आरà¥à¤¯ समाज के जिनà¥à¤¦à¤¾ बलिदानी-à¤à¤¾à¤— २
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Rajeev ChoudharyDate
06-Oct-2017Category
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HindiTotal Views
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06-Oct-2017Download PDF
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पिछले अंक का शेष-
आरà¥à¤¯ समाज के वीर सिपाहियों की बदोलत शà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤•à¤°à¤£ का कारà¥à¤¯ बड़ी तेजी से कर रहे थे. परनà¥à¤¤à¥ मà¥à¤¸à¥€à¤¬à¤¤ बहà¥à¤¤ à¤à¤¾à¤°à¥€ थी कि और अधिक काम करने वालों की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ थी. विशेषकर जबदसà¥à¤¤à¥€ मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® बनाये गये हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं की सà¥à¤§ लेने और उनके विषय में आवशà¥à¤¯à¤• कारà¥à¤¯ करने के लिठआरà¥à¤¯ समाज की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ अनà¥à¤à¤µ की गई; इसलिठआरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ सà¤à¤¾ पंजाब, सिंध, बलूचिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ और लाहौर ने मालाबार के पीड़ितों हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं को सहायता देने और बलात मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® बनाये हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं को पà¥à¤¨: हिनà¥à¤¦à¥‚ बनाने के लिठपà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ पास किया जिसमें महातà¥à¤®à¤¾ हंसराज जी ने à¤à¤• अपील पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ की-
अपील का कà¥à¤› अंश- यह गà¥à¤ªà¥à¤¤ रहसà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ हो चूका है कि मालाबार में मोपला लोगों ने हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं के साथ घà¥à¤°à¤£à¤¿à¤¤ कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ की है. इस बात को सरकार और कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ दोनों की ओर से सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° à¤à¥€ किया गया है. अत: अब इस पर संदेह नहीं रहा हाà¤, मतà¤à¥‡à¤¦ इस बात पर है कि कितने हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं पर अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° किया गया है कोई तीन हजार कहता है तो कोई 500 संखà¥à¤¯à¤¾ कितनी à¤à¥€ हो परनà¥à¤¤à¥ इस बात से तो इंकार नहीं किया जा सकता कि मोपलों ने कà¥à¤› नही किया है. मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® नेता इसे इसà¥à¤²à¤¾à¤® के खिलाफ बता निंदा कर रहे है. पर निंदा करने से इस à¤à¤¾à¤°à¥€ जन-धन और धरà¥à¤® की कà¥à¤·à¤¤à¤¿à¤ªà¥‚रà¥à¤¤à¤¿ नहीं हो सकती. हिनà¥à¤¦à¥‚ नेताओं और मठाधीश जबरन पतित किये गये लोगों की घर वापिसी की आजà¥à¤žà¤¾ देकर सà¥à¤—मता पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ कर रहे है. यदि इस समय हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं में समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ होकर अपनी पूरी शकà¥à¤¤à¤¿ के साथ हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं को वापिस अपनी गोद में ले लिया तो à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में उन लोगों का दà¥à¤¬à¤¾à¤°à¤¾ साहस नहीं होगा कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वह समà¤à¥‡à¤‚गे कि हिनà¥à¤¦à¥‚ à¤à¤¾à¤ˆ अपने à¤à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ की हर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से सहायता करने के लिठतैयार है. मैं अपने हिनà¥à¤¦à¥‚ à¤à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ से अपील करता हूठजिनके हà¥à¤°à¤¦à¤¯ में अपने पवितà¥à¤° धरà¥à¤® के लिठशà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ और पà¥à¤°à¥‡à¤® है और जो अपने धरà¥à¤® की लाज रखने के लिठअपने à¤à¥€à¤¤à¤° कोई à¤à¤¾à¤µ रखते है अपनी सहायता का हाथ आगे बढायें ताकि हम अपने à¤à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ की सहायता शीघà¥à¤° से शीघà¥à¤° कर सकें. (हंसराज पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ आरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ सà¤à¤¾ अनारकली लाहौर)
आरà¥à¤¯ समाज की इस अपील का पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ हर à¤à¤• हिनà¥à¤¦à¥‚ के मन पर हà¥à¤† जिस कारण ततà¥à¤•à¤¾à¤² पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ से कारà¥à¤¯ करना शà¥à¤°à¥‚ किया जिसका विवरण पिछले अंक में दिया गया था. पंडित मसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤šà¤‚द जी बीठके अधीन केमà¥à¤ª में करीब 4 हजार महिलाà¤à¤‚ और बचà¥à¤šà¥‡ आ गये थे. इनमे कà¥à¤› महिलाà¤à¤‚ गरà¥à¤ से तो वृदà¥à¤§ और यà¥à¤µà¤¾ थी. à¤à¤¸à¥€ माताà¤à¤‚ à¤à¥€ थी जिनकी गोद में 10 से 15 दिन के बचà¥à¤šà¥‡ थे. जो केमà¥à¤ª में आने से कà¥à¤› माह पहले लखपतियों की आà¤à¤–ों के तारे थे परनà¥à¤¤à¥ अब अनाथ हो चà¥à¤•à¥‡ थे. बहà¥à¤¤ सी महिलाओं और बचà¥à¤šà¥‡à¤‚ à¤à¤¸à¥‡ थे जिनके घर जलाये जा चà¥à¤•à¥‡ थे. अब जाà¤à¤ तो कहाठजाये? इसके अलावा दà¥à¤¸à¤°à¥‡ केमà¥à¤ª में जो ऋषिराम जी की देखरेख में कालीकट में चल रहा था. उसमें à¤à¥€ 2 हजार से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¥à¤· और बचà¥à¤šà¥‡à¤‚ थे. उस समय दिलà¥à¤²à¥€ से लेकर लाहौर तक संयà¥à¤•à¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤ के दानी हिनà¥à¤¦à¥‚ आरà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के दान की बदोलत करीब 6 हजार से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€, पà¥à¤°à¥à¤· और बचà¥à¤šà¥‡à¤‚ अपनी à¤à¥‚ख की अगà¥à¤¨à¤¿ को मिटा रहे थे.
इस सहायता समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¥€ काम के साथ-साथ शà¥à¤¦à¥à¤§à¥€ का कारà¥à¤¯ बराबर चल रहा था. सारे इलाके में यह पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ हो चूका था कि आरà¥à¤¯ समाज के लोग जबरन मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ बनाà¤à¤‚ गये हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं को विशेष रूप से सहायता देते है. परनà¥à¤¤à¥ फिर à¤à¥€ à¤à¤¸à¥€ खबरें आ रही थी कि मालाबार के à¤à¥€à¤¤à¤°à¥€ इलाकों में बहà¥à¤¤ से à¤à¤¸à¥‡ हिनà¥à¤¦à¥‚ है जो मोपला à¤à¥‡à¤· में रह रहे है. जान-माल का à¤à¤¯ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ हिनà¥à¤¦à¥‚ बनने से रोक रहा है. इस बात के आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ थी कि कोई मनà¥à¤·à¥à¤¯ à¤à¥€à¤¤à¤°à¥€ इलाकों में जाकर पता लगायें| लेकिन वहां पहà¥à¤šà¤¨à¤¾ अपने आप को खतरे में डालना था कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वहां à¤à¤¸à¤¾ बताया जाता था कि मालाबार कांड उपदà¥à¤°à¤µ के कारण जान गवाठलोगों की खोपड़ियाठरासà¥à¤¤à¥‹à¤‚ में पड़ी मिलती है. सड़कें अधिक नहीं थी, अधिकतर जंगल और पहाड़ियाठथी, नदियाठऔर उनसे घिरे इलाकों में यह हिंसा का तांडव जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ जोर से हà¥à¤† था. अत: इन सब की चिंता किये बगेर आरà¥à¤¯ समाज के वीर लाला खà¥à¤¶à¤¹à¤¾à¤²à¤šà¤‚द खà¥à¤°à¤¸à¤‚द ने यह काम अपने कंधो पर लिया और à¤à¥€à¤¤à¤°à¥€ इलाकों का दौरा करके à¤à¤¸à¥‡ लोगों को कालीकट पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ की. उनके इस परिशà¥à¤°à¤® का फल यह हà¥à¤† कि बहà¥à¤¤ से लोग हिनà¥à¤¦à¥‚ बनने के लिठकालीकट पहà¥à¤à¤š गये 15 मई से पहले दो हजार दो सौ मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ हà¥à¤ हिनà¥à¤¦à¥‚ फिर अपने धरà¥à¤® में लौट चà¥à¤•à¥‡ थे. जून और जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ माह में 400 और जबरन मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® हà¥à¤ हिनà¥à¤¦à¥‚ अपने धरà¥à¤® में समà¥à¤®à¤²à¤¿à¤¤ किये गये.
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