अब धरà¥à¤®à¤ªà¤°à¤¿à¤µà¤°à¥à¤¤à¤¨ के à¤à¥€ सà¥à¤•à¥‚ल
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Rajeev ChoudharyDate
11-Aug-2017Category
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अब धरà¥à¤®à¤ªà¤°à¤¿à¤µà¤°à¥à¤¤à¤¨ के à¤à¥€ सà¥à¤•à¥‚ल
कहते हैं कि राजनीति में सही और ग़लत कà¥à¤› नहीं होता. लेकिन धरà¥à¤® गलत सही की वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾ के साथ हमेशा खड़ा होता है. यूठतो à¤à¤¾à¤°à¤¤ की राजनीति में रोज़ नठधमाके होते रहते हैं. लेकिन अब यह सब धरà¥à¤® में à¤à¥€ पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ कर चूका है मेवात मॉडल सà¥à¤•à¥‚ल मà¥à¥€ (नगीना) में बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को जबरन नमाज पà¥à¤¾à¤¨à¥‡ और धरà¥à¤® परिवरà¥à¤¤à¤¨ कराने वाला मामला इस बात की चीख-चीखकर गवाही दे रहा है. मेवात मॉडल सà¥à¤•à¥‚ल मà¥à¥€ के कà¥à¤› बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ ने उपायà¥à¤•à¥à¤¤ मनीराम शरà¥à¤®à¤¾ को दी शिकायत में आरोप लगाया कि पहले वह सà¥à¤•à¥‚ल के हॉसà¥à¤Ÿà¤² में रहते थे. इस दौरान कà¥à¤› छातà¥à¤° नमाज पà¥à¤¨à¥‡ के लिठदबाव डालते थे. इतना ही नहीं मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• à¤à¥€ उन पर धरà¥à¤® परिवरà¥à¤¤à¤¨ के लिठदबाव बनाते थे. इसके लिठसà¥à¤•à¥‚ल के à¤à¤• अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• मोइनà¥à¤¦à¥à¤¦à¥€à¤¨ उनको परेशान करते थे. इतना ही नहीं उनका आरोप है कि दूसरे धरà¥à¤®à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ उनका वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° ठीक नहीं है.
दरअसल मेवात पहले हरियाणा में जिला गà¥à¥œà¤—ांव का à¤à¤• à¤à¤¾à¤— था. लेकिन बाद में सरकार ने जिला मेवात के नाम से अलग जिला बना दिया है जिसमें पà¥à¤¨à¥à¤¹à¤¾à¤¨à¤¾, फिरोजपà¥à¤° à¤à¤¿à¤°à¤•à¤¾, नगीना तावडू व हथीन खंड आते है. आंकड़े बताते है 1947 में इस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में लगà¤à¤— 30 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ हिनà¥à¤¦à¥‚ थे लेकिन अब घटकर 20 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ रह गठहै वे à¤à¥€ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° कसà¥à¤¬à¥‹à¤‚ में है गांवों में तो बालà¥à¤®à¥€à¤•à¤¿, हरिजन व कà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤° बगैरा ही दो दो चार चार ही घर रह गठहै. मेवात का अलà¥à¤ªà¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤• हिनà¥à¤¦à¥‚ अनेक समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं से गà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ है तथा आतंकित व डरा हà¥à¤† है. कहा जाता यहां के गरीब हिनà¥à¤¦à¥‚ परिवारों को जो गाà¤à¤µ में रहते है, उनको नल व कà¥à¤“ं से पानी न à¤à¤°à¤¨à¥‡ देना, उनकी होली दहन, मंदिर शà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤¨ à¤à¥‚मियों व खेतों पर नायायज कबà¥à¤œà¥‡ तथा अनेक पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से तंग करके इसà¥à¤²à¤¾à¤® धरà¥à¤® अपनाने के लिठबाधà¥à¤¯ करते है. वे मजबूर होकर या तो धरà¥à¤® परितरà¥à¤µà¤¨ कर लेते है या पलायन कर जाते है यहां हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं के पास आय के कोई अचà¥à¤›à¥‡ साधन नहीं है कà¥à¤² मिलाकर कहा जाये तो यहाठके गांवों का हिनà¥à¤¦à¥‚ इनकी दया पर ही निरà¥à¤à¤° रहता है.
इसी मेवात मॉडल सà¥à¤•à¥‚ल मà¥à¥€ में जबरन धरà¥à¤®à¤ªà¤°à¤¿à¤µà¤°à¥à¤¤à¤¨ का यह मामला कोई मधà¥à¤¯à¤¯à¥à¤—ीन या पचास सौ साल पहला नहीं बलà¥à¤•à¤¿ आज 21 वीं सदी के तेज रफ़à¥à¤¤à¤¾à¤° से दौड़ते à¤à¤¾à¤°à¤¤ में घटा है और सवाल उठा रहा है कि इस सà¥à¤•à¥‚ल में जबरन नमाज पढने के लिठबाधà¥à¤¯ किये जाने वाले पीड़ित बचà¥à¤šà¥‡à¤‚ वहां इतिहास, à¤à¥‚गोल, गणित आदि विषयों को पढने की हर माह मोटी फ़ीस à¤à¤° रहे है या नमाज पढने की? वहां पढने वाले बचà¥à¤šà¥‡ यहाठतक बता रहे कि नमाज न पढने पर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ थपà¥à¤ªà¥œ तक खाने पड़े. कà¥à¤¯à¤¾ सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ में यही धारà¥à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ का अधिकार है? आज à¤à¤²à¥‡ ही सà¥à¤•à¥‚ल पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¶à¤¨ यह कहता हो कि हमने आरोपी शिकà¥à¤·à¤• निलमà¥à¤¬à¤¿à¤¤ कर दिठकिनà¥à¤¤à¥ à¤à¤• सवाल यह à¤à¥€ खड़ा हो रहा कि इसà¥à¤²à¤¾à¤® से इस मानसिकता का निलमà¥à¤¬à¤¨ कब होगा? कब तक मोइनà¥à¤¦à¥à¤¦à¥€à¤¨ जैसे लोग इसà¥à¤²à¤¾à¤® के छतà¥à¤° तले दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ को देखने की कोशिश करते रहेंगे?
पिछले हजारों सालों में इनà¥à¤¸à¤¾à¤¨ बदले, नाम, पहचान के साथ देश और सरहदें बदली. लेकिन बदलाव के इस दौर यदि कà¥à¤› नहीं बदला वो है इसà¥à¤²à¤¾à¤® में धरà¥à¤®à¤ªà¤°à¤¿à¤µà¤°à¥à¤¤à¤¨ की मजहबी मानसिकता कà¥à¤¯à¥‹à¤‚? अरबी में à¤à¤• कहावत है यदि तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ मालà¥à¤® नही है तो विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ से पूछो. मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ इसका अकà¥à¤·à¤°à¤¶à¤ƒ पालन à¤à¥€ करते हैं. अरबी à¤à¤¾à¤·à¤¾ के साथ अरब के मजहब की वकालत करने वाले उलेमा, मौलवी, मà¥à¤«à¥à¤¤à¥€, काजी इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ धरà¥à¤®à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ जिनके नियंतà¥à¤°à¤£ के बाहर और अनà¥à¤¦à¤° हजारों मदरसे लाखों मसà¥à¤œà¤¿à¤¦à¥‹à¤‚ में चलने वाले छोटे-छोटे मकतब, जिनमें मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® शिशà¥à¤“ं की मानसिकता का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ होता है इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ चलाये जाते हैं. कà¥à¤¯à¤¾ यह बता सकते है कि आज के आधà¥à¤¨à¤¿à¤• सà¥à¤•à¥‚लों में इसà¥à¤²à¤¾à¤® को लेकर उसे अबोध बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ पर थोपने की यह मारामारी है तो बता दीजिये कि मदरसों में कà¥à¤¯à¤¾ सिखलाया जाता होगा? यही कि इसà¥à¤²à¤¾à¤® ही महान धरà¥à¤® है शेष दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ पागल या फिर अधारà¥à¤®à¤¿à¤• है?
मैंने इस मामले को काफी धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ से पà¥à¤¾ समà¤à¤¾ जाना मैंने à¤à¤• पीड़ित बचà¥à¤šà¥‡à¤‚ की माठका दरà¥à¤¦ à¤à¥€ सà¥à¤¨à¤¾ जो à¤à¤• मोटी रकम सà¥à¤•à¥‚ल में à¤à¥‹à¤•à¤¨à¥‡ के बाद à¤à¥€ अपने बचà¥à¤šà¥‡à¤‚ को मà¥à¤–à¥à¤¯à¤§à¤¾à¤°à¤¾ की शिकà¥à¤·à¤¾ के बजाय सिरà¥à¤« नमाज सिखा पाई? इस इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ मानसिकता का विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• अधà¥à¤¯à¤¨ यही कहता है कि à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® मानसिकता ने हिनà¥à¤¦à¥‚ विरोध को मजहब का हिसà¥à¤¸à¤¾ समठसतà¥à¤¯ मान लिया है. आखिर कà¥à¤¯à¤¾ कारण है मधà¥à¤¯ यà¥à¤— के महाबलशाली और कà¥à¤°à¥‚र सà¥à¤²à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ ने धरà¥à¤® परिवरà¥à¤¤à¤¨ जो वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤à¤‚ दी हैं जिनके कारण जिनके कारण हजारों लोगों को जीवन दांव पर लगाना पड़ा था वो वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤à¤‚ आज à¤à¥€ खाड़ी देशों में आतंक के नाम पर और चूà¤à¤•à¤¿ यहाठइस लोकतानà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤°à¤¤ में आपका वश नहीं चल रहा तो यह पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤œà¤¾à¤² और सà¥à¤•à¥‚लों के माधà¥à¤¯à¤® से उसे जीवित रखे हà¥à¤ हो.
शायद इसी वजह से आज सारे विशà¥à¤µ में मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ को à¤à¤• ही नज़र से देखा जा रहा है. इसकी वजह à¤à¥€ वो खà¥à¤¦ ही हैं. मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ की सोच ये है कि बस इसà¥à¤²à¤¾à¤® ही à¤à¤• मजहब है और मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ ही ईशà¥à¤µà¤° की संतान हैं. जो मौलाना मà¥à¥žà¥à¤¤à¥€ आज बड़े-बड़े नà¥à¤¯à¥‚ज़ रूम में बैठकर कह रहे है कि इसà¥à¤²à¤¾à¤® जबरन धरà¥à¤® परिवरà¥à¤¤à¤¨ की आजà¥à¤žà¤¾ नहीं करता कà¥à¤¯à¤¾ वो बता सकते है कि अरब से यहूदी, ईरान से पारसी, अफगानिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ से हिनà¥à¤¦à¥‚ और बोदà¥à¤§, लाहौर से सिख, कशà¥à¤®à¥€à¤° से हिनà¥à¤¦à¥‚ कहाठगये? जबकि ये इनके मूल धारà¥à¤®à¤¿à¤• पहचान के मूल सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ थे. फिर à¤à¥€ हिनà¥à¤¦à¥à¤“ ने मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹ को सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° किया उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ दो राषà¥à¤Ÿà¥à¤° पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ और बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ दिठकिसलिà¤? शायद इसलिठकि अब à¤à¤¾à¤°à¤¤ शांति और सà¥à¤•à¥‚न से रह सके à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ अपने मूल धरà¥à¤® में अपनी पूजा उपासना कर सकें इसके बाद à¤à¥€ जबरन धरà¥à¤®à¤ªà¤°à¤¿à¤µà¤°à¥à¤¤à¤¨ कराना, मजहब के नाम पर अपनी मजहबी उपासना की पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ मासूम बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ पर थोपना, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ आप लोग à¤à¤•à¤¤à¤¾ में अनेकता और धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ के सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚तों को बली वेदी पर चà¥à¤¾ रहे है?
---राजीव चौधरी
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