ऋषि दयाननà¥à¤¦ का संसार, देश व समाज पर ऋण
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Manmohan Kumar AryaDate
06-Feb-2018Category
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ऋषि दयाननà¥à¤¦ का संसारदेश व समाज पर ऋण
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ऋषि दयाननà¥à¤¦ का संसार, देश व समाज पर ऋण
आज हम जो कà¥à¤› à¤à¥€ जानते है उस जà¥à¤žà¤¾à¤¨ को हम तक पहà¥à¤‚चानें में हमसे पूरà¥à¤µ के ऋषियों व विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ का महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ योगदान है। सृषà¥à¤Ÿà¤¿ के आरमà¥à¤ से अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¨ की परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ का आरमà¥à¤ हà¥à¤† जो आज परà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ चला आ रहा है। माता-पिता अपने नवजात शिशॠको संसà¥à¤•à¤¾à¤° देने के साथ à¤à¤¾à¤·à¤¾ व आवशà¥à¤¯à¤• बातों का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ कराते हैं ओर बड़ा होने पर विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ या गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² में पà¥à¤¨à¥‡ के लिठà¤à¥‡à¤œà¤¤à¥‡ हैं। धीरे धीरे बालक जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¾à¤°à¥à¤œà¤¨ करते हà¥à¤ वह सब कà¥à¤› जान लेता जो वह जानना चाहता है। बहà¥à¤¤ कम लोग à¤à¤¸à¥‡ होते हैं जिनमें इस संसार को बनाने वाले, इसे चलाने वाली सतà¥à¤¤à¤¾ तथा अपनी आतà¥à¤®à¤¾, वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ व सà¥à¤µà¤°à¥‚प को जानने के साथ मनà¥à¤·à¥à¤¯ जीवन को जानने, समà¤à¤¨à¥‡ व उस लकà¥à¤·à¥à¤¯ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने के साधनों को जानने की इचà¥à¤›à¤¾ उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ होती है जिसके लिठहमारा यह मनà¥à¤·à¥à¤¯ जनà¥à¤® हà¥à¤† है। उस लकà¥à¤·à¥à¤¯ को उसे पूरा करने के लिठबहà¥à¤¤ कम मनà¥à¤·à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ किया करते हैं। ऋषि दयाननà¥à¤¦ अपने समय में à¤à¤¸à¥‡ विरले मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ में से à¤à¤• थे और उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने उन पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ को जानने में रà¥à¤šà¤¿ व दृणता पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¤ की जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ आज के मनà¥à¤·à¥à¤¯ जानना ही नहीं चाहते। ऋषि दयाननà¥à¤¦ का जीवन à¤à¤• सचà¥à¤šà¥‡ जिजà¥à¤žà¤¾à¤¸à¥ व जिजà¥à¤žà¤¾à¤¸à¤¾ को दूर करने के लिठआजीवन संघरà¥à¤· करने व उससे पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ को दूसरों को वितरित करने वाले à¤à¤• संघरà¥à¤·à¤¶à¥€à¤² सफल वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ वा महापà¥à¤°à¥à¤· का जीवन है।
ऋषि दयाननà¥à¤¦ à¤à¤• सचà¥à¤šà¥‡ व सिदà¥à¤§ योगी, वेद जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥€ ऋषि वा महरà¥à¤·à¤¿ थे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने अपूरà¥à¤µ संघरà¥à¤·à¤¶à¥€à¤² जीवन में सृषà¥à¤Ÿà¤¿ के आरमà¥à¤ में चार ऋषियों को परमातà¥à¤®à¤¾ से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ चार वेदों के जà¥à¤žà¤¾à¤¨ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर उनसे सारे संसार के रहसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को जानने व जनाने का सफल पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया था। उनका संघरà¥à¤· चौदह वरà¥à¤· की आयॠसे आरमà¥à¤ हà¥à¤† था और सनॠ1863 तक चला जब उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मथà¥à¤°à¤¾ में दणà¥à¤¡à¥€ गà¥à¤°à¥ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विरजाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ से वेद व वेदांगों का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया था। शिकà¥à¤·à¤¾ पूरी होने पर गà¥à¤°à¥à¤œà¥€ ने अपने योगà¥à¤¯à¤¤à¤® शिषà¥à¤¯ को संसार में फैले हà¥à¤ अविदà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥à¤§à¤•à¤¾à¤° से परिचित कराया था और उसे दूर कर मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ को सचà¥à¤šà¤¾ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ कराकर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ बोध कराने की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ की थी। गà¥à¤°à¥ की इस आजà¥à¤žà¤¾ व परामरà¥à¤¶ को à¤à¤• आदरà¥à¤¶ शिषà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦ ने सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° किया था। गà¥à¤°à¥ से दीकà¥à¤·à¤¾ लेकर सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦ संसार से अजà¥à¤žà¤¾à¤¨ मिटाने और सूरà¥à¤¯ के समान ईशà¥à¤µà¤°à¥€à¤¯ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ का पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ करने के लिठनिकल पड़े थे। आरमà¥à¤ में उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨, उपदेश व वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤• नगर से दूसरे फिर तीसरे आदि में घूम कर मौखिक पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° किया। वह साथ साथ शंकालॠव जिजà¥à¤žà¤¾à¤¸à¥à¤“ं की शंकाओं का समाधान à¤à¥€ करते थे। वह जहां जाते थे लोग उनके दरà¥à¤¶à¤¨ करने और उनके विचार सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ के लिठउमड़ते थे और बहà¥à¤¤ से लोग उनकी मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं को सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° कर उनके अनà¥à¤—ामी à¤à¥€ बन जाते थे। इसके विपरीत à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ मतों के अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥€ अपने मत की अविदà¥à¤¯à¤¾ व अनà¥à¤§à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸à¤ªà¥‚रà¥à¤£ बातों को ही मानने का आगà¥à¤°à¤¹ करते और उन पर विचार करने को à¤à¥€ ततà¥à¤ªà¤° नहीं थे।
वैदिक विचारधारा का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° करते हà¥à¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡à¤‚ à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ मतों की अविदà¥à¤¯à¤¾ सहित मूरà¥à¤¤à¤¿à¤ªà¥‚जा, अवतारवाद, फलित जà¥à¤¯à¥‡à¤¤à¤¿à¤·, मृतक शà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥à¤§, जनà¥à¤®à¤¨à¤¾ जातिवाद, बाल विवाह, अनमेल विवाह आदि का तीवà¥à¤° खणà¥à¤¡à¤¨ किया और सà¥à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤¾, गà¥à¤£-करà¥à¤®-सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ अनà¥à¤¸à¤¾à¤° वरà¥à¤£ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾, समान गà¥à¤£, करà¥à¤® व सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ के यà¥à¤µà¤• व यà¥à¤µà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का परसà¥à¤ªà¤° सहमति से विवाह आदि का समरà¥à¤¥à¤¨ किया था। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सà¤à¥€ मतों के आचारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ से अनेक विषयों पर पà¥à¤°à¥€à¤¤à¤¿à¤ªà¥‚रà¥à¤µà¤• शासà¥à¤¤à¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥ à¤à¥€ किये जिसमें वेद धरà¥à¤® की विजय हà¥à¤ˆà¥¤ वेद को उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने ईशà¥à¤µà¤°à¥€à¤¯ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ घोषित किया और इसके लिठअनेक तरà¥à¤• व पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ दिये। वेद मनà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ की वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ करने के साथ वेदों पर अनेक गà¥à¤°à¤‚थ लिखे और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ व हिनà¥à¤¦à¥€ में वेद à¤à¤¾à¤·à¥à¤¯ à¤à¥€ किया जो उनके समान उनके पूरà¥à¤µ उनकी योगà¥à¤¯à¤¤à¤¾ के किसी वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किया गया उपलबà¥à¤§ नहीं था। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी को सलाह दी गई कि आप अपनी मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं का à¤à¤• गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ लिख दें जिससे जो लोग उनके वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ में किसी कारण से नहीं आ पाते, वह लोग à¤à¥€ लाà¤à¤¾à¤¨à¥à¤µà¤¿à¤¤ हो सकें। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने इस परामरà¥à¤¶ को सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° कर लिया और कà¥à¤› ही महीनों, लगà¤à¤— साà¥à¥‡ तीन महीनों, में सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ जैसा à¤à¤• अपूरà¥à¤µ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ लिख दिया जो आरà¥à¤¯ वा आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का धरà¥à¤®à¤—à¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ है। इसकी यह विशेषता है कि यह सà¤à¥€ मत पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‹à¤‚ व धरà¥à¤®à¤—à¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ से विशेष वा महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ हैं तथा इसकी सà¤à¥€ बातें जà¥à¤žà¤¾à¤¨ व विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ से पूरà¥à¤£ व तरà¥à¤• à¤à¤µà¤‚ यà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ से सिदà¥à¤§ हैं। इसमें वà¥à¤¯à¤°à¥à¤¥ के मिथà¥à¤¯à¤¾ व कलà¥à¤ªà¤¿à¤¤ कहानी किसà¥à¤¸à¥‡ नहीं है। वेद और मनà¥à¤¸à¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ आदि अनेक पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ से यह सà¥à¤¸à¤œà¥à¤œà¤¿à¤¤ है।
सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦ जी की à¤à¤• देन आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ जैसा अपूरà¥à¤µ संगठन है जो वेदों को परम पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ मानता है और बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿, तरà¥à¤• व यà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से सतà¥à¤¯ व असतà¥à¤¯ का निरà¥à¤£à¤¯ करता है। सतà¥à¤¯ को सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° करता है और असतà¥à¤¯ का तà¥à¤¯à¤¾à¤— करता है। अविदà¥à¤¯à¤¾ का नाश और विदà¥à¤¯à¤¾ की वृदà¥à¤§à¤¿ करता है। आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ होने से देश व देशवासियों को अनेक लाठहà¥à¤ हैं। आज हम विशà¥à¤µ में à¤à¤¾à¤°à¤¤ व इसके आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• जà¥à¤žà¤¾à¤¨ की जो पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ा देख रहे हैं वह आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ के कारण से ही है। पहले हमारे पौराणिक वा सनातनी मत की मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं पर विधरà¥à¤®à¥€ आकà¥à¤·à¥‡à¤ª करते थे परनà¥à¤¤à¥ हमारे पास उनका उतà¥à¤¤à¤° नहीं होता था। आज हम सà¤à¥€ आकà¥à¤·à¥‡à¤ªà¥‹à¤‚ का उतà¥à¤¤à¤° à¤à¥€ देते हैं और उनकी अविदà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ बातों पर आकà¥à¤·à¥‡à¤ª करते हैं और वह उतà¥à¤¤à¤° न होने के कारण मौन रहते हैं। यह वेद, ऋषि दयाननà¥à¤¦ और आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ की देन है। ऋषि दयाननà¥à¤¦ के पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° और आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ होने से देश को आजाद कराने के विचार मिले, आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ ने अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ के अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° व अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥‹à¤‚ का विरोध किया व देश की आजादी के लिठकिये गये कà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤¿à¤•à¤¾à¤°à¥€ व अहिंसातà¥à¤®à¤• आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ में सबसे अधिक सहयोग किया। देश को सà¥à¤µà¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ व सà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ के शबà¥à¤¦ सबसे पहले ऋषि दयाननà¥à¤¦ ने ही दिये थे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि जो सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¥€à¤¯ राजà¥à¤¯ होता है वह सरà¥à¤µà¥‹à¤ªà¤°à¤¿ उतà¥à¤¤à¤® होता है। विदेशी राजà¥à¤¯ कितना ही अचà¥à¤›à¤¾ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ न हो वह सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¥€à¤¯ राजà¥à¤¯ से अचà¥à¤›à¤¾ कदापि नहीं हो सकता। इसी का परिणाम देश की आजादी रहा।
सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने देश मे ंवà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ सामाजिक असमानता पर à¤à¥€ अपना धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ केनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¿à¤¤ किया ओर जनà¥à¤®à¤¨à¤¾ जाति वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ को अनà¥à¤šà¤¿à¤¤ व अवà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤• बताया। वह नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ सहित गà¥à¤£, करà¥à¤® व सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ पर आधारित सामाजिक वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ जिसे वरà¥à¤£ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ कह सकते हैं, के पकà¥à¤·à¤§à¤° थे। आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ के लोगों ने समाज से जातीय à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ दूर करने के लिठसबसे अधिक कारà¥à¤¯ किया। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ जी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ इस निमितà¥à¤¤ किये गठकारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ वा आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨à¥‹à¤‚ को à¤à¥à¤²à¤¾à¤¯à¤¾ नहीं जा सकता। नारी जाति को शिकà¥à¤·à¤¾ व यà¥à¤µà¤¾à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में अपने अनà¥à¤°à¥‚प विवाह का अधिकार à¤à¥€ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦ जी ने दिया। नारियों सहित सà¤à¥€ शूदà¥à¤°à¥‹à¤‚ को वेदाधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ का अधिकार à¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने दिया जिसे पौराणिक आचारà¥à¤¯ वेद विरà¥à¤¦à¥à¤§ घोषित कर चà¥à¤•à¥‡ थे। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦ गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤²à¥€à¤¯ शिकà¥à¤·à¤¾ के समरà¥à¤¥à¤• थे जहां वेदों के साथ साथ आधà¥à¤¨à¤¿à¤• शिकà¥à¤·à¤¾ का à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¬à¤¨à¥à¤§ हो। देश को तकनीकि जà¥à¤žà¤¾à¤¨ समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ कराने के लिठà¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सकà¥à¤°à¤¿à¤¯ पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किये थे। आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤® के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में à¤à¥€ उनका सबसे अधिक योगदान है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने ईशà¥à¤µà¤° व जीवातà¥à¤®à¤¾ का सचà¥à¤šà¤¾ सà¥à¤µà¤°à¥‚प पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया और जीवातà¥à¤®à¤¾ का मà¥à¤–à¥à¤¯ उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ सांसारिक सà¤à¥€ अचà¥à¤›à¥‡ कारà¥à¤¯à¤¾à¤‚ को बताते हà¥à¤ ईशà¥à¤µà¤° à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ वा उपासना को बताया जिससे जीवातà¥à¤®à¤¾ सà¤à¥€ दà¥à¤°à¥à¤—à¥à¤£à¥‹à¤‚ से मà¥à¤•à¥à¤¤ होकर व सदà¥à¤—à¥à¤£à¥‹à¤‚ से पूरà¥à¤£ होकर ईशà¥à¤µà¤° का साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•à¤¾à¤° कर सके। इसकी विधि वही है जो योगदरà¥à¤¶à¤¨ में वरà¥à¤£à¤¿à¤¤ है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दरयाननà¥à¤¦ जी सà¥à¤µà¤¯à¤‚ सिदà¥à¤§ योगी थे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ की शà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿, सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ जीवन वà¥à¤¯à¤¤à¥€à¤¤ करने व दूसरों को सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करने के वैदिक तरीके अगà¥à¤¨à¤¿à¤¹à¥‹à¤¤à¥à¤° यजà¥à¤ž का वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• सà¥à¤µà¤°à¥‚प व उसकी सरल विधि से देश व समाज को परिचित कराया और उसे पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ व सायं दोनों कालों में करने के पूरà¥à¤µ विधान की पà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ कर लोगों को इसे करने को पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ किया। देश की राजनैतिक व सामाजिक वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ कैसी हो, इसका रूप à¤à¥€ हमें उनके सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ à¤à¤µà¤‚ इतर गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ में देखने को मिलता है। सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶, ऋगà¥à¤µà¥‡à¤¦à¤¾à¤¦à¤¿à¤à¤¾à¤·à¥à¤¯à¤à¥‚मिका और वेदà¤à¤¾à¤·à¥à¤¯ तथा संसà¥à¤•à¤¾à¤° विधि उनके पà¥à¤°à¤®à¥à¤– गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ हैं। उनके अनà¥à¤¯ अनेक गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ में पंचमहायजà¥à¤žà¤µà¤¿à¤§à¤¿, आरà¥à¤¯à¤¾à¤à¤¿à¤µà¤¿à¤¨à¤¯, वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤à¤¾à¤¨à¥, गोकरूणानिधि, आरà¥à¤¯à¥‹à¤¦à¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯à¤°à¤¤à¥à¤¨à¤®à¤¾à¤²à¤¾ आदि गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ हैं। अनेक लोगों ने उनके जीवनचरित लिखे हैं जो à¤à¤• पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठआचारशासà¥à¤¤à¥à¤° के समान हैं जिससे मनà¥à¤·à¥à¤¯ जीवन के रहसà¥à¤¯ को समठकर अपने करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ का चयन कर पारलौकिक उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ à¤à¥€ कर सकता है।
सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦ जी का देश व समाज को जो योगदान है वह इतना वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• है कि इसको à¤à¤• लेख में पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ नहीं किया जा सकता। हमने कà¥à¤› बातों का संकेत किया है।
---मनमोहन कà¥à¤®à¤¾à¤° आरà¥à¤¯
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