हिमाचल पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में à¤à¥€ सेवारत रहे। शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ सà¥à¤®à¤¨à¤²à¤¤à¤¾ जी आपकी सहधरà¥à¤®à¤¿à¤£à¥€ थी। सनॠ1969 में आपकी धरà¥à¤®à¤ªà¤¤à¥à¤¨à¥€ जी की सà¥à¤Ÿà¥‹à¤µ जलाते समय दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾ हो जाने से दà¥à¤ƒà¤–द मृतà¥à¤¯à¥ हà¥à¤ˆ थी। आपके à¤à¤• पà¥à¤¤à¥à¤° à¤à¤µà¤‚ à¤à¤• पà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ हैं। आपकी पà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ कविता वाकà¥à¤šà¤¨à¤µà¥€ आरà¥à¤¯ विदà¥à¤·à¥€ हैं। उचà¥à¤š कोटि की लेखिका à¤à¤µà¤‚ समà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¿à¤•à¤¾ हैं। उनके पति दहन विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ में उचà¥à¤š कोटि के वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• हैं। आप दोनों समà¥à¤ªà¥à¤°à¤¤à¤¿ अमेरिका में रहते हैं। आपने बताया कि पà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ के विवाह में वर पकà¥à¤· की ओर से सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ डा. सतà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ जी और पं. यà¥à¤§à¤¿à¤·à¥à¤ िर मीमांसक जी बारात में आये थे। आपने अपने पà¥à¤¤à¥à¤° व पà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ का विवाह जनà¥à¤®à¤¨à¤¾ जाति में न कर गà¥à¤£, करà¥à¤®, सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µà¤¾à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤œà¤¾à¤¤à¥€à¤¯ विवाह किया है à¤à¤µà¤‚ दोनों विवाह बिना दहेज लिये व दिये किये हैं।
शà¥à¤°à¥€ इनà¥à¤¦à¥à¤°à¤œà¤¿à¤¤à¥ देव जी पहले उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ à¤à¤µà¤‚ हिनà¥à¤¦à¥€ कवितायें लिखते थे। सनॠ1978 से 1982 के मधà¥à¤¯ में आपने आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ की पतà¥à¤° पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾à¤“ं में लेख लिखना आरमà¥à¤ किया जो निरनà¥à¤¤à¤° चल रहा है। ‘देव’ आपका कावà¥à¤¯ रचना का उपनाम है। कवि नीरज जी को आप अपना पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤• कवि मानते हैं। सरकारी सेवा से आप सनॠ1993 में सेवा निवृत हà¥à¤à¥¤ आपने सेवा निवृति की तिथि से 3 वरà¥à¤· पूरà¥à¤µ ही सà¥à¤µà¥ˆà¤šà¥à¤›à¤¿à¤• सेवा निवृति के लिठआवेदन किया था परनà¥à¤¤à¥ उसे सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° नहीं किया गया। इस कारण आपने अपनी सà¤à¥€ अरà¥à¤œà¤¿à¤¤ अवकाश ले लिये थे। आपने रोजड़ में दरà¥à¤¶à¤¨ योग विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के अनेक शिविरों में à¤à¥€ à¤à¤¾à¤— लिया है। उन दिनों कà¥à¤› काल तक आप वैरागà¥à¤¯ की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में à¤à¥€ रहे।
आचारà¥à¤¯ इनà¥à¤¦à¥à¤°à¤œà¤¿à¤¤à¥ जी यमà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¤—र में रहते हैं। à¤à¤œà¤¨à¥‹à¤ªà¤¦à¥‡à¤¶à¤• शà¥à¤°à¥€ ओमॠपà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ वरà¥à¤®à¤¾ जी से आपकी घनिषà¥à¤ ता है। आपने वरà¥à¤®à¤¾ जी के जीवन के अनà¥à¤à¤µ पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ सà¥à¤¨à¤¤à¥‡ रहे हैं। उन पर आधारित आपके लगà¤à¤— 23 लेख आरà¥à¤¯ पतà¥à¤° पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾à¤“ं में पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ हो चà¥à¤•à¥‡ हैं जिनमें इतिहास विषयक महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ जानकारी है। परोपकारिणी सà¤à¤¾ अजमेर के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· कीरà¥à¤¤à¤¿à¤¶à¥‡à¤· डा. धरà¥à¤®à¤µà¥€à¤° जी के आप बहà¥à¤¤ निकट रहे हैं। आपने उनसे जà¥à¥œà¥‡ à¤à¥€ अनेक संसà¥à¤®à¤°à¤£ हमें सà¥à¤¨à¤¾à¤¯à¥‡ हैं। आपने बताया कि आरà¥à¤¯ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾. राजेनà¥à¤¦à¥à¤° जिजà¥à¤žà¤¾à¤¸à¥ जी के परामरà¥à¤¶ से उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने परोपकारी मासिक पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾ का पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¨ पाकà¥à¤·à¤¿à¤• किया था। आप सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ लोगों से मिलते समय व रेल यातà¥à¤°à¤¾ करते हà¥à¤ जिन लोगों के समà¥à¤ªà¤°à¥à¤• में आते थे, उनका नाम व पता नोट कर लेते थे और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ परोपकारी पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾ पà¥à¤°à¥‡à¤·à¤¿à¤¤ करते थे। किसी पाठक का शà¥à¤²à¥à¤• न आने पर à¤à¥€ आप पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾ को बनà¥à¤¦ नहीं करते थे। पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾ घाटे में चलती है परनà¥à¤¤à¥ इसकी आपको चिनà¥à¤¤à¤¾ नहीं थी। आपका मानना था कि पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾ के माधà¥à¤¯à¤® से परोपकारिणी सà¤à¤¾ विषयक जानकारियां लोगों तक पहà¥à¤‚चती हैं। डा. धरà¥à¤®à¤µà¥€à¤° जी के साथ आपने देश के दूरसà¥à¤¥ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ की अनेक पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° यातà¥à¤°à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ à¤à¥€ की हैं। हमने उनकी बातों से अनà¥à¤à¤µ किया कि डा. धरà¥à¤®à¤µà¥€à¤° जी के असामयिक वियोग से परोपकारिणी सà¤à¤¾ à¤à¤• पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से निषà¥à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤£ सी हो गई है। परोपकारिणी सà¤à¤¾ में जो बड़े बड़े à¤à¤µà¥à¤¯ à¤à¤µà¤¨ बने हैं उनका समसà¥à¤¤ शà¥à¤°à¥‡à¤¯ à¤à¥€ डा. धरà¥à¤®à¤µà¥€à¤° जी को है। आपने व वरà¥à¤®à¤¾ जी ने हमें यह à¤à¥€ बताया कि डा. धरà¥à¤®à¤µà¥€à¤° जी आशॠउपदेशक थे। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ किासी à¤à¥€ विषय पर वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨ के लिठकहा जाये और दो मिनट पहले ही निवेदन करें, उस पर à¤à¥€ वह अनेक पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ व उदाहरणों से पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨ देते थे।
शà¥à¤°à¥€ इनà¥à¤¦à¥à¤°à¤œà¤¿à¤¤à¥ देव जी आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ के पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° में मनसा, वाचा करà¥à¤®à¤£à¤¾ लगे हà¥à¤ हैं। आप सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ हैं और आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ के पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° के लिठअनेक सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर आते जाते रहते हैं। आपका जीवन à¤à¤µà¤‚ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ सरल है और सबसे घà¥à¤² मिल जाते हैं। आपका अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ à¤à¥€ विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ है और आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ की इतिहास की बहà¥à¤¤ सी घटनायें आपको सà¥à¤®à¤°à¤£ हैं जिनका पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— वह वारà¥à¤¤à¤¾à¤²à¤¾à¤ª à¤à¤µà¤‚ उपदेशों में करते हैं। हमने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² या अनà¥à¤¯à¤¤à¥à¤° होने वाले सà¤à¥€ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ व à¤à¤œà¤¨à¥‹à¤ªà¤¦à¥‡à¤¶à¤•à¥‹à¤‚ के उपदेशों में à¤à¤• सामानà¥à¤¯ शà¥à¤°à¥‹à¤¤à¤¾ की à¤à¤¾à¤‚ति बैठे हà¥à¤ उपदेश व à¤à¤œà¤¨ शà¥à¤°à¤µà¤£ करते हà¥à¤ देखा है। यह गà¥à¤£ बहà¥à¤¤ कम उपदेशकों व à¤à¤œà¤¨à¥‹à¤ªà¤¦à¥‡à¤¶à¤•à¥‹à¤‚ में होता है। मंच पर आप तà¤à¥€ जाते हैं कि जब आपको बà¥à¤²à¤¾à¤¯à¤¾ जाता है। आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ व इसकी संसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं के उतà¥à¤¸à¤µ आदि में आप बिना उपदेश के लिठबà¥à¤²à¤¾à¤¯à¥‡ ही à¤à¤• शà¥à¤°à¥‹à¤¤à¤¾ के रूप में समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ होते हैं। गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² पौंधा à¤à¥€ आप à¤à¤• शà¥à¤°à¥‹à¤¤à¤¾ के रूप में आये हैं। यहां के अधिकारी आपकी योगà¥à¤¯à¤¤à¤¾ à¤à¤µà¤‚ सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ से परिचित हैं। यही कारण है कि कल रातà¥à¤°à¤¿ आपका उपदेश हà¥à¤† था। अà¤à¥€ 4 जून तक और à¤à¥€ कई उपदेश हो सकते हैं। गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² में आजकल ऋगà¥à¤µà¥‡à¤¦à¤¾à¤¦à¤¿à¤à¤¾à¤·à¥à¤¯à¤à¥‚मिका सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ शिविर चल रहा है। उसमें à¤à¥€ à¤à¤• शिविरारà¥à¤¥à¥€ की तरह आप समय पर अपनी ऋगà¥à¤µà¥‡à¤¦à¤¾à¤¦à¤¿à¤à¤¾à¤·à¥à¤¯à¤à¥‚मिका पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• लेकर पहà¥à¤‚च जाते हैं और पूरा समय बैठते हैं। शिविराधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· डा. सोमदेव शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ जी से कà¥à¤› विषयों पर आप पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤ªà¥‚रà¥à¤µà¤• चरà¥à¤šà¤¾ à¤à¥€ करते हैं। आपका सरल सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ हमें विशेष रूप से पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ देता है। हमारे सà¤à¥€ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ à¤à¤¸à¥‡ ही हों तो पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° ओर अधिक बॠसकता है। इसी के साथ हम इस लेख को विराम देते हैं। ओ३मॠशमà¥à¥¤
- - - मनमोहन कà¥à¤®à¤¾à¤° आरà¥à¤¯
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