दà¥à¤°à¥à¤—ा उतà¥à¤¸à¤µ परà¥à¤µ कैसे मनावें
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Prakash AryaDate
21-Sep-2017Category
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HindiTotal Views
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RajeevUpload Date
21-Sep-2017Download PDF
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à¤à¤¾à¤°à¤¤ वरà¥à¤· परà¥à¤µà¥‹à¤‚ का देश है ऋतॠपरिवरà¥à¤¤à¤¨, महापà¥à¤°à¥‚षो के जीवन पर धारà¥à¤®à¤¿à¤• मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं या राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ परà¥à¤µà¥‹à¤‚ अथवा किसी बड़ी मानवीय उपलबà¥à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ पर पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ ये मनाये जाते हैं। परà¥à¤µ से जीवन में पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾, ऊरà¥à¤œà¤¾, मधà¥à¤°à¤¤à¤¾ आती है और आपसी संगठन, à¤à¤¾à¤ˆ चारे की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ बà¥à¤¤à¥€ है।
इन परà¥à¤µà¥‹à¤‚ को मनाने के पीछे कोई दरà¥à¤¶à¤¨ होता है अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ वह परà¥à¤µ मानव समाज को कोई सनà¥à¤¦à¥‡à¤¶ देता है। जैसे रावण दहन जीवन में पल रही आसà¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का नाश करने का, होली दहन आपसी ईषà¥à¤°à¥à¤¯à¤¾, बà¥à¤°à¤¾à¤ˆ को दहन कर पà¥à¤°à¥‡à¤® से गले मिलने का, दशहरा शौरà¥à¤¯à¤¤à¤¾ का, दीपावली सà¥à¤µà¤šà¥à¤›à¤¤à¤¾ और समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾ के साथ अनà¥à¤§à¥‡à¤°à¥‡ को दीपावली की सबसे काली अमावसà¥à¤¯à¤¾ में दीपक जलाकर अनà¥à¤§à¥‡à¤°à¥‡ को दूर कर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ फैलाने का सनà¥à¤¦à¥‡à¤¶ देता है अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ जीवन से अजà¥à¤žà¤¾à¤¨ रूपी अनà¥à¤§à¥‡à¤°à¥‡ से दूर होकर जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ से à¤à¤° जावें।
किनà¥à¤¤à¥ आज समाज à¤à¤¸à¥‡ जीवन उपयोगी दरà¥à¤¶à¤¨ से दूर होकर बाहरी पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ तक ही रह गया है। इसलिठपरà¥à¤µà¥‹à¤‚ से जो लाठमिलना चाहिठवह नहीं मिल पा रहा है। केवल कà¥à¤› दिनों का मनोरंजन ही मिल रहा है। यह परà¥à¤µà¥‹à¤‚ का उचित लाठनहीं है। इसलिठपरà¥à¤µà¥‹à¤‚ को जाने और मानें तà¤à¥€ उसका सही और पूरà¥à¤£ लाठहो सकता हैं
इसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° दà¥à¤°à¥à¤—ोतà¥à¤¸à¤µ में काली को शकà¥à¤¤à¤¿ के रूप में मानते हà¥à¤ उसकी सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ कर 9 दिन तक उसके सामने तरह-तरह के आयोजन करके मनाते है।
किसी ने दà¥à¤°à¥à¤—ा का यह सà¥à¤µà¤°à¥‚प समाज के सामने समाज को à¤à¤• शिकà¥à¤·à¤¾ देने की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ से पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया होगा। जिसमें नारी की महानता और महतà¥à¤µ को दà¥à¤°à¥à¤—ा के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ रूपों से समà¤à¤¾à¤¨à¥‡ का दरà¥à¤¶à¤¨ दिया है। नारी समाज और संसार के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ की à¤à¤• महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ कड़ी है कहा गया ‘‘माता निरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤¾ à¤à¤µà¤¤à¤¿à¥¤’’ नारी ममतà¥à¤µ, पà¥à¤°à¥‡à¤®, अनà¥à¤¨à¤ªà¥‚रà¥à¤£à¤¾, पà¥à¤°à¤¥à¤® गà¥à¤°à¥‚, परिवार व समाज की मà¥à¤–à¥à¤¯ धूरी है वही वह अपने शकà¥à¤¤à¤¿à¤¶à¤¾à¤²à¥€ रूप से दà¥à¤·à¥à¤Ÿà¥‹à¤‚ का मरà¥à¤¦à¤¨ करने वाली वीरांगना à¤à¥€ है।
काश दà¥à¤°à¥à¤—ा शौरà¥à¤¯à¤¤à¤¾ के इस रूप को नारी जाति अपने जीवन में अपना लें तो नारी जाति असà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ नहीं रहेगी।
ये हाथ जहां गहनों से सजाने के लिठहै वहीं आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ पड़ने पर शसà¥à¤¤à¥à¤° à¤à¥€ उठाले यह पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾à¤¸à¥à¤ªà¤¦ चितà¥à¤° नारी जाति को शिकà¥à¤·à¤¾ देता है। रानी दà¥à¤°à¥à¤—ावती, लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€à¤¬à¤¾à¤ˆ जैसी वीरांगनाओं ने दà¥à¤°à¥à¤—ा के इस सà¥à¤µà¤°à¥‚प को आतà¥à¤®à¤¸à¤¾à¤¤ किया है।
दà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ से शकà¥à¤¤à¤¿ का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• उस माठसे शौरà¥à¤¯à¤¤à¤¾ का समाज से दà¥à¤·à¥à¤ªà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¥€ हटाने का अदमà¥à¤¯ साहस की शिकà¥à¤·à¤¾ नहीं ली जा रही है। मातà¥à¤° मनोरंजन के लिठसंगीत, नृतà¥à¤¯ और निररà¥à¤¥à¤• हासà¥à¤¯ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®à¥‹à¤‚ का आयोजन इसका उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ रह गया। इतने लमà¥à¤¬à¥‡ समय तक चलने वाले तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° से कोई अचà¥à¤›à¤¾ सनà¥à¤¦à¥‡à¤¶ जब समाज को मिले तो उसका सही लाठहै।
जैसे काली के 8 हाथ इस बात का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• है कि चारों वरà¥à¤£ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£, कà¥à¤·à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯, वैशà¥à¤¯, शूदà¥à¤° जब à¤à¤• साथ होगें तो शकà¥à¤¤à¤¿ का रूप बनेगा।
अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ दो हाथ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ के, दो हाथ कà¥à¤·à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯ के, दो हाथ वैशà¥à¤¯ के, दो हाथ शूदà¥à¤° के इकठà¥à¤ े हो जावेगे तà¤à¥€ ये सनातन धरà¥à¤® सशकà¥à¤¤ होगा, उंच नींच के à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ समापà¥à¤¤ होगें। यही दà¥à¤°à¥à¤—ा के 8 हाथों का सनà¥à¤¦à¥‡à¤¶ है।
हम अजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¤à¤¾ में जिसकी पूजा करते हैं, जिसे महान बताते हैं किनà¥à¤¤à¥ कई सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर देखा गया फिलà¥à¤®à¥€ धà¥à¤¨à¥‹à¤‚ पर जोर-जोर से फूहड़ता के गीत बजाये जाते हैं à¤à¤¦à¥à¤¦à¥‡ नृतà¥à¤¯ किये जाते हैं à¤à¤• दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से यह उस दà¥à¤°à¥à¤—ा का अपमान है। यदि दà¥à¤°à¥à¤—ा पूजा करनी है। तो उसके चितà¥à¤° तक सीमित न रहो, उसके सà¥à¤µà¤°à¥‚प से जो चरितà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¤ होता है उसे अपनानें की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है।
इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ दिनों में कà¥à¤› अपà¥à¤°à¤¿à¤¯ घटनाà¤à¤‚ और दà¥à¤ƒà¤–दायी परिणाम à¤à¥€ घटित होते हैं, उसके पà¥à¤°à¤¤à¤¿ à¤à¥€ हमें धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देना आवशà¥à¤¯à¤• है। कà¥à¤› बिनà¥à¤¦à¥ इसके सनà¥à¤¦à¤°à¥à¤ में निमà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° हैं -
अपने उतà¥à¤¸à¤µ को हम ही कà¤à¥€-कà¤à¥€ अजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¤à¤¾ के कारण अथवा अनà¥à¤¯ किसी सामà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ से पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ होकर उसके सà¥à¤µà¤°à¥‚प को बिगाड़ देते हैं और अपने कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ से अनेक परिवारों और समाजों को परिवारों के लिठवà¥à¤¯à¤µà¤§à¤¾à¤¨ उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ कर देते हैं। इसमें मà¥à¤–à¥à¤¯ रूप से बड़ी तेज अवाज में और देर रात तक माइक, धà¥à¤µà¤¨à¤¿ पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤£ और सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ दà¥à¤ƒà¤–दायी साधन डीजे का अनियनà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¤ उपयोग करते हैं। संगीत की मधà¥à¤°à¤¤à¤¾ कम आवाज में करà¥à¤£ पà¥à¤°à¤¿à¤¯ होती है जोर से तेज आवाज में à¤à¤• सà¥à¤ªà¤°à¥à¤§à¤¾ की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ से बजाठजाने वाला संगीत कई लोगों को जैसे बीमार बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के लिठये हानिकारक होता है और डीजे हदय पीड़ित लोगों केà¥à¤° लिठहानिकारक होता है। इससे वह वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ आपके इस पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ को अचà¥à¤›à¤¾ नहीं कहता, धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ नहीं देता। दà¥à¤ƒà¤–ी मन कà¥à¤¯à¤¾ कहेगा ? सà¥à¤µà¤¯à¤‚ विचार करें।
हमारा उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ इन धारà¥à¤®à¤¿à¤• आयोजनों से सबको सà¥à¤–, शानà¥à¤¤à¤¿ और पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾ का होना चाहिà¤à¥¤
नव दिन का समय à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ समय है जिससे हजारों लोग à¤à¤• अचà¥à¤›à¥€ à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ को लेकर à¤à¤•à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¤ होते है। इस समय का उपयोग अचà¥à¤›à¥‡ à¤à¤¾à¤·à¤£à¥‹à¤‚, कवि समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨à¥‹à¤‚, नाटक आदि से करके परिवार, समाज और राषà¥à¤Ÿà¥à¤° को à¤à¤• अचà¥à¤›à¤¾ सनà¥à¤¦à¥‡à¤¶ दे सकते हैं। जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° मंे बाल गंगाधर तिलक ने गणेश उतà¥à¤¸à¤µ के नाम पर हजारों लोगों को इकटà¥à¤ ा किया था। à¤à¤¸à¤¾ ही कà¥à¤› इसमें à¤à¥€ होना चाहिà¤à¥¤
विशेष करके शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं में à¤à¤• शिषà¥à¤Ÿà¤¤à¤¾, संयम और सादगी का वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° होना चाहिà¤à¥¤ उचà¥à¤›à¤‚खलता, अशà¥à¤²à¥€à¤²à¤¤à¤¾, पहरावे से सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ होती है। à¤à¤• देवी के सामने जब हम जाà¤à¤‚ तो धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखना चाहिà¤à¥¤
देखा ये जाता है कि फिलà¥à¤®à¥€ सà¥à¤Ÿà¤¾à¤ˆà¤² में अनेक बचà¥à¤šà¥‡ à¤à¥€à¥œ में घà¥à¤¸à¤•à¤° अवà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ फैलाते हैं इस पर पालकांे को और आयोजकों को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देना चाहिà¤à¥¤
कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® नौ दिन तक होते हैं किनà¥à¤¤à¥ उनकी à¤à¤• समय की सीमा तय होना चाहिà¤à¥¤ ताकि जो लोग बीमार हैं जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ डाॅकà¥à¤Ÿà¤°à¥€ सलाह से आराम की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ परेशानी न हो।
दà¥à¤°à¥à¤—ा सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ के लिठजो सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ बनाये वह सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ à¤à¤¸à¤¾ होना चाहिठजिससे आवागमन पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ न हो। आवागमन अवरूदà¥à¤§ होने से à¤à¥€à¥œ बà¥à¤¤à¥€ है कà¤à¥€-कà¤à¥€ मारà¥à¤— जाम हो जाता है, विवाद बà¥à¤¤à¥‡ हैं।
इसलिठधारà¥à¤®à¤¿à¤• कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का आयोज किसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की अवà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ फैलाने के लिठनहीं होना चाहिà¤à¥¤ धरà¥à¤® का उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ समाज को सà¥à¤– शानà¥à¤¤à¤¿ सहयोग करना होता है।
कम से कम इन दिनों में किसी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° का नशा न करने का संकलà¥à¤ª लेना चाहिà¤à¥¤ ताकि नशे की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में ही आदमी मानसिक सनà¥à¤¤à¥à¤²à¤¨ खोकर अपà¥à¤°à¤¿à¤¯ घटनाओं को जनà¥à¤® देता है। इस नौ दिन में बड़े बड़े कई कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® होते है जिसमें जनमानस इकटà¥à¤ ा होता है। उसमें से कà¥à¤› वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ नशे में होकर मिल जायें तो वहां अवà¥à¤¸à¥à¤¥à¤¾ होने का खतरा बना रहता है। जो कà¤à¥€ कà¤à¥€ सामà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• विवादों का कारण à¤à¥€ बन जाता है।
पूरे देश की कई रिपोरà¥à¤Ÿ हैं, इन दिनों में ही नवयà¥à¤µà¤• बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को परिवार से देर रात तक दूर रहने की सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤°à¤¤à¤¾ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® हेतॠदी जाती है और उसके परिणाम à¤à¥€ गलत होते हैं। इसलिठसमय पर à¤à¥€ नियनà¥à¤¤à¥à¤°à¤£ रखें ताकि वे कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में à¤à¤¾à¤— लेवें किनà¥à¤¤à¥ à¤à¤• समय सीमा तक। ताकि अपà¥à¤°à¤¿à¤¯ घटना से हम पीड़ित न हों ।
उपरोकà¥à¤¤ बातें समाज हित में है, किसी की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ को कषà¥à¤Ÿ पहंà¥à¤šà¤¾à¤¨à¥‡ की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से नहीं है किनà¥à¤¤à¥ à¤à¤• अचà¥à¤›à¥‡ सनà¥à¤¦à¥‡à¤¶ के रूप में पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ है।
------पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ आरà¥à¤¯ सà¤à¤¾à¤®à¤¨à¥à¤¤à¥à¤°à¥€ सारà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¤¿à¤• आरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ सà¤à¤¾, दिलà¥à¤²à¥€
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