चनà¥à¤¦à¥à¤° गà¥à¤°à¤¹à¤£ या धन गà¥à¤°à¤¹à¤£ ?
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Rajeev ChoudharyDate
06-Feb-2018Category
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चनà¥à¤¦à¥à¤° गà¥à¤°à¤¹à¤£ या धन गà¥à¤°à¤¹à¤£ ?
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समाचार चैनलों पर जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· के जानकर और बाबा सà¥à¤¬à¤¹-सà¥à¤¬à¤¹ बैठते हैं वे सà¥à¤µà¤°à¥à¤— से नरक तक के, जीवन से मृतà¥à¤¯à¥ तक के, सारे राज आधा-पौन घंटे में निपटा देते हैं। किस मारà¥à¤— से जाना है, किस मारà¥à¤— से नहीं। à¤à¤¸à¤¾ कहते हà¥à¤ उनके चेहरे पर à¤à¤• आलोकिक आà¤à¤¾ दिखाई देने लगती है। तब इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ देखकर लगता हैं देश को सरकार नहीं बलà¥à¤•à¤¿ ये जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ ही चला रहे हैं। आज किस रंग के कपड़े पहने, कैसे शà¥à¤ सूचना मिलेगी, किस दिशा में जाने से कारà¥à¤¯ मंगलमय होंगे। किस यंतà¥à¤° को घर में रखने से धन के à¤à¤‚डार à¤à¤° जायेंगे। सब कà¥à¤› सà¥à¤¬à¤¹ सवेरे हाथ मà¥à¤‚ह धोने से पहले ही पता चल जाता है। लेकिन 31 जनवरी की शाम को लगà¤à¤— 4 बजे से समसà¥à¤¤ नà¥à¤¯à¥‚ज चैनलों पर इन सà¤à¥€ की à¤à¤°à¤®à¤¾à¤° थी। घटना खगोलीय थी पर जिस तरीके से ये जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤·à¥€ आम मनà¥à¤·à¥à¤¯ के जीवन पर उसके परिणाम और पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ बता रहे थे उसे सà¥à¤¨à¤•à¤° लग रहा था आज चंदà¥à¤°à¤®à¤¾ किसी खगोलीय घटना से नहीं बलà¥à¤•à¤¿ कथित जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤·à¥‹à¤‚ से डरकर इधर-उधर छिप गया हो।
हालाà¤à¤•à¤¿ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ कहता है ये सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ तब उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ होती है जब सूरà¥à¤¯, पृथà¥à¤µà¥€ और चांद लगà¤à¤— à¤à¤• सीधी रेखा में आते हैं। इस सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में सूरज की रौशनी चांद तक नहीं पहà¥à¤‚च पाती है और चांद पैनंबरा की तरफ जाता है तो वे हमें धà¥à¤‚धला सा दिखाई देने लगता है। वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤·à¤¾ में पैनंबरा को ही गà¥à¤°à¤¹à¤£ कहा जाता है। दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के लिठà¤à¤²à¥‡ ही यह घटना अनà¥à¤¤à¤°à¤¿à¤•à¥à¤· विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ से जà¥à¥œà¥€ हो पर à¤à¤¾à¤°à¤¤ के लिठयह किसी धारà¥à¤®à¤¿à¤• उतà¥à¤¸à¤µ से कम नहीं होती। लमà¥à¤¬à¥‡-लमà¥à¤¬à¥‡ तिलक लगाये, महंगी-महंगी जैकेट पहने पंडित जी इसका असर बजट की तरह पेश कर रहे थे। बस अंतर इतना था, बजट में उचà¥à¤š-माधà¥à¤¯à¤® और निमà¥à¤¨ वरà¥à¤— का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखा जाता है यहाठनाम और राशि के हिसाब से à¤à¤¯ बांटा जा रहा था।
बता रहे थे कि पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° राहॠगà¥à¤°à¤¹ चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤®à¤¾ और सूरà¥à¤¯ के परम शतà¥à¤°à¥ हैं। जब सागर मंथन से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ अमृत कलश पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤† तो राहॠअमृत पीने के लिठदेवताओं की पंकà¥à¤¤à¤¿ में बैठगया लेकिन सूरà¥à¤¯ और चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤®à¤¾ के इशारे पर à¤à¤—वान विषà¥à¤£à¥ राहॠको पहचान गठऔर अमृत गटकने से पहले ही सà¥à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ चकà¥à¤° से राहॠका गला काट डाला। इस घटना के बाद से ही समय-समय पर राहॠचनà¥à¤¦à¥à¤°à¤®à¤¾ और सूरà¥à¤¯ को खाने की कोशिश करता है लेकिन कà¤à¥€ खा नहीं पाता कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि कटे सिर की वजह से राहॠके मà¥à¤‚ह में जाकर सूरà¥à¤¯ और चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤®à¤¾ पà¥à¤¨à¤ƒ मà¥à¤•à¥à¤¤ हो जाते हैं। जबकि विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ का मानना है कि जब सूरà¥à¤¯ चनà¥à¤¦à¥à¤° के मधà¥à¤¯ पृथà¥à¤µà¥€ आ जाती है तो चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤—à¥à¤°à¤¹à¤£ लग जाता है।
आधà¥à¤¨à¤¿à¤• जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· विदà¥à¤¯à¤¾ या लूट विदà¥à¤¯à¤¾ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° माना जाता है कि गà¥à¤°à¤¹à¤£ का पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ काफी लमà¥à¤¬à¥‡ समय तक रहता है और इसका पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ कम करने के लिठसà¥à¤¨à¤¾à¤¨, दान और धारà¥à¤®à¤¿à¤• कारà¥à¤¯ करने के लिठकहा जाता है। इस दिन किठगठदान-पà¥à¤£à¥à¤¯ से मोकà¥à¤· का दà¥à¤µà¤¾à¤° खà¥à¤²à¤¤à¤¾ है, साथ ही ये à¤à¥€ बता रहे थे कि दान-पà¥à¤£à¥à¤¯ करने वालों को यह धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखना चाहिठकि जो à¤à¥€ करना हो वह सà¥à¤¬à¤¹ 8 बजे से पहले कर लें। कोई सà¥à¤œà¥€à¤¤ जी महाराज बता रहे थे कि इस चनà¥à¤¦à¥à¤° गà¥à¤°à¤¹à¤£ का हर राशि पर अलग पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ होगा। किस राशि के लोगों को कितना दान करना चाहिठवे बता रहे थे फला राशि वाले मंगल से संबंधित दà¥à¤°à¤µà¥à¤¯à¥‹à¤‚ गà¥à¥œ और मसूर की दाल का दान करें, इस राशि वाले का धन वà¥à¤¯à¤°à¥à¤¥ वà¥à¤¯à¤¯ होगा, मानसिक चिंता से बचने के लिठशà¥à¤°à¥€ सूकà¥à¤¤ का पाठकरें और मंदिर में दिल खोलकर दान करें या इस राशि वाले शिव उपासना करें, गà¥à¤°à¤¹à¤£ के बीज मंतà¥à¤° का जप करें। वरना रोगों में वृ( होगी, बने काम बिगाड़ जायेंगे, शारारिक कषà¥à¤Ÿ होगा, संतान सà¥à¤– नहीं होगा आदि-आदि।
ये लोग हर à¤à¤• अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ फैलाने से पहले यह कहना नहीं à¤à¥‚ल रहे थे कि शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ के दिशानिरà¥à¤¦à¥‡à¤¶ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° ये करना चाहिठवो करना चाहिà¤à¥¤ लेकिन à¤à¤¸à¤¾ à¤à¥‚ठऔर à¤à¤¯ फैलाने का कौन सा शासà¥à¤¤à¥à¤° आजà¥à¤žà¤¾ देता है। वेद में तो à¤à¤¸à¤¾ कà¥à¤› नहीं है? न गीता में न किसी उपनिषद में फिर वह कौन सा शासà¥à¤¤à¥à¤° है? शायद यह इनका कालà¥à¤ªà¤¨à¤¿à¤• शासà¥à¤¤à¥à¤° होगा।
दरअसल हमारी पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· विदà¥à¤¯à¤¾ समय की गणना का वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• रूप है। जिसकी सराहना करने और समà¤à¤¨à¥‡ के बजाय लोग उसके अनà¥à¤§à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ से à¤à¤°à¥‡ वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¤¿à¤• रूप का जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ समरà¥à¤¥à¤¨ करते हैं। आखिर इस पाखणà¥à¤¡ की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ कहाठसे हà¥à¤ˆ? पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ समय में राजा होते थे और राजाओं के बड़े-बड़े राजसी शौक थे, उनका कोई à¤à¥€ कारà¥à¤¯ साधारण कैसे हो सकता है तो वे हर कारà¥à¤¯ के लिठजà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से शà¥à¤ मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ निकलवाते थे। अब आज के समय में सà¤à¥€ के लिठयह जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· की सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ उपलबà¥à¤§ है हर चौराहे पर जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤·à¥€ उपलबà¥à¤§ है तो सà¤à¥€ इसका आनंद उठा रहे हैं, आज सà¤à¥€ राजा हैं। लेकिन आज के समय में जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· विदà¥à¤¯à¤¾ का पूरी तरह से बाजारीकरण हो चà¥à¤•à¤¾ है अब बहà¥à¤¤ से पाखणà¥à¤¡à¥€ आपको डरा कर अपना उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦ आपको बेच रहे हैं। ठीक उसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° फेयर à¤à¤£à¥à¤¡ लवली वाले आपको गोरा कर देने का दावा करते हैं।
इस ढोंग का सबसे बड़ा नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ यह है की इंसान यह à¤à¥‚ल जाता है कि जीवन, होनी और अनहोनी, सà¥à¤– और दà¥à¤ƒà¤–, कà¤à¥€ अचà¥à¤›à¤¾ तो कà¤à¥€ बà¥à¤°à¤¾ इन दोनों पहलà¥à¤“ं को लेकर आगे बà¥à¤¤à¤¾ है। दूसरा à¤à¤• नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ यह à¤à¥€ है कि यदि वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ से कोई गलती हो à¤à¥€ जाठतो वह à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ या गà¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚ को दोषी ठहरा देता है बजाय इसके कि वह उस पर आतà¥à¤®à¤®à¤‚थन करके उसके मूल कारण को समà¤à¥‡à¥¤ जिससे à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में उसी गलती के पà¥à¤¨à¤°à¤¾à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿ होने की समà¥à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ बॠजाती है। मतलब à¤à¤¸à¥‡ किसी à¤à¥€ नियम को सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करने के पीछे मà¥à¤–à¥à¤¯ रूप से दो बातें पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥€ होती हैं, पहली-à¤à¤¯ और दूसरी-लोठया लालच। धरà¥à¤® के नाम इन दोनों बातों का समावेश कर दिया गया है।
इस सतà¥à¤¯ से शायद ही कोई इंकार करे कि हम जब à¤à¥€ किसी संकट में घिर जाते हैं तो अपने से सकà¥à¤·à¤® का सहारा तलाशते हैं, विशेष रूप से अपने से बड़े का। दैवीय शकà¥à¤¤à¤¿ की मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ के पीछे à¤à¥€ यही उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ रहा होगा कि जब इनà¥à¤¸à¤¾à¤¨ किसी मà¥à¤¸à¥€à¤¬à¤¤ में घिर जाये तो उसका सà¥à¤®à¤°à¤£ करके खà¥à¤¦ में à¤à¤• तरह का विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ पैदा कर सके। लेकिन इस मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ को à¤à¥€ धारà¥à¤®à¤¿à¤• करà¥à¤®à¤•à¤¾à¤‚डियों ने अपनी गिरफà¥à¤¤ में लेकर लोगों के सामने à¤à¤—वान का à¤à¤¯ जगाना शà¥à¤°à¥‚ कर दिया। मà¥à¤¸à¥€à¤¬à¤¤à¥‹à¤‚ से बचाने का कारोबार करना शà¥à¤°à¥‚ कर दिया। हर समसà¥à¤¯à¤¾ का समाधान निकालना शà¥à¤°à¥‚ कर दिया। अशिकà¥à¤·à¤¿à¤¤à¥‹à¤‚ की कौन कहे जब पà¥à¥‡-लिखे लोग ही à¥à¥‹à¤‚गियों के चकà¥à¤•à¤° में फंसकर धरà¥à¤® को रसातल की ओर ले जाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। सामाजिक, सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤•, परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£à¥€à¤¯ दà¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ से बनाई गई मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं को अनà¥à¤§à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ के सहारे पलà¥à¤²à¤µà¤¿à¤¤-पà¥à¤·à¥à¤ªà¤¿à¤¤ करने लगे। आज हालत ये है कि अधिसंखà¥à¤¯à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ या तो घनघोर तरीके से धरà¥à¤® के कबà¥à¤œà¥‡ में हैं। इसके लिठहमें अंध-विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ से बाहर आना होगा, अंध-शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ से बाहर आना होगा, अंध-वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ से बचना होगा। आने वाली पीà¥à¥€ को उनà¥à¤¨à¤¤ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ वेद का मारà¥à¤— समà¤à¤¾à¤¨à¤¾ होगा वरना अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ के इस जाल से न धरà¥à¤® बचेगा न विजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥¤
अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ निरोधक वरà¥à¤· 2018 दिलà¥à¤²à¥€ आरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ सà¤à¤¾
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