सोशल मीडिया दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ हिंसा के नये-नये पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—
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Rajeev ChoudharyDate
13-Jun-2018Category
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13-Jun-2018Download PDF
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देश में à¤à¤• बार फिर अनियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ à¤à¥€à¥œ ने दो लोगों हतà¥à¤¯à¤¾ कर दी। इस à¤à¥€à¥œ का शिकार अबकी बार असम के कारà¥à¤¬à¥€ आंगलानà¥à¤— जिले में दो à¤à¤¸à¥‡ नवयà¥à¤µà¤• बने है। जो कारà¥à¤¬à¥€ के सà¥à¤¦à¥‚रवरà¥à¤¤à¥€ इलाके डोकमोका में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ काथिलांगसो à¤à¤°à¤¨à¤¾ घूमने गठहà¥à¤ थे। बताया जा रहा है कि à¤à¥€à¥œ को शक हà¥à¤† कि दोनों यà¥à¤µà¤• बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ का अपहरण करने वाले गिरोह के सदसà¥à¤¯ हैं। जबकि दोनों मृतक दोसà¥à¤¤ थे, जिनमें से à¤à¤• कारोबारी और दूसरा साउंड इंजीनियर था। देर रात अपनी कार से वापस लौटते हà¥à¤ पंजूरी गांव के पास à¤à¥€à¥œ ने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बचà¥à¤šà¤¾ अपहरण करने वाला समà¤à¤•à¤° रोक लिया। à¤à¥€à¥œ ने दोनों को वाहन से नीचे उतारा और बांधकर उनकी बेरहमी से पिटाई शà¥à¤°à¥‚ कर दी। पà¥à¤²à¤¿à¤¸ जब घटनासà¥à¤¥à¤² पर पहà¥à¤‚ची तो दोनों की सांसें चल रही थीं। पà¥à¤²à¤¿à¤¸ दोनों को असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² ले गई, लेकिन रासà¥à¤¤à¥‡ में ही उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने दम तोड़ दिया।
देश में की इस तरह की घटनाà¤à¤‚ इतनी तेजी से घटित हो रही हैं कि जब तक हम à¤à¤• खबर पर पूरी तरह संवेदना à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ नहीं कर पाते तब तक दूसरी सामने मà¥à¤‚ह बाठखड़ी होती है। हम आपस में ही नजर नहीं रख पा रहे हैं कि किसके साथ कà¥à¤¯à¤¾ हो रहा है? मारो, पकड़ो, ये रहा, वो गया, à¤à¤¾à¤—ने-दौड़ने की आवाजें, गाली, चीखने की आवाजों के साथ जब तक कोई सोचे समà¤à¥‡ कि कà¥à¤¯à¤¾ हà¥à¤† है तब तक किसी निरà¥à¤¦à¥‹à¤· का पंचनामा à¤à¤°à¤¾ जा रहा होता है और मरने वाले को उसका कसूर à¤à¥€ नहीं पता होता।
असम में इन दोनों यà¥à¤µà¤•à¥‹à¤‚ की पिटाई करती à¤à¥€à¥œ का à¤à¤• वीडियो à¤à¥€ सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हà¥à¤† है। वीडियो में देखा जा सकता है कि दोनों यà¥à¤µà¤• छोड़ देने की गà¥à¤¹à¤¾à¤° लगा रहे हैं। वे कह रहे हैं कि वे à¤à¥€ असम के ही रहने वाले हैं। लेकिन à¤à¥€à¥œ पर उनकी गà¥à¤¹à¤¾à¤° का कोई असर नहीं होता और नीलोतà¥à¤ªà¤² दास à¤à¤µà¤‚ अà¤à¤¿à¤œà¥€à¤¤ नाथ को à¤à¥€à¥œ हिंसा का शिकार बना लेती है। इस वीडियो समेत हिंसा à¤à¤°à¥€ इसी तरह की कोई à¤à¥€ वीडियो देख लीजिये आप आसानी से अंदाजा लगा सकते है कि लोगों का विवेक उनके पास नहीं होता।
अफवाही हिंसा के इस उदà¥à¤¯à¥‹à¤— का कोई निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ ठिकाना नहीं होता। इसका शिकार राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में à¤à¥€ हो सकता है और दिलà¥à¤²à¥€ में à¤à¥€à¥¤ अचानक à¤à¤• सूचना कहीं से à¤à¥€ वायरल होती है और लोगों के दिमाग अपनी जद में ले लेती है। पिछले महीने महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° का नांदेड़ जिला अचानक हिंसक हो उठा था। पूरे जिले में अफवाह फैल गयी कि बचà¥à¤šà¤¾ उठाने वाला à¤à¤• गिरोह घूम रहा है। इसी बीच लोगों की नजर चार संदेहसà¥à¤ªà¤¦ लोगों पर पड़ी। जमकर उनकी पिटाई कर दी थी।
पिछले दिनों ही तमिलनाडू के तिरूवनà¥à¤¨à¤®à¤²à¤¾à¤ˆ में मà¥à¤¥à¥à¤®à¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¤® मंदिर में दरà¥à¤¶à¤¨ को जा रही à¤à¤• महिला समेत चार रिशà¥à¤¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤° पर बचà¥à¤šà¤¾ उठाने वाले गिरोह का सदसà¥à¤¯ समà¤à¤•à¤° हमला किया जिनमें दो की हालत बेहद गमà¥à¤à¥€à¤° थी। वहां à¤à¥€ पिछले कà¥à¤› समय से सोशल मीडिया पर ये à¤à¥‚ठी खबर फैलाई जा रही है कि उतà¥à¤¤à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ के कà¥à¤› बचà¥à¤šà¥‡ चà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ वाले गिरोह शहर में घूम रहे है।
पिछले साल à¤à¤¾à¤°à¤–णà¥à¤¡ के खरसावां में दो सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर तीन लोगों की पीट-पीट कर हतà¥à¤¯à¤¾ कर दी गई थी। उन पर à¤à¥€ बचà¥à¤šà¥‡ उठाने का संदेह था। जबकि वह पशॠवà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¥€ थे। इसी साल 25 मई को करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤• में वà¥à¤¹à¤¾à¤Ÿà¥à¤¸à¤à¤ª पर बचà¥à¤šà¤¾ चोरी करने वाले के हà¥à¤²à¤¿à¤ के साथ मैसेज लोगों को मिल रहा था। इसे देखने के बाद कà¥à¤› लोगों ने वहां राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के टाइलà¥à¤¸ फिटर कालूराम को बचà¥à¤šà¤¾ चोर समà¤à¤•à¤° पीट-पीटकर मार डाला। जमशेदपà¥à¤° से लेकर मà¥à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¦à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦ तक असम से लेकर राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ तक ये à¤à¥€à¥œ ही अदालत बनती जा रही है। किसे कैसी मौत देनी है, किस पर कà¥à¤¯à¤¾ आरोप तय करने हैं, ये à¤à¥€à¥œ तय कर लेती है।
इस à¤à¥€à¥œ को हांकने के लिठकोई बड़े पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन की जरूरत नहीं इसे वà¥à¤¹à¤¾à¤Ÿà¤à¤ªà¥à¤ª के गà¥à¤°à¥à¤ª बनाकर à¤à¥€ हांका जा रहा है इस à¤à¥€à¥œ के सामने सरकारें बेबस हैं। संविधान बौना नजर आता है। पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¶à¤¨ à¤à¥€ इसे समà¤à¤¨à¥‡ में लाचार दिख रहा है। इस à¤à¥€à¥œ के तरीकों को देखकर लगता है जैसे कोई समूह यह पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— कर रहा हो कि अलग-अलग अफवाहों के कारण यह à¤à¥€à¥œ कितनी जगह हिंसा कर सकती है और कितने लोगों को मौत के घाट उतार सकती है।
इन सवालों के जवाब à¤à¥€ तलाश करने होंगे कि आखिर लोगों के अनà¥à¤¦à¤° इतना गà¥à¤¸à¥à¤¸à¤¾ कहाठसे आ जाता कि à¤à¥€à¥œ किसी को घर से निकाल लाती है ये बचà¥à¤šà¤¾ चोरी के आरोप लगाकर किसी राह चलते को मार देती है। ये बीफ खाने के शक में किसी को मौत दे सकती है, ये à¤à¥€à¥œ मजहब के नाम पर, धरà¥à¤® के नाम पर तो कà¤à¥€ किसी को डायन का आरोप जड़कर फैसला कर सकती है। इस à¤à¥€à¥œ के पास सवाल नहीं होते बस जवाब के नाम पर हिंसा होती है।
इसे देखकर लगता लगता है कि लोग सोचने समà¤à¤¨à¥‡ की शकà¥à¤¤à¤¿ खतà¥à¤® कर चà¥à¤•à¥‡ हैं। लोगों का संचालन सोशल मीडिया से किया जा रहा हैं। आदरà¥à¤¶à¥‹ को समापà¥à¤¤ कर कानून से निडर लोग हिंसा से à¤à¤• दूसरे के चेहरे पोत रहे हैं। इनमें शामिल कोई दूसरे गृह के पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ नहीं है। हमारे आस-पास के हिसà¥à¤¸à¥‡ इस à¤à¥€à¥œà¤¤à¤‚तà¥à¤° में हैं जो किसी को à¤à¥€ लाठी से मार रहे हैं, जो किसी को गोली से मार रहे हैं।
हमें ये देखना पड़ेगा कि यहाठहर कोई पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° और समाचार चैनल बना हà¥à¤† है देश में अलग-अलग सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ से à¤à¥‚ठी खबरें विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पोरà¥à¤Ÿà¤²à¥‹à¤‚ के सहारे परोसी जा रही हैं। आप गूगल पर à¤à¤• सतà¥à¤¯ की तलाश कीजिये आपको बीस à¤à¥‚ठकी खबरें मिलेगी। कहीं से कोई शेयर हो जाता है, किसी के पास पहà¥à¤‚च जाता है। वो उस लिंक में दो बात खà¥à¤¦ की जोड़ता है बड़े गà¥à¤°à¥à¤ª में फेंक देता है। देखते-देखते à¤à¤• à¤à¥‚ठका शिकार लाखों लोग हो जाते हंै और à¤à¥‚ठहिंसा बनकर किसी निरà¥à¤¦à¥‹à¤· का रकà¥à¤¤ पी जाती है।
इस सवाल का à¤à¥€ हल खोजना होगा कि à¤à¤• à¤à¥‚ठी खबर पर पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤µà¤¾à¤¦à¥€ आकà¥à¤°à¤¾à¤®à¤•à¤¤à¤¾ जगह कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ बना रही है, जो लोग आज इस à¤à¥€à¥œ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ लगातार सहनशील और खामोश होते चले जा रहे हैं। वो इस à¤à¥€à¥œ को ताकतवर बना रहे है यदि à¤à¥€à¥œ इसी तरह ताकतवर होती चली गयी à¤à¤• दिन हमें अपने लोकतांतà¥à¤°à¤¿à¤• मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को à¤à¥€ इस à¤à¥€à¥œ के हवाले करना पड़ेगा और ये à¤à¥€à¥œ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की हतà¥à¤¯à¤¾ करने से à¤à¥€ नही चà¥à¤•à¥‡à¤—ी।
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