धरà¥à¤®à¤¿à¤• दरबार: आशू महाराज के खोल से निकल आया आसिफ खान
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Rajeev ChoudharyDate
16-Aug-2018Category
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HindiTotal Views
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16-Sep-2018Download PDF
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à¤à¤¾à¤°à¤¤ के बड़े टीवी चैनल और समाचार चैनलों पर हर रोज धारà¥à¤®à¤¿à¤• दरबार सजता है. बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ के बीच चमतà¥à¤•à¤¾à¤°à¥€ शकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का दावा करने वाले बाबा सिंहासन पर विराजमान होते हैं. ये लोग चैनलों के लिठवे देवता है जो सà¥à¤¬à¤¹-सà¥à¤¬à¤¹ अपनी मनोहर वाणी से टीआरपी की वरà¥à¤·à¤¾ करते है. किनà¥à¤¤à¥ जब यह बाबा किसी विवाद-शोषण आदि के मामलों में फंसते है तो चैनल वाले सबसे पहले इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ गà¥à¤°à¥ घंटाल बताकर उनका चीरहरण करने से नहीं चà¥à¤•à¤¤à¥‡.
दरअसल ये धरà¥à¤® का वह à¤à¤¾à¤— है जिसे à¤à¤•à¥à¤¤ आसà¥à¤¥à¤¾ और बाबा वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° से जोड़कर देखतें है. कहा जाता है कि समृदà¥à¤§à¤¿ के साथ-साथ अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ à¤à¥€ बà¥à¤¤à¤¾ है. लोग अपना रà¥à¤¤à¤¬à¤¾, अपनी दौलत कायम रखने के लालच में इसे बà¥à¤¾à¤¤à¥‡ है. जो जितना समृदà¥à¤§, वह उतना ही अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥€. इसी समृदà¥à¤§à¤¿ के पीछे à¤à¤¾à¤—ता मधà¥à¤¯à¤®à¤µà¤°à¥à¤— à¤à¤²à¤¾ गरीब ही इस मामले में कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ पीछे रहेगा. जीवन ही जरूरत का दूसरा रूप है, जरà¥à¤°à¤¤ सबकी अपनी-अपनी है अत: सिंहासन पर विराजमान बाबा लोगों की जरूरत पूरी होने के नà¥à¤–à¥à¤¸à¥‡ जो बता रहे है.
हालाà¤à¤•à¤¿ à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ की आसà¥à¤¥à¤¾ से बाबाओं ने लगातार खेला है. हो सकता है इस समय à¤à¥€ देश के किस कोने में ना जाने कौन सा बाबा à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ से à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ का खेल रहा हो. हाल ही में बाबाओं के बीच से दिलà¥à¤²à¥€ से ये जो नया बाबा पकड़ में आया है इसने तो कमाल ही कर दिया. धरà¥à¤® और आसà¥à¤¥à¤¾ के नाम पर जो दà¥à¤•à¤¾à¤¨ सजाई वो पूरी की पूरी दà¥à¤•à¤¾à¤¨ ही ढोंग की निकली. पà¥à¤²à¤¿à¤¸ आशू महाराज को खोज रही थी और महाराज में से निकल आया आसिफ खान. जिसे à¤à¤•à¥à¤¤ आशॠà¤à¤¾à¤ˆ गà¥à¤°à¥à¤œà¥€ मानकर चरणों में शीश नवा रहे थे. वो दरअसल आसिफ खान निकला है. वोटर लिसà¥à¤Ÿ पर आशॠà¤à¤¾à¤ˆ गà¥à¤°à¥à¤œà¥€ की तसà¥à¤µà¥€à¤° लगी है और उसके आगे लिखा हà¥à¤† है आसिफ खान पà¥à¤¤à¥à¤° शà¥à¤°à¥€ इदहा ख़ान. वोटर लिसà¥à¤Ÿ में गलती की गà¥à¤‚जाइश इसलिठनजर नहीं आती कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि ठीक उसी के नीचे उसी पते पर रहने वाले आसिफ खान के बेटे समर खान की à¤à¥€ तसà¥à¤µà¥€à¤° लगी है.
साल 1990 से आशॠà¤à¤¾à¤ˆ का à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ बताने का ये धंधा इतना फला फूला कि आज दिलà¥à¤²à¥€ के कई इलाकों में बाबा की करोड़ों की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¤°à¥à¤Ÿà¥€ है. जिसमें पà¥à¤°à¥€à¤¤à¤® पà¥à¤°à¤¾ के तरà¥à¤£ à¤à¤‚कलेव में मकान, रोहिणी सेकà¥à¤Ÿà¤° 7 में आशà¥à¤°à¤® और साउथ दिलà¥à¤²à¥€ के हौजखास जैसे पॉश इलाके में ऑफिस है. और तो और बाबा ने अब अपना बिजनेस इतना बढा लिया था कि वो आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦à¤¿à¤• डॉकà¥à¤Ÿà¤° à¤à¥€ गया था. जहां इलाज à¤à¥€ खà¥à¤¦ करता था और दवाà¤à¤‚ à¤à¥€ खà¥à¤¦ बनाता था. यानि पूरà¥à¤£ उपचार गà¥à¤°à¤¹-नकà¥à¤·à¤¤à¥à¤° से लेकर à¤à¥‚त-à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ तक और पेट की मरोड़ से लेकर असाधà¥à¤¯ रोगों तक. मतलब à¤à¤• बार मà¥à¤°à¥à¤—ा फंस गया तो ये बाबा उसका खून तक चूस लिया करता था. लेकिन à¤à¤•à¥à¤¤ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¤ जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤·à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯. हसà¥à¤¤à¤°à¥‡à¤–ा विशेषजà¥à¤ž और काले जादू का महारथी मानकर कोटि कोटि नमन कर रहे थे.
ये उस देश का हाल है जहाठहर तीसरे महीने कोई न कोई बाबा पकड़ में आता रहता है. लेकिन बेखोफ बाबा जनता दरबार सजाà¤à¤‚ बैठे है. ऑनलाइन से लेकर अपनी गà¥à¤«à¤¾à¤“ं तक में इनके वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° फल-फूल रहे है. लगातार धोखाधड़ी में पकडे गये बाबाओं की गिरफà¥à¤¤à¤¾à¤°à¥€ से à¤à¤•à¥à¤¤ ये तो समठरहे है कि कà¥à¤› बाबा लोग बà¥à¤°à¥‡ है. लेकिन इनके अपने बाबा अà¤à¥€ à¤à¥€ à¤à¤—वान है यानि जो पकड़ा गया वो शैतान जो अà¤à¥€ पकड़ से बाहर है वो à¤à¤—वान.
मंच सजते है, à¤à¤•à¥à¤¤ सवाल पूछते हैं और बाबा जवाब देते हैं. परेशानी à¤à¤²à¥‡ ही सामानà¥à¤¯ हो लेकिन बाबाओं के जवाब असामानà¥à¤¯ होते. जब à¤à¤• छातà¥à¤°à¤¾ पूछती है कि बाबा मैं कॉमरà¥à¤¸ लूठया साइंस. तब बाबा कहते हैं- पहले ये बताओ आखिरी बार समोसा कब खाया था. à¤à¤• बेरोजगार और परेशान यà¥à¤µà¤¾ पूछता है, बाबा नौकरी कब मिलेगी? बाबा कहते हैं कà¥à¤¯à¤¾ कà¤à¥€ कà¥à¤¤à¥à¤¤à¥‡ को डंडे से मारा है.? यानि सवाल और सà¥à¤à¤¾à¤µ का कोई तà¥à¤• नहीं होता.
किनà¥à¤¤à¥ सà¥à¤•à¥‚ल के विषय पूछती छातà¥à¤°à¤¾, नौकरी के लिठतरसता यà¥à¤µà¤¾ या फिर बेटी की शादी न कर पाने में असमरà¥à¤¥ कोई गरीब बाप इन बाबाओं का लकà¥à¤·à¥à¤¯ नहीं है. इनका लकà¥à¤·à¥à¤¯ हैं मधà¥à¤¯à¤®à¤µà¤°à¥à¤— और बड़े-बड़े अà¤à¤¿à¤¨à¥‡à¤¤à¤¾ और वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¤¿à¤• घराने या फिर राजनेता जो इन बाबाओं के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ लोगों की शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ देखकर इनकी शरण में आ जाते है. बाबा तलाश में रहते है, à¤à¤• बार किसी बड़े नेता, अà¤à¤¿à¤¨à¥‡à¤¤à¤¾ या वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¤¿à¤• घराने से जà¥à¥œà¥‡ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के साथ उनकी फोटो छप जाये तो इनके à¤à¤•à¥à¤¤ निहाल हो जाते कि देखों बाबा तà¥à¤°à¤¿à¤²à¥‹à¤•à¥€ हो गये अब हम अकेले à¤à¤•à¥à¤¤ नही हमारे साथ नेता-अà¤à¤¿à¤¨à¥‡à¤¤à¤¾ à¤à¥€ शामिल है. बाबाओं के होटल हैं, बंगले हैं, बड़ी-बड़ी गाड़ियाठहैं. à¤à¤•à¥à¤¤ दावा करते है कि हर दिन लाखों-करोड़ों का चà¥à¤¾à¤µà¤¾ आ रहा हैं. 21वीं सदी का à¤à¤¾à¤°à¤¤ कौन कहता है à¤à¤¾à¤°à¤¤ में पैसे की कमी है..?
बस यही à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ का वो बाजार है जो आसà¥à¤¥à¤¾ के बल देश में बाबा और उनकी समà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ को बढाकर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सिंहासन पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ कर रहा है. जिसके लिठगरीब से गरीब और धनी से धनी बाबा के लिठअपनी संपतà¥à¤¤à¤¿ कà¥à¤°à¥à¤¬à¤¾à¤¨ कर देना चाहता है. हालाà¤à¤•à¤¿ बाबाओं को लेकर à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जनता का पà¥à¤°à¥‡à¤® नया नहीं है. कà¤à¥€ किसी बाबा की धूम रहती है तो कà¤à¥€ किसी बाबा की. कà¤à¥€ आसाराम बापू और गà¥à¤°à¤®à¥€à¤¤ राम रहीम, à¤à¥€ à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ के बाजार के बड़े पà¥à¤°à¥‹à¤¡à¤•à¥à¤Ÿ रहे थे. इसके बाद शनिधाम मंदिर के संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• दाती महाराज से à¤à¥€ à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹ ने कई वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ तक शनि उतरवाया, फिर बाबा वीरेंदà¥à¤° दीकà¥à¤·à¤¿à¤¤, à¤à¥€à¤®à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ और पता नही कितने बाबा अपने बà¥à¤°à¥‡ कà¥à¤•à¤°à¥à¤®à¥‹ की वजह से जेल में बंद है. तो बाबा आशॠउरà¥à¥ž आसिफ खान का यौन-शोषण में पकड़ा जाना कोई बड़ी बात नहीं है. बड़ी बात बस ये है कि अनà¥à¤¯ पनà¥à¤¥à¥‹ के लोग समठचà¥à¤•à¥‡ है कि हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं का अनà¥à¤§à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ किसी को à¤à¥€ मालामाल कर सकता है.?
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