धरà¥à¤® के नाम पर मनोरंजन....धरà¥à¤® का उपहास
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Prakash AryaDate
27-Jul-2017Category
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धरà¥à¤® के नाम पर मनोरंजन....धरà¥à¤® का उपहास
निरनà¥à¤¤à¤° बà¥à¤¤à¥‡ जा रही कावड़ यातà¥à¤°à¤¾ और उसके परिणाम या उसके महतà¥à¤µ पर समाज को कà¤à¥€ चिनà¥à¤¤à¤¨ à¤à¥€ करना चाहिà¤à¥¤ बिना सोचे समà¤à¥‡ किसी à¤à¥€ कारà¥à¤¯ को करना उसके परिणाम की चिनà¥à¤¤à¤¾ न करना उससे होने वाली हिंसा की चिनà¥à¤¤à¤¾ न करना à¤à¤¸à¥‡ कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को योगीराज à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ ने तामसी करà¥à¤® कहा है। गीता में उलà¥à¤²à¥‡à¤– करते हà¥à¤ दरà¥à¤¶à¤¾à¤¯à¤¾ गया है-
अनà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ जà¥à¤žà¤¯à¤‚ हिंसा मनवेकà¥à¤·à¥à¤¯ च पौरà¥à¤·à¤®à¥¤ मोहादारà¤à¥à¤¯à¤¤à¥‡ करà¥à¤®à¤ƒ यतॠततॠतामसू मà¥à¤šà¥à¤¯à¤¤à¥‡à¥¤à¥¤
ईशà¥à¤µà¤° न मनà¥à¤·à¥à¤¯ को à¤à¤• विशेष शकà¥à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ की है और वह है विशिषà¥à¤Ÿ जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥¤ सामानà¥à¤¯ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ खाना, पीना, सोना, सनà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥‹à¤¤à¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ आदि तो पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• पशॠपकà¥à¤·à¥€ व पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ मातà¥à¤° के पास जनà¥à¤® से उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है परनà¥à¤¤à¥ जीवन का विकास, दोनें लोकें की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ संयमित व जà¥à¤žà¤¾à¤¨ यà¥à¤•à¥à¤¤ जीवन जीना तो केवतà¥à¤°à¤² मानव को ही पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है। इसीलिठइसे संसार की समसà¥à¤¤ योनियों में सरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤® यो का सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ मिला है।
चकà¥à¤·à¥à¤“ं में पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ उचित अनà¥à¤šà¤¿à¤¤ का तथा अपनी जाति के समूह से अलग सोचकर कà¥à¤›à¤•à¤°à¤¨à¥‡ की कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ नहीं होती। कà¥à¤› à¤à¥‡à¥œà¥‡à¤‚ आगे किसी मारà¥à¤— पर चल दें तो उसके पीछे हजारों की संखà¥à¤¯à¤¾ में अनà¥à¤¯ à¤à¥‡à¥œà¥‡à¤‚ चल देती हैं। किसी à¤à¥‡à¥œ को यह जानकारी नहीं होती है कि वे कहां जा रही हैं, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ जा रही हैं, कितनी देर तक और कितनी दूर तक चलना है? à¤à¤¸à¥€ कोई जानकारी उसे नहीं रहती। वह तो वह तो सामने चलने वाली à¤à¥€à¥œ को देखकर ही कदम बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ लगती हैं। इसे à¤à¥‡à¥œà¤šà¤¾à¤² कहते हैं। आज कà¥à¤¯à¤¾ हो रहा है थोड़ा इस पर à¤à¥€ सोचें धरà¥à¤® के नाम पर जिसने जो चला दिया उसको करोड़ों करोड़ों वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ उस पर चल देते हैं। जो कर रहे हें। उसका कà¥à¤¯à¤¾ परिणाम होगा उससे कोई लाठहोगा या नहीं उससे कहीं कोई हानि तो नहीं होगी आदि किसी बात पर वे धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ नहीं देते। बस बहà¥à¤¤ से लोग कर रहे हैं इसलिठवे à¤à¥€ कर रहे हैं। परनà¥à¤¤à¥ कà¥à¤·à¤®à¤¾ करना à¤à¤¸à¥€ मानसिकता मनà¥à¤·à¥à¤¯à¤¤à¤¾ की पहचान नहीं, यह तो à¤à¥‡à¥œà¤šà¤¾à¤² है। मनà¥à¤·à¥à¤¯ तो वह है जो पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• कारà¥à¤¯ को करने के पहले उस पर विचार करके सोच समà¤à¤•à¤° करे। इसलिठकहा गया-
ये मतà¥à¤µà¤¾ करà¥à¤®à¤¾à¤£à¤¿ सीवà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤à¤¿ ते मनà¥à¤·à¥à¤¯à¤¾à¤ƒà¥¤
मनà¥à¤·à¥à¤¯ वही जो मनन चिनà¥à¤¤à¤¨ करके कोई कायà¥à¤° करता है।
इसलिठबिना सोचे समà¤à¥‡ परिणाम रहित मातà¥à¤° दिखावे से हो रहा धरà¥à¤® पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° और उसका अनà¥à¤¸à¤°à¤£ धरà¥à¤® के शà¥à¤, सà¥à¤–द परिणाम से सबको वंचित कर रहा है।
धरà¥à¤® का परिणाम सà¥à¤–, शानà¥à¤¤à¤¿ धैरà¥à¤¯à¤¤à¤¾, सतà¥à¤¯à¤¤à¤¾, सौहादà¥à¤°à¤¤à¤¾, संगठन, पà¥à¤°à¥‡à¤®, अहिंसा, सदà¥à¤à¤¾à¤µ होता है। कà¥à¤¯à¤¾ आज धरà¥à¤® से यह सब मिल रहा है? जबकि आज मोहलà¥à¤²à¥‡, गली-गली, घर-घर में धरà¥à¤® का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° है बड़े-बड़े आयोजन हो रहे हैं फिर à¤à¤¸à¤¾ विपरीत असर कà¥à¤¯à¥‹à¤‚?
धरà¥à¤® के चारों ओर पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° के बाद à¤à¥€ आज तो परिवार, समाज, राषà¥à¤Ÿà¥à¤° में अशानà¥à¤¤à¤¿, à¤à¤¯, दà¥à¤ƒà¤–, दूरियां, पतन, हिंसा कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ बॠरहा है? कà¥à¤¯à¤¾à¤§à¤°à¥à¤® का परिणाम इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की विकृति है? यदि धरà¥à¤® के पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°-पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° से इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की अवà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ हो तो फिर धरà¥à¤® को मानने से कà¥à¤¯à¤¾ लाà¤, फिर तो à¤à¤¸à¥‡ धरà¥à¤® कोन मानना ही ठीक होगा। परनà¥à¤¤à¥ à¤à¤¸à¤¾ नहीं, धरà¥à¤® तो मानवता की आतà¥à¤®à¤¾ है बिना धरà¥à¤® के तो मनà¥à¤·à¥à¤¯ को मनà¥à¤·à¥à¤¯ ही नहीं कहा गया है। इसलिठधरà¥à¤® मानना तो पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• मनà¥à¤·à¥à¤¯ को मनà¥à¤·à¥à¤¯ कहलाने के लिठपहला गà¥à¤£ है। परनà¥à¤¤à¥ धरà¥à¤® वह है जो जीवन को उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ सदà¥à¤œà¥à¤žà¤¾à¤¨, सदà¥à¤•à¤°à¥à¤® के मारà¥à¤— पर ले जावे। जिसमें à¤à¤• दूसरे के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ तà¥à¤¯à¤¾à¤— à¤à¤¾à¤µ हो। जो मातà¥à¤° दिखावा न होकर आचरण में, हमारे वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° में समाया हो। वहीं धरà¥à¤® समाज व संसार को शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ सà¥à¤–द सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर ले जा सकता है। धरà¥à¤® का कारà¥à¤¯ शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ मानव का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ करना है। आज कावड़ यातà¥à¤°à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ निकाली जा रही हैं। à¤à¤• से à¤à¤• बà¥à¤•à¤° कामà¥à¤ªà¤Ÿà¥€à¤¶à¤¨ हो रहा है, घर बार छोड़कर यà¥à¤µà¤•,यà¥à¤µà¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚, पà¥à¤°à¥à¤·, महिला और छोटे-छोटे किशोर इसमें समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ होते हैं। इसका मà¥à¤–à¥à¤¯ कारà¥à¤¯ है à¤à¤• सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ से जल à¤à¤°à¤•à¤° लाना और किसी दूसरे सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर उसे छोड़ना है। इसी करà¥à¤® व à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° ईशà¥à¤µà¤° को सिरà¥à¤« पानी चà¥à¤¾à¤•à¤° उसकी बड़ी à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ का कर लेना समठलिया जाता है।
परनà¥à¤¤à¥ थोड़ा विचार करें- परमातà¥à¤®à¤¾ को जल की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है कà¥à¤¯à¤¾? दूसरा यह कि, जो जल आपने कहीं से à¤à¤°à¤¾ कà¥à¤¯à¤¾ वह आपका अपना बनाया हà¥à¤† है?
इसका उतà¥à¤¤à¤° होगा नहीं, न तो परमातà¥à¤®à¤¾ को हमारे à¤à¤• लोटे जल की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है और न ही जो जल हम चà¥à¤¾ रहे हैं वह हमारा अपना है। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि हम उसे जल कà¥à¤¯à¤¾ देंगे जिसने बड़े-बड़े समà¥à¤¦à¥à¤° पृथà¥à¤µà¥€ पर और आकाश में बनाà¤à¤‚ हैं बड़ी-बड़ी नदियां, तालाब और विशाल गगन चà¥à¤‚à¤à¥€ बरà¥à¤«à¥€à¤²à¥‡ पहाड़ जिसने रचे हैं, बारिश का अथाह पानी जो हम सबको देता है। इसलिठजो दाता है सबको देता है उसे उस à¤à¤• लोटे पानी की कà¥à¤¯à¤¾ जरूरत?
दूसरा यह कि जहां से पानी लाठवह à¤à¥€ उसी कादिया हà¥à¤† है। उसकी वसà¥à¤¤à¥ उसी को à¤à¥‡à¤‚ट करके उसे पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ अजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¤à¤¾ है। किसी के घर जाकर उसी की वसà¥à¤¤à¥ घर से उठाकर उसे à¤à¥‡à¤‚ट कर दें तो इससे वह खà¥à¤¶ होगा यश हमारी अजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¤à¤¾ पर हंसेगा?
परमातà¥à¤®à¤¾ को कोई à¤à¥€ à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• वसà¥à¤¤à¥ की न तो आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है और न ही उसने कà¤à¥€ गà¥à¤°à¤¹à¤£ की है। उसके नाम पर चà¥à¤¾à¤µà¤¾ करके हम ही उस वसà¥à¤¤à¥ को पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ के रूप में गà¥à¤°à¤¹à¤£ कर लेते हैं। अरे, परमातà¥à¤®à¤¾ को देना है तो वह दो जो तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¤¾ है। परमातà¥à¤®à¤¾ को देने के लिठसà¥à¤µà¤šà¥à¤› हृदय, शà¥à¤ करà¥à¤®, शà¥à¤ विचार और उसकी कृपा के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ सदà¤à¤¾à¤µ हैं जो हमारे हाथ में हैं, इसके सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ हम हैं, यह चà¥à¤¾à¤•à¤° उस परमातमा को पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ कर सकते हैं।
धारà¥à¤®à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤µ से यातà¥à¤°à¤¾ बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¥€ बात है। किनà¥à¤¤à¥ इसकी सारà¥à¤¥à¤•à¤¤à¤¾ व महतà¥à¤¤à¥à¤µ के लिठजो यातà¥à¤°à¤¾ निकाली जाती है इसमें बहà¥à¤¤ सà¥à¤§à¤¾à¤° होना चाहिà¤à¥¤ यातà¥à¤°à¤¾ के साथ कà¥à¤› करà¥à¤®à¤•à¤¾à¤£à¥à¤¡à¥€ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ à¤à¥€ चलें, रासà¥à¤¤à¥‡ में आने वाले गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥‹à¤‚ अथवा शहरों में आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® करें, पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ सà¥à¤¬à¤¹ सायंकाल यजà¥à¤ž, à¤à¤œà¤¨, कीरà¥à¤¤à¤¨ और जà¥à¤žà¤¾à¤¨ वरà¥à¤§à¤• उपदेश हों। यातà¥à¤°à¤¾ के मधà¥à¤¯ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿, परिवार, समाज व राषà¥à¤Ÿà¥à¤° के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ अचà¥à¤›à¥‡ उदà¥à¤—ार à¤à¤°à¤¾ वातावरण हो। दà¥à¤°à¥à¤—à¥à¤£-दà¥à¤°à¥à¤µà¥à¤¯à¤¸à¤¨à¥‹à¤‚ को तà¥à¤¯à¤¾à¤— सदà¥à¤—à¥à¤£ गà¥à¤°à¤¹à¤£ करने की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ इसमें मिले। किसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° का नशा व अà¤à¤•à¥à¤· पदारà¥à¤¥à¥‹à¤‚ का पूरà¥à¤£à¤¤à¤ƒ सेवन निषेध हो।
जितने दिन कावड़ यातà¥à¤°à¤¾ में रहे जीवन संयमित व आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• विचारों से पूरà¥à¤£ हो। समाज व संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ रकà¥à¤·à¤¾ व पà¥à¤°à¤—ति का सनà¥à¤¦à¥‡à¤¶ घर-घर पहà¥à¤‚चाने की योजना बनें ताकि सनातन धरà¥à¤® की अचà¥à¤›à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ को समाज समà¤à¥‡ व उसके पà¥à¤°à¤¤à¤¿ दृà¥à¤¤à¤¾ हो। à¤à¤¸à¤¾ कारà¥à¤¯ कावड़ यातà¥à¤°à¤¾ में करना सारà¥à¤¥à¤• है समय, शकà¥à¤¤à¤¿, समà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ का सदà¥à¤ªà¤¯à¥‹à¤— है।
किनà¥à¤¤à¥ इसके सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर केवल मनोरंजन, नशीले पदारà¥à¤¥à¥‹à¤‚ का सेवन, अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨à¤¹à¥€à¤¨à¤¤à¤¾ का पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ और मातà¥à¤° जगह-जगह लगे à¤à¥‹à¤œà¤¨ नाशà¥à¤¤à¥‡ के कैमà¥à¤ªà¥‹à¤‚ का आननà¥à¤¦ लेने के लिठजो यातà¥à¤°à¤¾à¤à¤‚ निकाली जावे वे सारà¥à¤¥à¤• नहीं हैं। कई बार देखा गया है कि अनेक कावड़िया गांजा, à¤à¤¾à¤‚ग और यहां तक कि शराब का सेवन करते हà¥à¤ à¤à¥€ देखे गà¤à¥¤ कà¥à¤› निठलà¥à¤²à¥‡, बेरोजगार इसी बहाने कà¥à¤› दिन माजमसà¥à¤¤à¥€ में कट जायेंगे, यातà¥à¤°à¤¾à¤“ं में शामिल होते देखे गà¤à¥¤ इन सबसे मनोरंजन या अपना पैसा खरà¥à¤š कर ससà¥à¤¤à¥€ लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤à¤¾ अथवा अहम की तà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ तो हो सकती है किनà¥à¤¤à¥ यà¥à¤µà¤¾ पीà¥à¥€ का à¤à¤Ÿà¤•à¤¾à¤µ समाज की सबसे बड़ी हानि है।
हमारे मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® समà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯ के उन वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से सीखना चाहिठजो यातà¥à¤°à¤¾ करते हैं पर अपना खरà¥à¤š करके सादा जीवन वà¥à¤¯à¤¤à¥€à¤¤ करके इसà¥à¤²à¤¾à¤® का घर-घर में पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° करते हैं। इसà¥à¤²à¤¾à¤® के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ इसà¥à¤²à¤¾à¤® के अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में कटà¥à¤Ÿà¤°à¤¤à¤¾ आà¤à¥¤ उनका à¤à¤¸à¤¾ पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ उनके मजहब की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से सारà¥à¤¥à¤• है समय व शकà¥à¤¤à¤¿ की बरà¥à¤¬à¤¾à¤¦à¥€ नहीं है। उनसे सीखकर सतà¥à¤¯ सनातन धरà¥à¤® के लाà¤à¤¾à¤°à¥à¤¥ कà¥à¤› यदि हो सके तो à¤à¤¸à¥€ कावड़ यातà¥à¤°à¤¾ को निकालना सारà¥à¤¥à¤• होगा।?
-पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ आरà¥à¤¯
-सà¤à¤¾à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€, सारà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¤¿à¤• आरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ सà¤à¤¾, दिलà¥à¤²à¥€
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