देखना à¤à¤• दिन ऋषि दयाननà¥à¤¦ की यह सेना इस अंधकार को चीर देगी
Author
Rajeev ChoudharyDate
15-Feb-2018Category
लेखLanguage
HindiTotal Views
858Total Comments
0Uploader
RajeevUpload Date
15-Feb-2018Download PDF
-0 MBTop Articles in this Category
- फलित जयोतिष पाखंड मातर हैं
- राषटरवादी महरषि दयाननद सरसवती
- राम मंदिर à¤à¥‚मि पूजन में धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ कहाठगयी? à¤à¤• लंबी सियासी और अदालती लड़ाई के बाद 5 अगसà¥à¤¤ को पà¥
- सनत गरू रविदास और आरय समाज
- बलातकार कैसे रकेंगे
Top Articles by this Author
- राम मंदिर à¤à¥‚मि पूजन में धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ कहाठगयी? à¤à¤• लंबी सियासी और अदालती लड़ाई के बाद 5 अगसà¥à¤¤ को पà¥
- साईं बाबा से जीशान बाबा तक कà¥à¤¯à¤¾ है पूरा माजरा?
- शरियत कानून आधा-अधूरा लागू कयों
- तिबà¥à¤¬à¤¤ अब विशà¥à¤µ का मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ बनना चाहिà¤
- कà¥à¤¯à¤¾ आतà¥à¤®à¤¾à¤à¤‚ अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ में बोलती है..?
देखना à¤à¤• दिन ऋषि दयाननà¥à¤¦ की यह सेना इस अंधकार को चीर देगी
ऋषि बोधोतà¥à¤¸à¤µ 13 फरवरी पर जिस-जिस ने रामलीला मैदान का यह सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° नजारा देखा होगा निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ ही उसका मन गरà¥à¤µ और गौरव से पà¥à¤°à¤«à¥à¤²à¥à¤²à¤¿à¤¤ होकर, वैदिक धरà¥à¤® का नाद कर उठा होगा। शाम के समय à¤à¤²à¥‡ ही सूरà¥à¤¯ ने पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ को अपनी गोद में समेट लिया हो पर वेद की जलती जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿, यजà¥à¤ž की पà¥à¤°à¤šà¤‚ड अगà¥à¤¨à¤¿ शिखा ने मन और सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ से अंधकार à¤à¤—ा दिया था। बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की लमà¥à¤¬à¥€-लमà¥à¤¬à¥€ कतारें, उनके मà¥à¤– मंडल पर अनूठी आà¤à¤¾, सब कà¥à¤› वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¿à¤¤, हर à¤à¤• बचà¥à¤šà¤¾ मन, वचन करà¥à¤® से उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ अपने-अपने यजà¥à¤ž पातà¥à¤° लिठउचित दूरी पर जैसे परमातà¥à¤®à¤¾ के निकट बैठा दिखा। à¤à¤• बार को तो मन में शंका उठी थी कि आयोजक इस विशाल यजà¥à¤ž पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ को किस तरह वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¿à¤¤ करेंगे, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि कà¥à¤› बचà¥à¤šà¥‡ à¤à¤²à¥‡ ही 10 से 15 वरà¥à¤· के करीब थे किनà¥à¤¤à¥ अधिकांश बचà¥à¤šà¥‡ तो 10 वरà¥à¤· से कम आयॠके à¤à¥€ थे, पर देखते ही देखते लगà¤à¤— 10 मिनट के अनà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤² में हर à¤à¤• बचà¥à¤šà¤¾ à¤à¤• दिशा, à¤à¤• पंकà¥à¤¤à¤¿ में बिना किसी बहस और विवाद के, यजà¥à¤ž आसन मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ में समान दूरी पर हवन कà¥à¤‚ड सामने रखकर यजà¥à¤ž के लिठतैयार था। इससे हर कोई सà¥à¤µà¤¯à¤‚ में ही वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• नजर आ रहा था।
दिलà¥à¤²à¥€ आरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤§à¤¿ सà¤à¤¾ के ततà¥à¤¤à¥à¤µà¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨ में पिछले काफी समय से ‘घर-घर यजà¥à¤ž- हर घर यजà¥à¤ž’ और सà¥à¤¥à¤¾à¤¨-सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर यजà¥à¤ž पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ शिविर आयोजित किये जा रहे हैं। जिनमें दिलà¥à¤²à¥€ की विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ आरà¥à¤¯ समाजों à¤à¤µà¤‚ आरà¥à¤¯ संसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं, कनà¥à¤¯à¤¾ विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚, गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² आदि में यह पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ शिविर चलाये जा रहे हैं या ये कहिये वैदिक संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के अधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤µà¤°à¥‚प को बचाने के लिठये ऋषि दयाननà¥à¤¦ की फौज खड़ी की जा रही है।
इस विशाल यजà¥à¤ž पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ में करीब 600 बचà¥à¤šà¥‡ थे, आगे बà¥à¤¨à¥‡ से पहले बता दूठयह कोई पौराणिक कहानियों का जादू का मनà¥à¤¤à¥à¤° नहीं था बलà¥à¤•à¤¿ दिलà¥à¤²à¥€ आरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ सà¤à¤¾ और समसà¥à¤¤ समाजों और आरà¥à¤¯ शिकà¥à¤·à¤£ संसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं के सहयोग का वह पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤«à¤² था जिसने हर किसी को गद-गद होने पर मजबूर कर दिया। ये à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की विरासत को अगली पीà¥à¥€ को सौंपने का वह पà¥à¤¨à¥€à¤¤ कारà¥à¤¯ था जो पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤µà¤¾à¤¸à¥€ को करना ही चाहिà¤à¥¤ ये ऋषि दयानंद के सपने के वैदिक रथ को उस मारà¥à¤— पर आगे बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ का कारà¥à¤¯ था जिसमें आधà¥à¤¨à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ के नाम पर आज समाज में कà¥à¤¸à¤‚सà¥à¤•à¤¾à¤° के गडà¥à¤¢à¥‡ खोद दिठगये हैं। संसà¥à¤•à¤¾à¤° अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ सदगà¥à¤£à¥‹à¤‚ को गà¥à¤£à¤¾ करना अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ बà¥à¤¾à¤¨à¤¾ à¤à¤µà¤‚ दोषों को घटाना, अचà¥à¤›à¥€ आदतें डालना à¤à¤µà¤‚ बà¥à¤°à¥€ आदतें निकाल कर फेंकना, संसà¥à¤•à¤¾à¤° कोई दवाई नहीं होती कि किसी को पिला दो और वह संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥€ हो जाये। संसà¥à¤•à¤¾à¤° बालà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤² का वह वातावरण होता है जिसमें उसके मन को जैसी छाप मिलती है, उसके मासूम मन की गीली सी मिटà¥à¤Ÿà¥€ पर जो लिखा जाता है वही सारी जिनà¥à¤¦à¤—ी अंकित रहता है।
यह सब मानते हैं कि यजà¥à¤ž à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का आदि पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• है। à¤à¤²à¤¾ वैदिक धरà¥à¤® का नाम आये और उसके साथ यजà¥à¤ž का जिकà¥à¤° न हो! कैसे हो सकता है? यजà¥à¤ž तो संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का पिता है। हमारे जीवन में यजà¥à¤ž का बड़ा महतà¥à¤¤à¥à¤µ है। हमारा कोई à¤à¥€ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® बिना यजà¥à¤ž के पूरा नहीं होता। सब संसà¥à¤•à¤¾à¤° जनà¥à¤® से लेकर मृतà¥à¤¯à¥ तक यजà¥à¤ž से ही पूरà¥à¤£ होते आये हैं। इसे ही à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ कहा गया है। à¤à¤²à¥‡ ही कोई पौराणिक हो लेकिन उसे à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• कथा, कीरà¥à¤¤à¤¨, वà¥à¤°à¤¤, उपवास, परà¥à¤µ, तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤°, उतà¥à¤¸à¤µ, उदà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¨ सà¤à¥€ में यजà¥à¤ž अवशà¥à¤¯ करना-कराना पड़ता है। बस इसमें हानि यह होती है कि यह लोग यजà¥à¤ž के असली सà¥à¤µà¤°à¥‚प को बिगाड़ देते हैं और जो परिवार यजà¥à¤ž के असली सà¥à¤µà¤°à¥‚प को नहीं समà¤à¤¤à¥‡ वह इसे ही सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° कर लेते हैं। उदहारण के लिठअà¤à¥€ पिछले दिनों मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में शराब से यजà¥à¤ž किया गया था जिसमें सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ और दूर दराज से आये सैकड़ों लोग à¤à¥€ उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ थे। यदि उनमें किसी à¤à¤• को à¤à¥€ यजà¥à¤ž के वैदिक कालीन सà¥à¤µà¤°à¥‚प का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ होता तो कà¥à¤¯à¤¾ वह इसका विरोध नहीं करता? कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इसकी आड़ में हमारी शà¥à¤¦à¥à¤§ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ं पर हमला हो रहा था। à¤à¤¸à¥‡ घोर अवैदिक कृतà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को मिटाने के लिठही आरà¥à¤¯ समाज पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¤°à¤¤ है। इससे समाज को दो लाठहोंगे à¤à¤• तो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कोई यजà¥à¤ž के नाम पर मूरà¥à¤– बनाकर धन, समय आदि की हानि नहीं कर सकता दूसरा यदि किसी के आस-पास कोई पà¥à¤°à¥‹à¤¹à¤¿à¤¤ न à¤à¥€ हो तो वह इस कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ को सà¥à¤µà¤¯à¤‚ à¤à¥€ कर सकता है।
आज देश में यजà¥à¤ž पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ शिविर कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ जरूरी है इसे समà¤à¤¨à¥‡ के लिठमातà¥à¤° à¤à¤• और छोटा सा उदहारण काफी होगा कि फरवरी माह में ही राजधानी दिलà¥à¤²à¥€ के सà¥à¤à¤¾à¤· पैलेस इलाके में घर की शà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ हवन तनà¥à¤¤à¥à¤° कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ के नाम पर तांतà¥à¤°à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ के कहने पर अà¤à¤¿à¤à¤¾à¤µà¤•à¥‹à¤‚ ने अपनी बेटी को तांतà¥à¤°à¤¿à¤• के हवाले कर दिया और तांतà¥à¤°à¤¿à¤• लगातार उससे 12 वरà¥à¤· दà¥à¤·à¥à¤•à¤°à¥à¤® करता रहा। यहाठपर फिर वही सवाल खड़ा होता है कि यदि उकà¥à¤¤ परिवार में कोई à¤à¤• à¤à¥€ सदसà¥à¤¯ वैदिक यजà¥à¤ž पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ को जानता, समà¤à¤¤à¤¾ तो कà¥à¤¯à¤¾ वह तांतà¥à¤°à¤¿à¤• इस नीच कारà¥à¤¯ में सफल हो पाता? शायद नहीं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यजà¥à¤ž में समिधा, सामगà¥à¤°à¥€, घी, जल, कपूर आदि के अलावा किसी चीज की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ शायद ही पड़ती हो। लेकिन शरà¥à¤® का विषय यह है कि आज अनà¥à¤·à¥à¤ ानों के नाम पर तांतà¥à¤°à¤¿à¤• असà¥à¤®à¤¤ तक रोंद रहे हैं। लेकिन अब यह लोग सफल नहीं होंगे, नौजवानों में बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के रूप में खड़ी हो रही यह महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ की सेना इस अंधकार को चीर कर रख देगी। इस वरà¥à¤· ऋषि बोधोतà¥à¤¸à¤µ पर 600 बचà¥à¤šà¥‡ उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ थे तो अबकी बार अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ महासमà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ में यजà¥à¤ž पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ में दस हजार का लकà¥à¤·à¥à¤¯ है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ की समसà¥à¤¤ आरà¥à¤¯ समाजें इस कारà¥à¤¯ को गति देंगी तो à¤à¤• दिन यह संखà¥à¤¯à¤¾ लाखों करोड़ों में होगी। à¤à¤¸à¤¾ हमें विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ है।
ALL COMMENTS (0)