à¤à¤¸à¥‡ तो कौन विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ करेगा धरà¥à¤® पर?
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Rajeev ChoudharyDate
30-Jun-2018Category
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à¤à¤• बार फिर दिलà¥à¤²à¥€ के फतेहपà¥à¤° बेरी इलाके में मशहूर शनिधाम मंदिर के संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• दाती महाराज के खिलाफ उनकी शिषà¥à¤¯à¤¾ ने रेप का सनसनीखेज आरोप लगाया है। दिलà¥à¤²à¥€ पà¥à¤²à¤¿à¤¸ ने पीड़िता की शिकायत पर दà¥à¤·à¥à¤•à¤°à¥à¤® का केस दरà¥à¤œ किया गया है। यदि पैसे तथा पहà¥à¤à¤š का खेल न चला तो à¤à¤• और बाबा का सलाखों के पीछे जाना तय माना जा रहा है। हर बार कथित बाबाओं का à¤à¤• नया मामला उजागर होता है जिसके बाद धरà¥à¤® धरा में बवाल मचता है। सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ कà¥à¤› दिन बाद सामानà¥à¤¯ हो जाती है। पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ बाबा की जगह नया बाबा आ जाता है और à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ का कारोबार जà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का तà¥à¤¯à¥‹à¤‚ चलता रहता है। à¤à¤•à¥à¤¤ à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿-à¤à¤¾à¤µ में डूबकर अपने-अपने बाबाओं के कसीदे पà¥à¤¤à¥‡ रहते हैं।
आसाराम, रामरहीम के मामले अà¤à¥€ ठंडे à¤à¥€ नहीं हà¥à¤ कि à¤à¤• बार फिर बाबा की इस करतूत से पूरी संत बिरादरी कलंकित हो गई, हालाà¤à¤•à¤¿ सालाना तीन चार बड़े बाबा और छमाही तिमाही कà¥à¤› छोटे बाबा दसवें पंदà¥à¤°à¤¹à¤µà¥‡à¤‚ दिन छोटे-मोटे बाबाओं पà¥à¤œà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का पकडे़ जाना आम बात हो चà¥à¤•à¥€ है। ये बात अकेले किसी à¤à¤• धरà¥à¤®, पंथ या मजहब की नहीं है। कथित धरà¥à¤®à¤¿à¤• गà¥à¤°à¥à¤“ं के पकड़े जाने की खबर आये दिन अखबारों से मिलती रहती है। à¤à¤¸à¥€ खबरों के सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• होने के बाद देश और धरà¥à¤® कई बार जगहंसाई à¤à¥‡à¤² चà¥à¤•à¤¾ है।
à¤à¤¸à¤¾ लगता है जैसे आम à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ को जीने के लिठधरà¥à¤® और राजनीति की खà¥à¤°à¤¾à¤• चाहिà¤à¥¤ जिसके लिठलोग आज à¤à¤¸à¥‡ मधà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¥à¥‹à¤‚ को अपनी जरूरत समà¤à¥‡ बैठे हैं यानि कि धरà¥à¤® को à¤à¤¸à¥‡ बिचैलियों की जरूरत इसलिठआन पड़ी है ताकि वो आम लोगों और à¤à¤—वान और à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ के बीच पà¥à¤² का काम कर सकें। शायद ही कोई धरà¥à¤® इन पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से परे रह पाया है। धरà¥à¤® के नाम पर वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° करने और पैसा à¤à¤‚ठने के आरोप तो बीते जमाने की बात हो गà¤à¥¤ अब तो पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ित गदà¥à¤¦à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ पर बैठे, मठों और डेरों के मालिकों का चरितà¥à¤° à¤à¥€ इन छींटों से नहीं बच पाया। à¤à¤¸à¥‡ में आसà¥à¤¤à¤¿à¤• मन पूछता है कि किस देहरी पर शीश à¤à¥à¤•à¤¾à¤à¤‚ और किससे अपना पीछा छà¥à¥œà¤¾à¤à¤‚।
आखिर कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ अचानक से ये धारà¥à¤®à¤¿à¤• शिकà¥à¤·à¤¾à¤“ं, à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ से à¤à¤°à¥‡ मन, वासना के कà¥à¤£à¥à¤¡ बनते जा रहे हैं। इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ वासनाओं से बचने के लिठतो लोग इनकी शरण में जाते रहे हैं लेकिन अब ये देहरी à¤à¥€ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ नहीं है। à¤à¤• तो पहले से देश में धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ की महामारी फैल रही है जिसमें सà¤à¥€ धरà¥à¤®à¤—à¥à¤°à¥à¤“ं को नीचा दिखाठजाने का कारà¥à¤¯ चल रहा है। à¤à¤¸à¥‡ में धरà¥à¤®à¤—à¥à¤°à¥à¤“ं को अपने कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को लेकर नठसिरे से आतà¥à¤® समीकà¥à¤·à¤¾ इसलिठजरूरी कि वे जागरूकता और आधà¥à¤¨à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ के इस माहौल में धारà¥à¤®à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ को मजबूत कर सकते है।
कोई महरà¥à¤·à¤¿ विशà¥à¤µà¤¾à¤®à¤¿à¤¤à¥à¤° और मेनका के पौराणिक पà¥à¤°à¤¸à¤‚ग तथा अनà¥à¤¯ संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¥‡à¤® में पड़ने की बहà¥à¤¤-सी पौराणिक कथाà¤à¤‚ लेकर सà¥à¤µà¤¯à¤‚ का बचाव करते दिखता है। कहते हैं हमें जबरन फंसाया जा रहा है। जबकि देश में à¤à¤¸à¥‡ उदहारण है जो विशà¥à¤µ के धरà¥à¤® जगत के किसी अनà¥à¤¯ कोने में नहीं मिलेंगे। जब मथà¥à¤°à¤¾ में महरà¥à¤·à¤¿ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयानंद सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ पर हमला करते तथा उनके विरोधी हारते थे। तब वे विरोधी à¤à¤• महिला के पास गà¤, उससे बोले, ‘‘तà¥à¤à¥‡ बहà¥à¤¤ से आà¤à¥‚षण देंगे, तू दयाननà¥à¤¦ के पास जाकर शोर मचा देना कि इसने मà¥à¤à¥‡ छेड़ा है।’’ हम निकट ही छिपे रहेंगे, बाहर निकलकर डंडे से उसे अधमरा कर देंगे। महिला ने ये बात मान ली। अपने आप को खूब सजाकर वहाठगई, जहाठसà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी बैठे थे, धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में मगà¥à¤¨ थे, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦ ने आà¤à¤–ें खोली, बोले, ‘‘माठतà¥à¤® कौन हो?’’ माठशबà¥à¤¦ सà¥à¤¨à¤¤à¥‡ ही उसकी आà¤à¤–ें डबडबा गयीं और सिसकते हà¥à¤ बोली माफी मांगने आई हूठमहातà¥à¤®à¤¾ जी। इन आà¤à¥‚षणों ने मà¥à¤à¥‡ अà¤à¤§à¤¾ कर दिया था और रोते हà¥à¤ उसने सारी कथा महरà¥à¤·à¤¿ को सà¥à¤¨à¤¾à¤ˆà¥¤
इसी अनà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤² में दूसरा उदहारण सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विवेकानंद जी का à¤à¥€ है जब à¤à¤• विदेशी महिला ने उनसे शादी करने का पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ रखते हà¥à¤ कहा था कि मà¥à¤à¥‡ आपके जैसा ही à¤à¤• पà¥à¤¤à¥à¤° चाहिठजो पूरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में मेरा नाम रोशन करे और वो केवल आपसे शादी करके ही मिल सकता है, तब विवेकानंद ने मà¥à¤¸à¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤¤à¥‡ हà¥à¤ कहा था आप मà¥à¤à¥‡ ही अपना पà¥à¤¤à¥à¤° मान लीजिये और आप मेरी माठबन जाइठà¤à¤¸à¥‡ में आपको मेरे जैसा पà¥à¤¤à¥à¤° à¤à¥€ मिल जाà¤à¤—ा और मà¥à¤à¥‡ अपना बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤°à¥à¤¯ à¤à¥€ नहीं तोड़ना पड़ेगा।
लेकिन आज के अधिकांश साधू संतो की जीवन शैली इस सबसे इतर चà¥à¤•à¥€ है, धरà¥à¤® की आड़ में वासना की पूरà¥à¤¤à¤¿, à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ की संखà¥à¤¯à¤¾ बà¥à¤¾à¤¨à¥‡, अपने आशà¥à¤°à¤® और मठों को à¤à¤µà¥à¤¯ बनाने में लगे पड़े हà¥à¤ हैं। इन तथाकथित बाबाओं के वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° को देखकर दà¥à¤– होता है कि इनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने धरà¥à¤® का महासतà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¤¾à¤¶ कर दिया है। कोई इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ रोकने वाला नहीं है, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ की बड़ी फौज इनके पास है। इनकी अजीब तरह की हरकतों को देखकर लगता है कि कौन विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ करेगा धरà¥à¤® पर?
हाल के वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में जिस तरह से कई छोटे-बड़े, असली-नकली यानी हर किसà¥à¤® के बाबा विवादों में घिरे हैं, उससे खटका होने लगा है कि कहीं हम अधरà¥à¤®à¤¯à¥à¤— की देहरी पर पांव तो नहीं रख रहे हैं। जमीन पर अवैध कबà¥à¤œà¤¾, हतà¥à¤¯à¤¾, अपà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• यौन संबंध से लेकर वैशà¥à¤¯à¤¾à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿ का रैकेट चलाने सरीखे गंà¤à¥€à¤° आरोप धरà¥à¤® गà¥à¤°à¥à¤“ं पर लग चà¥à¤•à¥‡ हैं। इसके बावजूद à¤à¥€ जनता हर किसी को अपना गà¥à¤°à¥ मानकर उससे दीकà¥à¤·à¤¾ लेकर उसका बड़ा-सा फोटो घर में लगाकर उसकी पूजा करती दिख रही है। अपने महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ के फोटो à¤à¤²à¥‡ ही तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ में साफ करते हों लेकिन अपने तथाकथित गà¥à¤°à¥ का लाकेट गले में पहनते हैं। यह धरà¥à¤® का अपमान और पतन ही माना जाà¤à¤—ा। जब समाज में à¤à¤• आम आदमी रेप जैसे कृतà¥à¤¯ को अंजाम देता है तब समाज की शिकà¥à¤·à¤¾ पर सवाल खड़ें होते हैं लेकिन जब धरà¥à¤® से जà¥à¥œà¥‡ लोग à¤à¤¸à¥‡ कारà¥à¤¯ करें तो कà¥à¤¯à¤¾ धरà¥à¤® बदनाम नहीं होता, धरà¥à¤® की शिकà¥à¤·à¤¾ बदनाम नहीं होती? इसे समà¤à¤¨à¥‡ का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ कीजिये, नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ किसका है और सà¥à¤§à¤¾à¤° की जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ किसकी है?
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