कोई गरीब या विधवा ही डायन कà¥à¤¯à¥‹à¤‚?
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Rajeev ChoudharyDate
25-Sep-2017Category
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ये है 21वीं सदी का डिजिटल इंडिया. अगà¥à¤¨à¤¿-5 और खà¥à¤¦ का नेवीगेशन सिसà¥à¤Ÿà¤® सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करने वाला à¤à¤¾à¤°à¤¤ कौन कहता है यहाठजà¥à¤žà¤¾à¤¨ की कमी है. अनपॠसे अनपॠऔर पà¥à¥‡ लिखे जब à¤à¤• कतार में खड़े में हो तो समठलेना या तो मतदान है या फिर अनà¥à¤§à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸. हमने सà¥à¤¨à¤¾ था समृदà¥à¤§à¤¿ अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ à¤à¥€ लेकर आती है. लेकिन गरीबी अनà¥à¤§à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ छोड़ना नही चाहती हम सब की रोज़मरà¥à¤°à¤¾ की ज़िंदगी में कà¥à¤› न कà¥à¤› सà¥à¤– दà¥à¤ƒà¤– जरà¥à¤° होता है. हम इसके बारे में सोचना छोड़ दें तो शायद ही कà¥à¤› बदले किसी à¤à¥€ अनà¥à¤§à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ से अचà¥à¤›à¥€ किसà¥à¤®à¤¤ हमेशा नहीं आती. . इन सबके बाद à¤à¥€ यदि हम कà¤à¥€ न खतà¥à¤® होने वाले सà¥à¤– और शांति की तलाश में किसी à¤à¥‹à¤ªà¥‡ या बाबा की शरण में जा रहे हैं तो धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखना वहां मौत à¤à¥€ मिल सकती है.
आसà¥à¤¥à¤¾ और अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ के बीच की बारीक लकीर पार करनी हो तो राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के à¤à¥‹à¤ªà¥‡ (बाबाओं) के डेरे में आकर देखे. में खà¥à¤¦ दैनिक à¤à¤¾à¤¸à¥à¤•à¤° की यह रिपोरà¥à¤Ÿ देखकर सनà¥à¤¨ रह गया कि आधà¥à¤¨à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤°à¤¤ में आज à¤à¥€ रोग दूर करने के मधà¥à¤¯ कालीन हिंसातà¥à¤®à¤• तरीके और अनà¥à¤§à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ का सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ कई जगह जà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का तà¥à¤¯à¥‹à¤‚ खड़ा है. निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ ही यह खबर समाज को पीछे धकेलने वाले, न जाने कितनी महिलाओं का जीवन बरà¥à¤¬à¤¾à¤¦ कर देने वाले à¤à¥‹à¤ªà¥‹à¤‚ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ बाबाओं के सच पर आधारित है. ये à¤à¥‹à¤ªà¥‡ दावा करते हैं कि उनके पास हर दà¥à¤–-दरà¥à¤¦ की दवा है. चाहे बीमारी हो या डायन का साया. हैरानी तो यह है डायन कौन है, यह à¤à¥€ ये खà¥à¤¦ तय कर देते हैं. इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ के सà¥à¤¨à¤¾à¤ फरमानों ने à¤à¥€à¤²à¤µà¤¾à¥œà¤¾, चितà¥à¤¤à¥Œà¥œà¤—ॠव राजसमंद जिलों में पिछले कà¥à¤› सालों में 105 महिलाओं को डायन बना दिया. 22 महिलाओं को गांव से बाहर निकाल दिया गया. आठको पीट-पीटकर मार डाला गया.
जहाठसारा देश नारी सशकà¥à¤¤à¤¿à¤•à¤°à¤£ और महिला आरकà¥à¤·à¤£ विधेयक की बात कर रहा वही आज ये à¤à¥‹à¤ªà¥‡ महिलाओं को देखते ही कह रहे है इनै तो डायन खा री है. अख़बार लिखता है कि चितà¥à¤¤à¥Œà¥œ के पास पà¥à¤ ोली गांव में बाकायदा वारà¥à¤¡ बनाकर दà¥à¤–-दरà¥à¤¦ के मरीजों का इलाज करने वाला सिराजà¥à¤¦à¥à¤¦à¥€à¤¨ à¤à¥‹à¤ªà¤¾ तो इलाज के नाम पर महिलाओं के शरीर पर हाथ घà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤¾ है तो à¤à¥€à¤²à¤µà¤¾à¥œà¤¾ के à¤à¥à¤£à¤¾à¤¸ में देवकिशन à¤à¥‹à¤ªà¤¾ ने तो डायन à¤à¤—ाने के नाम पर डंडे बरसाता है. मामला यही नहीं कà¥à¤› à¤à¥‹à¤ªà¥‡ तो महिलाओं के बाल तक उखाड़ लेते है. à¤à¥€à¤²à¤µà¤¾à¥œà¤¾ जिला मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ से 40 किलोमीटर दूर चलानिया गांव में खड़ी पहाड़ी पर à¤à¥ˆà¤°à¥‚जी का मंदिर है, जिसे चलानिया à¤à¥ˆà¤°à¥‚जी के नाम से जाना जाता है. बंकà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¾à¤¨à¥€ में à¤à¥‹à¤ªà¥‹à¤‚ का कारोबार बंद होने के बाद अब उनका नया ठिकाना चलानियां गांव बना है. यहां घर-घर à¤à¥‹à¤ªà¥‡ हैं, बारी-बारी से मंदिर में इनकी डà¥à¤¯à¥‚टी लगती है. हर शनिवार को यहां रातà¤à¤° जागरण चलता है, शराब के नशे में चूर अनपॠà¤à¥‹à¤ªà¥‡ डायन निकालने का दंठà¤à¤°à¤¤à¥‡ हà¥à¤ महिलाओं को जमकर पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¥œà¤¿à¤¤ करते हैं.
मामला सिरà¥à¤« पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¥œà¤¨à¤¾ तक ही सिमित नही है कई बार अनà¥à¤§à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ का यह कारोबार महिलाओं की जान तक लेने से नहीं हिचकता. 3 अगसà¥à¤¤ को अजमेर के कादेड़ा में कानà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¥‡à¤µà¥€ को डायन बताकर मार डाला गया. तो à¤à¥€à¤²à¤µà¤¾à¥œà¤¾ के à¤à¥Œà¤²à¥€ में डायन बताकर रामकनà¥à¤¯à¤¾ को बीस दिनों तक अंधेरी कोठरी में कैद रखा. पà¥à¤²à¤¿à¤¸ ने आरोपियों को तो पकड़ लिया. लेकिन मामले के असली आरोपी उन à¤à¥‹à¤ªà¥‹à¤‚ तक नहीं पहà¥à¤‚ची, जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने महिलाओं को डायन करार दिया था. 23 अपà¥à¤°à¥ˆà¤² 2015 को डायन पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¥œà¤¨à¤¾ निवारण अधिनियम कानून बनने के बावजूद राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के 12 जिलों में डायन पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¥œà¤¨à¤¾ के 50 केस सामने आ चà¥à¤•à¥‡ हैं. ये वो मामले हैं, जो दरà¥à¤œ हैं. जो दरà¥à¤œ नहीं हो पाठउनका कà¥à¤¯à¤¾ वो मामले नही थे.?
अख़बार लिखता है कि राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में 90 फीसदी मामलों में उनà¥à¤¹à¥€à¤‚ महिलाओं को डायन बनाया गया है जो दलित और गरीब हैं तथा जिनके पति की मौत हो चà¥à¤•à¥€ है. मातà¥à¤° तीन जिलों में डायन पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¥œà¤¨à¤¾ का शिकार हà¥à¤ˆ 46 महिलाओं में से 42 महिलाà¤à¤‚ à¤à¤¸à¥€ थी जो दलित, गरीब और विधवा थी. à¤à¤• à¤à¥€ à¤à¤¸à¤¾ उदाहरण नहीं मिला जिसमें किसी सवरà¥à¤£ अथवा अमीर वरà¥à¤— की महिला को डायन बताया गया हो. अब इस बात से à¤à¥€ अंदाजा लगाया जा सकता है कि अशिकà¥à¤·à¤¾ और गरीबी का इससे विकृत रूप कà¥à¤¯à¤¾ होगा à¤à¤²à¤¾? हालाà¤à¤•à¤¿ डायन पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¥œà¤¨à¤¾ के अधिकांश मामलों में संपतà¥à¤¤à¤¿ और जमीन हड़पने के लिठनाते-रिशà¥à¤¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤° साजिश रचते हैं. कई जगह पड़ोसियों ने ही अपनी दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨à¥€ निकालने के लिठइन पर डायन का तमगा लगा दिया. गांव में किसी की बकरी मर गई या à¤à¥ˆà¤‚स बीमार हो गई, किसी के बचà¥à¤šà¤¾ नहीं हà¥à¤† या फिर किसी की सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• मौत हो गई. देखने में चाहे ये बातें अलग-अलग हो, लेकिन आज à¤à¥€ इन चीजों के लिठगांव की किसी कमजोर महिला को शिकार बनना पड़ता है
पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में सखà¥à¤¤ कानून बनने के बावजूद हर साल दरà¥à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ महिलाओं को अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ à¤à¤°à¥€ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¤à¥€ डायन पà¥à¤°à¤¥à¤¾ का शिकार होना पड़ रहा है. डायन के नाम पर नंगा करके गांव में घूमाने, मà¥à¤‚डन कर देने, गरà¥à¤® अंगारों में हाथ-पैर जला देने और पीट-पीटकर मार डालने जैसी à¤à¤¯à¤¾à¤µà¤¹ यातनाà¤à¤‚ दी जाती हैं. यह कà¥à¤ªà¥à¤°à¤¥à¤¾ हर साल कई महिलाओं की जिंदगी लील रही है. सà¥à¤®à¤°à¤£ रहे यह सब घटनाà¤à¤ उस देश में घटित हो रही है जिसमें कà¥à¤› दिन बाद बà¥à¤²à¥‡à¤Ÿ टà¥à¤°à¥‡à¤¨ चलने वाली है. और सोचना मिटटी की देवी को नौ दिन पूजने वाले आखिर इन जिनà¥à¤¦à¤¾ देह पर हो रहे अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° पर मौन कà¥à¤¯à¥‹à¤‚?
Rajeev choudhary
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