अब दीपावली पर कानून का हथोडा
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Rajeev ChoudharyDate
13-Oct-2017Category
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13-Oct-2017Download PDF
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आसà¥à¤¥à¤¾ और à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ का ही à¤à¤• मौलिक रूप है धरà¥à¤®, जिसमें परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤à¤, पूजा, उपासना निहित होती है जोकि उतà¥à¤¸à¤µ, तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° आदि के मनाने के तरीकों से लेकर पारमà¥à¤ªà¤°à¤¿à¤• विधि ही धरà¥à¤® का आंतरिक और बाहरी रूप सामने रखती है. हमेशा से पूजा उपासना करने की विधि और उतà¥à¤¸à¤µà¥‹à¤‚ से जà¥à¤¡à¥€ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ ही लोगों के धरà¥à¤®à¥‹à¤‚ को विà¤à¤¾à¤œà¤¿à¤¤ करती है, वरना कौन नहीं जानता कि ईशà¥à¤µà¤° à¤à¤• है. जनà¥à¤® से मृतà¥à¤¯à¥ तक हर किसी के अपने जीवन जीने के तौर तरीके और करà¥à¤®-कांड होते है. जिन तौर तरीकों को अधिकांश लोग à¤à¤•à¤®à¤¤ होकर बिना विरोध के सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° कर ले उसे पारमà¥à¤ªà¤°à¤¿à¤• परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ का नाम दे दिया जाता है. हाल ही में देश के सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ ने दिलà¥à¤²à¥€-à¤à¤¨à¤¸à¥€à¤†à¤° में दिवाली पर पटाखों की बिकà¥à¤°à¥€ पर रोक लगा दी है. दिवाली के अवसर पर पटाखों के कारण होने वाले पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण को देखते हà¥à¤ सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ ने 1 नवंबर तक के लिठदिलà¥à¤²à¥€ सहित पूरे à¤à¤¨à¤¸à¥€à¤†à¤° में पटाखों की बिकà¥à¤°à¥€ पर रोक लगा दी है. मतलब पिछले वरà¥à¤· 11 नवंबर 2016 का बिकà¥à¤°à¥€ पर रोक का आदेश फिर से बरकरार रहेगा.
समाज हित में जाने वाले फैसले अकà¥à¤¸à¤° कई विवादित बन जाते है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि लोग उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपनी आसà¥à¤¥à¤¾ और परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ं पर चोट के रूप में देखते है. कई फैसले अनà¥à¤¯ मत-मतानà¥à¤¤à¤°à¥‹à¤‚ में तà¥à¤²à¤¨à¤¾ की दà¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ से विवादित à¤à¥€ माने जाते रहे है. पिछले दिनों दकà¥à¤·à¤¿à¤£ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के à¤à¤• पारमà¥à¤ªà¤°à¤¿à¤• तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° जलीकटà¥à¤Ÿà¥‚ पर विरोध के सिलसिले में दकà¥à¤·à¤¿à¤£ à¤à¤¾à¤°à¤¤ उबल पड़ा था. उस समय à¤à¥€ सवालों से सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® के फैसले को दो चार होना पड़ा था. हमने पहले à¤à¥€ लिखा था कि अकà¥à¤¸à¤° हमारे देश में बहà¥à¤¤à¥‡à¤°à¥‡ फैसले जन à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में रखकर लिठजाते है.लेकिन पिछले कà¥à¤› समय में सबने देखा कि जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¤à¤° फैसलों में सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ को विरोध का सामना ही करना पड़ा है चाहें उसमें जनà¥à¤®à¤¾à¤·à¥à¤ मी की दही हांड़ी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िता हो या महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤°, करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤•, पंजाब, हरियाणा, केरल व गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ में परंपरागत बैलगाड़ी दौड़ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िता.
दरअसल देश में बहà¥à¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤• समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के पारमà¥à¤ªà¤°à¤¿à¤• उतà¥à¤¸à¤µà¥‹à¤‚, तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ पर उनके मनाने ढंग पर रोक लगाना हटाना वोट की राजनीति का हिसà¥à¤¸à¤¾ सा बन गया. राजनेता इसे बखूबी इसे अंजाम à¤à¥€ देते है. लोग सवाल खड़े कर पूछ रहे है कà¥à¤¯à¤¾ नववरà¥à¤· पर पटाखा जलाने से पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण नहीं होता? दीपावली पर पटाखा बिकà¥à¤°à¥€ पर लगी रोक से किसी को शायद ही दà¥à¤ƒà¤– हो सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥ के लिहाज से इसे सब अचà¥à¤›à¤¾ कदम बता रहे लेकिन सवाल सबका यह कि कà¥à¤¯à¤¾ यह अनà¥à¤¯ मतो के धारà¥à¤®à¤¿à¤• उतà¥à¤¸à¤µà¥‹à¤‚ और परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ं के तौर तरीकों पर à¤à¥€ कानून रोक लगा सकता है?
पेटा जैसी संसà¥à¤¥à¤¾ का जलीकटà¥à¤Ÿà¥‚ पर पशà¥à¤“ं के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ दया दिखाना लेकिन ईद पर लाखों पशà¥à¤“ं की कà¥à¤°à¥à¤¬à¤¾à¤¨à¥€ और कà¥à¤°à¤¿à¤¸à¤®à¤¸ पर टरà¥à¤•à¥€ नामक पकà¥à¤·à¥€ को à¤à¥‚नकर खाने पर मौन हो जाना, बैलगाड़ी दौड़ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िता पर रोक लगवाना लेकिन रेसकोरà¥à¤¸ की घà¥à¥œà¤¦à¥Œà¥œ की अनदेखी करना, कोरà¥à¤Ÿ का जनà¥à¤®à¤…षà¥à¤Ÿà¤®à¥€ पर दही हांड़ी को लेकर किशोरों का दरà¥à¤¦ महसूस करना लेकिन मोहरम पर खामोश हो जाना बस यहीं सवाल खड़े हो जाते है कि देश à¤à¤• है तो कानून à¤à¤• कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं है? इसे धारà¥à¤®à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं के आधार पर रखकर सोचिये कà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤¸à¤¾ नहीं लगता कि यह बहà¥à¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤• समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ की आसà¥à¤¥à¤¾ पर चोट हो? समय से साथ न जाने कितने परिवार पटाखों को लेकर सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥ और सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ की दà¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ से नकार चà¥à¤•à¥‡ है. वो बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को जागà¥à¤°à¤¤ करते है कि पटाखा इस तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° की परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ का हिसà¥à¤¸à¤¾ नहीं है तो सरकार को à¤à¥€ कानून में आसà¥à¤¥à¤¾ बांधने के बजाय जागरूक करने के कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® चलाये और à¤à¤• वरà¥à¤— ही कà¥à¤¯à¥‹à¤‚, हर किसी पंथ समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ से बà¥à¤°à¥‡ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ डालने वाली परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ हटाई जाये?
असल में दिवाली पर पटाखा जलाना हमारी कोई पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का हिसà¥à¤¸à¤¾ नहीं है दीपावली पर लोग दिन में हवन यजà¥à¤ž करने के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ रातà¥à¤°à¤¿ में दीपक जलाते थे. लेकिन बीस-तीस वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में यह चलन तेजी बà¥à¤¾ और इस उतà¥à¤¸à¤µ की परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ का हिसà¥à¤¸à¤¾ सा बन गया. पिछली दिवाली के दौरान वायॠपà¥à¤°à¤¦à¥‚षण में बढोतà¥à¤¤à¤°à¥€ हà¥à¤ˆ थी हालाà¤à¤•à¤¿ पटाखों के अलावा कई कारणों थे जिसमें बड़े पैमाने पर पटाखों का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— के साथ हरियाणा पंजाब में पà¥à¤°à¤¾à¤²à¥€ जलाना à¤à¥€ शामिल था इस कारण सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ ने इस बार फैसले में कहा है कि दिवाली के बाद इस बात की à¤à¥€ जांच की जाà¤à¤—ी कि पटाखों पर बैन के बाद हवा की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में कà¥à¤› सà¥à¤§à¤¾à¤° हà¥à¤† है या नहीं, दरअसल सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š अदालत इस फैसले को à¤à¤• पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— à¤à¤¾à¤‚ति à¤à¥€ ले रही है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि अदालत ने कहा कि à¤à¤• बार हम ये टेसà¥à¤Ÿ करना चाहते हैं कि पटाखों पर बैन के बाद कà¥à¤¯à¤¾ हालात होंगे?
देश के अनà¥à¤¯ बड़े शहरों की तरह ही राजधानी दिलà¥à¤²à¥€ में लोगों की आंखों में जलन और सांस लेने में समसà¥à¤¯à¤¾ की शिकायत वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• रूप में अकà¥à¤¸à¤° सामने आ जाती है. आंकड़े बताते है विशà¥à¤µà¤à¤° में 30 लाख मौतें, घर और बाहर के वायॠपà¥à¤°à¤¦à¥‚षण से पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤°à¥à¤· होती हैं, इनमें से सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ à¤à¤¾à¤°à¤¤ में होती हैं. विशà¥à¤µ सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ संगठन के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ की राजधानी दिलà¥à¤²à¥€, विशà¥à¤µ के 10 सबसे अधिक पà¥à¤°à¤¦à¥‚षित शहरों में से à¤à¤• है. सरà¥à¤µà¥‡à¤•à¥à¤·à¤£ बताते हैं कि वायॠपà¥à¤°à¤¦à¥‚षण से देश में, पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤°à¥à¤· होने वाली मौतों के औसत से, दिलà¥à¤²à¥€ में 12 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¤¤ अधिक मृतà¥à¤¯à¥ होती है. दिलà¥à¤²à¥€ ने वायॠपà¥à¤°à¤¦à¥‚षण के मामले में चीन की राजधानी बीजिंग को काफी पीछे छोड़ दिया है. लेकिन इसके बावजूद à¤à¥€ सामाजिक दायितà¥à¤µ के निरà¥à¤µà¤¹à¤¨ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ हमारा समाज पूरà¥à¤£à¤¤à¤ƒ उदासीन ही नहीं बलà¥à¤•à¤¿ असंवेदनशील à¤à¥€ है. इसमें हमारी राजनीतिक मंशा à¤à¥€ मददगार होती है. हर रोज की बरती जा रही लापरवाही को लेकर हम कब सजग होंगे यह à¤à¥€ हमारे ऊपर ही निरà¥à¤à¤° करता है. या फिर हर काम में कानून की दखल देगा?
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