उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ का à¤à¤• मातà¥à¤° उपाय अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸
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Naveen AryaDate
21-Aug-2018Category
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HindiTotal Views
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RajeevUpload Date
21-Aug-2018Download PDF
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किसी सामानà¥à¤¯ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को महानॠबनने के लिठनिरतंर ‘अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸’ करते रहना चाहिà¤à¥¤ किसी à¤à¥€ काम को लगातार करते रहने से उस काम में दकà¥à¤·à¤¤à¤¾ हासिल हो जाती है । इस दोहे से समठसकते हैं अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ का महतà¥à¤µ कितना है । करत-करत अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ के जडमति होत सà¥à¤œà¤¾à¤¨, रसरी आवत जात, सिल पर पडत निशान । इस दोहे का अरà¥à¤¥ यह है कि जब सामानà¥à¤¯ रसà¥à¤¸à¥€ को à¤à¥€ बार-बार किसी पतà¥à¤¥à¤° पर रगड़ने से निशान पड़ सकता है तो निरंतर अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ से मूरà¥à¤– वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ à¤à¥€ बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ बन सकता है। लगातार अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ करने के लिठआलसà¥à¤¯ को छोड़ना पड़ेगा और अजà¥à¤žà¤¾à¤¨ को दूर करने के लिठपूरी à¤à¤•à¤¾à¤—à¥à¤°à¤¤à¤¾ से मेहनत करनी होगी ।
किसी सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने के लिठजो पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ किया जाता है उसी का नाम ही अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ होता है । योगशासà¥à¤¤à¥à¤° में à¤à¥€ अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ को बहà¥à¤¤ ही महतà¥à¤µ दिया गया है । योगाà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ के दो पà¥à¤°à¤®à¥à¤– साधनों में से अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ à¤à¥€ à¤à¤• साधन है । मन को à¤à¤•à¤¾à¤—à¥à¤° या निरà¥à¤¦à¥à¤§ करने हेतॠअà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ की बहà¥à¤¤ ही आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है । अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ à¤à¥€ किस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° करना चाहिठवह à¤à¥€ योगशासà¥à¤¤à¥à¤° में लिखा है कि दीरà¥à¤˜à¤•à¤¾à¤² तक, निरनà¥à¤¤à¤°à¤¤à¤¾ पूरà¥à¤µà¤•, तपसà¥à¤¯à¤¾ पूरà¥à¤µà¤•, बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤°à¥à¤¯ पूरà¥à¤µà¤•, विदà¥à¤¯à¤¾ पूरà¥à¤µà¤• तथा शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ पूरà¥à¤µà¤• किया गया पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ ही दृà¥à¤¤à¤¾ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होता है और वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को सफलता को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कराता है ।
अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ का किसी à¤à¥€ मनà¥à¤·à¥à¤¯ के जीवन में बहà¥à¤¤ महतà¥à¤µ होता है। अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ करने से विदà¥à¤¯à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होती है और अनà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ से विदà¥à¤¯à¤¾ समापà¥à¤¤ हो जाती है। अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ की कोई सीमा नहीं होती जब वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ निरंतर अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ करता है तो वह कà¥à¤› à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर सकता है। अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ के बल पर कठिन से कठिन काम को à¤à¥€ सरलता से किया जा सकता है। यह अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को सफलता या उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ के ऊà¤à¤šà¥‡ शिखर तक ले जाता है। अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ करने से ही वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ किसी à¤à¥€ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में कà¥à¤¶à¤² बनता है और कà¥à¤¶à¤² वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ अपने साथ-साथ अपने कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को à¤à¥€ पूरà¥à¤£à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करता है। इस संसार में कोई à¤à¥€ जनà¥à¤® से बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ या महान नहीं होता है वह अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ से ही बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ और महान बनता है। हम जिस किसी को à¤à¥€ देखते हैं कि वह सफल है, महान है तो उसने कà¤à¥€ न कà¤à¥€ पà¥à¤°à¥à¤·à¤¾à¤°à¥à¤¥ किया होगा और उस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ किया होगा तब जाकर वह उस सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर पाया होगा ।
पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ चाहता है कि वह किसी ऊà¤à¤šà¥‡ पद को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करे, कामयाबी को हासिल करले परनà¥à¤¤à¥ यह à¤à¥€ याद रखना चाहिठकि उस सफलता को, उस पद को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने के लिठबहà¥à¤¤ ही अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ व परिशà¥à¤°à¤® करना पड़ता है ।
यह अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ ही à¤à¤• मातà¥à¤° à¤à¤¸à¤¾ साधन है जिससे कि वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की सरà¥à¤µà¤¾à¤‚गीण उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ हो सकती है । कà¥à¤› लोग केवल सोच लेते हैं कि हमें इस उचà¥à¤šà¤¤à¤® लकà¥à¤·à¥à¤¯ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करना है परनà¥à¤¤à¥ उस सà¥à¤¤à¤° के परिशà¥à¤°à¤® नहीं कर पाते तो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ यह याद रखना चाहिठकि "न हि सà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¸à¥à¤¯ सिंहसà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤µà¤¿à¤¶à¤¨à¥à¤¤à¤¿ मà¥à¤–े मृगाः' । अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ बिना परिशà¥à¤°à¤® के कोई सफलता हाथ नहीं लगती, यहाठतक कि बिना पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ के शेर के मà¥à¤‚ह में à¤à¥€ कोई शिकार आकर पà¥à¤°à¤µà¤¿à¤·à¥à¤Ÿ नहीं हो जाता । अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ को आतà¥à¤®-विकास का सरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤® साधन माना जाता है। यदि मनà¥à¤·à¥à¤¯ à¤à¤• बार जीवन में असफल à¤à¥€ हो जाता है तो इसका मतलब यह नहीं होता है कि वह कà¤à¥€ à¤à¥€ सफल नहीं हो पायेगा। यदि वह बार-बार अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ करे तो उसे सफलता अवशà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होगी। जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° कोई बचà¥à¤šà¤¾ गिर-गिरकर चलना सीखता है वह उसका अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ होता है। जब कोई मनà¥à¤·à¥à¤¯ गलती करके सीखता है वह à¤à¥€ उसका अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ होता है। कोई बचà¥à¤šà¤¾ तà¥à¤¤à¤²à¤¾-तà¥à¤¤à¤²à¤¾ कर साफ बोलना सीखता है। जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° हमारे शरीर का कोई अंग काम करने से बलवान हो जाता है और जिस अंग से काम नहीं लिया जाता है वह कमजोर हो जाता है उसी तरह से अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ के बिना मनà¥à¤·à¥à¤¯ आलसी हो जाता है। जब मनà¥à¤·à¥à¤¯ à¤à¤• बार किसी à¤à¥€ काम में असफल हो जाता है तो उसे बार-बार उस काम में शà¥à¤°à¤® और साधना करनी चाहिà¤à¥¤ शरीर का विकास पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दी गयीं शकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का सदà¥à¤ªà¤¯à¥‹à¤— करने से होता है।
विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ जीवन में अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ का बहà¥à¤¤ अधिक महतà¥à¤µ होता है। विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ जीवन अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ करने की पहली सीढी होती है। विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ जीवन से ही मनà¥à¤·à¥à¤¯ अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ का आरंठकरता है। जब विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ à¤à¤• बार परीकà¥à¤·à¤¾ में असफल हो जाता है तो बार-बार अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ करके वह परीकà¥à¤·à¤¾ में विजय पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करता है। शिकà¥à¤·à¤¾ को कोई à¤à¥€ विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ à¤à¤• दिन में पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ नहीं कर सकता है। शिकà¥à¤·à¤¾ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने के लिठलगातार कई वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ तक परिशà¥à¤°à¤® ,अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ और लगन की जरूरत पडती है। अगर किसी विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ को विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥ बनना हो अथवा किसी उतà¥à¤¤à¤® नौकरी पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करना हो तो à¤à¥€ दिन रात अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है ।
कà¤à¥€-कà¤à¥€ विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ अपने रासà¥à¤¤à¥‡ से à¤à¤Ÿà¤• जाते हैं इसी वजह से उनसे लगातार परिशà¥à¤°à¤® और अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ करवाया जाता है जिससे वे अपने रासà¥à¤¤à¥‡ से à¤à¤Ÿà¤•à¥‡à¤‚ नहीं। पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ समय में विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को अपने घरों से दूर रहकर शिकà¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करनी पडती थी जिससे वे सांसरिक सà¥à¤–ों से दूर रक सकें और उनका धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ à¤à¥€ न à¤à¤Ÿà¤•à¥‡à¥¤
किसी à¤à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के लिठअà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ की बहà¥à¤¤ आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ होती है। अगर किसी मनà¥à¤·à¥à¤¯ को शिकà¥à¤·à¤¾ के साथ-साथ अनà¥à¤¯ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में à¤à¥€ सफलता पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करनी है तो अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ बहà¥à¤¤ ही आवशà¥à¤¯à¤• है। किसी à¤à¥€ कारà¥à¤¯ का अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ करने से उसमे दकà¥à¤·à¤¤à¤¾ आती है। उसकी कठिनाईयां à¤à¥€ आसान हो जाती हैं। à¤à¤¸à¤¾ करने से समय की à¤à¥€ बचत होती है। अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ करने से अनà¥à¤ बà¥à¤¤à¤¾ है।
जब कोई वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤• काम को बार-बार करता है तो उसके लिठमà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² काम à¤à¥€ आसान हो जाता है। उसे काम के छोटे से छोटे गà¥à¤£-दोषों के बारे में पता चल जाता है। जिस काम को अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ आधे घंटे में पूरा कर लेता है उसी काम को कोई और वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ आठघंटे में à¤à¥€ बहà¥à¤¤ मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² से कर पाता है। बार-बार अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ करने से वह उस काम में निपà¥à¤£ हो जाता है और वह अपनी ही कला का विशेषजà¥à¤ž बन जाता है। फिर विशà¥à¤µ की सà¤à¥€ विà¤à¥‚तियाठउसके कदम चूमती हैं।
लेख-नवीन केवली
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