सीधी कारà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹à¥€ कब..??
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Rajeev ChoudharyDate
12-Jul-2017Category
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HindiTotal Views
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12-Jul-2017Download PDF
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अमरनाथ यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ पर किया हमला मन को वà¥à¤¯à¤¥à¤¿à¤¤ और विचलित करने वाला है कशà¥à¤®à¥€à¤° के अनंतनाग ज़िले में अमरनाथ यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ पर हà¥à¤ à¤à¤• आतंकी हमले में à¤à¤• बार फिर कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा और कम से कम 19 अनà¥à¤¯ लोग घायल हà¥à¤ हैं. हमले में चरमपंथियों का निशाना बनी बस में कà¥à¤² 56 यातà¥à¤°à¥€ सवार थे जिनमें से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° यातà¥à¤°à¥€ गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ के थे. कà¥à¤› यातà¥à¤°à¥€ महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° के à¤à¥€ थे. सरकार के बड़े मंतà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से लेकर नेताओं तक इस घटना की कड़ी निंदा की है. पर पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ यह कि कब तक निंदा रूपी शबà¥à¤¦ से काम चलेगा इस आतंक के खिलाफ सीधी कारवाही कब होगी? निंदा किसी मसले का हल नहीं है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि अगसà¥à¤¤, 2000 को आतंकियों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पहलगाम के बेस कैंप में पर हमला किया था. बेस कैंप में 32 लोग मारे गठथे. तब à¤à¥€ हमने सिरà¥à¤« निंदा की थी यदि उस समय सीधी कारवाही की होती तो अगले वरà¥à¤· जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ, 2001 को अमरनाथ गà¥à¤«à¤¾ के रासà¥à¤¤à¥‡ की सबसे ऊंचाई पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ पड़ाव शेषनाग पर 13 लोगों की मौत आतंकियों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ हतà¥à¤¯à¤¾ नहीं होती! लेकिन फिर à¤à¥€ हमने निंदा ही की यदि सीधी कारवाही की होती अगले वरà¥à¤· अगसà¥à¤¤, 2002 को चरमपंथियों ने पहलगाम में हमला करने की जरूरत नहीं करते जिसमें नौ लोगों की मौत हà¥à¤ˆ थी और 30 अनà¥à¤¯ लोग घायल हो गठथे.
पिछले साल 9 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ को हिजबà¥à¤² का आतंकी बà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤¨ वानी à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सेना के हाथों मार गिराया गया गया. जिसके बाद उमà¥à¤®à¥€à¤¦ की जा रही कि सà¥à¤²à¤—ते चिनार और रकà¥à¤¤ से लाल हà¥à¤ˆ बरà¥à¤« की चादर अपने पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ रंगों में लौट आयेंगे. लेकिन आज हालत ये है कि मीर वाइज जैसे नेता लगातार अपनी रैलियों में इस बात का à¤à¤²à¤¾à¤¨ कर रहे हैं कि वही कशà¥à¤®à¥€à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के दरà¥à¤¦ को समà¤à¤¤à¥‡ हैं और उनके हिमायती हैं और अगर लोगों ने उनका साथ दिया तो वो à¤à¤• दिन कशà¥à¤®à¥€à¤° को आजादी दिला देंगे. मीर वाइज जैसे नेता कशà¥à¤®à¥€à¤° को आजादी दिलाकर कहां ले जाà¤à¤‚गे? मजहबी मानसिकता के कारण कशà¥à¤®à¥€à¤° जैसा खूबसूरत राजà¥à¤¯ अपने सबसे बà¥à¤°à¥‡ दौर से गà¥à¤œà¤° रहा है, बà¥à¤¤à¤¾ आतंकवाद और पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ परसà¥à¤¤à¥€ राजà¥à¤¯ की à¤à¤• गंà¤à¥€à¤° समसà¥à¤¯à¤¾ है. राजà¥à¤¯ की खसà¥à¤¤à¤¾à¤¹à¤¾à¤²à¥€ में जो कमी रह गयी थी उसे मीरवाइज उमर फारूक, गिलानी और यासीन मलिक जैसे कटà¥à¤Ÿà¤°à¤ªà¤‚थी नेताओं ने पूरा कर दिया है. हालाà¤à¤•à¤¿ राजà¥à¤¯ में जिस तरह सेना और पà¥à¤²à¤¿à¤¸ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आतंकियों का खातà¥à¤®à¤¾ करके आतंकवाद पर नकेल कसी जा रही है उसके लिठनिसà¥à¤¸à¤‚देह ही सेना और पà¥à¤²à¤¿à¤¸ की सराहना होनी चाहिà¤. जहां à¤à¤• तरफ कशà¥à¤®à¥€à¤° से आ रहीं à¤à¤¸à¥€ खबरें à¤à¤• आम à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ को सà¥à¤•à¥‚न देतीं हैं तो वहीं उसका दिल तब बैठजाता है जब वो किसी आतंकी के जनाजे में जिंदाबाद के नारों के बीच अमरनाथ यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ पर हमला बोल देते है.
कशà¥à¤®à¥€à¤° में तहरीक ठआजादी का नारा देकर अलगाववादी खà¥à¤²à¥‡à¤†à¤® जहर बाà¤à¤Ÿ रहे है मसà¥à¤œà¤¿à¤¦à¥‹à¤‚ का उपयोग पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ इबादत के बजाय राजनीति और अलगाव के लिठहो रहा है. जिसे सीधे तौर पर मजहब से जोड़ दिया गया है. बड़ा सवाल यही उà¤à¤°à¤¤à¤¾ है कि आखिर कशà¥à¤®à¥€à¤° को आजादी दिलाकर कहां ले जाà¤à¤‚गे? यह सवाल किसी à¤à¤• कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ से नहीं बलà¥à¤•à¤¿ à¤à¤¾à¤°à¤¤ में राजनैतिक और बोदà¥à¤§à¤¿à¤• रूप से इनका समरà¥à¤¥à¤¨ करने वाले सब लोगों से है. यदि कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ कà¥à¤› पल को मजहबी à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤à¤‚ किसी संदूक में रखकर ये सोचे कि मजहब के नाम पर बनने वाले पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ से किसे लाठहà¥à¤†? कà¥à¤¯à¤¾ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के बनने से ख़à¥à¤¦ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ को लाठहà¥à¤†? यानी अगर वह इलाका आज à¤à¤¾à¤°à¤¤ के अधीन होता तो कà¥à¤¯à¤¾ वहां हालात आज से बदतर होते या बेहतर होते? सवाल घूमकर फिर वहीं आ जाता है कि मजहब के नाम पर पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ बनाने वालों के सिवा किसे लाठहà¥à¤†? आज जो कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ आजादी के लिठकटà¥à¤Ÿà¤°à¤ªà¤‚थ और अलगाववाद का हिसà¥à¤¸à¤¾ बन रहा है वो जरà¥à¤° सोचें कà¥à¤¯à¤¾ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ बनने से मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ को कोई फायदा हà¥à¤†?
जिनà¥à¤¨à¤¾ ने पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ मांगते हà¥à¤ कहा था कि हिनà¥à¤¦à¥‚ मेरी इबादत में खलल डालेगा इसलिठमà¥à¤à¥‡ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ चाहिà¤. कà¥à¤¯à¤¾ हà¥à¤† आज उसकी इबादत का? पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ का बचà¥à¤šà¤¾-बचà¥à¤šà¤¾ या कहो 20 करोड़ की आबादी संगीनों के साये में अपनी इबादत करते नजर आते है. जबकि à¤à¤¾à¤°à¤¤ में रह रहे मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® सड़कों तक पर आराम से सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ नमाज अता करते दिख जायेंगे. लेकिन यहाठका बहà¥à¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤• समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ अपनी आसà¥à¤¥à¤¾ उपासना के लिठसरकार का मà¥à¤‚ह देख रहा कि कब सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ का आशà¥à¤µà¤¾à¤¸à¤¨ मिले और में बिना विघà¥à¤¨ अपनी पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ कर पाà¤. आखिर कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ देश के टेकà¥à¤¸ की बड़ी रकम से हजयातà¥à¤°à¤¾ पर सबà¥à¤¸à¤¿à¤¡à¥€ मिल रही है और अमरनाथ यातà¥à¤°à¤¾ पर गोली? à¤à¤¸à¥‡ हमलों की निंदा तो हम के वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से सà¥à¤¨à¤¤à¥‡ आ रहे है, पर अब समय आ गठहै की इसके खिलाफ सीधी कारà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¹à¥€ की जाये!
-----राजीव चौधरी
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