à¤à¤•à¥à¤¤, à¤à¤—वान और बाबा
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Rajeev ChoudharyDate
27-Apr-2018Category
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à¤à¤•à¥à¤¤, à¤à¤—वान और बाबा
धरà¥à¤® जीवन का à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ अंग हैं जिनकी गहराई का अंत नहीं और ऊंचाई की कोई सीमा नहीं। धरà¥à¤® मानव के कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ मारà¥à¤— का वो पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤¿à¤®à¥à¤¬ है जिसमें इनà¥à¤¸à¤¾à¤¨ सà¥à¤µà¤¯à¤‚ की अचà¥à¤›à¤¾à¤ˆ बà¥à¤°à¤¾à¤ˆ देखते हà¥à¤ आगे बà¥à¤¤à¤¾ है। लेकिन जब इस पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤¿à¤®à¥à¤¬ के बीच कोई कथित बाबा आ जाये तो आसà¥à¤¥à¤¾ अंधी हो जाती है और वो आसà¥à¤¥à¤¾ उस इंसान को पहले बाबा और फिर उसे à¤à¤—वान बना देती है। इस अंधशà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ के सामने बाबा अपना à¤à¤¸à¤¾ आà¤à¤¾à¤®à¤‚डल बना लेते हैं कि उनके पीछे चलने वालों की सोचने समà¤à¤¨à¥‡ और अचà¥à¤›à¥‡-बà¥à¤°à¥‡ का फैसला लेने की शकà¥à¤¤à¤¿ जाती रहती है। धीरे-धीरे बाबा से à¤à¤—वान बने इंसान अंधà¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को अपने इशारों पर à¤à¤¸à¥‡ नचाते हैं, मानो वे जीते जागते मनà¥à¤·à¥à¤¯ न हों, बलà¥à¤•à¤¿ उंगलियों पर नाचने वाली कठपà¥à¤¤à¤²à¥€ हों। लेकिन जब इस आà¤à¤¾à¤®à¤‚डल का ये मायाजाल टूटता है, तो बाबा के खोल से कोई आसाराम निकलता है तो कोई रामपाल और कोई रामरहीम।
à¤à¤¸à¥‡ ही अब नाबालिग लड़की से बलातà¥à¤•à¤¾à¤° के मामले में आसाराम को जोधपà¥à¤° की अदालत ने दोषी ठहराते हà¥à¤ आजीवन कारावास की सजा सà¥à¤¨à¤¾à¤ˆ है। यानि कथित à¤à¤—वान, बापू और बाबा आसाराम को अब मरते दम तक जेल की काल कोठरियों रहना होगा। आसाराम पर नाबालिग लड़की से रेप का आरोप था। यह मामला 2013 का है। उन पर कई और à¤à¥€ मामले दरà¥à¤œ हैं। आसाराम पर आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ देने के बहाने लड़कियों से छेड़छाड़ और यौन शोषण के आरोप थे। उनके बेटे नारायण साईं पर à¤à¥€ à¤à¤¸à¥‡ ही आरोप लगे थे। चंदà¥à¤°à¤¾à¤¸à¥à¤µà¤¾à¤®à¥€, संत रामपाल, नितà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¤‚द सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ à¤à¥€à¤®à¤¾à¤¨à¤‚द, राम रहीम और à¤à¥€ न जाने कितने छोटे-बड़े कथित बाबाओं और संतां के बाद आसाराम पर लगे आरोप हमारे धरà¥à¤® और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ पर à¤à¤• तरह से ये बदनà¥à¤®à¤¾ दाग की तरह है।
लेकिन इनके à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को à¤à¥€ कà¥à¤¯à¤¾ कहा जाय? इतना अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸, जिसके बल पर राम रहीम 1200 करोड़ की पà¥à¤°à¥‰à¤ªà¤°à¥à¤Ÿà¥€ खड़ी कर गया! आसाराम 10 हजार करोड़ की जबकि हमारे वेदों में ईशà¥à¤µà¤° मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ पर कृकृपा करते हैं, वे दयालॠहोते हैं लेकिन आज उलà¥à¤Ÿà¤¾ à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ की कृकृपा से कथित à¤à¤—वान बने लोग à¤à¤¶ करते हैं। आशाराम, राधे माà¤, राम रहीम, रामपाल व अनà¥à¤¯ कई à¤à¤¸à¥‡ ही à¤à¤—वान हैं, कà¥à¤› के घड़े à¤à¤° गà¤, कà¥à¤› के बाकी हैं। आसाराम और रामपाल जैसे चमतà¥à¤•à¤¾à¤°à¥€ व महान आलौकिक संत हमारे देश के कोने-कोने में विदà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ हैं और बड़ी-बड़ी हसà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ उनके दरबार में शीश नवाती हैं। लोग ही कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ साल 2013 उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के उनà¥à¤¨à¤¾à¤µ में à¤à¤• कथित संत शोà¤à¤¨ सरकार के कहने पर किले में दबे खरबों के खजाने को ढूà¥à¤¨à¥‡ के लिठततà¥à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ सरकार ने करोड़ों रà¥à¤ªà¤ खरà¥à¤š कर तमाम जगह खà¥à¤¦à¤¾à¤ˆ करा दी थी।
धरà¥à¤® के नाम पर अब चारों ओर अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸, मनमानी व गà¥à¤‚डागरà¥à¤¦à¥€ देश में इस समय चरम पर है और अंधी शà¥à¤°(ा में डूबी जनता बार-बार हो रहे हादसों से और बाबाओं के अपराधों से कोई सबक नहीं ले रही है। मशहूर शिरडी के साईं बाबा धाम में, तो लगà¤à¤— हर साल शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं के साथ कोई न कोई हादसा होता है। लेकिन इसके बाद लोग लगे पड़े हैं। बीते 2 दशकों की बात करें तो देश à¤à¤° से 2 हजार से à¤à¥€ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ ढोंगी साधà¥-महातà¥à¤®à¤¾à¤“ं की पोलपटà¥à¤Ÿà¥€ खà¥à¤²à¥€ है और उनके कारनामे जगजाहिर हà¥à¤ हैं। इनमें से 180 साधà¥à¤¸à¤‚त तो à¤à¤¸à¥‡ थे जो बाकायदा विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ चैनलों पर अपने आपको चमकाने में वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¤ थे। आम जनता को सतà¥à¤¸à¤‚गों व पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨à¥‹à¤‚ में शामिल कराने के लिठन केवल तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं, बलà¥à¤•à¤¿ चैनल आदि पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°-पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° माधà¥à¤¯à¤®à¥‹à¤‚ का à¤à¥€ सहारा ले रहे हैं। अपने सतà¥à¤¸à¤‚गों व पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨à¥‹à¤‚ में ये तथाकथित à¤à¤—वान बड़े-बड़े नेताओं, मंतà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚, अà¤à¤¿à¤¨à¥‡à¤¤à¤¾à¤“ं आदि को बà¥à¤²à¤¾ कर खà¥à¤¦ को चमकाने का कारà¥à¤¯ करते हैं।
इन सब पाखंड और अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ से दà¥à¤–ी होकर ही आरà¥à¤¯ समाज आज चमतà¥à¤•à¤¾à¤°à¥€ बाबाओं, बंगाली बाबाओं के चमतà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ से जà¥à¥œà¥€ à¤à¥à¤°à¤¾à¤‚तियां दूर करने और तंतà¥à¤°-मंतà¥à¤° से जà¥à¥œà¥€ सचà¥à¤šà¤¾à¤ˆ सामने लाने के लिठ‘‘अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ à¤à¤—ाओ, देश और समाज बचाओ’’ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®à¥‹à¤‚ के आयोजन आरà¥à¤¯ समाजों, आरà¥à¤¯ संसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं, सà¥à¤•à¥‚लों, पारà¥à¤•à¥‹à¤‚ आदि लगातार कर रहा है। आज जितने कथित बाबा दà¥à¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤° कर रहे हैं इनसें जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ तो देश में बहà¥à¤¤ सारे छोटे-छोटे बाबा, तांतà¥à¤°à¤¿à¤• सकà¥à¤°à¤¿à¤¯ हैं, जो आज मनचाहा पà¥à¤¯à¤¾à¤° दिलाने, सौतन-दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨ से छà¥à¤Ÿà¤•à¤¾à¤°à¤¾ दिलाने के नाम पर, नौकरी और सब दà¥à¤–ों से à¤à¤• मिनट में छà¥à¤Ÿà¤•à¤¾à¤°à¤¾ दिलाने के नाम पर न सिरà¥à¤« लोगों को हजारों का चूना लगा रहे हैं बलà¥à¤•à¤¿ महिलाओं तक के समà¥à¤®à¤¾à¤¨ को à¤à¥€ निशाना बना रहे हैं। à¤à¤¸à¥‡ लोग छोटे-मोटे जादू टोने लोगों के सामने करते हैं जिससे लोग उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सि( पà¥à¤°à¥à¤· समà¤à¤•à¤°, अपनी गाà¥à¥€ कमाई का हिसà¥à¤¸à¤¾ सोप बैठते हैं।
आज हर कोई दà¥à¤–ी है। किसी को बचà¥à¤šà¥‡ की कमी, तो किसी को कारोबार में घाटा। कोई इशà¥à¤• में फंसा है, तो कोई घर में ही अनदेखी का शिकार है इस कारण यह लोग देश की जनता को à¤à¥à¤°à¤®à¤¿à¤¤ करके अपने à¤à¤¾à¤‚सा में फंसा कर पैसा लà¥à¤Ÿà¤¨à¥‡ का कारà¥à¤¯ कर रहे हैं। इस वजह से आरà¥à¤¯ समाज, दिलà¥à¤²à¥€ आरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ सà¤à¤¾ सà¥à¤•à¥‚लों, पारà¥à¤•à¥‹à¤‚ आदि में सà¥à¤¬à¤¹-शाम कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® आयोजित करके अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ के खिलाफ जागरूकता का अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ चला रही है, ताकि देश से इस तरह की सामाजिक बà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ और इनसे उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हो रहे अपराधों पर à¤à¥€ अंकà¥à¤¶ लग सके। हमारा मानना हैं आज सिरà¥à¤« कानून के à¤à¤°à¥‹à¤¸à¥‡ नहीं बैठना चाहिठबलà¥à¤•à¤¿ सचेत होकर सà¥à¤µà¤¯à¤‚ जागरूकता का कारà¥à¤¯ करना होगा। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि अगर मानव बस इतना सा à¤à¤¾à¤µ समठले कि à¤à¤•à¥à¤¤ और à¤à¤—वान के बीच अगर à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ का तालमेल बैठजाà¤, तो वहां करà¥à¤®à¤•à¤¾à¤‚डों का कोई महतà¥à¤¤à¥à¤µ ही नहीं रह जाता। à¤à¤•à¥à¤¤ और à¤à¤—वान के बीच बस à¤à¤¾à¤µ का रिशà¥à¤¤à¤¾ होता है। ये à¤à¤¾à¤µ खà¥à¤¦ à¤à¤•à¥à¤¤ à¤à¤—वान तक पहà¥à¤‚चा सकता है, बिना फल, फूल, आरती, पूजा,आडंबर, बाबा, काबा, साधू, पंथी, पीर के। बस डायरेकà¥à¤Ÿ कनेकà¥à¤¶à¤¨ जोड़ने की देर है।
लेकिन हमारे देश में धारà¥à¤®à¤¿à¤• आसà¥à¤¥à¤¾à¤à¤‚ बहà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¬à¤² हैं। उन पर रतà¥à¤¤à¥€ à¤à¤° à¤à¥€ किसी किसà¥à¤® की रोकटोक लगà¤à¤— नामà¥à¤®à¤•à¤¿à¤¨ है। धरà¥à¤® के नाम पर कà¥à¤› à¤à¥€ कर लेना जायज माना जाता है। पाखंड खड़े होते है अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ घड़े जाते है इस कारण देश के कोने-कोने में तथाकथित à¤à¤¸à¥‡ साधà¥à¤¸à¤‚तों की बाॠसी आ गई है, जो अपने को à¤à¤—वान से à¤à¥€ बड़ा मानते हà¥à¤ धरà¥à¤® के ठेकेदार बन कर मौज कर रहे हैं। à¤à¥‹à¤²à¥€à¤à¤¾à¤²à¥€ जनता ही नहीं, अचà¥à¤›à¤¾à¤–ासा उचà¥à¤š शिकà¥à¤·à¤¿à¤¤ तबका à¤à¥€ इनकी तथाकथित जà¥à¤žà¤¾à¤¨, धरà¥à¤® की बातों में आकर आठदिन अपना सरà¥à¤µà¤¸à¥à¤µ लà¥à¤Ÿà¤¾ रहा है। कहीं मनà¥à¤¨à¤¤à¥‹à¤‚ के नाम पर तो कहीं पà¥à¤¤à¥à¤° रतà¥à¤¨ की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ के लिठबाबाओं के डेरों में à¤à¥€à¥œ है à¤à¤• पकड़ा जाता जनता दूसरे को खोज लेती है। कोई अपने पियकà¥à¤•à¥œ पति से परेशान महिला किसी उमà¥à¤®à¥€à¤¦ में डेरे में खड़ी हैं। किसी को बेटे की अचà¥à¤›à¥€ नौकरी की तलाश है तो किसी को बेटी के लिठअचà¥à¤›à¥‡ वर की तलाश अब साकà¥à¤·à¤¾à¤¤ गà¥à¤°à¥ का आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ हो तो कà¥à¤¯à¤¾ चिंता, कà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤¯? आजादी के सतà¥à¤¤à¤° साल बाद à¤à¥€ यदि हम बाबाओं के पैरां में पड़े है तो सोचिये इसमें गलती किसकी है और शरà¥à¤® किसे आनी चाहिà¤?
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