अतिथि अब मत आना रे ....
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Rajeev ChoudharyDate
27-Nov-2017Category
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अतिथि अब मत आना रे
चौबीस साल के जेरेमी कà¥à¤²à¥‡à¤°à¥à¤• अपनी गरà¥à¤²à¤«à¥à¤°à¥‡à¤‚ड मेरी डà¥à¤°à¥‹à¤œ के साथ 30 सितंबर को à¤à¤¾à¤°à¤¤ आठथे. यहाठकी सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾, संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को आतà¥à¤®à¤¸à¤¾à¤¤ करने, जरà¥à¤° उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अतिथि देवो à¤à¤µà¤ƒ के नारे ने लà¥à¤à¤¾à¤¯à¤¾ होगा, पैसे बचाकर आखिर वो à¤à¤¾à¤°à¤¤ घà¥à¤®à¤¨à¥‡ आये. लेकिन वह नहीं जानते होंगे कि नये à¤à¤¾à¤°à¤¤ में पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ नारे अब सामाजिक जीवन में कहीं नहीं टिकते. खबर अनà¥à¤¸à¤¾à¤° सà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¥à¤œà¤°à¤²à¥ˆà¤‚ड के इस जोड़े की फतेहपà¥à¤° सीकरी में कà¥à¤› सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ यà¥à¤µà¤•à¥‹à¤‚ ने पतà¥à¤¥à¤°à¥‹à¤‚ और डंडों से पिटाई की. आगरा में à¤à¤• दिन गà¥à¤œà¤¾à¤°à¤¨à¥‡ के बाद अगले दिन जब वह फतेहपà¥à¤° सीकरी पहà¥à¤‚चे तो वहां रेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ के पास कà¥à¤› यà¥à¤µà¤•à¥‹à¤‚ ने पीछा करना शà¥à¤°à¥‚ कर दिया. पहले तो उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने टिपà¥à¤ªà¤•à¤£à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ कीं, जोकि उनकी समठमें नहीं आईं. उसके बाद उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने इस जोड़े को जबरन रोक लिया ताकि मेरी के साथ वे सेलà¥à¤«à¥€ ले सकें.
जेरेमी बता रहा था कि हमने इसका विरोध किया लेकिन वे नहीं माने और हमारा पीछा करते रहे. हमारी फोटो खींचते रहे और मेरी के करीब आने की कोशिश करते रहे. हमें उनकी बातचीत से बस इतना समठमें आया कि वे हमारा नाम पूछ रहे थे और ठहरने की जगह के बारे में पूछ रहे थे. वे हमको पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤¡à¤¿à¤¼à¤¤ करते रहे और कहीं और चलने की बात कहने लगे. हमने जब मना कर दिया तो उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने हमला कर दिया हमें बिलà¥à¤•à¥à¤² समठमें नहीं आया कि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤¸à¤¾ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ किया? वे हमारा कोई सामान à¤à¥€ नहीं ले गà¤? इस विदेशी जोड़े ने बताया कि वे जखà¥à¤®à¥€ होकर जमीन पर गिर गठऔर राहगीर अपने मोबाइल फोन से उनका वीडियो बनाने लगे.
à¤à¤¾à¤°à¤¤ की असली बीमारी समà¤à¤¿à¤¯à¥‡! उन गà¥à¤‚डों को सेलà¥à¤«à¥€ चाहिठथी ताकि वो उन फोटोज को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर डालकर लाइक बटोर सके और विडमà¥à¤¬à¤¨à¤¾ देखिये! दà¥à¤¸à¤°à¥‡ à¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बचाने, उनकी मदद करने के बजाय वीडियो बनाने लगे. कà¥à¤¯à¤¾ यही अतà¥à¤²à¥à¤¯ à¤à¤¾à¤°à¤¤ की ताजी तसà¥à¤µà¥€à¤° है?
कितने लोग जानते है विदेशों में à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ दूतावास à¤à¤¾à¤°à¤¤ में परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ को बà¥à¤¾à¤µà¤¾ देने के लिठकाफी सकारातà¥à¤®à¤• पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करते है. ताकि परà¥à¤¯à¤Ÿà¤• à¤à¤¾à¤°à¤¤ में आये. देश की आय में इजाफा हो? हम अचà¥à¤›à¥€ तरह से जानते हैं कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¤• विकासशील देश है और यहाठकी अरà¥à¤¥ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¤¾à¤¯ का बहà¥à¤¤ अधिक महतà¥à¤µ है. लेकिन इस सबके विपरीत à¤à¤¾à¤°à¤¤ में à¤à¤• तबका à¤à¤¾à¤°à¤¤ की जो छवि पेश कर रहा है वो आलोचना के साथ शरà¥à¤® से सिर à¤à¥à¤•à¤¾ देने वाली है. हर वरà¥à¤· à¤à¤¸à¥‡ कहीं न कहीं à¤à¤¸à¥‡ वाकये होते रहते है. सोचिये जब ये लोग पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¥œà¤¿à¤¤, घायल होकर अपने देश पहà¥à¤à¤šà¤¤à¥‡ होंगे तो à¤à¤¾à¤°à¤¤ के बारे में कैसे विचार रखते होंगे? यही कि मेहमान को देवता बताने वाले खà¥à¤¦ राकà¥à¤·à¤¸ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚?
2013 में की वो घटना अà¤à¥€ à¤à¥€ सबके जेहन में ताजा होगी जब मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में ओरछा से आगरा की तरफ आते हà¥à¤ à¤à¤• सà¥à¤µà¤¿à¤¸ दमà¥à¤ªà¤¤à¤¿ पर हमला हà¥à¤† था हमलावरों ने पति को बांधकर और उसी के सामने उसकी 39 साल की पतà¥à¤¨à¥€ से बलातà¥à¤•à¤¾à¤° किया था. उसी वरà¥à¤· दिलà¥à¤²à¥€ में दकà¥à¤·à¤¿à¤£ कोरिया की à¤à¤• महिला से बलातà¥à¤•à¤¾à¤° हà¥à¤† और गà¥à¥œà¤—ांव में चीनी महिला हवस का शिकार बनी. जबकि इन घटनाओं से कà¥à¤› ही दिन पहले आगरा के à¤à¤• होटल में रह रही बà¥à¤°à¤¿à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ महिला को अपनी आबरू बचाने के लिठहोटल की बालकनी से छलांग लगानी पड़ी थी. उसी दौरान कोलंबिया से à¤à¤¾à¤°à¤¤ घूमने आई à¤à¤• महिला ने कहा था कि यहां के पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ की समसà¥à¤¯à¤¾ ये है कि वे बहà¥à¤¤ घूरते हैं. “शायद उनकी मानसिकता à¤à¤¸à¥€ है कि लाइफ में जितनी महिलाà¤à¤‚ देखने को मिल जाठउतना अचà¥à¤›à¤¾ है. अपनी घरवाली से शायद उनका मन नहीं à¤à¤°à¤¤à¤¾, तो वे बाहरी महिलाओं पर बà¥à¤°à¥€ नजर डालते हैं.”
मामला यही नहीं रà¥à¤•à¤¤à¤¾ और इससे समठया अशिकà¥à¤·à¤¾ की कमी कहकर पलà¥à¤²à¤¾ à¤à¥€ नहीं à¤à¤¾à¤¡à¤¾ जा सकता कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि 2009 में मà¥à¤‚बई में कॉलेज के छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ ने पारà¥à¤Ÿà¥€ में मिली à¤à¤• अमेरिकी यà¥à¤µà¤¤à¥€ से सामूहिक बलातà¥à¤•à¤¾à¤° किया था. और इससे पहले 2008 में गोवा में हà¥à¤ˆ 15 साल की बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ किशोरी सà¥à¤•à¤¾à¤°à¤²à¥‡à¤Ÿ की बलातà¥à¤•à¤¾à¤° के बाद हतà¥à¤¯à¤¾ से कौन अंजान होगा? यानि यहां सैलानियों को अगर कोई परेशानी है, तो वो सिरà¥à¤« यहाठके लोगों की सोच और सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ से हैं.
जहाठपरà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ जैसे उधोग से हम देश की कमाई में चार चाà¤à¤¦ लग सकते हैं वहां लोग परà¥à¤¯à¤Ÿà¤•à¥‹à¤‚ से बà¥à¤°à¥‡ आचरण, वासना की पूरà¥à¤¤à¤¿, छेड़छाड़, फबà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ कसकर देश के समà¥à¤®à¤¾à¤¨ का बेडा गरà¥à¤• करने में लगे है. कहते है à¤à¤¾à¤°à¤¤ की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ व सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ संपूरà¥à¤£ विशà¥à¤µ में सराही जाती है. यहाठका अधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• वातावरण, योग, संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ जीवन शैली, रहन सहन में संयà¥à¤•à¥à¤¤ परिवार, लोगों को आकरà¥à¤·à¤¿à¤¤ करता रहा है. इसके बाद चाहें वो अहिंसा का नारा हो या फिर वसà¥à¤§à¥ˆà¤µ कà¥à¤Ÿà¥à¤®à¥à¤¬à¤•à¤®. देश की सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• कलाà¤à¤ हो अथवा नैतिक मूलà¥à¤¯ विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ देशों के लोग इसकी ओर आकरà¥à¤·à¤¿à¤¤ रहते हैं. इसी तरह अतिथि देवो à¤à¤µà¤ƒ हमारे देश के उन सशकà¥à¤¤ विचारों में से है जो हमारे देश के नैतिक मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को और à¤à¥€ मजबूत बनाता है. हालाà¤à¤•à¤¿ अब यह नारा बदल देना चाहिठऔर लिख देना चाहिठअतिथि अब मत आना रे. कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यदि इस तरह के आचरण पर अंकà¥à¤¶ लगाने की हमारी कोई जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ नहीं बनती, विदेशी सैलानियों का सà¥à¤µà¤¾à¤—त करने वाले लोगों की मानसिकता नहीं बदल सकते तो इस नारे को बदनाम à¤à¥€ नहीं करना चाहिठना?
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