सड़क पर नमाज तो मसà¥à¤œà¤¿à¤¦à¥‹à¤‚ में कà¥à¤¯à¤¾?
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Rajeev ChoudharyDate
17-May-2018Category
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HindiTotal Views
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17-May-2018Download PDF
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पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ यह है कि नमाज चलती सड़क या पारà¥à¤• में हो जाती है तो पिछले काफी समय से अयोधà¥à¤¯à¤¾ में मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ बनाने की जिदà¥à¤¦ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚? हाल ही में साइबर सिटी गà¥à¤°à¥à¤—ांव में जगह को लेकर नमाज विवाद ने काफी रफà¥à¤¤à¤¾à¤° पकड़ी थी जिसके बाद शà¥à¤•à¥à¤°à¤µà¤¾à¤° की नमाज को लेकर जिला पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ ने 23 सरकारी सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ खà¥à¤²à¥‡ में नमाज के लिठतय किठहैं। जबकि पहले सिरà¥à¤« नौ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ दिठजा रहे थे। इसी बीच मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ की तरफ से पारà¥à¤•à¥‹à¤‚ में योग, सड़क पर कांवड़ और रातà¥à¤°à¤¿ जागरण पर à¤à¥€ सवाल उठाये गये। यह सवाल इसी तरह थे जैसे पिछले वरà¥à¤· कई थानों में मनाई गयी जनà¥à¤®à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¤®à¥€ के बाद उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ योगी आदितà¥à¤¯ नाथ ने कहा था कि यदि वे ईद के दौरान सड़कों पर अदा की जाने वाली नमाज को नहीं रोक सकते हैं तो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ थानों में मनाये जाने वाली जनà¥à¤®à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¤®à¥€ को à¤à¥€ रोकने का अधिकार नहीं है।
पर कà¥à¤¯à¤¾ इससे सवाल और तरà¥à¤• खतà¥à¤® हो गये शायद नहीं बलà¥à¤•à¤¿ इस घटना ने à¤à¤• साथ कई सवालों को जनà¥à¤® दे दिया है। पिछले साल मà¥à¤‚बई इंटरनेशनल à¤à¤¯à¤°à¤ªà¥‹à¤°à¥à¤Ÿ पर देर रात नमाज अदा करने को लेकर तब विवाद हो गया था जब कà¥à¤› मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® यातà¥à¤°à¥€ à¤à¤¯à¤°à¤ªà¥‹à¤°à¥à¤Ÿ पर गैंगवे में - बीच रासà¥à¤¤à¥‡ पर ही नमाज पà¥à¤¨à¥‡ बैठगà¤à¥¤ इससे बाधा उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ होने के चलते कà¥à¤› यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने विरोध किया जबकि à¤à¤¯à¤°à¤ªà¥‹à¤°à¥à¤Ÿ पर नमाज के लिठविशेष रूम की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ à¤à¥€ है। इसके बाद विनीत गोयनका नाम के यातà¥à¤°à¥€ ने इस पर आपतà¥à¤¤à¤¿ उठाई थी कि जब नमाज अदा करने के लिठअलग से रूम की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ है तो किसी को बीच रासà¥à¤¤à¥‡ में नमाज अदा करने कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ दे रहे हो? अगर इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अनà¥à¤®à¤¤à¤¿ दे रहे हो तो मà¥à¤à¥‡ à¤à¥€ पूजा की अनà¥à¤®à¤¤à¤¿ दो?
इसके बाद सोशल मीडिया पर तीन तसà¥à¤µà¥€à¤°à¥‡à¤‚ वायरल हà¥à¤ˆ थी जिनके जरिठदावा किया गया था कि नमाज पà¥à¤¨à¥‡ के लिठदिलà¥à¤²à¥€ के à¤à¤• रेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ के पà¥à¤²à¥‡à¤Ÿà¤«à¤¾à¤°à¥à¤® पर ही कबà¥à¤œà¤¾ कर लिया गया है। रसà¥à¤¸à¥€ से उस जगह को घेरने के बाद मोटे-मोटे अकà¥à¤·à¤°à¥‹à¤‚ में लिख दिया गया था कि ‘पà¥à¤²à¥‡à¤Ÿà¤«à¤¾à¤°à¥à¤® के इस हिसà¥à¤¸à¥‡ में यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की नो à¤à¤‚टà¥à¤°à¥€ है।’ यहां के कà¥à¤²à¥€ और यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को मिलाकर लगà¤à¤— 10-12 लोग यहां नमाज पà¥à¤¨à¥‡ आते थे।
दरअसल ये दिकà¥à¤•à¤¤ सिरà¥à¤« à¤à¤¾à¤°à¤¤ में नहीं है à¤à¤¾à¤°à¤¤ से लेकर यूरोप और अमेरिका तक आये दिन लोगों को सड़क और सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर इबादत के तरीके पर शिकायत खड़ी होती रहती है। हाल के वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में, पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ यूरोप में सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर इसà¥à¤²à¤¾à¤® की बà¥à¤¤à¥€ परछाई पर कई सामाजिक बहस शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤ˆ हैं। कà¥à¤› समय पहले फà¥à¤°à¤¾à¤‚स की सरकार ने पेरिस उपनगर में सारà¥à¤µà¤œà¤¿à¤¨à¤• सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ करने से उस समय मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ को रोक दिया था जब शà¥à¤•à¥à¤°à¤µà¤¾à¤° की पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾à¤“ं में सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• रूप से पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ करने वाले मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ के विरोध में लगà¤à¤— 100 फà¥à¤°à¤¾à¤‚सीसी राजनेता पेरिस उपनगर में à¤à¤• सड़क पर उतर आये थे।
à¤à¤• तरफ आज इसà¥à¤²à¤¾à¤® को मानने वाले अपने लिठसमान अवसर मांगते है दूसरी तरफ पहनने के लिठअपना धारà¥à¤®à¤¿à¤• परिधान, कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ पर अलग से पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ आवास मांगते हैं, दैनिक पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ के लिठअपने समय या सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ को अलग करते हैं, दूसरों से अपनी पहचान और वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° में धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ चाहते हैं लेकिन अपनी मजहबी पहचान को दरà¥à¤¶à¤¾à¤¨à¤¾ शान समà¤à¤¤à¥‡ हैं। इस मामलें में à¤à¥€ नमाज से योग और कांवड की बार-बार तà¥à¤²à¤¨à¤¾ करना यही साबित कर रहे थे कि हम सही हैं। हालाà¤à¤•à¤¿ कांवड वरà¥à¤· में à¤à¤• बार लायी जाती है जिसके लिठसरकार आम लोगों को परेशानी न हो धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखती है। कांवड दिन में पांच बार नहीं लायी जाती न हर सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ और योग को धरà¥à¤® से जोड़कर देखा जाना ही गलत है जो लोग योग को बहà¥à¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤• लोगों से जोड़कर देख रहे हैं यह उनकी बौ(क कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ पर सवाल खड़े करता है।
इसà¥à¤²à¤¾à¤® में आम हालात में लोगों का सड़कों पर बैठना पसंद नहीं फरमाया और लोगों को तिजारत वगैरह की जायज जरूरतों की वजह से वहां बैठने की इजाजत दी à¤à¥€ तो कà¥à¤› शरà¥à¤¤à¥‹à¤‚ के साथ कि वे रासà¥à¤¤à¥‡ पर चलने वालों का हक न मारें, उनके लिठपरेशानी खड़ी न करें अब जहाठसवाल यह होना था कि कà¥à¤¯à¤¾ सरकारी सड़क पर कबà¥à¤œà¤¾ करना à¤à¤• गैर-इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ और हराम काम नहीं है? कà¥à¤¯à¤¾ नाजायज कबà¥à¤œà¥‡ वाली जमीन पर नमाज पà¥à¤¨à¤¾ à¤à¥€ नाजायज नहीं है? इसके जवाब के उलट दूसरों की धारà¥à¤®à¤¿à¤• उतà¥à¤¸à¤µà¥‹à¤‚ पर सवाल खड़े किये जा रहे हैं। मैं यह नहीं कहता सड़क पर जागरण या बारात लेकर नाचना कूदना सही है वह à¤à¥€ गलत है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि अपने मनोरंजन सà¥à¤– और आनंद के लिठकिसी दूसरे को परेशानी हो, गलत है।
मेरा हमेशा से विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ है कि हमें à¤à¤•-दूसरे की मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं और à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ संवेदनशील होना चाहिठन कि तà¥à¤²à¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• रमजान के महीने में विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ दीनी संसà¥à¤¥à¤¾à¤à¤‚ लोगों को रोजे के कायदे-कानून समà¤à¤¾à¤¨à¥‡ और उनसे चनà¥à¤¦à¥‡ की अपील करने के लिठकैलेंडर आदि छापते-बांटते हैं। इन संसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं को रमजान के महीने में ‘सड़क पर नमाज की अदायगी‘ जैसे सामाजिक मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚ पर à¤à¥€ दीनी हà¥à¤•à¥à¤® पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ और पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¤ करना चाहिये। मसà¥à¤œà¤¿à¤¦à¥‹à¤‚ के इमामों को à¤à¥€ लोगों को सही जानकारी देनी चाहिये। इबादत शांति चाहती न कि दिखावा! इबादत à¤à¥€à¥œ में नहीं बलà¥à¤•à¤¿ अकेले में हो और à¤à¥€ अचà¥à¤›à¤¾ होगा. शायद इसी वजह से अब लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब नमाज रेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨à¥‹à¤‚, à¤à¤¯à¤°à¤ªà¥‹à¤°à¥à¤Ÿ, पारà¥à¤•à¥‹à¤‚, सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚, कारà¥à¤¯ सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ और सà¥à¤•à¥‚लों में अदा कर ली जाती है तो मसà¥à¤œà¤¿à¤¦à¥‹à¤‚ में कà¥à¤¯à¤¾ होता है?
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