बाॠऔर अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ के बीच डूबता केरल
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Rajeev ChoudharyDate
18-Aug-2018Category
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19-Aug-2018Download PDF
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देश का दकà¥à¤·à¤¿à¤£à¥€ राजà¥à¤¯ केरल पिछले करीब 100 साल की सबसे à¤à¥€à¤·à¤£ बाॠका सामना कर रहा है. कई दिनों से à¤à¤¾à¤°à¥€ बारिश, à¤à¥‚सà¥à¤–लन और बाॠमें करीब 300 से अधिक लोगों की मौत हो गई. सेना और à¤à¤¨à¤¡à¥€à¤†à¤°à¤à¤« के जवान दिन-रात राहत कारà¥à¤¯ में जà¥à¤Ÿà¥‡ हैं. इस à¤à¤¯à¤‚कर जल पà¥à¤°à¤²à¤¯ में लोग जीवन और मौत के बीच जूठरहे है. लेकिन इससे à¤à¥€ दà¥à¤–द यह है कि जहाठइस पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• आपदा के खिलाफ जहाठलोगों को à¤à¤•à¤œà¥à¤Ÿ होकर सामना करने का होसला दिया जाना चाहिठवहां उलà¥à¤Ÿà¤¾ मौत के मà¥à¤‚ह से बचें लोगों को अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ में डà¥à¤¬à¥‹à¤¯à¤¾ जा रहा है. लोग कह रहे है केरल उन लोगों की वजह से डूब रहा है जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सबरीमाला मंदिर के अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ में हसà¥à¤¤à¤•à¥à¤·à¥‡à¤ª किया. à¤à¤—वान अयपà¥à¤ªà¤¾ गà¥à¤¸à¥à¤¸à¥‡ में हैं और बाहरी लोगों के दखल देने के कारण केरल को दंडित कर रहे हैं. जà¥à¤žà¤¾à¤¤ हो इस महीने की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ में, सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ ने केरल के सबरीमाला मंदिर में मासिक धरà¥à¤® के उमà¥à¤° वाली महिलाओं के पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ पर पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤‚ध को चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ देने वाली याचिका पर अपना फैसला सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ रखा था. कà¥à¤›à¥‡à¤• लोगों का मानना है केरल को बाॠका सामना इसी वजह से करना पड़ रहा है.
सवाल ये à¤à¥€ है कि बाॠमें डूबे लोगों को तो à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सेना उपयà¥à¤•à¥à¤¤ साधनों से बचा सकती है लेकिन अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ में डूबे लोगों को किन साधनों से बचाà¤, यह कोई समठनहीं पा रहा है? इस अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ का शिकार सामानà¥à¤¯ जन ही नहीं बलà¥à¤•à¤¿ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ रिजरà¥à¤µ बैंक के बोरà¥à¤¡ में ऊà¤à¤šà¥‡ पद पर आसीन à¤à¤¸ गà¥à¤°à¥à¤®à¥à¤°à¥à¤¤à¤¿ जैसे लोग है जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ हाल ही आरबीआई में पारà¥à¤Ÿ टाइम गैर-आधिकारिक निदेशक के रूप में नियà¥à¤•à¥à¤¤ किया है. गà¥à¤°à¥à¤®à¥à¤°à¥à¤¤à¤¿ ने लिखा हैं सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ के जजों यह देखना चाहिठकि इस मामले और सबरीमाला में जो à¤à¥€ हो रहा है उसके बीच में कà¥à¤¯à¤¾ कोई संबंध है. अगर इन दोनों के बीच संबंध होने का चांस लाख में à¤à¤• हो तो à¤à¥€ लोग अयपà¥à¤ªà¤¨ के खिलाफ किसी à¤à¥€ तरह के फैसले को सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° नहीं करेंगे. यदि इस मामले और बारिश में हलà¥à¤•à¤¾ सा à¤à¥€ कनेकà¥à¤¶à¤¨ हà¥à¤† तो लोग नहीं चाहेंगे कि फैसला à¤à¤—वान अयपà¥à¤ªà¤¨ के खिलाफ जाà¤.
असल में हजारों वरà¥à¤· से चली आ रही परंपराओं के कारण हिनà¥à¤¦à¥‚ धरà¥à¤® में विशà¥à¤µà¤¾à¤¸- अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ बन गठहैं? ये विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ शासà¥à¤¤à¥à¤°à¤¸à¤®à¥à¤®à¤¤ है या कि परंपरा और मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं के रूप में लोगों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ किठगठहैं? à¤à¤¸à¥‡ कई सवाल है जिसके जवाब ढूंà¥à¤¨à¥‡ का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ कम ही लोग करते हैं और जो नहीं करते हैं वे किसी à¤à¥€ विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ को अंधà¤à¤•à¥à¤¤ बनकर माने चले जाते हैं और कोई à¤à¥€ यह हिमà¥à¤®à¤¤ नहीं करता है कि ये मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤à¤‚ या परंपराà¤à¤‚ तोड़ दी जाà¤à¤‚ या इनके खिलाफ कोई कदम उठाठजाà¤à¤‚
कà¥à¤› लोग कह रहे है कि इतिहास में केरल के अनà¥à¤¦à¤° कà¤à¥€ à¤à¥€, कà¥à¤› à¤à¥€ बà¥à¤°à¤¾ नहीं घटा. हमें अविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ का अधिकार है. लेकिन सदियों से चली आ रही अपनी पà¥à¤°à¤¥à¤¾ से छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिà¤. जबकि केरल में बाॠका असली कारण कोई देवीय पà¥à¤°à¤•à¥‹à¤ª नहीं है इस विनाशकारी बाॠसे ठीक à¤à¤• महीने पहले केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ गृह मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ के à¤à¤• आंकलन में केरल को बाॠको लेकर सबसे असà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ 10 राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में रखा गया था. साथ ही पिछले माह चेतावनी दी थी कि केरल राजà¥à¤¯ जल संसाधनों के पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन के मामले में दकà¥à¤·à¤¿à¤£ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में सबसे ख़राब सà¥à¤¤à¤° पर है. à¤à¤¸à¤¾ लगता है कि à¤à¤• महीने बाद ही इस सरकारी रिपोरà¥à¤Ÿ के केरल में इस के परिणाम à¤à¥€ मिलने लगे हैं. जल पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन अधिकारियों और विशेषजà¥à¤žà¥‹à¤‚ का कहना है कि यदि पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ कम से कम 30 बांधों से समयबदà¥à¤§ तरीके से धीरे-धीरे पानी छोड़ता तो केरल में बाॠइतनी विनाशकारी नहीं होती. इससे बचा जा सकता था. à¤à¤• किसà¥à¤® से देखा जाये तो जल पà¥à¤°à¤¬à¤¨à¥à¤§à¤¨ से जà¥à¥œà¥‡ तमाम संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ और राजà¥à¤¯ सरकार अपनी नाकामी सबरीमाला के अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ की ओट में छिपा देना चाहती है.
दरअसल तमाम अधà¥à¤¯à¤¨ और केनà¥à¤¦à¥à¤°à¥€à¤¯ जल पà¥à¤°à¤¬à¤¨à¥à¤§à¤¨ से जà¥à¥œà¥‡ लोगों के बयानों से यह à¤à¥€ सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ है कि केरल में बाॠआने से पहले à¤à¤¸à¤¾ काफी वकà¥à¤¤ था जब पानी को छोड़ा जा सकता था. जब पिछले हफà¥à¤¤à¥‡ पानी उफान पर था, तब 80 से अधिक बांधों से à¤à¤• साथ पानी छोड़ा गया. जो इस तबाही का सबसे बड़ा जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° है.
असल में इस राजà¥à¤¯ में कà¥à¤² 41 नदियां बहती हैं. आपदा पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन नीतियां à¤à¥€ हैं लेकिन इस रिपोरà¥à¤Ÿ के आने के बावजूद केरल ने किसी à¤à¥€ à¤à¤¸à¥€ तबाही के ख़तरे को कम करने के लिठकोई कदम नहीं उठाà¤. हालाà¤à¤•à¤¿ पहले के वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में पिछले चार महीने के दौरान जितनी बारिश होती थी इस बार केवल ढाई महीने में ही इससे 37 फीसदी अधिक बारिश हà¥à¤ˆ है. लेकिन इसका कारण पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन नीति रही या अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ ये लोगों को सोचना होगा.
कौन à¤à¥‚ल सकता है कि à¤à¤¸à¤¾ ही हादसा 2015 में चेनà¥à¤¨à¤ˆ में हà¥à¤† था और साल 2013 में केदारनाथ तà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤¦à¥€ à¤à¥€ इसी देश में हà¥à¤ˆ थी. यदि यहाठà¤à¥€ अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ से बाहर निकलकर सच का सामना करें तो परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£à¤µà¤¿à¤¦ इसके लिठजंगलों की कटाई को दोष दे रहे हैं. तेजी से होते शहरीकरण और बà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤¦à¥€ ढांचों के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ की वजह से बाॠकी विà¤à¥€à¤·à¤¿à¤•à¤¾ से पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• तौर पर रकà¥à¤·à¤¾ करने वाली दलदली जमीनें और à¤à¥€à¤²à¥‡à¤‚ गà¥à¤® होती जा रही हैं. लगातार हो रहे शहरीकरण से पेड़ पौधे कटने लगे और उनकी जगह कॉटेज और मकान बनने लगे. à¤à¤¾à¤°à¤¤ के उन दूसरे हिसà¥à¤¸à¥‹à¤‚ में à¤à¥€ जहां वनों की कटाई की गई है, वहां बहà¥à¤¤ कम समय में à¤à¤¾à¤°à¥€ बारिश की वजह से पहले à¤à¥€ तबाही मच चà¥à¤•à¥€ है. इसे किसी किसी à¤à¥€ अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ से मत जोड़िà¤. परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ की रकà¥à¤·à¤¾ के साथ इस समय केरल के लोगों को मदद की जरूरत है न कि अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ की..
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