ईशà¥à¤µà¤° के असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ पर अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ विवाद
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Rajeev ChoudharyDate
11-Jul-2018Category
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11-Jul-2018Download PDF
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बचपन में मैंने à¤à¤• कहानी पà¥à¥€ थी कि à¤à¤• राजा राजà¤à¤µà¤¨ में नरम, मखमली बिछोने के पलंग पर लेटकर ईशà¥à¤µà¤° की खोज कर रहा था। उसका à¤à¤• मंतà¥à¤°à¥€ यह सब देख रहा था। अचानक वह मंतà¥à¤°à¥€ खड़ा हà¥à¤† और घड़े में हाथ डालकर जोर-जोर से हाथ हिलाने लगा, राजा ने पूछा कà¥à¤¯à¤¾ खोज रहे हो? मंतà¥à¤°à¥€ ने कहा, ‘‘राजन, हाथी खोज रहा हूà¤, राजा ने कहा- तà¥à¤® मà¥à¤°à¥à¤– हो! घड़े में हाथी कैसे मिलेगा? मंतà¥à¤°à¥€ हंसने लगा और बोला, ‘हे राजन, तू जिस चितà¥à¤¤ दशा में ईशà¥à¤µà¤° को खोज रहा है वह घड़े में हाथी खोजने से à¤à¥€ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ विचितà¥à¤° नहीं है? बचपन से मà¥à¤à¥‡ à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ पागल राजा की तलाश थी आज लगता है मेरी तलाश फिलीपीनà¥à¤¸ के राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ रोडà¥à¤°à¤¿à¤—ो दà¥à¤¤à¤°à¥à¤¤à¥‡ के रूप में पूरी हà¥à¤ˆà¥¤
हाल ही में फिलीपीनà¥à¤¸ के राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ रोडà¥à¤°à¤¿à¤—ो दà¥à¤¤à¤°à¥à¤¤à¥‡ ने अपना बयान देकर à¤à¤• अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ विवाद खड़ा किया है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा है कि यदि कोई ईशà¥à¤µà¤° के असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ को साबित कर दे तो वह अपने पद से इसà¥à¤¤à¥€à¤«à¤¾ दे देंगे। इससे पहले राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ रोडà¥à¤°à¤¿à¤—ो ने ईशà¥à¤µà¤° को सà¥à¤Ÿà¥à¤ªà¤¿à¤¡ (मूरà¥à¤–) तक कह डाला था। अब राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ रोडà¥à¤°à¤¿à¤—ो दà¥à¤¤à¤°à¥à¤¤à¥‡ ने कहा है कि अगर कोई à¤à¤• à¤à¥€ गवाह मिल जाठजो किसी फोटो अथवा सेलà¥à¤«à¥€ से यह साबित कर सके कि कोई इंसान à¤à¤—वान से मिल चà¥à¤•à¤¾ है या à¤à¤—वान को देख चà¥à¤•à¤¾ है तो वह ततà¥à¤•à¤¾à¤² इसà¥à¤¤à¥€à¤«à¤¾ दे देंगे। शायद राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ रोडà¥à¤°à¤¿à¤—ो दà¥à¤¤à¤°à¥à¤¤à¥‡ à¤à¥€ राजमहल में बैठकर ईशà¥à¤µà¤° की खोज करना चाहते हैं।
पर यदि à¤à¤¸à¤¾ हो सकता तो शायद बà¥à¤¦à¥à¤§ को राजपाट छोड़कर वनों में न जाना पड़ता, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€, आदि गà¥à¤°à¥ शंकराचारà¥à¤¯ को à¤à¤Ÿà¤•à¤¨à¤¾ न पड़ता। हालाà¤à¤•à¤¿ लोग इस मामले में तà¥à¤µà¤°à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ दे रहे हैं। कà¥à¤› लोग गà¥à¤¸à¥à¤¸à¤¾ हैं और कà¥à¤› दà¥à¤–ी। लेकिन जहाठइस बात पर चरà¥à¤šà¤¾ होनी चाहिठथी कि रोडà¥à¤°à¤¿à¤—ो दà¥à¤¤à¤°à¥à¤¤à¥‡ मूरà¥à¤– है अथवा नहीं? वहां लोग ईशà¥à¤µà¤° के होने या न होने पर चरà¥à¤šà¤¾ कर रहे हैं। जबकि ईशà¥à¤µà¤° के असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ का विषय मानने या मानने की बहस नहीं है, ईशà¥à¤µà¤° निजी à¤à¤• अनà¥à¤à¥‚ति है, निजी अनà¥à¤à¤µ का सिदà¥à¤¦à¤¾à¤‚त है न कि चौराहे पर खड़ा होकर उसे साबित करने का।
यह बिलà¥à¤•à¥à¤² à¤à¤¸à¤¾ है जैसे कोई राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ रोडà¥à¤°à¤¿à¤—ो दà¥à¤¤à¤°à¥à¤¤à¥‡ से कहे की आप अपने परदादा के दादा के साथ सेलà¥à¤«à¥€ अपनी दिखाओ? आज शायद वह à¤à¤¸à¤¾ कà¥à¤› न दिखा पाठकà¥à¤¯à¤¾ इससे यह मान लिया जायेगा कि उकà¥à¤¤ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ से राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ रोडà¥à¤°à¤¿à¤—ो दà¥à¤¤à¤°à¥à¤¤à¥‡ का कोई समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ नहीं रहा है? शायद नहीं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वह उनके पूरà¥à¤µà¤œ रहे हैं और इसका कोई सबूत देने की जरूरत नहीं है। दूसरा कोई उनसे पूछे कà¥à¤¯à¤¾ हवा का असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ है? वह कहेंगे हाठहै। अब पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾ कहे कि मैं तो नहीं मानता यदि हवा है चलो उसके साथ अपनी सेलà¥à¤«à¥€ दिखाओ? तो कà¥à¤¯à¤¾ इससे हवा का असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ समापà¥à¤¤ हो जायेगा? इसके बाद कोई खोलते तेल से उनका हाथ जला कर पूछे कà¥à¤¯à¤¾ हà¥à¤†? वह कहे जलन है, पीड़ा है। अब पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾ कहे कि यदि दरà¥à¤¦, पीड़ा या जलन है तो उस पीड़ा की फोटो दिखाओ? आप à¤à¤¸à¥‡ सवाल करने वाले को कà¥à¤¯à¤¾ कहेंगे मूरà¥à¤– या दारà¥à¤¶à¤¨à¤¿à¤•? जो à¤à¥€ कहेंगे वही शबà¥à¤¦ फिलीपीनà¥à¤¸ के राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ रोडà¥à¤°à¤¿à¤—ो दà¥à¤¤à¤°à¥à¤¤à¥‡ के लिठà¤à¥€ उपयà¥à¤•à¥à¤¤ रहेगा।
शायद फिलीपीनà¥à¤¸ के राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ रोडà¥à¤°à¤¿à¤—ो दà¥à¤¤à¤°à¥à¤¤à¥‡ को जà¥à¤žà¤¾à¤¨ न हो कि चितà¥à¤° या फोटो में à¤à¤¾à¤µ पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¤ होते है न कि अनà¥à¤à¥‚ति। अनà¥à¤à¥‚ति का कोई चितà¥à¤° नहीं बन सकता है। तपसà¥à¤¯à¤¾ करते हà¥à¤ ऋषि का चितà¥à¤° बन सकता है किनà¥à¤¤à¥ जिस आननà¥à¤¦ की अनà¥à¤à¥‚ति उसका अनà¥à¤à¤µ उस समाधि में लीं ऋषि पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर रहा है उसका कोई चितà¥à¤° या गवाह नहीं बन सकता है। ईशà¥à¤µà¤° के संबंध में कहे गठअनà¥à¤à¤µ à¤à¥€ इतने ही वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त हैं। यह à¤à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दूसरे वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ से कहे गठहै, हवा में फेंके गठगोले नहीं हैं, अगर मैं कह à¤à¥€ दूं कि हां, ईशà¥à¤µà¤° है, कà¥à¤¯à¤¾ फरà¥à¤• पड़ेगा? कà¥à¤¯à¤¾ ईशà¥à¤µà¤° का जनà¥à¤® हो जायेगा? या मैं कहूठईशà¥à¤µà¤° नहीं है तो कà¥à¤¯à¤¾ ईशà¥à¤µà¤° ततà¥à¤•à¤¾à¤² समापà¥à¤¤ हो जायेगा। शायद नहीं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि मानने या न मानने से ईशà¥à¤µà¤° के असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ में कोई परिवरà¥à¤¤à¤¨ नहीं होगा।
असल में à¤à¤• आदमी मंदिर में खड़ा होकर कहे ‘‘मैं ईशà¥à¤µà¤° को मानता हू’’ à¤à¤¸à¤¾ कहकर वह ईशà¥à¤µà¤° को कोई (à¤à¤¨. ओ. सी) नहीं दे रहा कि ईशà¥à¤µà¤° उसका धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ करें कि शाबास तू मà¥à¤à¥‡ मानता है? यदि दूसरा कहता है, ‘‘मैं तो ईशà¥à¤µà¤° को नहीं मानता’’ à¤à¤¸à¤¾ कहकर वह à¤à¥€ ईशà¥à¤µà¤° से कोई उसकी निजी पà¥à¤°à¥‹à¤ªà¤°à¥à¤Ÿà¥€ नहीं छीन रहा है। असल में दोनों ही सूरत में दोनां ही वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का मन सà¥à¤¥à¤¿à¤° नहीं है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि किसी मूरà¥à¤¤à¤¿ को ईशà¥à¤µà¤° समठबैठना à¤à¥€ ईशà¥à¤µà¤° के असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ का विरोध है, और जो दूसरा न मानने के बहà¥à¤¤ सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त इकटà¥à¤ े कर लेता है, पकà¥à¤· में, विपकà¥à¤· में सोच लेता है, वाद-विवाद करता है, शासà¥à¤¤à¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥ करता है, वह à¤à¥€ विरोध में ही जी रहा है। हाठजो इन दोनों à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ से दूर है वही ईशà¥à¤µà¤° की अनà¥à¤à¥‚ति का साकà¥à¤·à¥€ बन जाता है।
कोई सोचता है कि अगर ईशà¥à¤µà¤° हैं तो मेरे पास उसकी चिठà¥à¤ ी कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं आती ताकि उसे कहते कि अगर आप ईशà¥à¤µà¤° हैं तो मैं गरीब हूं, मेरी गरीबी मिटा कर दिखाइà¤, अगर आप ईशà¥à¤µà¤° हैं, तो मै बेरोजगार हूà¤, मेरी नौकरी लगवाकर बताइà¤?
ईशà¥à¤µà¤° किसी की आवशà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं की पूरà¥à¤¤à¤¿ का साधन नहीं है, उसके लिठकरà¥à¤® करने पड़ते है, न ईशà¥à¤µà¤° को समेटकर चितà¥à¤°à¥‹à¤‚ में समाहित किया जा सकता है, न ही ईशà¥à¤µà¤° की पà¥à¤°à¤¾à¤£ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ा की जा सकती कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि समूचे जगत के वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• को आतà¥à¤®à¤¾ की गहराई में उतरकर अनà¥à¤à¤µ किया जा सकता है. कà¥à¤¯à¤¾ जीवन में जो दिखाई पड़ता है सिरà¥à¤« उसी की सतà¥à¤¤à¤¾ है? नहीं! असल सतà¥à¤¤à¤¾ उसकी है जो दिखाई नहीं पड़ता और हमेशा से दृषà¥à¤¯ से अदृषà¥à¤¯ की सतà¥à¤¤à¤¾ बड़ी रही है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उसकी सतà¥à¤¤à¤¾ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤‚ की सीमाओं में बंधी नहीं होती है।
अटल सतà¥à¤¯ ये है कि उस सतà¥à¤¤à¤¾ का अनà¥à¤à¤µ करने के लिठसà¥à¤µà¤¯à¤‚ के मन की गहराई में उतरना आवशà¥à¤¯à¤• होता है तà¤à¥€ वह अनà¥à¤à¥‚ति उपलबà¥à¤§ होती है तà¤à¥€ जà¥à¤žà¤¾à¤¤ होता है कि उसे बाहर नहीं देखा जा सकता है वह तो à¤à¥€à¤¤à¤° है यही केवल à¤à¤•à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤° संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ है जिसमें खोज कम और आतà¥à¤®-परिवरà¥à¤¤à¤¨ की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ होती है जो उसके लिठपूरà¥à¤£à¤¤à¤¯à¤¾ से तैयार हो जाता है वह सà¥à¤µà¤¯à¤‚ इसकी अनà¥à¤à¥‚ति कर लेता है उसे ईशà¥à¤µà¤° के असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ को जानने की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ नहीं रहती न उसे ईशà¥à¤µà¤° के साथ फोटो और गवाहों की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ रहती है। हाठइसका मारà¥à¤— जरà¥à¤° है जो सिरà¥à¤« à¤à¤• है और वह है “चार वेद” इसके अतिरिकà¥à¤¤ कोई समà¥à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ कोई साधन नहीं है...
लेख-राजीव चौधरी
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