ऋषि दयाननà¥à¤¦ का उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ सदà¥à¤œà¥à¤žà¤¾à¤¨ देकर आतà¥à¤®à¤¾à¤“ं को परमातà¥à¤®à¤¾ से मिलाना था
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Manmohan Kumar AryaDate
16-Jun-2018Category
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16-Jun-2018Download PDF
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महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ के बाद ऋषि दयाननà¥à¤¦ ने à¤à¤¾à¤°à¤¤ ही नहीं अपितॠविशà¥à¤µ के इतिहास में वह कारà¥à¤¯ किया है जो संसार में अनà¥à¤¯ किसी महापà¥à¤°à¥à¤· ने नहीं किया। अनà¥à¤¯ महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ ने कौन सा कारà¥à¤¯ नहीं किया जो ऋषि ने किया? इसका उतà¥à¤¤à¤° है कि ऋषि दयाननà¥à¤¦ ने अपने कठोर तप व पà¥à¤°à¥à¤·à¤¾à¤°à¥à¤¥ से सृषà¥à¤Ÿà¤¿ के आरमà¥à¤ में ईशà¥à¤µà¤° पà¥à¤°à¤¦à¤¤à¥à¤¤ वेदों का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया व उनकी रकà¥à¤·à¤¾ के उपाय किà¤à¥¤ वेद सब सतà¥à¤¯ विदà¥à¤¯à¤¾à¤“ं की पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• हैं। वेदों में परा व अपरा अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ अधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• व सांसारिक, दोनों पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की विदà¥à¤¯à¤¾à¤“ं का सतà¥à¤¯ व यथारà¥à¤¥ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ है। वेदों में ईशà¥à¤µà¤° व जीवातà¥à¤®à¤¾ सहित पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का à¤à¥€ यथारà¥à¤¥ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होता है। महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ ने योगाà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ à¤à¤µà¤‚ आरà¥à¤· वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£ की सहायता से वेदाधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ कर सà¤à¥€ सतà¥à¤¯ विदà¥à¤¯à¤¾à¤“ं का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया था। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने जो जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया वह उनके समय में देश व संसार में पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ नहीं था। संसार में वेदों à¤à¤µà¤‚ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ के विपरीत असतà¥à¤¯, अविदà¥à¤¯à¤¾ व अनà¥à¤§à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ आदि पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ थे। लोग लोग ईशà¥à¤µà¤°, आतà¥à¤®à¤¾, धरà¥à¤®-करà¥à¤® तथा सामाजिक वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° करने के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ à¤à¥à¤°à¤®à¤¿à¤¤ थे। किसी à¤à¥€ मत के आचारà¥à¤¯ व उनके अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को ईशà¥à¤µà¤°, जीवातà¥à¤®à¤¾ सहित सृषà¥à¤Ÿà¤¿ à¤à¤µà¤‚ मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ के करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ व अकरà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का यथारà¥à¤¥ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ नहीं था। इस कारण मनà¥à¤·à¥à¤¯ का कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ न होकर अकलà¥à¤¯à¤¾à¤£ हो रहा था।
मनà¥à¤·à¥à¤¯ à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• सà¥à¤–ों की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ व उनके उपà¤à¥‹à¤— को ही अपना लकà¥à¤·à¥à¤¯ मानते थे। आज à¤à¥€ सà¤à¥€ व अधिकांश लोग à¤à¤¸à¤¾ ही मान रहे हैं जिसका कारण मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¤à¤ƒ पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ संसà¥à¤•à¤¾à¤° व अविदà¥à¤¯à¤¾ है। संसार में à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ मत हैं जो सà¤à¥€ अविदà¥à¤¯à¤¾ से गà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ है। इनके आचारà¥à¤¯ चाहते नहीं कि ईशà¥à¤µà¤° व आतà¥à¤®à¤¾ विषयक सतà¥à¤¯ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ सहित विदà¥à¤¯à¤¾ पर आधारित ईशà¥à¤µà¤°à¥‹à¤ªà¤¾à¤¸à¤¨à¤¾ और सामाजिक परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ं का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° व लोगों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उसका निरà¥à¤µà¤¹à¤¨ हो। ऋषि दयाननà¥à¤¦ ने इसी अविदà¥à¤¯à¤¾ के नाश का आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ किया था जिसके लिठउनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ सहित सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶, ऋगà¥à¤µà¥‡à¤¦à¤¾à¤¦à¤¿à¤à¤¾à¤·à¥à¤¯à¤à¥‚मिका, संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¤µà¤¿à¤§à¤¿, आरà¥à¤¯à¤¾à¤à¤¿à¤µà¤¿à¤¨à¤¯, गोकरà¥à¤£à¤¾à¤¨à¤¿à¤§à¤¿, वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤à¤¾à¤¨à¥ आदि गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ की रचना की थी। यदà¥à¤¯à¤ªà¤¿ ऋषि दयाननà¥à¤¦ के गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ में पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ सà¤à¥€ मà¥à¤–à¥à¤¯ विषयों का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ है परनà¥à¤¤à¥ आतà¥à¤®à¤¾ और परमातà¥à¤®à¤¾ के जà¥à¤žà¤¾à¤¨ व विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ को जानना सबसे मà¥à¤–à¥à¤¯ है। ऋषि दयाननà¥à¤¦ ने आतà¥à¤®à¤¾ व परमातà¥à¤®à¤¾ के यथारà¥à¤¥ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर उसका देश व विशà¥à¤µ में पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° करने में सफलता पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ की। सफलता से हमारा अà¤à¤¿à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤¯ इतना है कि ऋषि के विचार उनके समय देश के अधिकांश à¤à¤¾à¤—ों सहित इंगà¥à¤²à¥ˆà¤£à¥à¤¡, जमरà¥à¤¨à¥€ आदि अनेक देशों में पहà¥à¤‚च गये थे। आज इणà¥à¤Ÿà¤°à¤¨à¥ˆà¤Ÿ का यà¥à¤— है। आज इंटरनैट के माधà¥à¤¯à¤® से किसी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की जानकारी का कà¥à¤› कà¥à¤·à¤£à¥‹à¤‚ में ही विशà¥à¤µ à¤à¤° के लोगों मे ंआदान-पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किया जा सकता है। दूसरे देशों में कहां कà¥à¤¯à¤¾ हो रहा है, उसका परिचय व जानकारी à¤à¥€ हमें पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ मिलती रहती है।
महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ ने अपने जीवन में मनà¥à¤·à¥à¤¯, समाज, देश व विशà¥à¤µ के हित के अनेक कारà¥à¤¯ किये। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने देश के अनेक à¤à¤¾à¤—ों में जा जाकर धरà¥à¤® व समाज सà¥à¤§à¤¾à¤° के उपदेश दिये। पूना में दिठउनके 15 उपदेश तो सार रà¥à¤ª में संगà¥à¤°à¤¹à¤¿à¤¤ किये गये परनà¥à¤¤à¥ अनà¥à¤¯ सहसà¥à¤°à¥‹à¤‚ उपदेशों को संगà¥à¤°à¤¹à¤¿à¤¤ नहीं किया जा सका। यह जà¥à¤žà¤¾à¤¨ की बहà¥à¤¤ बड़ी हानि हà¥à¤ˆ है। ऋषि दयाननà¥à¤¦ ने सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶, ऋगà¥à¤µà¥‡à¤¦à¤¾à¤¦à¤¿à¤à¤¾à¤·à¥à¤¯à¤à¥‚मिका, संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¤µà¤¿à¤§à¤¿, आरà¥à¤¯à¤¾à¤à¤¿à¤µà¤¿à¤¨à¤¯ आदि अनेक गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ का पà¥à¤°à¤£à¤¯à¤¨ किया। इन गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ में मनà¥à¤·à¥à¤¯ की पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ सà¤à¥€ जिजà¥à¤žà¤¾à¤¸à¤¾à¤“ं को वेद, यà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ व पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ के समाधान के साथ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया गया है। इसमें ईशà¥à¤µà¤° के यथारà¥à¤¥ सà¥à¤µà¤°à¥à¤ª सहित आतà¥à¤®à¤¾ के सà¥à¤µà¤°à¥à¤ª व उनके गà¥à¤£, करà¥à¤® व सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ पर à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ डाला गया है। ऋषि दयाननà¥à¤¦ ने ईशà¥à¤µà¤° के सà¥à¤µà¤°à¥à¤ª को अपने साहितà¥à¤¯ में अनेक सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ करने के साथ आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ के दूसरे नियम में संकà¥à¤·à¥‡à¤ª में पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया है। उसी को यहां पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ कर रहे हैं। वह लिखते हैं ‘ईशà¥à¤µà¤° सचà¥à¤šà¤¿à¤¦à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ सà¥à¤µà¤°à¥à¤ª, निराकार, सरà¥à¤µà¤¶à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨, नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤•à¤¾à¤°à¥€, दयालà¥, अजनà¥à¤®à¤¾, निरà¥à¤µà¤¿à¤•à¤¾à¤°, अनादि, अनà¥à¤ªà¤®, सरà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¾à¤°, सरà¥à¤µà¥‡à¤¶à¥à¤µà¤°, सरà¥à¤µà¤µà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤•, सरà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤°à¥à¤¯à¤¾à¤®à¥€, अजर, अमर, अà¤à¤¯, नितà¥à¤¯, पवितà¥à¤° और सृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾ है। उसी की उपासना करनी योगà¥à¤¯ है।’ ईशà¥à¤µà¤° वेद जà¥à¤žà¤¾à¤¨ का देने वाला और सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के हृदयों में सतà¥à¤•à¤°à¥à¤®à¥‹à¤‚ की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ करने वाला à¤à¥€ है। वह जीवातà¥à¤®à¤¾à¤“ं का अनादिकाल से मितà¥à¤°, आचारà¥à¤¯ व राजा है और उनके करà¥à¤®à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सà¥à¤–-दà¥à¤ƒà¤– देने सहित उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ नाना पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ योनियों में जनà¥à¤® देने और सचà¥à¤šà¥‡ ईशà¥à¤µà¤° à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ व साधकों को मोकà¥à¤· आदि पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करता आ रहा है।
जीवातà¥à¤®à¤¾ के सà¥à¤µà¤°à¥à¤ª पर विचार करें तो हम पाते हैं कि जीवातà¥à¤®à¤¾ à¤à¤• चेतन ततà¥à¤µ है जो अलà¥à¤ªà¤œà¥à¤ž, à¤à¤•à¤¦à¥‡à¤¶à¥€, ससीम, अनादि, अमर, अविनाशी, जनà¥à¤®-मरण धरà¥à¤®à¤¾, ईशà¥à¤µà¤° की उपासना, यजà¥à¤ž व वेदानà¥à¤°à¥à¤ª करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का पालन कर सà¥à¤– व उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होता है। ईशà¥à¤µà¤° व आतà¥à¤®à¤¾ का परसà¥à¤ªà¤° वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¯-वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• संबंध है। वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¯-वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• संबंध होने के कारण दोनों सदा à¤à¤• साथ रहते हैं परनà¥à¤¤à¥ जीवातà¥à¤®à¤¾ की अविदà¥à¤¯à¤¾ जीवातà¥à¤®à¤¾ के ईशà¥à¤µà¤° के आननà¥à¤¦ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने व उसका साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•à¤¾à¤° करने में बाधक होती है। ऋषि दयाननà¥à¤¦ ने आतà¥à¤®à¤¾ की अविदà¥à¤¯à¤¾ को दूर करने के वेद व योग के आधार पर अनेक उपाय बताये हैं। यह उपाय उनके गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ को पà¥à¤•à¤° जाने जा सकते हैं। यहां इतना ही कहना उपयà¥à¤•à¥à¤¤ होगा कि मनà¥à¤·à¥à¤¯ को सतà¥à¤•à¤°à¥à¤®à¥‹à¤‚ का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर उनà¥à¤¹à¥€à¤‚ का आचरण करना तथा असतà¥à¤•à¤°à¥à¤®à¥‹à¤‚ को जानकर उनका सरà¥à¤µà¤¥à¤¾ तà¥à¤¯à¤¾à¤— करना ही आतà¥à¤®à¤¾ की अविदà¥à¤¯à¤¾ को दूर करता है। इसके साथ ही वेद à¤à¤µà¤‚ वैदिक साहितà¥à¤¯ का नितà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿ सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯, योग दरà¥à¤¶à¤¨ का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ व उसके अनà¥à¤¸à¤¾à¤° अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸, ऋषि पà¥à¤°à¤£à¥€à¤¤ सनà¥à¤§à¥à¤¯à¤¾ à¤à¤µà¤‚ अगà¥à¤¨à¤¿à¤¹à¥‹à¤¤à¥à¤° आदि यजà¥à¤žà¥‹à¤‚ को करने सहित अनà¥à¤¯ तीन महायजà¥à¤žà¥‹à¤‚ को à¤à¥€ करने से मनà¥à¤·à¥à¤¯ की अविदà¥à¤¯à¤¾ दूर होकर उसकी ईशà¥à¤µà¤° से आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• निकटता हो जाती है जो उसे ईशà¥à¤µà¤° का यथारà¥à¤¥ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ कराने के साथ सनà¥à¤§à¥à¤¯à¤¾ व योग साधना में सहायक होकर लकà¥à¤·à¥à¤¯ तक पहà¥à¤‚चाती हैं।
महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ जी ने ईशà¥à¤µà¤° की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ वा उसका साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•à¤¾à¤° करने के लिठसनà¥à¤§à¥à¤¯à¤¾ नाम से à¤à¤• पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• लिखी है जिसका उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ सायं दो समय ईशà¥à¤µà¤° के व उसके गà¥à¤£, करà¥à¤® व सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ आदि का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ करते हà¥à¤ उसकी निकटता को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करना है। ईशà¥à¤µà¤° के सà¥à¤µà¤°à¥‚प व उसके गà¥à¤£, करà¥à¤® व सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶, ऋगà¥à¤µà¥‡à¤¦à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤à¤¾à¤·à¥à¤¯à¤à¥‚मिका, आरà¥à¤¯à¤¾à¤à¤¿à¤µà¤¿à¤¨à¤¯ व वेदà¤à¤¾à¤·à¥à¤¯ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ को पà¥à¤•à¤° हो जाता है। सनà¥à¤§à¥à¤¯à¤¾ करने से मनà¥à¤·à¥à¤¯ की आतà¥à¤®à¤¾ का सà¥à¤§à¤¾à¤° होता है और वह असतॠसे दूर होकर सतॠअरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ ईशà¥à¤µà¤° की निकटता से शà¥à¤¦à¥à¤§ व पवितà¥à¤° हो जाता है। मनà¥à¤·à¥à¤¯ वा उपासक जितना अधिक सनà¥à¤§à¥à¤¯à¥‹à¤ªà¤¾à¤¸à¤¨à¤¾ करता है उतना ही उसकी आतà¥à¤®à¤¾ की उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ होकर उसका जà¥à¤žà¤¾à¤¨ बà¥à¤¤à¤¾ है। मनà¥à¤·à¥à¤¯ ईशà¥à¤µà¤° के वेद वरà¥à¤£à¤¿à¤¤ सà¤à¥€ गà¥à¤£à¥‹à¤‚ का विचार करने पर अनà¥à¤à¤µ करता उसे उपासना से लाठहो रहा है। ईशà¥à¤µà¤° व जीवातà¥à¤®à¤¾ के सतà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤°à¥à¤ª को जानना व वेद समà¥à¤®à¤¤ विधि से सनà¥à¤§à¥à¤¯à¤¾ करना à¤à¥€ मनà¥à¤·à¥à¤¯ की उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ के लिठबहà¥à¤¤ बड़ी बात है। à¤à¤¸à¤¾ करने से अनà¥à¤§à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ व पाखणà¥à¤¡ दूर हो जाते हैं और मनà¥à¤·à¥à¤¯ सब पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में अपनी जैसी आतà¥à¤®à¤¾ के दरà¥à¤¶à¤¨ करता है व उसे इसकी जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¾à¤¨à¥à¤à¥‚ति होती है। यह जà¥à¤žà¤¾à¤¨ ऋषि के गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ सहित दरà¥à¤¶à¤¨, उपनिषद आदि गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤•à¥‚ल होता है जो तरà¥à¤• व यà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ से à¤à¥€ पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤¤ होता है। हमारे पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ सà¤à¥€ योगी व विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ इसी मारà¥à¤— का अवलमà¥à¤¬à¤¨ करते थे और अपने जीवन में धà¥à¤¯à¤¾à¤¨, जप, सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯, अगà¥à¤¨à¤¿à¤¹à¥‹à¤¤à¥à¤° आदि के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मन को à¤à¤•à¤¾à¤—à¥à¤° कर नाना पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की उपलबà¥à¤§à¥à¤¯à¤¿à¤‚ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करते हैं।
ऋषि दयाननà¥à¤¦ ने ईशà¥à¤µà¤° व आतà¥à¤®à¤¾ के सचà¥à¤šà¥‡ सà¥à¤µà¤°à¥à¤ª से तो विशà¥à¤µ के लोगों को परिचित कराया ही इसके साथ जीवन का कोई विषय à¤à¤¸à¤¾ नहीं था जिसका जà¥à¤žà¤¾à¤¨ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने न दिया हो। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने हिनà¥à¤¦à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ को देश की à¤à¤•à¤¤à¤¾ व अखणà¥à¤¡à¤¤à¤¾ के लिठआवशà¥à¤¯à¤• माना और अपने सà¤à¥€ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ को हिनà¥à¤¦à¥€ में लिखने के साथ पराधीनता के काल में अपने समय में हिनà¥à¤¦à¥€ को राजà¤à¤¾à¤·à¤¾ बनाने के लिठहसà¥à¤¤à¤¾à¤•à¥à¤·à¤° अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ व आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ à¤à¥€ चलाया था। गोरकà¥à¤·à¤¾ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ à¤à¥€ वह पूरà¥à¤£ सजग थे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने गोरकà¥à¤·à¤¾ के अनेक कारà¥à¤¯ किये। गोरकà¥à¤·à¤¾ से आरà¥à¤¥à¤¿à¤• लाà¤à¥‹à¤‚ को बताते हà¥à¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤• अतà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• ‘गोकरà¥à¤£à¤¾à¤¨à¤¿à¤§à¤¿’ की रचना की थी। सचà¥à¤šà¥‡ हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं के लिठगोरकà¥à¤·à¤¾ का पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ जीवन व मरण का पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ है। हमारे देश राजनीतिजà¥à¤žà¥‹à¤‚ में इचà¥à¤›à¤¾ शकà¥à¤¤à¤¿ का अà¤à¤¾à¤µ है। इसी कारण गोरकà¥à¤·à¤¾ मानवीय à¤à¤µà¤‚ आरà¥à¤¥à¤¿à¤• दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से देश हित में होने पर à¤à¥€ यह गोहतà¥à¤¯à¤¾ का दà¥à¤·à¥à¤•à¤°à¥à¤® देश में बà¥à¤¤à¤¾ ही जा रहा है। ऋषि दयाननà¥à¤¦ अपने समय में अनेक अंगà¥à¤°à¥‡à¤œ अधिकारियों से à¤à¥€ मिले थे और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ गोरकà¥à¤·à¤¾ के लाà¤à¥‹à¤‚ का परिचय देकर उनसे गोहतà¥à¤¯à¤¾ बनà¥à¤¦ कराने में अपनी à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾à¤¨à¥‡ को कहा था।
ऋषि दयाननà¥à¤¦ à¤à¤¸à¥‡ समाज सà¥à¤§à¤¾à¤°à¤• थे जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने विचारों व मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं को वेद पर आधारित बनाया। वेद जà¥à¤žà¤¾à¤¨ व विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ के आधार है। इस कारण वेद में किसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° का अनà¥à¤§à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ व मिथà¥à¤¯à¤¾ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ं का होना समà¥à¤à¤µ ही नहीं है। ऋषि दयाननà¥à¤¦ ने अपने समय में समाज में पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ सà¤à¥€ मिथà¥à¤¯à¤¾ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ं का à¤à¥€ खणà¥à¤¡à¤¨ किया और उनके वेदों के अनà¥à¤°à¥à¤ª समाधान पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किये। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने नारियों को शिकà¥à¤·à¤¾ का अधिकार दिलाने के साथ बाल विवाह का विरोध किया। विधवाओं के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ à¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सहानà¥à¤à¥‚ति थी। अलà¥à¤ª आयॠकी यà¥à¤µà¤¾ विधवाओं के पà¥à¤¨à¤°à¥à¤µà¤¿à¤µà¤¾à¤¹ का उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कà¤à¥€ विरोध नहीं किया। ऋषि दयाननà¥à¤¦ ‘à¤à¤• पति à¤à¤• पतà¥à¤¨à¥€’ की वैदिक वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ के समरà¥à¤¥à¤• थे। ऋषि दयाननà¥à¤¦ ने पूरà¥à¤£ यà¥à¤µà¤¾à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में गà¥à¤£, करà¥à¤® व सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ की समानता के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° विवाह करने का समरà¥à¤¥à¤¨ व पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° किया। वह गà¥à¤°à¤¹à¤¸à¥à¤¥ जीवन में à¤à¥€ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤°à¥à¤¯ के नियमों के पालन के समरà¥à¤¥à¤• व पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°à¤• थे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ व पà¥à¤°à¥à¤· शिकà¥à¤·à¤¾ के लिठà¤à¥€ उतà¥à¤¤à¤® आदरà¥à¤¶ विचार दिये और धरà¥à¤® रकà¥à¤·à¤¾ के लिठसà¤à¥€ को वेद à¤à¤µà¤‚ पूरà¥à¤µ ऋषियों के गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ को नियमित रà¥à¤ª से पà¥à¤¨à¥‡ की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ की। दलित बनà¥à¤§à¥à¤“ं के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ à¤à¥€ उनका हृदय दया और करà¥à¤£à¤¾ से à¤à¤°à¤¾ हà¥à¤† था। उनके अनà¥à¤¸à¤¾à¤° सà¤à¥€ अशिकà¥à¤·à¤¿à¤¤ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ न होने से शूदà¥à¤° होते हैं जिनका कारà¥à¤¯ अनà¥à¤¯ तीन वरà¥à¤£à¥‹à¤‚ की सेवा व उनके कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में सहयोग करना होता था। छà¥à¤†à¤›à¥‚त का उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने समरà¥à¤¥à¤¨ नहीं किया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने दलित बनà¥à¤§à¥à¤“ं के हाथ का à¤à¥‹à¤œà¤¨ कर समाज को दलितों से पà¥à¤°à¥‡à¤® व उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ साथ रखने का सनà¥à¤¦à¥‡à¤¶ दिया था। देश की आजादी में à¤à¥€ उनका सà¤à¥€ सामाजिक संगठनों व बाद में बने राजनीतिक संगठनों से अधिक योगदान है। आजादी की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ à¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ के माधà¥à¤¯à¤® से की थी। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ कहा था कि विदेशी राजा माता-पिता के समान कृपा, नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ व दया के साथ à¤à¥€ शासन करें तब à¤à¥€ उनका शासन सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¥€à¤¯ राजà¥à¤¯ से हितकर नहीं होता। उनके अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¿à¤¯à¥‹ ंवा आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ ने आजादी के आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ में सबसे अधिक योगदान दिया है तथा बदले में कोई लाठनहीं लिया जैसा कि कà¥à¤› नेताओं व परिवारों ने लिया है।
हमने आतà¥à¤®à¤¾ व परमातà¥à¤®à¤¾ का जो जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया है वह सब ऋषि दयाननà¥à¤¦ व उनके अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥€ वैदिक विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ व सनà¥à¤§à¥à¤¯à¤¾-यजà¥à¤ž पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ के आधार पर ही किया है। आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ का पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• सदसà¥à¤¯ वा अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥€ आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ में विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨ सà¥à¤¨à¤•à¤° ईशà¥à¤µà¤° व जीवातà¥à¤®à¤¾ के सà¥à¤µà¤°à¥‚प को à¤à¤²à¥€ à¤à¤¾à¤‚ति जानता व समà¤à¤¤à¤¾ है। हम जब देश विदेश में उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ व सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ अनà¥à¤¯ मतों पर दृषà¥à¤Ÿà¤¿ डालते हैं तो हमें किसी मत में ईशà¥à¤µà¤° व जीवातà¥à¤®à¤¾ के जà¥à¤žà¤¾à¤¨ सहित ईशà¥à¤µà¤° की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ के लिये की जाने वाली साधना-विधि में वह उतà¥à¤¤à¤®à¤¤à¤¾ दिखाई नहीं देती जैसी शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ ता ऋषि की वेदों के आधार पर बनाई गई उपासना पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ में है। यदि मनà¥à¤·à¥à¤¯ जनà¥à¤® को सफल बनाना है तो उसे ऋषि दयाननà¥à¤¦ और आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ की शरण में आना ही पड़ेगा तà¤à¥€ मनà¥à¤·à¥à¤¯ अजà¥à¤žà¤¾à¤¨, अनà¥à¤§à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸, अधरà¥à¤® व मिथà¥à¤¯à¤¾ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ं से मà¥à¤•à¥à¤¤ हो सकता है। ओ३मॠशमà¥à¥¤
-मनमोहन कà¥à¤®à¤¾à¤° आरà¥à¤¯
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