कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ शरियत के खिलाफ हà¥à¤ˆ खातून
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Rajeev ChoudharyDate
22-Feb-2018Category
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कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ शरियत के खिलाफ हà¥à¤ˆ खातून
गà¥à¤œà¤°à¤¤à¤¾ दिसमà¥à¤¬à¤° 2017 ईरान की राजधानी तेहरान में à¤à¤• 19 महीने के बचà¥à¤šà¥‡ की माठ30 वरà¥à¤·à¥€à¤¯ ‘‘विदा मà¥à¤µà¥à¤¹à¥ˆà¤¦’’ राजधानी तेहरान की वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¤ सड़क के ऊपर खड़ी हà¥à¤ˆ थी और हिजाब को लहरा रही थी। जिसे ईरान में सà¤à¥€ महिलाओं को कानून दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पहनना आवशà¥à¤¯à¤• है। उसके खà¥à¤²à¥‡ बाल जैसे उसके कपड़ों से खेल रहे थे। फिर उसने à¤à¤• सफेद सà¥à¤•à¤¾à¤°à¥à¤« को à¤à¤• छड़ी के साथ बांध दिया और वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¤ रासà¥à¤¤à¥‡ पर घूमते हà¥à¤, चà¥à¤ªà¤šà¤¾à¤ª उसे à¤à¤‚डे की तरह लहराया। वह à¤à¤• घंटे तक इसे अकेले लहराते रही। इसके बाद उसे इस अपराध में गिरफà¥à¤¤à¤¾à¤° कर लिया गया। लेकिन अनिवारà¥à¤¯ हिजाब से लड़ रही ईरानी महिलाओं के बीच विदा मà¥à¤µà¥à¤¹à¥ˆà¤¦, का सà¥à¤µà¤¾à¤—त à¤à¤• नायिका के रूप में किया गया। विदा मà¥à¤µà¥à¤¹à¥ˆà¤¦ की गिरफà¥à¤¤à¤¾à¤°à¥€ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤° में खबर बनी। जिसके बाद à¤à¤• और ईरानी कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾, नरगà¥à¤¸ होसेनी को 30 जनवरी और फरवरी माह में à¤à¤• साथ 29 महिलाओं को इस अपराध में गिरफà¥à¤¤à¤¾à¤° किया गया। इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• गणराजà¥à¤¯ ईरान में इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• डà¥à¤°à¥‡à¤¸ कोड को देखने में विफल महिलाओं को दो महीने तक जेल à¤à¥‡à¤œà¤¾ जा सकता है या करीब 100 डॉलर का जà¥à¤°à¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¾ लगाया जा सकता है।
इस आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ से पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ और पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के बीच हिंसा à¤à¥€ हà¥à¤ˆà¥¤ जो बाद में ऑनलाइन आंदोलन ‘मेरी छà¥à¤ªà¥€ हà¥à¤ˆ आजादी’ की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ बन गयी, जिसमें सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर बिना किसी सिर वाले लोगों के चितà¥à¤°à¥‹à¤‚ को पोसà¥à¤Ÿ करने के लिठईरान में महिलाओं को आमंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ करने वाला à¤à¤• ऑनलाइन आंदोलन बना। दरअसल परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ं की बेड़ियों को तोड़ने को बेताब पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨à¤•à¤¾à¤°à¥€, मौलवियों को सतà¥à¤¤à¤¾ से बेदखल सिरà¥à¤« इसलिठà¤à¥€ करना चाहते हैं कि उनकी दैनिक जीवन शैली से कटà¥à¤Ÿà¤° इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• फरमान राजनितिक तौर पर खतà¥à¤® हो।
शरियत कानून के अनà¥à¤¸à¤¾à¤°, यौवन की उमà¥à¤° से ऊपर की सà¤à¥€ महिलाओं को सिर à¥à¤•à¤¾ होना चाहिà¤à¥¤ यह मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• रूप से पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤§à¥à¤µà¤¨à¤¿à¤¤ है और ईरान के राजनीतिक इलाके में चरà¥à¤šà¤¾ पैदा कर रहा है कि कैसे जनसंखà¥à¤¯à¤¾ का à¤à¤• बड़ा हिसà¥à¤¸à¤¾ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤‚ध के बारे में नाखà¥à¤¶ है, न कि केवल हिजाब के बारे में, बलà¥à¤•à¤¿ महिलाओं की समानता के बारे में à¤à¥€ नाखà¥à¤¶ है।
आज का इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• गणतनà¥à¤¤à¥à¤° ईरान जो कà¤à¥€ आरà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के परà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤µà¤‚ फारस के नाम से à¤à¥€ जाना जाता था। ईरान के पैगंबर जरतà¥à¤¶à¥à¤¤ के सà¥à¤§à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ से पहले ईरानियों का जो धरà¥à¤® था वह वैदिक था बाद में जरतà¥à¤¶à¥à¤¤ ने ईरानी धरà¥à¤® को जो नया रूप पारसी नाम से दिया इसके हर पहलू से यह सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ है कि वह वैदिक धरà¥à¤® के परिवार का हिसà¥à¤¸à¤¾ है। आरà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के मूल धरà¥à¤®à¤—à¥à¤°à¤‚थ वेद और जरतà¥à¤¶à¥à¤¤ की पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• अवेसà¥à¤¤à¤¾ दोनों à¤à¤• ही घोषणा करती है कि ईशà¥à¤µà¤° निराकार है।
ईरान के इन पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨à¥‹à¤‚ में कà¥à¤› लोगों के हाथ में पोसà¥à¤Ÿà¤°à¥‹à¤‚ पर लिखा था कि हम आरà¥à¤¯à¤¨ है शायद इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ कटà¥à¤Ÿà¤°à¤¤à¤¾ से ऊबे हà¥à¤ लोग अपने मूल धरà¥à¤® की मांग à¤à¥€ कर रहे हैं। कहा जाता है आज से तीन हजार वरà¥à¤· पूरà¥à¤µ ईरानी अपने को आरà¥à¤¯ कहते थे। अवेसà¥à¤¤à¤¾ में à¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ आरà¥à¤¯ कहकर पà¥à¤•à¤¾à¤°à¤¾ गया है। पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ ईरानी समà¥à¤°à¤¾à¤Ÿà¥ दारा (521-485 ई.पू.) ने अपनी समाधि पर जो शिलालेख अंकित करवाया है उसमें अपने को आरà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में आरà¥à¤¯ लिखा है। छठी शताबà¥à¤¦à¥€ के ईरान के सासानी समà¥à¤°à¤¾à¤Ÿ à¤à¥€ अपने को आरà¥à¤¯ कहते थे। ईरानी देश को आरà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¤¾ या आईयाना कहते थे, जिसका अरà¥à¤¥ है आरà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का निवास सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ ईरान शबà¥à¤¦ इसी आरà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¤¾ का अपà¤à¥à¤°à¤‚श है।
इससे साफ हैं कि आरà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के बाद इसà¥à¤²à¤¾à¤® के आगमन से पहले ईरानी पारसी रहे थे। छठी शताबà¥à¤¦à¥€ के बाद यहाठइसà¥à¤²à¤¾à¤® आया और ईरान की जनता पर इसà¥à¤²à¤¾à¤® की परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ं का बोठडाल दिया गया। शासन की सà¤à¥€ धारà¥à¤®à¤¿à¤• और राजनीतिक शकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ अनà¥à¤¯ इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤‚ की तरह मौलवियों के इशारों पर चल पड़ी। इसके बाद 70 के दशक के अंत में इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ धरà¥à¤®à¤—à¥à¤°à¥ अयातà¥à¤²à¥à¤²à¤¾ खामनेई के नेतृतà¥à¤µ हà¥à¤†, जिसे ईरानी कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति à¤à¥€ कहा जाता है। इस कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति से धारà¥à¤®à¤¿à¤• इमाम अयातà¥à¤²à¥à¤²à¤¾ खामनेई को सतà¥à¤¤à¤¾ मिली लेकिन वरà¥à¤·à¥‹ से घà¥à¤Ÿà¤¨ à¤à¤°à¥€ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ में जकड़े ईरानी समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ को कà¥à¤¯à¤¾ मिला? बस महिलाओं को बà¥à¤°à¥à¤•à¤¾-हिजाब और पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ को दाà¥à¥€, टोपी या इसे दूसरे शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में कहे तो इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• कानून शरियत।
इसी वजह से हाल के पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨à¥‹à¤‚ से घबराई ईरानी सरकार ने वहां अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ को पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤‚धित किया गया कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि ईरानी सरकार को यह à¤à¥€ डर है कि सड़कों पर धारà¥à¤®à¤¿à¤• आजादी मांग रहे लोगों के बीच पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ के साथ मेलजोल उनकी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ विरोध का à¤à¤¾à¤µ पैदा कर रही है उनका मानना है कि अमेरिकी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤ˆ में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ ईरान में हो रहा है और अयातोला खोमैनी की नजर में यह खतरा है।
ईरान इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ गणराजà¥à¤¯ है, जिसने हिजाब को à¤à¤• महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ बनाया है। कà¥à¤¯à¤¾ इसà¥à¤²à¤¾à¤® से जà¥à¥œà¥‡ लोग महिलाओं के बाल और शरीर से इतने पागल हो जाते हैं कि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने महिलाओं के कपड़ों को नियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ करने के लिठकानून बनाने के लिठलाखों डॉलर खरà¥à¤š किठहैं? यदि अपनी सोच दà¥à¤°à¥à¤¸à¥à¤¤ कर लेते तो शायद इतने खरà¥à¤šà¥€à¤²à¥‡ कानून बनाने की जरूरत न होती। दूसरा महतà¥à¤¤à¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ सवाल यह à¤à¥€ है कि कà¥à¤¯à¤¾ ईरानी समाज अनिवारà¥à¤¯ हिजाब से दूर रहने के लिठतैयार है या à¤à¤¸à¤¾ करने से कà¥à¤¯à¤¾ महिलाओं को सड़क के उतà¥à¤ªà¥€à¥œà¤¨ और हिंसा में वृ( होगी? शायद महिलाओं को यह तय करने के लिठखà¥à¤¦ तैयार करें कि कà¥à¤¯à¤¾ पहनना है और सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ के लिठखà¥à¤¦ को कैसे à¥à¤•à¤¾ जाà¤à¥¤ सवालों की गठरियों से ईरान के सà¥à¤§à¤¾à¤°à¤•à¥‹à¤‚ और सतà¥à¤¤à¤¾ के केनà¥à¤¦à¥à¤°à¥‹à¤‚ के बीच शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤à¥€ धरà¥à¤®à¤¿à¤• विà¤à¤¾à¤œà¤¨ शà¥à¤°à¥‚ हो गया है। ईरानी लेखक होसेन वाहदानी ने कहा है यà¥à¤µà¤¾à¤“ं को तानाशाही से इस जमीन की मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ की चाबी रखने का यह पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ कितना गौरवशाली और सारà¥à¤¥à¤• होगा अब इसका फैसला यà¥à¤µà¤¾ ही करेंगे। आखिर कब तक 1400 सौ वरà¥à¤· पहले बने कानूनों से आज के आधà¥à¤¨à¤¿à¤• यà¥à¤µà¤¾ और महिलाà¤à¤‚ हांके जायेंगे?
---राजीव चौधरी
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