समरà¥à¤ªà¤£ और आतà¥à¤®à¥‹à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¿
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Naveen AryaDate
15-Aug-2018Category
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HindiTotal Views
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RajeevUpload Date
15-Sep-2018Download PDF
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समरà¥à¤ªà¤£ à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ à¤à¤¾à¤µ है जो कि वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को à¤à¤• सामानà¥à¤¯ सà¥à¤¤à¤° से महान सà¥à¤¤à¤° पर तक पहà¥à¤à¤šà¤¾à¤¨à¥‡ में à¤à¤• अतà¥à¤²à¤¨à¥€à¤¯ साधन है । न केवल अधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में किनà¥à¤¤à¥ लौकिक कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में à¤à¥€ यह à¤à¤• महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ साधन है किसी à¤à¥€ बड़ी उपलबà¥à¤§à¤¿ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने हेतॠ। जब हम किसी à¤à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ समरà¥à¤ªà¤£ à¤à¤¾à¤µ रखते हैं तो उससे कà¥à¤› न कà¥à¤› पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ ही होता है । समरà¥à¤ªà¤£ में सबसे बड़ा à¤à¤• बाधक ततà¥à¤µ है वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ का मिथà¥à¤¯à¤¾ अà¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ या गरà¥à¤µ । जब तक वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ अपने अà¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ का तà¥à¤¯à¤¾à¤— नहीं कर पाता तब तक किसी के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ समरà¥à¤ªà¤£ नहीं किया जा सकता ।
अथरà¥à¤µà¤µà¥‡à¤¦ के मनà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में आतà¥à¤®à¤¸à¤®à¤°à¥à¤ªà¤£ को बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ का सरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤® उपाय बताया गया है । इन मनà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में कहा गया है कि बà¥à¤°à¤¹à¥à¤® जीवातà¥à¤®à¤¾ का आशà¥à¤°à¤¯ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ है, रकà¥à¤·à¤• है, कवच है और आतà¥à¤®à¤¬à¤² का कारण है । जीवातà¥à¤®à¤¾ अपनी पूरà¥à¤£ सामरà¥à¤¥à¥à¤¯, सà¤à¥€ जà¥à¤žà¤¾à¤¨-विजà¥à¤žà¤¾à¤¨, सà¤à¥€ इनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚, सà¤à¥€ शकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ और सरà¥à¤µà¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¨à¤¾ अपने आपको ईशà¥à¤µà¤° के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ कर देता है तà¤à¥€ जीवातà¥à¤®à¤¾ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤® के सानिधà¥à¤¯ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ पाता है ।
ईशà¥à¤µà¤° को कहा गया "इनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¸à¥à¤¯ गृहो असि, शरà¥à¤®à¤¾à¤¸à¤¿, वरूथमसि" अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ इसका अà¤à¤¿à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤¯ है जीवातà¥à¤®à¤¾ का आशà¥à¤°à¤¯, आधार, माता-पिता और रकà¥à¤·à¤• परमातà¥à¤®à¤¾ ही है जो कि सरà¥à¤µà¤œà¥à¤ž और सरà¥à¤µà¤¶à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ है । जीवातà¥à¤®à¤¾ अलà¥à¤ªà¤œà¥à¤ž और अलà¥à¤ªà¤¶à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ है अतः उसको सदा अधिक जà¥à¤žà¤¾à¤¨-विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ की, शकà¥à¤¤à¤¿-सामरà¥à¤¥à¥à¤¯ की, दिवà¥à¤¯-शकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ रहती है जो कि केवल और केवल अननà¥à¤¤ गà¥à¤£à¥‹à¤‚ और दिवà¥à¤¯ शकà¥à¤¤à¤¿-सामरà¥à¤¥à¥à¤¯ वाले ईशà¥à¤µà¤° से ही पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हो सकती है । इसका à¤à¤• ही उपाय है समरà¥à¤ªà¤£, ईशà¥à¤µà¤° के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ आतà¥à¤®-समरà¥à¤ªà¤£ । इसी समरà¥à¤ªà¤£ से ही आतà¥à¤®à¥‹à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¿ संà¤à¤µ है और सबसे बड़ी उपलबà¥à¤§à¤¿ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ का अमोघ शसà¥à¤¤à¥à¤° है ।
यदि जीवातà¥à¤®à¤¾ अपने आप को ईशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤°à¥à¤ªà¤£ करता है तो समरà¥à¤ªà¤£ से उसमें दिवà¥à¤¯-गà¥à¤£ या ईशà¥à¤µà¤°à¥€à¤¯ गà¥à¤£ पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ होते हैं समरà¥à¤ªà¤£ कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ समसà¥à¤¤ मनोकामनाओं को पूरी करती है । इस कामधेनॠको विशà¥à¤µà¤°à¥‚प कहा है अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ साधक जिस मनोरथ के लिठआतà¥à¤® समरà¥à¤ªà¤£ करता है उसका वह मनोरथ पूरà¥à¤£ होता है ।
"यदंग दाशà¥à¤·à¥‡ तà¥à¤µà¤®à¤—à¥à¤¨à¥‡ à¤à¤¦à¥à¤°à¤‚ करिषà¥à¤¯à¤¸à¤¿, तवेतà¥à¤¤à¤¤à¥ सतà¥à¤¯à¤®à¤‚गिर:" यह परमातà¥à¤®à¤¾ की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤œà¥à¤žà¤¾ है कि जो कोई ईशà¥à¤µà¤° के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ सरà¥à¤µà¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¨à¤¾ समरà¥à¤ªà¤£ कर देता है उसका ईशà¥à¤µà¤° अवशà¥à¤¯ कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ करते हैं और ईशà¥à¤µà¤° की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤œà¥à¤žà¤¾ कà¤à¥€ मिथà¥à¤¯à¤¾ नहीं होती, यह सतà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤œà¥à¤žà¤¾ ही है ।
इस समरà¥à¤ªà¤£ की महिमा का महरà¥à¤·à¤¿ पतंजलि जी ने à¤à¥€ और योगदरà¥à¤¶à¤¨ के à¤à¤¾à¤·à¥à¤¯à¤•à¤¾à¤° महरà¥à¤·à¤¿ वà¥à¤¯à¤¾à¤¸ जी ने à¤à¥€ बहà¥à¤¤ ही अधिक गà¥à¤£à¤—ान किया है । इस समरà¥à¤ªà¤£ को पà¥à¤°à¤£à¤¿à¤§à¤¾à¤¨ के नाम से योगशासà¥à¤¤à¥à¤° में पà¥à¤¾ गया है जिसका फल अतà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ ही लाà¤à¤•à¤¾à¤°à¥€ बताया गया है ।
जो वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ ईशà¥à¤µà¤° के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿-विशेष पूरà¥à¤µà¤• अपने आतà¥à¤®à¤¾ सहित समरà¥à¤ªà¤£ कर देता है तो ईशà¥à¤µà¤° केवल संकलà¥à¤ª मातà¥à¤° से ही उस à¤à¤•à¥à¤¤ को अपना लेते हैं उसके पà¥à¤°à¤¤à¤¿ अनà¥à¤—à¥à¤°à¤¹ करते हैं और उसका कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ कर देते हैं । उस योगाà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ को इसी à¤à¤• साधन से ही ईशà¥à¤µà¤° के सà¥à¤µà¤°à¥à¤ª का साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•à¤¾à¤° हो जाता है । इससे बड़ी उपलबà¥à¤§à¤¿ और इस समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ संसार में कà¥à¤› à¤à¥€ नहीं हो सकती ।
जिस उपलबà¥à¤§à¤¿ को बड़े से बड़े धनवान, जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤µà¤¾à¤¨ अथवा कीरà¥à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨, बड़े से बड़ा राजा-महाराजा à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने में जीवन खपा देते हैं परनà¥à¤¤à¥ उनको उसकी उपलबà¥à¤§à¤¿ नहीं होती । à¤à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ समरà¥à¤ªà¤£ के माधà¥à¤¯à¤® से इस महान उपलबà¥à¤§à¤¿ को सरलता और सà¥à¤—मता से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर लेता है । अतः अपने जीवन में हम सबका करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ यह है कि समरà¥à¤ªà¤£ रूपी साधन को निशà¥à¤šà¤¯ से अपनावें और अपने जीवन को निमà¥à¤¨ सà¥à¤¤à¤° से उचà¥à¤šà¤¤à¤® शिखर तक ले जाà¤à¤, जीवन का कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ कर सकें ।
लेख - आचारà¥à¤¯ नवीन केवली
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