निठारी कांड, आरोपियों पर कोई रहम ना हो.
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Rajeev ChoudharyDate
11-Aug-2017Category
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निठारी कांडआरोपियों पर कोई रहम ना हो.
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निठारी कांड, आरोपियों पर कोई रहम ना हो.
दिसमà¥à¤¬à¤° 2006 की कड़ाके की सरà¥à¤¦à¥€ में पूरे देश के लहू को उबाल देने वाले नोà¤à¤¡à¤¾ के बहà¥à¤šà¤°à¥à¤šà¤¿à¤¤ निठारी कांड में आरोपी मनिंदर सिंह पंढेर और सà¥à¤°à¥‡à¤‚दà¥à¤° कोली को फांसी की सजा मिली है. सà¥à¤ªà¥‡à¤¶à¤² सीबीआई कोरà¥à¤Ÿ ने 20 वरà¥à¤·à¥€à¤¯ पिंकी सरकार रेप और मरà¥à¤¡à¤° केस में पंढेर और कोली को दोषी पाते हà¥à¤ इस कांड में सजा सà¥à¤¨à¤¾à¤ˆ है. यह इस कांड का 8वां केस है. जबकि हतà¥à¤¯à¤¾ और रेप के करीब 16 मामले इन लोगों पर दरà¥à¤œ है.
शायद ही इस घटना को अà¤à¥€ तक कोई नहीं à¤à¥à¤²à¤¾ होगा, जब à¤à¤• के बाद à¤à¤• नोà¤à¤¡à¤¾ के निठारी गांव. कोठी नंबर डी-5. से नरकंकाल मिलने शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤, उस समय पूरे देश में सनसनी फैल गई. सीबीआई को जांच के दौरान मानव हडà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के हिसà¥à¤¸à¥‡ और 40 à¤à¤¸à¥‡ पैकेट मिले थे, जिनमें मानव अंगों को à¤à¤°à¤•à¤° नाले में फेंक दिया गया था. कोठी के मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सà¥à¤°à¥‡à¤‚दà¥à¤° कोली को पà¥à¤²à¤¿à¤¸ ने धर दबोचा. इस मामले का खà¥à¤²à¤¾à¤¸à¤¾ 2006 में तब हà¥à¤† जब रिंपा हलधर और पिंकी सरकार के अगवा होने का मामला नोà¤à¤¡à¤¾ पà¥à¤²à¤¿à¤¸ ने दरà¥à¤œ किया. पà¥à¤²à¤¿à¤¸ ने ढूंढने की बहà¥à¤¤ कोशिश की, पर कायमाबी नहीं मिली. 29 दिसंबर 2006 को कोठी के पीछे कà¥à¤› नर कंकाल मिलने के बाद मामले का खà¥à¤²à¤¾à¤¸à¤¾ हà¥à¤†. पà¥à¤²à¤¿à¤¸ ने जांच तेज की और कोठी के पीछे खà¥à¤¦à¤¾à¤ˆ करायी तो रिंकी और रिंपा समेत कà¥à¤² 15 बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के कंकाल बरामद हà¥à¤. उस कोठी में आसपास के इलाकों से 2005 से गायब हो रहे बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की लगातार हतà¥à¤¯à¤¾ की जा रही थी.
पà¥à¤²à¤¿à¤¸ ने पंढेर व कोली को गिरफà¥à¤¤à¤¾à¤° कर लिया. तीन जनवरी 2007 को केंदà¥à¤° सरकार ने जांच समिति गठित की. चार जनवरी को उतà¥à¤¤à¤°à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ सरकार ने सीबीआइ जांच से इनकार कर दिया. अंत: 10 जनवरी को सीबीआइ जांच शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤ˆ. हालाà¤à¤•à¤¿ 2007 में जब इस मामले की जांच पà¥à¤²à¤¿à¤¸ कर रही थी, तब कोठी मालिक के समाज के कई पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥€ लोगों से रिशà¥à¤¤à¥‹à¤‚ के आरोप लगे थे. उस समय मीडिया में इस तरह की à¤à¥€ खबरें à¤à¥€ आयी थी कि उसके रिशà¥à¤¤à¥‡ उस समय उतà¥à¤¤à¤°à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के à¤à¤• ताकतवर नेता से à¤à¥€ थे. लेकिन पà¥à¤°à¥‡ देश के लोगो में गà¥à¤¸à¥à¤¸à¥‡ के सामने इन दोनों नरपिचाशों का à¤à¤• à¤à¥‚ठना चला.
आइà¤, à¤à¤• बार फिर हम चलते है राजधानी दिलà¥à¤²à¥€ से सटे नोà¤à¤¡à¤¾ के सेकà¥à¤Ÿà¤°-31 के पास सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ उस छोटे से गांव निठारी में, जहां मासूम बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की चीख-पà¥à¤•à¤¾à¤° और आंखों में à¤à¤• खौफनाक दृशà¥à¤¯ अà¤à¥€ à¤à¥€ उà¤à¤°à¤¤à¤¾ हà¥à¤† दिख जाता है. करोड़पति मोनिंदर सिंह पंधेर की उस खूनी कोठी नंबर डी-5 को à¤à¤²à¤¾ कौन à¤à¥‚ल सकता है. कौन à¤à¥‚ल सकता है कि इसी कोठी में इंसान के रूप में मौजूद à¤à¥‡à¥œà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने à¤à¤• दो नहीं बलà¥à¤•à¤¿ 17 बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को अपना शिकार बनाकर इसी कोठी में उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ दफन कर दिया था. इस कोठी में रहने वाले नरपिशाचों ने बड़ें ही शातिर à¥à¤— से गांव के à¤à¥‹à¤²à¥‡-à¤à¤¾à¤²à¥‡ मासूम बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को किसी न किसी बहाने अपने पास बà¥à¤²à¤¾à¤¤à¥‡ थे. इसके बाद उनके साथ हैवानियत की हदें पार कर उनकी हतà¥à¤¯à¤¾ करने के बाद लाश के टà¥à¤•à¥œà¥‡-टà¥à¤•à¥œà¥‡ कर नाले में बहा देते हैं.
दरिंदगी की हद यहाठà¤à¥€ रà¥à¤• जाती तो गनीमत थी किनà¥à¤¤à¥ सà¥à¤°à¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° कोली तो हेवानियत के उस मोड़ तक जाता जहाठदरिनà¥à¤¦à¥‡ à¤à¥€ शरà¥à¤® की वजह से गरà¥à¤¦à¤¨ à¤à¥à¤•à¤¾ ले. मासूम बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को अपनी कोठी में ले जाकर उसके साथ कà¥à¤•à¤°à¥à¤® उसके बाद उनका गला घोंटकर हतà¥à¤¯à¤¾. इतने से à¤à¥€ मन नहीं à¤à¤°à¤¾ तो उसके शव के छोटे-छोटे टà¥à¤•à¥œà¥‡ कर कà¥à¤› पकाकर खाठतो कà¥à¤› हिसà¥à¤¸à¥‡ को कोठी के पीछे नाले में बहा दिà¤. यह खौफनाक सिलसिला करीब डेॠसाल से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ समय तक चला. लेकिन किसी की नजर इस अमीरजादे दरिनà¥à¤¦à¥‡ पंधेर की कोठी पर नहीं पड़ी. हां, इतना जरूर हà¥à¤† कि कोठी के पास सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ पानी की à¤à¤• टंकी के आसपास से बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को गायब होने का शक जरूर हà¥à¤† लेकिन इसे अनà¥à¤§à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ का जामा पहना दिया गया और गांव वालों ने तो यहां तक मान लिया कि जरूर पानी टंकी के पास कोई à¤à¥‚त रहता है जो बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को निगल जाता है.
लेकिन पिंकी सरकार के लापता होने की जांच के दौरान जब यह पता चला कि उसकी हतà¥à¤¯à¤¾ कोली ने की है तो पà¥à¤²à¤¿à¤¸ ने मामले को गहराई से जांचना शà¥à¤°à¥‚ किया. फिर कà¥à¤¯à¤¾ था...à¤à¤• के बाद मामले खà¥à¤²à¤¤à¥‡ गठऔर जांच दल को बड़े पैमाने पर बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की नृशंस हतà¥à¤¯à¤¾à¤“ं के बारे में पता चलता गया. उस समय कोली को सिलसिलेवार हतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¾ करार देते हà¥à¤ अदालत ने कहा था कि उसके पà¥à¤°à¤¤à¤¿ कोई दया नहीं दिखाई जानी चाहिà¤. 24 दिसंबर 2012 को सीबीआई विशेष नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤§à¥€à¤¶ à¤à¤¸. लाल ने आरोपी सà¥à¤°à¥‡à¤‚दà¥à¤° कोली को दोषी मानते हà¥à¤ फांसी की सजा सà¥à¤¨à¤¾à¤ˆ थी. फैसले में नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤§à¥€à¤¶ ने अपनी टिपà¥à¤ªà¤£à¥€ में कहा था कि ‘अà¤à¤¿à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ के मन में हमेशा यही à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ बनी रहती है कि किसको मारूं, काटूं व खाऊं. अà¤à¤¿à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ इन परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में समाज के लिठखतरा बन चà¥à¤•à¤¾ है. उसके सà¥à¤§à¤¾à¤° और पà¥à¤¨à¤°à¥à¤µà¤¾à¤¸ की संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤à¤‚ à¤à¥€ नहीं हैं. मृतका की आतà¥à¤®à¤¾ को तà¤à¥€ शांति मिल सकती है, जब अà¤à¤¿à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ को मृतà¥à¤¯à¥ दंड से ही दंडित किया जाà¤. इस कांड में नर पिशाच के नाम से कà¥à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¤ सà¥à¤°à¥‡à¤‚दà¥à¤° कोली को 7वीं बार मौत की सजा सà¥à¤¨à¤¾à¤ˆ गई है. कोरà¥à¤Ÿ ने इस केस को रेयरेसà¥à¤Ÿ ऑफ द रेयर मानते हà¥à¤ दोनों दोषियों को मरते दम तक फांसी पर लटकाने का आदेश दिया हैं
---Rajeev Choudhary
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