अयोधà¥à¤¯à¤¾, राजनीति के आगे बेबस आसà¥à¤¥à¤¾
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Rajeev ChoudharyDate
11-Dec-2017Category
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11-Dec-2017Download PDF
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अयोधà¥à¤¯à¤¾, राजनीति के आगे बेबस आसà¥à¤¥à¤¾
किसी नेता या राजनैतिक दल का असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ और à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ कितना होता है पता नहीं! लेकिन इस बात से कौन इंकार कर सकता है कि मरà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤® राम या अनà¥à¤¯ किसी महापà¥à¤°à¥à¤· का असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ हमारे पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ में बसता है और à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में à¤à¥€ सदा बसता रहेगा। कहा जाता है 16वीं सदी में à¤à¤• मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® आकà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤¾ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ तोड़ा गया उनका à¤à¤• मंदिर आज à¤à¥€ पà¥à¤¨à¤°à¥à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤®à¤¾à¤£ की बाट जोह रहा है। आसà¥à¤¥à¤¾ लगातार 25 वरà¥à¤·à¥‹ से कोरà¥à¤Ÿ का दरवाजा खटखटा रही है। आज हर किसी को याद है 6 दिसमà¥à¤¬à¤° को बाबरी मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ à¥à¤¹à¤¾à¤ जाने को 25 बरस पूरे गये। पर कितने लोग जानते हैं कि इससे पहले राम मंदिर कब टूटा था? शायद उन वरà¥à¤·à¥‹ की गिनती उà¤à¤—लियों पर नहीं की जा सकती। हालाà¤à¤•à¤¿ केंदà¥à¤° की सतà¥à¤¤à¤¾à¤§à¤¾à¤°à¥€ पारà¥à¤Ÿà¥€ के चà¥à¤¨à¤¾à¤µà¥€ घोषणापतà¥à¤° में राम मंदिर का मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ हमेशा रहा है। पर संविधान, राजनितिक दलों और कथित अलà¥à¤ªà¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤•à¥‹à¤‚ के हित के à¤à¤œà¥‡à¤‚डे को देखते हà¥à¤ यथा सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ बनी हà¥à¤ˆ है।
à¤à¤¾à¤°à¤¤ में मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ का टूटना à¤à¤• दà¥à¤–द सनà¥à¤¦à¥‡à¤¶ की तरह है जबकि सब जानते हैं कि बाबरी मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ का ढांचा गिराठजाने के बाद विशà¥à¤µ à¤à¤° के मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ में इसकी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ में सैकड़ों मंदिर तबाह कर डाले गये थे। अकेले बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ में ही कà¥à¤¯à¤¾-कà¥à¤¯à¤¾ हà¥à¤† आप तसलीमा नसरीन की पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• लजà¥à¤œà¤¾ से जान सकते हैं। बाबरी मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ शहीद हà¥à¤ˆ थी यह सà¥à¤¨à¤¤à¥‡-सà¥à¤¨à¤¤à¥‡ काफी वरà¥à¤· बीत गये पर कà¥à¤¯à¤¾ मसà¥à¤œà¤¿à¤¦à¥‡à¤‚ सिरà¥à¤« à¤à¤¾à¤°à¤¤ में ही शहीद होती हैं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• मà¥à¤²à¥à¤•à¥‹à¤‚ में कोई महीना या सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ ही à¤à¤¸à¤¾ जाता होगा जब वहां किसी मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ में विसà¥à¤«à¥‹à¤Ÿ न होता हो? या फिर à¤à¤¸à¤¾ हो सकता है कि मसà¥à¤œà¤¿à¤¦à¥‡à¤‚ सिरà¥à¤« हथोड़ों से शहीद होती हो बम विसà¥à¤«à¥‹à¤Ÿà¥‹à¤‚ और आतà¥à¤®à¤˜à¤¾à¤¤à¥€ हमलों से नहीं?
इसी वरà¥à¤· मोसà¥à¤² में 800 साल पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ अल-नूरी मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ को आई.à¤à¤¸.आई.à¤à¤¸. के विदà¥à¤°à¥‹à¤¹à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने उड़ा दिया था। तब कहीं à¤à¥€ इस विरोध में कोई पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ सà¥à¤¨à¤¾à¤ˆ नहीं दी। न कहीं दंगे हà¥à¤, न इसके विरोध में बम बà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿ, जैसे की बाबरी के विरोध में मà¥à¤‚बई की जमीन हजारों लोगों के खून से सन गई थी। चलो à¤à¤¾à¤°à¤¤ में तो बाबर की मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ टूटी थी जोकि à¤à¤• हमलावर था लेकिन 5 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ, 2016 सउदी अरब में इसà¥à¤²à¤¾à¤® के पवितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ में से à¤à¤• मदीना में पैगंबर की मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ के बाहर à¤à¤• आतà¥à¤®à¤˜à¤¾à¤¤à¥€ विसà¥à¤«à¥‹à¤Ÿ किया गया। इसके विरोध में किसने पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ दी किसने विरोध दरà¥à¤œ किया? चलो ये तो थोड़ी गà¥à¤œà¤°à¥€ बात हो गयी, पिछले महीने ही मिसà¥à¤° के उतà¥à¤¤à¤°à¥€ सिनाई में जà¥à¤®à¥‡ की नमाज के दौरान à¤à¤• मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ पर हà¥à¤ आतंकी हमले में कम से कम 235 लोगों की मौत हà¥à¤ˆ थी और करीब इतने ही घायल हà¥à¤ थे कà¥à¤¯à¤¾ वह मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ नहीं थी या मरने वाले लोगों के अनà¥à¤¦à¤° मजहब नहीं था? हर वरà¥à¤· न जाने कितने लोग मजहब बनाने या उसकी पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤¨ à¤à¤µà¥à¤¯à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने के लिठहजारों लोगों को शहीद करते हैं उनकी गिनती किसी ऊà¤à¤—ली पर नहीं होती न कोई शोक और काला दिवस मनाया जाता लेकिन मातà¥à¤° पतà¥à¤¥à¤°à¥‹à¤‚ से बनी ईमारत के लिठहर वरà¥à¤· न जाने कितनी राजनीति होती है।
खैर वही बात करते हैं जो वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में लोगों को पसंद है और पसंद बनाई à¤à¥€ जा रही है तो फिलहाल सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ ने राम जनà¥à¤®à¤à¥‚मि-बाबरी मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ विवाद पर 4 दिसमà¥à¤¬à¤° से अपनी आखिरी सà¥à¤¨à¤µà¤¾à¤ˆ शà¥à¤°à¥‚ की लेकिन पकà¥à¤·à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ के वकीलों की दलीलें सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ के बाद शीरà¥à¤· नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ ने सà¥à¤¨à¤µà¤¾à¤ˆ 8 फरवरी 2018 के लिठटाल दी गयी है। मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® पकà¥à¤·à¤•à¤¾à¤° सà¥à¤¨à¥à¤¨à¥€ वकà¥à¤« बोरà¥à¤¡ के वकील कपिल सिबà¥à¤¬à¤² ने सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ से कहा कि जब à¤à¥€ मामले की सà¥à¤¨à¤µà¤¾à¤ˆ होगी, कोरà¥à¤Ÿ के बाहर à¤à¥€ इसका गंà¤à¥€à¤° पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ होगा। कानून वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ बनाठरखने के लिठ15 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ 2019 के बाद इस मामले की सà¥à¤¨à¤µà¤¾à¤ˆ करें। जबकि केंदà¥à¤° सरकार ने बिना सà¥à¤¥à¤—न के रोज सà¥à¤¨à¤µà¤¾à¤ˆ की मांग कर रही है। यदि इस मामले की रोज सà¥à¤¨à¤µà¤¾à¤ˆ à¤à¥€ होती है तो सà¤à¥€ पकà¥à¤·à¥‹à¤‚ और सà¤à¥€ सबूतों की अनà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤¤ कापियां जांचने में कोरà¥à¤Ÿ कम से कम à¤à¤• वरà¥à¤· का समय लग जायेगा। इस पर सिबà¥à¤¬à¤² का कहना है कि 2019 के आम चà¥à¤¨à¤¾à¤µ में सतà¥à¤¤à¤¾à¤§à¤¾à¤°à¥€ दल इस मसले से फायदा उठा सकता है। इससे साफ है कि वकील हो या राजनेता यहाठलोगों की आसà¥à¤¥à¤¾ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने की परवाह कर रहे हैं।
अयोधà¥à¤¯à¤¾ विवाद किसके हक में जायेगा इसका जवाब à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ के गरà¥à¤ में छिपा है। 2010 में इलाहाबाद हाई कोरà¥à¤Ÿ ने अपने फैसले के बाद पिछले महीने शिया सेनà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤² वकà¥à¤« बोरà¥à¤¡ ने राम मंदिर-बाबरी मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ विवाद मामले में सà¥à¤²à¤¹ का फारà¥à¤®à¥‚ला पेश किया था। शिया वकà¥à¤« बोरà¥à¤¡ ने कहा था कि विवादित जगह पर राम मंदिर बनाया जाठऔर मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ अयोधà¥à¤¯à¤¾ में बनाठजाने के बजाठलखनऊ में बनाई जाà¤à¥¤ इस मसौदे के तहत पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ लखनऊ के हà¥à¤¸à¥ˆà¤¨à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦ में घंटाघर के सामने शिया वकà¥à¤« बोरà¥à¤¡ की जमीन है। उस जगह पर मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ बनाई जाठऔर मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ का नाम किसी मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® राजा या शासक के नाम पर न होकर ‘‘मसà¥à¤œà¤¿à¤¦-à¤-अमन’’ रखा जाà¤à¥¤ इस मसौदे के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤•, विवादित जगह पर à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤® का मंदिर बने ताकि हिनà¥à¤¦à¥‚ और मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के बीच का विवाद हमेशा के लिठखतà¥à¤® हो और देश में अमन कायम हो सके।
शिया सेंटà¥à¤°à¤² वकà¥à¤« बोरà¥à¤¡ के इस मसौदे का लोगों ने à¤à¥€ समरà¥à¤¥à¤¨ किया लेकिन सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ ने उनकी अपील यह कहते हà¥à¤ खारिज कर दी कि शिया सेंटà¥à¤°à¤² वकà¥à¤« बोरà¥à¤¡ अयोधà¥à¤¯à¤¾ मामले में पारà¥à¤Ÿà¥€ नहीं है और 1949 से चला आ रहा à¤à¤• धारà¥à¤®à¤¿à¤• और राजनितिक विवाद à¤à¤• बार फिर अधर में लटक गया है। हालाà¤à¤•à¤¿ सतà¥à¤¤à¤¾à¤°à¥‚ॠदल को यह à¤à¥€ पता है कि इस बार उसके पास कोई बहाना à¤à¥€ नहीं है। निचले सà¥à¤¤à¤° से लेकर शीरà¥à¤· तक वही सतà¥à¤¤à¤¾ में विराजमान है।
हालाà¤à¤•à¤¿ 1949 में शà¥à¤°à¥‚आती मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ सिरà¥à¤« ये था कि ये मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ के आà¤à¤—न में पहले से कायम राम चबूतरे पर वापस जाà¤à¤ या वहीं उनकी पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ चलती रहे। लेकिन अब 2017 में अदालतों राजनितिक दलों के लमà¥à¤¬à¥‡ सफर के बाद अब मà¥à¤–à¥à¤¯ रूप से ये तय करना है कि कà¥à¤¯à¤¾ विवादित मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ कोई हिनà¥à¤¦à¥‚ मंदिर तोड़कर बनाई गई थी या विवादित सà¥à¤¥à¤² à¤à¤—वान राम का जनà¥à¤® सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ है? दूसरा सबसे महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ ये है कि कà¥à¤¯à¤¾ विवादित इमारत à¤à¤• मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ थी, वह कब बनी और कà¥à¤¯à¤¾ उसे बाबर अथवा मीर बाकी ने बनवाया? लेकिन अब इतिहास में हà¥à¤ˆ गलती को साà¥à¥‡ तीन सौ साल बाद ठीक नहीं किया जा सकता। इसलिठसब मिलाकर यह मामला पूरे à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समाज और संविधान-लोकतांतà¥à¤°à¤¿à¤• शासन वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ के लिठचà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ बना खड़ा है। हर किसी के पास अपने सà¥à¤à¤¾à¤µ है पर सà¥à¤à¤¾à¤µ मानने वाले लोग कहाठहैं?
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