आरà¥à¤¯ समाज के वो जिनà¥à¤¦à¤¾ बलिदानी
Author
Rajeev ChoudharyDate
25-Sep-2017Category
लेखLanguage
HindiTotal Views
999Total Comments
0Uploader
RajeevUpload Date
25-Sep-2017Download PDF
-0 MBTop Articles in this Category
- फलित जयोतिष पाखंड मातर हैं
- राषटरवादी महरषि दयाननद सरसवती
- राम मंदिर à¤à¥‚मि पूजन में धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ कहाठगयी? à¤à¤• लंबी सियासी और अदालती लड़ाई के बाद 5 अगसà¥à¤¤ को पà¥
- सनत गरू रविदास और आरय समाज
- बलातकार कैसे रकेंगे
Top Articles by this Author
- राम मंदिर à¤à¥‚मि पूजन में धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ कहाठगयी? à¤à¤• लंबी सियासी और अदालती लड़ाई के बाद 5 अगसà¥à¤¤ को पà¥
- साईं बाबा से जीशान बाबा तक कà¥à¤¯à¤¾ है पूरा माजरा?
- शरियत कानून आधा-अधूरा लागू कयों
- तिबà¥à¤¬à¤¤ अब विशà¥à¤µ का मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ बनना चाहिà¤
- कà¥à¤¯à¤¾ आतà¥à¤®à¤¾à¤à¤‚ अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ में बोलती है..?
राजनीतिक टकराव और मजहबी विसà¥à¤¤à¤¾à¤° की à¤à¥‡à¤Ÿ चà¥à¥‡ केरल पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤ में आज जो कà¥à¤› à¤à¥€ घट रहा है दरअसल इसकी पटकथा लगà¤à¤— à¤à¤• सदी पहले लिखनी शà¥à¤°à¥‚ हो गयी थी. लाशे गिरती गयी. धरà¥à¤® खंडित होता गया. 1947 में देश के लोगों ने राजनैतिक सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ का सूरज तो देखा पर धारà¥à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ के माहौल में खà¥à¤²à¥€ साà¤à¤¸ ना ला पाठजिस कारण आज à¤à¤¾à¤°à¤¤ के दकà¥à¤·à¤¿à¤£ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ केरल आज किस तरह जेहादी विषबेल की जकड़ में फंस चà¥à¤•à¤¾ है, वह हाल ही की à¤à¤• घटना से पà¥à¤¨: रेखांकित हो गया. यहां के कासरगोड़ जिले में कटà¥à¤Ÿà¤°à¤ªà¤‚थी विचारधारा के पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ में à¤à¤• सड़क का नाम ‘‘गाजा सà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤Ÿ’’ रखा गया है. à¤à¤¾à¤°à¤¤ के जिस à¤à¥‚-à¤à¤¾à¤— को उसकी पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• विरासत के लिठ‘‘à¤à¤—वान की धरती’’ की संजà¥à¤žà¤¾ दी गई, आज वहां मजहबी हिंसा अपने उतà¥à¤•à¤°à¥à¤· पर है. हमेशा से à¤à¤• दà¥à¤¸à¤°à¥‡ के राजनितिक धà¥à¤° विरोधी दल और मीडिया सच से दूर ले जाती रही जिसका नतीजा आज हम सबके सामने है और à¤à¤¸à¥‡ में सवाल उठता है कि आखिर सच कà¥à¤¯à¤¾ है और कà¥à¤¯à¤¾ इसका अतीत से कà¥à¤› लेना है?
दरअसल अतीत की घटनाà¤à¤ इतना हà¥à¤°à¤¦à¤¯ विदारक रही कि सà¥à¤¨à¤•à¤° खà¥à¤¶à¤¨à¥à¤®à¤¾ माहौल में à¤à¥€ आà¤à¤–े गीली कर जाये. तो चलते à¤à¤• सदी पीछे जब अगसà¥à¤¤ 1921 में केरल के मालाबार में मालाबार में मोपला मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ ने सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं पर हमला कर दिया. मजहबी उनà¥à¤®à¤¾à¤¦ में सैंकड़ों हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं की नृशंस हतà¥à¤¯à¤¾ कर दी गई. उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ इसà¥à¤²à¤¾à¤® अपनाने या मौत चà¥à¤¨à¤¨à¥‡ का विकलà¥à¤ª दिया गया. हजारों का मतांतरण किया गया, गैर-मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® महिलाओं का अपहरण कर बलातà¥à¤•à¤¾à¤° किया गया, संपतà¥à¤¤à¤¿ लूटी और नषà¥à¤Ÿ कर दी गई.
हिनà¥à¤¦à¥à¤“ पर जो अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° हो रहा था काफी समय तक उसकी खबरें पंजाब में पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ नहीं हà¥à¤ˆ. हाठबमà¥à¤¬à¤ˆ के समाचार पतà¥à¤°à¥‹à¤‚ में कà¥à¤› खबर छापी जा रही थी लेकिन उस समय का तथाकथित सेकà¥à¤²à¤¿à¤°à¤œà¥à¤® लोगों को यह कहकर गà¥à¤®à¤°à¤¾à¤¹ कर रहा था कि यह काम हिनà¥à¤¦à¥‚ और मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ के बीच परसà¥à¤ªà¤° मेलजोल की खाई खोदने के लिठकिया जा रहा है. इस मजहबी तांडव खबर बमà¥à¤¬à¤ˆ से दीवान राधाकृषà¥à¤£ जी ने समाचारपतà¥à¤°à¥‹à¤‚ को इकटà¥à¤ ा कर पंजाब रवाना की तो यहाठलोगों के हà¥à¤°à¤¦à¤¯ हिल उठे.
16 अकà¥à¤¤à¥‚बर 1921 शिमला में आरà¥à¤¯ समाज का अधिवेशन हà¥à¤† और अधिवेशन में सà¤à¥€ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ नम आà¤à¤–ों से à¤à¤• पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ पास किया गया जिसका उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ था कि केरल के इलाके मालाबार में मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ जो अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° करके हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं को जबरन मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® बनाया गया उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ फिर शà¥à¤¦à¥à¤§à¥€ करके उनके मूल धरà¥à¤® में वापिस लाया जाये. पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° यह अपील à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ की गयी कि जितना शीघà¥à¤° हो सके कि पीड़ितों का उचित खरà¥à¤š à¤à¥€ उठाया जाये ताकि कोई हिनà¥à¤¦à¥‚ जबरन अपने धरà¥à¤® से पतित न किया जाये. इसका दूसरा उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ यह था कि गृहविहीन, दीनहीन, असहाय बनाये गये लोगों को सहायता देकर जीवित रखा जाये और à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में à¤à¤¸à¥‡ कारण न उपजे इसके लिठमालाबार की हिनà¥à¤¦à¥‚ सोसाइटी को सà¥à¤¥à¤¿à¤° किया जाये.
हाय रे à¤à¤¾à¤°à¤¤ के à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ तà¥à¤à¥‡ अपने ही देश अपनी संतान की दà¥à¤°à¥à¤¦à¤¶à¤¾ पर इस कदर à¤à¥€ रोना पड़ेगा यह सोचकर ततà¥à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ आरà¥à¤¯ समाज के पदाधिकारियों ने कारà¥à¤¯ करना आरमà¥à¤ किया पंडित ऋषिराम जी को 1 नवमà¥à¤¬à¤° को मालाबार à¤à¥‡à¤œà¤¾ गया अकà¥à¤¤à¥‚बर मास में 371 रूपये दान पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤† अत: उन रà¥à¤ªà¤¯à¥‹à¤‚ और अपने बà¥à¤²à¤‚द होसलो के बल पर आरà¥à¤¯ समाज के वीर सिपाही मोपला विचाधारा से लड़ने निकल चले.
नवमà¥à¤¬à¤° मास तक वहां हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं को à¤à¤•à¤¤à¥à¤° करने का कारà¥à¤¯ जारी रहा. लेकिन इसमें à¤à¤• अचà¥à¤›à¥€ खबर यह थी कि आरà¥à¤¯ समाज से जà¥à¥œà¥‡ सà¤à¥€ लोगों ने केरल के पीड़ित समाज के लिठअपने खरà¥à¤šà¥‹ में कटोती कर 1731 रूपये ओर à¤à¥‡à¤œ दिà¤. उस समय लाहौर से पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ अख़बार पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª ने लोगों के मन को हिला डाला और आरà¥à¤¯ समाज के इस कारà¥à¤¯ के लिठपà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª अख़बार ने जो अलख पà¥à¤°à¥‡ पंजाब पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤ में जगाई वो अपने में à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ की सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° मिशाल है. 29 नवमà¥à¤¬à¤° को आरà¥à¤¯ समाज ने पà¥à¤°à¥‡ तिरà¥à¤µ वेग से लोगों को जोड़ना आरमà¥à¤ कर दिया. लेकिन लोग मोपला विदà¥à¤°à¥‹à¤¹à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से इस कदर डरे हà¥à¤ थे कि राहत केमà¥à¤ªà¥‹à¤‚ में आने से कतरा रहे थे तब ऋषिराज जी ने वहां की सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾ में पमà¥à¤ªà¤²à¥‡à¤Ÿ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ कराà¤. अनेक जातीय संगठनो की सà¤à¤¾à¤“ं में जाकर वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨ दिठलोगों को समà¤à¤¾à¤¯à¤¾ गया कि शà¥à¤¦à¥à¤§à¥€ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उनका वापिस अपने मूल धरà¥à¤® में आने का दà¥à¤µà¤¾à¤° खà¥à¤²à¤¾ है.
फरवरी 1922 में आरà¥à¤¯à¤—जट में संपादक लाला खà¥à¤¶à¤¹à¤¾à¤²à¤šà¤‚द जी, पंडित मसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤¾ जी, पंजाब से मालाबार रवाना हà¥à¤ आरà¥à¤¯ महानà¥à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ के इस कारà¥à¤¯ से उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ आरà¥à¤¯à¤œà¤¨ लाहौर, बलूचिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ समेत अनेक इलाकों में केरल के हालात पर सà¤à¤¾à¤ आयोजित कर रहे थे. मालाबार की दशा यह थी कि घरों से à¤à¤¾à¤—े हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं के खेत खाली पड़े थे, कà¥à¤› घर जले थे और कà¥à¤› जले घरों का शमशान बना था. 12 अकà¥à¤¤à¥‚बर 1922 तक आरà¥à¤¯ समाज से जà¥à¤¡à¤¾ बचà¥à¤šà¤¾-बचà¥à¤šà¤¾ तन-मन-धन से इस पावन कारà¥à¤¯ में सहयोग करने लगा. जिस कारण वहां 70 हजार 911 रूपये खरà¥à¤š किये जा चà¥à¤•à¥‡ थे. लगà¤à¤— तीन हजार से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ लोगों की शà¥à¤¦à¥à¤§à¥€ कर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ वापिस अपने धरà¥à¤® में लाने का कारà¥à¤¯ हो चूका था. मालाबार से कालीकट à¤à¤¾à¤—े हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं को वापिस बसाया जाने लगा.
शेषांश अगले अंक में- विनय आरà¥à¤¯
ALL COMMENTS (0)