मà¥à¤—ल इतिहास में रहने चाहिठलेकिन इस तरह नहीं
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Rajeev ChoudharyDate
21-Aug-2017Category
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मà¥à¤—ल इतिहास में रहने चाहिठलेकिन इस तरह नहीं
टोपी सिलकर गà¥à¤œà¤¾à¤°à¤¾ करता था औरंगजेब. अकबर à¤à¤• महान उदार राजा था. शेरशाह सूरी ने रोड बनवाई थी, किसी मà¥à¥šà¤² ने ताजमहल तो किसी ने लालकिला बनवाया. कà¥à¤› à¤à¤¸à¥€ ही कहानियाठहम बचपन से पढतें आ रहे है. यदि यह सब सच है तो फिर लाखों हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं और अपने सगे à¤à¤¾à¤ˆ दाराशिकोह की गरà¥à¤¦à¤¨ धड से अलग करने वाला मà¥à¤—ल बादशाह कौन था? आजकल इसी इतिहास को लेकर राजनैतिक हलको में जो शोर है और ये शोर इतिहास की उन लाखों निरà¥à¤¦à¥‹à¤·à¥‹à¤‚ की चीख पà¥à¤•à¤¾à¤° पर हावी है जिसे जबरन धरà¥à¤® परिवरà¥à¤¤à¤¨ कराने वाले मà¥à¤—ल शासक औरंगजेब ने इतिहास की उदार टोपी पहनाकर दबा दिया था.
अगसà¥à¤¤ 1947 जब अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ की दासता से जकड़े à¤à¤¾à¤°à¤¤ ने आजादी की पहली खà¥à¤²à¥€ साà¤à¤¸ ली तो हमें मà¥à¤—लों की धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ और उदारता के पाठपढनें को मिले. किनà¥à¤¤à¥ अब महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° राजà¥à¤¯ शिकà¥à¤·à¤¾ बोरà¥à¤¡ ने इतिहास की पाठà¥à¤¯à¤ªà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‹à¤‚ में से मà¥à¤—लों को गायब करना शà¥à¤°à¥‚ कर दिया है. इस शिकà¥à¤·à¤£ वरà¥à¤· में बोरà¥à¤¡ ने सातवीं और नौवीं कà¥à¤²à¤¾à¤¸ के लिठइतिहास की संशोधित टेकà¥à¤¸à¥à¤Ÿà¤¬à¥à¤•à¥à¤¸ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ किया है, जिसमें शिवाजी महाराज दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ मराठा सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ पर मà¥à¤–à¥à¤¯ रूप से जोर दिया गया है. सातवीं कà¥à¤²à¤¾à¤¸ की पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‹à¤‚ में से उन चैपà¥à¤Ÿà¤°à¥à¤¸ को हटा दिया गया है जिसमें मà¥à¤—लों और मà¥à¤—ल शासन से पहले à¤à¤¾à¤°à¤¤ के मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® शासकों जैसे रजिया सà¥à¤²à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤¾ और मà¥à¤¹à¤®à¥à¤®à¤¦ बिन तà¥à¤—लक के बारे में उलà¥à¤²à¥‡à¤– था.
अचà¥à¤›à¤¾ जो लोग आज à¤à¥€ औरंगजेब के नाम का गà¥à¤£à¤—ान करते हैं उनसे पूछिठकि दाराशिकोह ने à¤à¤¸à¤¾ कौन सा गà¥à¤¨à¤¾à¤¹ किया कि उसके नाम को आप à¤à¥à¤²à¤¾à¤¨à¤¾ चाहते है और औरंगजेब ने कà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤¸à¤¾ काम किया कि उसके नाम का गà¥à¤£à¤—ान करना चाहते हैं?
आखिर जिन पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‹à¤‚ में वीर शिवाजी, महाराणा पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª, चांद बीबी और रानी दà¥à¤°à¥à¤—ावती ने देश की असà¥à¤®à¤¿à¤¤à¤¾ और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ बचाने के लिठइन लà¥à¤Ÿà¥‡à¤°à¥‹à¤‚ के खिलाफ संघरà¥à¤· किया. जहाठउनका संघरà¥à¤· उलà¥à¤²à¥‡à¤–नीय होना चाहिठथा वहां अकबर को उदार और सहिषà¥à¤£à¥ शासक के तौर पर दिखाया गया था जो शिकà¥à¤·à¤¾ à¤à¤µà¤‚ कला का संरकà¥à¤·à¤• था. अकबर का उलà¥à¤²à¥‡à¤– à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के तौर पर किया गया उनको दीन-à¤-इलाही जैसे धरà¥à¤® का संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• à¤à¥€ बताया गया गया. फिर जोधाबाई से जबरन शादी करने वाला कौन था?
दूसरा सवाल आतंकी संगठन आईà¤à¤¸à¤†à¤ˆà¤à¤¸à¤†à¤ˆ के बारे में जब हम पà¥à¤¤à¥‡ हैं कि वह अलà¥à¤ªà¤¨à¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤¤à¤• यजीदी महिलाओं को यौन गà¥à¤²à¤¾à¤® बना रहा है तो हमें आशà¥à¤šà¥‡à¤°à¥à¤¯ होता है. लेकिन आपको जानकर आशà¥à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ होगा कि दिलà¥à¤²à¥€ सलà¥à¤¤à¤¨à¤¤ के सà¥à¤²à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ व मà¥à¤—ल बादशाहों ने à¤à¥€ बहà¥à¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤œà¤• हिंदू महिलाओं को बड़े पैमाने पर यौन दास यानी सेकà¥à¤¸ सेलेव बनाया था. इसमें मà¥à¤—ल बादशाह शाहजहां का हरम सबसे अधिक बदनाम रहा, जिसके कारण दिलà¥à¤²à¥€ का रेड लाइट à¤à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ जी.बी.रोड बसा इतिहासकार वी.सà¥à¤®à¤¿à¤¥ ने लिखा है, शाहजहाठके हरम में 8000 रखैलें थीं जो उसे उसके पिता जहाà¤à¤—ीर से विरासत में मिली थी. उसने बाप की समà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ को और बà¥à¤¾à¤¯à¤¾. उसने हरम की महिलाओं की वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• छाà¤à¤Ÿ की तथा बà¥à¥à¤¿à¤¯à¤¾à¤“ं को à¤à¤—ा कर और अनà¥à¤¯ हिनà¥à¤¦à¥‚ परिवारों से बलात लाकर हरम को बà¥à¤¾à¤¤à¤¾ ही रहा.
हम à¤à¥€ कहते है इतिहास से मà¥à¥šà¤² नहीं मिटने चाहिठबलà¥à¤•à¤¿ इस à¤à¥‚ठी उदारता की जगह वो सच लिखा जाना चाहिठजिसके छल-बल से इनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ यहाठराज किया. ताकि आने वाली नसà¥à¤²à¥‹à¤‚ को पता चले कि इनकी मजहबी सनक के कारण à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ हमारे पूरà¥à¤µà¤œà¥‹ का कितना मान मरà¥à¤¦à¤¨ हà¥à¤†. हतà¥à¤¯à¤¾à¤à¤‚ बलात धरà¥à¤®à¤ªà¤°à¤¿à¤µà¤°à¥à¤¤à¤¨ का सà¤à¥€ सच लिखा जाना चाहिठताकि आने वाली नसà¥à¤²à¥‡à¤‚ यदि इतिहास का कोई पनà¥à¤¨à¤¾ निचोड़े तो उसमें से दरà¥à¤¦, आंसू और खून निकल आये.
आर.सी. मजूमदार, अपनी पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• हिसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€ à¤à¤£à¥à¤¡ कलà¥à¤šà¤° ऑफ दी इणà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¨ पीपà¥à¤² में लिखते है कि कशà¥à¤®à¥€à¤° से लौटते समय 1632 में शाहजहाठको बताया गया कि अनेकों मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® बनायी गयी महिलायें फिर से हिनà¥à¤¦à¥‚ हो गईं हैं और उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने हिनà¥à¤¦à¥‚ परिवारों में शादी कर ली है. शहंशाह के आदेश पर इन सà¤à¥€ हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं को बनà¥à¤¦à¥€ बना लिया गया. उन सà¤à¥€ पर इतना आरà¥à¤¥à¤¿à¤• दणà¥à¤¡ थोपा गया कि उनमें से कोई à¤à¥à¤—तान नहीं कर सका. तब इसà¥à¤²à¤¾à¤® सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° कर लेने और मृतà¥à¤¯à¥ में से à¤à¤• को चà¥à¤¨ लेने का विकलà¥à¤ª दिया गया. जिनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡à¤‚ धरà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤°à¤£ सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° नहीं किया, उन सà¤à¥€ पà¥à¤°à¥‚षों का सर काट दिया गया. लगà¤à¤— चार हजार पाà¤à¤š सौं महिलाओं को बलात मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ बना लिया गया और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सिपहसालारों, अफसरों और शहंशाह के नजदीकी लोगों और रिशà¥à¤¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ के हरम में à¤à¥‡à¤œ दिया गया.
साल 1526 से लेकर 1857 तक हिनà¥à¤¦à¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ की सरजमीन पर मà¥à¤—लों की हà¥à¤•à¥‚मत रही है. शाहजहाठको पà¥à¤°à¥‡à¤® की मिसाल के रूप पेश किया जाता रहा है और किया à¤à¥€ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ न जाठ, आठहजार औरतों को अपने हरम में रखने वाला अगर किसी à¤à¤• में जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ रà¥à¤šà¤¿ दिखाठतो वो उसका पà¥à¤¯à¤¾à¤° ही कहा जाà¤à¤—ा. आप यह जानकर हैरान हो जायेंगे कि मà¥à¤®à¤¤à¤¾à¤œ का नाम मà¥à¤®à¤¤à¤¾à¤œ महल था ही नहीं बलà¥à¤•à¤¿ उसका असली नाम “अरà¥à¤œà¥à¤®à¤‚द-बानो-बेगम” था. और तो और जिस शाहजहाठऔर मà¥à¤®à¤¤à¤¾à¤œ के पà¥à¤¯à¤¾à¤° की इतनी डींगे हांकी जाती है वो शाहजहाठकी ना तो पहली पतà¥à¤¨à¥€ थी ना ही आखिरी शाहजहाठसे शादी करते समय मà¥à¤®à¤¤à¤¾à¤œ कोई कà¥à¤‚वारी लड़की नहीं थी बलà¥à¤•à¤¿ वो à¤à¥€ शादीशà¥à¤¦à¤¾ थी और उसका पति शाहजहाठकी सेना में सूबेदार था जिसका नाम “शेर अफगान खान” था. शाहजहाठने शेर अफगान खान की हतà¥à¤¯à¤¾ कर मà¥à¤®à¤¤à¤¾à¤œ से शादी की थी.
दरअसल इरफान हबीब जैसे इतिहासकारों का मà¥à¤—ल उदारता का इतिहास लेखन इस à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ चेतना में à¤à¤• रतà¥à¤¤à¥€ à¤à¤° परिवरà¥à¤¤à¤¨ इसलिठनहीं कर पायी है कि पीà¥à¥€ दर पीà¥à¥€ उसके अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥‹à¤‚ को हिनà¥à¤¦à¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ की जनता न à¤à¥à¤²à¤¾ पायी है और ना à¤à¥à¤²à¤¾ पायेगी. मà¥à¤—ल मौखिख इतिहास में रहेंगे, मà¥à¤—लों को इतिहास में रहना à¤à¥€ चाहिठताकि हमें पता रहे कि महाराणा पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª से लेकर वीर शिवाजी तक कैसे इन धोखेबाज लोगों से लड़े! लेकिन इस तरह नहीं जिस तरह उसे परोसा जा रहा है बलà¥à¤•à¤¿ उस सच के साथ जो कà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¥à¤¯ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जनमानस के साथ किये ताकि आने वाली पीà¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को पता चले कि कà¥à¤°à¥‚रता की कà¥à¤¯à¤¾ सीमा होती है, कà¥à¤°à¥‚रता का कà¥à¤¯à¤¾ रूप होता है, कà¥à¤°à¥‚रता का कà¥à¤¯à¤¾ रंग होता है?
इन धरà¥à¤®à¤¾à¤§ लोगों ने किस तरह हिनà¥à¤¦à¥‚ समाज का पतन किया, औरंगजेब ने अपने शासनकाल में बहà¥à¤¤ लोगों की हतà¥à¤¯à¤¾à¤à¤‚ की, बहà¥à¤¤ लोगों को निरà¥à¤®à¤®à¤¤à¤¾ से पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¥œà¤¿à¤¤ किया, बहà¥à¤¤ सारे मंदिरों को तोड़ा. इतिहास गवाह है कि मà¥à¤—ल किस तरह के शासक थे, किस तरह यहाठखून की होली खेलकर अपना राजà¥à¤¯ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ किया. à¤à¤• कमà¥à¤¯à¥à¤¨à¤² शासक थे, मजहबी शासक थे, और आज के समय में जो आइà¤à¤¸à¤†à¤‡à¤à¤¸ या तालिबान जो कर रही है, वो उस समय में करते थे सतà¥à¤°à¤¹à¤µà¥€à¤‚ शताबà¥à¤¦à¥€ में, तो इसीलिठवो विलेन थे. ना कि à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जन समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के हीरो...
---राजीव चौधरी
Sher afgan was husband of noorjahan not mumtajmahal