बरà¥à¤®à¤¾ के बाद शà¥à¤°à¥€à¤²à¤‚का, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ है दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ से मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® टकराव?
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Rajeev ChoudharyDate
13-Mar-2018Category
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बरà¥à¤®à¤¾ के बाद शà¥à¤°à¥€à¤²à¤‚काकà¥à¤¯à¥‹à¤‚ है दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ से मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® टकराव?
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बरà¥à¤®à¤¾ के बाद शà¥à¤°à¥€à¤²à¤‚का, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ है दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ से मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® टकराव?
बरà¥à¤®à¤¾ में बौदà¥à¤§ और रोहिंगà¥à¤¯à¤¾ मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के बीच हà¥à¤ˆ हिंसा की चिंगारी अब शà¥à¤°à¥€à¤²à¤‚का तक जा पहà¥à¤‚ची निकट à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ कà¥à¤¯à¤¾ होगी अà¤à¥€ सहज परिकलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ ही की जा सकती है। खबर है शà¥à¤°à¥€à¤²à¤‚का में पिछले हफà¥à¤¤à¥‡ मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® à¤à¥€à¥œ के हमले में à¤à¤• सिंहली बौ( वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की मौत की खबरों के बाद चार मारà¥à¤š को कैंडी जिले में हिंसा à¤à¥œà¤• उठी थी। इस घटना के बाद सिंहली बौदà¥à¤§ समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के लोगों ने मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के घरों और दà¥à¤•à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर हमले किà¤à¥¤ जिसके बाद वहां आपातकाल लागू किया गया था। कहा जाता है मधà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤² के अंधकारपूरà¥à¤£ दौर में दो धरà¥à¤®à¥‹à¤‚ के बीच लंबी लड़ाई चली थी। आज à¤à¤• बार फिर से दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ उसी ओर जाती दिख रही है लेकिन अब अलग-अलग धरà¥à¤® आमने-सामने हैं। इसà¥à¤²à¤¾à¤® का à¤à¤• उगà¥à¤° चेहरा दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के सामने देखने को मिल रहा है। आज की समसà¥à¤¯à¤¾ यह है कि कà¥à¤°à¥‚सेड काल के विपरीत आज अब यह टकराव सिरà¥à¤« ईसाईयत और इसà¥à¤²à¤¾à¤® का नहीं रह गया है। जो सोच और धारणाà¤à¤‚ बन रही हैं, उनमें इसà¥à¤²à¤¾à¤® आज बाकी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के दूसरे धरà¥à¤®à¥‹à¤‚ और पंथों के साथ टकराव की हालत में दिखता है। यही नहीं विरोधी इस तरà¥à¤• पर à¤à¥€ आते हैं कि खà¥à¤¦ इसà¥à¤²à¤¾à¤® का अपने ही à¤à¥€à¤¤à¤° दूसरे विचारों से टकराव चल रहा है। इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ आतंकवाद और इसà¥à¤²à¤¾à¤® के à¤à¥€à¤¤à¤° अतिवाद जैसी सोच पिछले कà¥à¤› दशकों में पूरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में धड़लà¥à¤²à¥‡ से चल निकली हैं। चाहे इसमें पेरिस के नीस में हमला हो, à¤à¤¾à¤°à¤¤ में ताज होटल हो। मà¥à¤¯à¤¾à¤‚मार, लंका, बाली, इंडोनेशिया में यही सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ है, यूरोप, रूस और अमेरिका à¤à¥€ इसकी चपेट में हैं।
आज विशà¥à¤µ में जहाठà¤à¥€ टकराव है, हिंसा है उसके पीछे à¤à¤• चेहरा कहीं न कहीं इसà¥à¤²à¤¾à¤® का जरूर दिखाई देता है। यदि इसमें मधà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤² की इसà¥à¤²à¤¾à¤® के नाम पर हà¥à¤ˆ हिंसा को अलग रखकर à¤à¥€ बात करें तो जब हिंसा या आतंकवाद की जड़ें बीसवीं सदी के मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® विचारकों तक पहà¥à¤‚चती हैं, जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने यह विचार दिया था कि इसà¥à¤²à¤¾à¤® à¤à¤• पूरà¥à¤£ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ है और राजनीतिक शकà¥à¤¤à¤¿ इसका à¤à¤• जरूरी हिसà¥à¤¸à¤¾ है, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इसके बगैर इसà¥à¤²à¤¾à¤® को à¤à¤• संपूरà¥à¤£ जीवन प(ति के तौर पर लागू नहीं किया जा सकता। जब उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने देखा कि राजनीतिक पद तो पहले से किसी और समूह के कबà¥à¤œà¥‡ में है। à¤à¤¸à¥‡ में उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ लगा कि इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• राजà¥à¤¯ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ के लिठमौजूदा शासकों को पद से हटाना अनिवारà¥à¤¯ है। जिसके लिठसंखà¥à¤¯à¤¾ बल à¤à¥€ बà¥à¤¾à¤¨à¤¾ जरूरी है। जो लोग राजनीतिक इसà¥à¤²à¤¾à¤® में विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ करते थे, उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ शासकों को रासà¥à¤¤à¥‡ से हटाने के लिठहिंसा और आतंक का सहारा लिया, जो अà¤à¥€ तक जारी है।
दरअसल यह टकराव आज लà¥à¤•à¤¾à¤›à¤¿à¤ªà¥€ का नहीं रहा, à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾ से लेकर यूरोप और अमेरिका à¤à¤° में, धारà¥à¤®à¤¿à¤• अतिवाद बॠरहा है। कà¥à¤› समय पहले बीबीसी से जà¥à¥œà¥€ धारà¥à¤®à¤¿à¤• संबंधों की पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° केरोलिन वà¥à¤¹à¤¾à¤‡à¤Ÿ का इस संबंध में à¤à¤• विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ आलेख पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ हà¥à¤† था। वह कहती है, à¤à¤• बात सरà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¤¿à¤¤ है कि सà¤à¥€ पंथों की जननी à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾ महादà¥à¤µà¥€à¤ª की à¤à¥‚मि है, लेकिन विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ और आधà¥à¤¨à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ का अधिकतम रिशà¥à¤¤à¤¾ यूरोप से जà¥à¥œà¤¾ हà¥à¤† रहा है। यहीं से संघरà¥à¤· पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ होता है। आधà¥à¤¨à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ की वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾ से इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के टकराव केवल इसà¥à¤²à¤¾à¤® का अनà¥à¤¯ पंथों से ही नहीं, बलà¥à¤•à¤¿ उनके अपने पंथ और समà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯ à¤à¥€ आपस में à¤à¤—ड़ते हैं और समय आने पर यà¥( के मैदान में à¤à¥€ अपनी उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ दरà¥à¤œ कराने से नहीं चूकते। इसलिठशिया सà¥à¤¨à¥à¤¨à¥€ टकराव तो इसà¥à¤²à¤¾à¤® के बहà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ में ही शà¥à¤°à¥‚ हो गया था। यह टकराव खिलाफत को लेकर हà¥à¤† था। वहां से सà¥à¤¨à¥à¤¨à¥€ और शिया के रूप में मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ का बंटवारा होता चला गया। जब सतà¥à¤¤à¤¾ मिलने लगी तो à¤à¥€ उनका यह बà¥à¤–ार नहीं उतरा बलà¥à¤•à¤¿ दिनों दिन बà¥à¤¤à¤¾ चला गया। आज à¤à¥€ विशà¥à¤µ राजनीति में शियाओं का नेता ईरान है और सà¥à¤¨à¥à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का सऊदी अरब। मामला शिया सà¥à¤¨à¥à¤¨à¥€ तक के विà¤à¤¾à¤œà¤¨ का होता तो यह मान लिया जाता कि अनà¥à¤¯ पंथों की तरह यहां à¤à¥€ वैचारिक और वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के आधार पर दो फाड़ हो गà¤à¥¤ लेकिन इसà¥à¤²à¤¾à¤® तो इतने फिरके और पंथ में बंटा है कि सारी हदों को पार कर गया है। हर फिरके की अपनी सोच है जो कहीं न कहीं राजनीति से जà¥à¥œà¥€ हà¥à¤ˆ है। अपने पंथ की हà¥à¤•à¥‚मत कायम हो जाठबस यही उलà¤à¤¨ बनी रहती है।
केरोलिन वà¥à¤¹à¤¾à¤‡à¤Ÿ लिखती है कि दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ का शायद ही कोई धरà¥à¤® हो जिसका दो फाड़ हà¥à¤† हो लेकिन इसà¥à¤²à¤¾à¤® के पंथ तो इतनी बड़ी तादाद में हैं कि अब उनकी गिनती à¤à¥€ कठिन है। न जाने कौन सा मौलवी उठे और अपनी सनक के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° फिर à¤à¤• नया फिरà¥à¤•à¤¾ बना ले। इसके पीछे मजहबी à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ कम और सतà¥à¤¤à¤¾ हड़पने की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ अधिक होती है। à¤à¤²à¥‡ ही वह किसी देश या जमीन के à¤à¤¾à¤— पर अपनी सलà¥à¤¤à¤¨à¤¤ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ न कर सके लेकिन वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के समूह पर तो अपने विचार लादकर अपने मन को शांत कर ही सकता है! इसलिठमामला राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ हो या अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ अथवा सà¥à¤µà¤¯à¤‚ इसà¥à¤²à¤¾à¤® के पंथ और समà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯ के बीच वह दो à¤à¤¾à¤—ों में विचारधारा के नाम पर बहà¥à¤¤ जलà¥à¤¦ बंट जाता है। अधिक तादाद होने पर वह किसी देश की मांग करने लगता है। इसलिठधरती का बंटवारा जो राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤‚ के बीच में हà¥à¤† है, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ तो येन-केन पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¥‡à¤£ अपने देश चाहिठजहां वे अपने नियमों और सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚तों के आधार पर à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• सà¥à¤–ों का आनंद ले सकें।
केरोलिन यही नहीं रà¥à¤•à¤¤à¥€ वह आगे कहती हैं कि कहने को कहा जाता है कि दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में 56 मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° हैं, लेकिन वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤•à¤¤à¤¾ यह है कि à¤à¤• देश में जितनी विचारधारा के मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ हैं वे अपनी सतà¥à¤¤à¤¾ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करने की जà¥à¤—ाड़ लगाते रहते हैं। इसलिठइन देशों में मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के अनेक गà¥à¤Ÿ सतà¥à¤¤à¤¾ हथियाने के लिठलड़ने और यà¥à¤¦à¥à¤§ करने के लिà¤, हमेशा तैयार रहते हैं। जिन देशों में उनकी संखà¥à¤¯à¤¾ कम होती है वे पहले तबà¥à¤²à¥€à¤— और कनà¥à¤µà¤°à¥à¤œà¤¨ के नाम पर अपना संखà¥à¤¯à¤¾à¤¬à¤² बà¥à¤¾à¤¤à¥‡ हैं। इस संखà¥à¤¯à¤¾ को बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ के लिठकनà¥à¤µà¤°à¥à¤œà¤¨ से लगाकर अधिक बचà¥à¤šà¥‡ पैदा करने की मà¥à¤¹à¤¿à¤® चलाकर वे अपना संखà¥à¤¯à¤¾à¤¬à¤² बà¥à¤¾à¤¤à¥‡ हैं और फिर कà¥à¤› ही वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में à¤à¤• नठदेश की मांग करने लगते हैं। à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾ को विजय कर लेने के बाद वे अफà¥à¤°à¥€à¤•à¤¾ की ओर बà¥à¥‡à¥¤ अवसर मिला और यूरोप में à¤à¥€ घà¥à¤¸à¥‡à¥¤ आज इसà¥à¤²à¤¾à¤® परसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ की यह लालसा है कि वे नमà¥à¤¬à¤° à¤à¤• पर पहà¥à¤à¤š जाà¤à¤‚। वे किसी न किसी बहाने यà¥à¤¦à¥à¤§ को निमंतà¥à¤°à¤£ देते रहते हैं। यह मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® कटà¥à¤Ÿà¤°à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की बà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤¦à¥€ रणनीति है जिस पर चलकर मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® जनता को यà¥à¤¦à¥à¤§ के लिठतैयार किया जा सकता है। अतः हो सकता आज लंका और बरà¥à¤®à¤¾ के बौदà¥à¤§ इस रणनीति का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤°à¥‹à¤§ कर अपनी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ उसी à¤à¤¾à¤µ से पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ कर रहे हो? जो à¤à¥€ हो फिलहाल शांति हो सकती है लेकिन वह कितने दिन सà¥à¤¥à¤¿à¤° रहेगी इस पर पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ चिनà¥à¤¹ लगा रहेगा..?
- राजीव चौधरी
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