ईशनिंदा: वीर हकीकत राय से आसिया बीबी तक
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Rajeev ChoudharyDate
03-Oct-2018Category
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03-Nov-2018Download PDF
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मà¥à¤à¥‡ नहीं पता पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में आसिया बीबी ने अपने जीवन के लगà¤à¤— 8 वरà¥à¤· जेल में कैसे बिताठहोंगे, वो à¤à¥€ उस अपराध में जिसका उसे पता à¤à¥€ नहीं। आखिर कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ à¤à¤• गà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¹ साल की बचà¥à¤šà¥€ को मौत देने के लिठ80 वरà¥à¤· के मौलवी यह कहकर आमादा हà¥à¤ जा रहे हैं कि आसिया ने पैगंबर मोहमà¥à¤®à¤¦ का अपमान किया था इसलिठउसे मौत की सज़ा सà¥à¤¨à¤¾à¤ˆ गई।
पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ ने ईसाई महिला आसिया बीबी को ईशनिंदा के मामले में बरी कर दिया है। इससे पहले निचली अदालत और फिर हाईकोरà¥à¤Ÿ ने इस मामले में आसिया बीबी को मौत की सज़ा सà¥à¤¨à¤¾à¤ˆ थी।
अदालत का यह फैसला आते ही à¤à¤• तरफ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤° में इसे “नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ की मिसाल” करार दिया गया, वहीं दूसरी तरफ कटà¥à¤Ÿà¤°à¤ªà¤‚थी इसके विरोध में सड़कों पर उतर आठहैं और मरने-मारने की बात कर रहे हैं। कटà¥à¤Ÿà¤°à¤ªà¤‚थी धमकी दे रहे हैं कि जब तक आसिया बीबी को फांसी पर नहीं चà¥à¤¾à¤¯à¤¾ जाà¤à¤—ा, वे सड़कों से नहीं हटेंगे। मसलन मज़हब और पैगंबर के कथित ठेकेदारों के मन में शांति तब आà¤à¤—ी जब à¤à¤• निरà¥à¤¦à¥‹à¤· बचà¥à¤šà¥€ को मौत दे दी जायेगी।
यह बिलकà¥à¤² वैसा ही है जैसा आज से बहà¥à¤¤ साल पहले 1734 में वीर हकीकत राय के साथ हà¥à¤† था। मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ हिनà¥à¤¦à¥‚ देवी देवताओं को अपशबà¥à¤¦ कहे जाने पर बालक हकीकत इसका विरोध किया करता था। à¤à¤• दिन मौलवी की अनà¥à¤ªà¤¸à¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ ने हकीकत राय को खूब मारा पीटा। बाद में मौलवी के आने पर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने हकीकत की शिकायत कर दी कि इसने बीबी फातिमा को गाली दी है।
हकीकत ने अपना पकà¥à¤· à¤à¥€ रखा लेकिन काज़ी ने बाकि लड़कों की बात को सही माना और अपना फैसला सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¥‡ हà¥à¤ कहा कि शरीयत के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° इसके लिये मृतà¥à¤¯à¥à¤¦à¤£à¥à¤¡ है या बालक मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ बन जाये। हकीकत ने इसà¥à¤²à¤¾à¤® सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° करने से इनकार कर दिया और उसे फांसी पर चà¥à¤¾ दिया गया।
कà¥à¤¯à¤¾ है आसिया का मामला-
आसिया की कहानी à¤à¥€ कà¥à¤› à¤à¤¸à¥€ ही है। 14 जून 2009 को उसने कà¥à¤à¤‚ से पानी पिया था। उसके ऊपर ईशनिंदा के आरोप उसके पड़ोसियों की शिकायत पर दरà¥à¤œ किठगà¤à¥¤ ये पड़ोसी खासकर इस बात से खफा थे कि उसने गैर मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ होते हà¥à¤ उनके गिलास से पानी कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ पिया। शà¥à¤°à¥‚ में बरà¥à¤¤à¤¨ को अशà¥à¤¦à¥à¤§ करने का आरोप लगाया गया और बाद में पैगंबर मोहमà¥à¤®à¤¦ की निंदा का। इसके बाद उसे इस पाप से मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ के लिठइसà¥à¤²à¤¾à¤® सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° करने को कहा गया। जब वह अपने धरà¥à¤® पर अडिग रही तो उसे à¤à¥€ मौत की सज़ा सà¥à¤¨à¤¾ दी गई।
आसिया ने कà¤à¥€ सोचा à¤à¥€ नहीं होगा कि उसकी à¤à¤• गिलास पानी की पà¥à¤¯à¤¾à¤¸ उसकी मौत का कारण बन जाà¤à¤—ी। आज à¤à¤²à¥‡ ही आसिया को अदालत ने छोड़ दिया हो लेकिन अà¤à¥€ खतरा बरकरार है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि अबà¥à¤¦à¥à¤² वली खान यूनिवरà¥à¤¸à¤¿à¤Ÿà¥€ के छातà¥à¤° मशाल खान को ईशनिंदा के आरोप में बिना अदालत के पचड़े में पड़े सैकड़ों लोगों ने मिलकर मौत की नींद सà¥à¤²à¤¾ दिया था।
ईशनिंदा की वजह से कई लोगों की ली जा चà¥à¤•à¥€ है जान-
राशिद रहमान à¤à¤• जाने माने मानवाधिकार वकील थे। रहमान उन चà¥à¤¨à¤¿à¤‚दा वकीलों में शामिल थे जो ईशनिंदा का आरोप à¤à¥‡à¤² रहे लोगों का केस लड़ते थे। 8 मई, 2014 को दो बंदूकधारियों ने राशिद रहमान के ही ऑफिस में उनकी हतà¥à¤¯à¤¾ कर दी थी। हतà¥à¤¯à¤¾ के बाद मà¥à¤²à¥à¤¤à¤¾à¤¨ शहर की अदालत परिसर में वकीलों के चेंबरों के पास परà¥à¤šà¥‡ बांटे गà¤, जिनमें लिखा था “ईशनिंदा” करने वालों की रकà¥à¤·à¤¾ करने वाले राशिद का अंत हà¥à¤†à¥¤
इसी दौरान जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ में अहमदियों के साथ à¤à¤• हिंसक घटना हà¥à¤ˆà¥¤ कà¥à¤°à¤¿à¤•à¥‡à¤Ÿ के मैदान से शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤ à¤à¤—ड़े के बाद à¤à¤• अहमदिया यà¥à¤µà¤¾ पर ईशनिंदा का आरोप लगा दिया गया। इसके बाद उगà¥à¤° à¤à¥€à¥œ ने करीब à¤à¤• दरà¥à¤œà¤¨ अहमदियों के घरों में आग लगा दी। इस हमले में à¤à¤• ही परिवार के तीन लोगों की जान चली गई।
कà¥à¤› समय पहले à¤à¤• ईसाई अयूब मसीह साइकिल में पंचर लगाने का काम करता था। à¤à¤• आदमी के साथ पंचर के पैसों को लेकर उसकी तकरार हà¥à¤ˆà¥¤ उस आदमी ने शोर मचा दिया कि देखो पैगमà¥à¤¬à¤° का अपमान कर दिया। à¤à¥€à¥œ ने पकड़कर उसे मारना शà¥à¤°à¥‚ कर दिया।
à¤à¤• और मामले में पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के पंजाब कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में रहने वाले ईसाई दंपति शमा और शहजाद मसीह को कà¥à¤°à¤¾à¤¨ जलाने के आरोप में ज़िंदा जला दिया गया था। इनके खिलाफ à¤à¥‚ठी खबर फैला दी गई थी कि वे कà¥à¤°à¤¾à¤¨ के पनà¥à¤¨à¥‹à¤‚ को जला रहें। इस खबर के फैलते ही मौलवियों ने मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ से सज़ा का à¤à¤²à¤¾à¤¨ कर दिया और इस ईसाई दंपति को ज़िंदा जला दिया गया। शायद यही कारण रहा है कि जिस पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के शहरों में कà¤à¥€ अलà¥à¤ªà¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤•à¥‹à¤‚ की संखà¥à¤¯à¤¾ 15 फीसदी तक थी, अब यह घटकर चार फीसदी ही रह गई है।
बात आम नागरिकों तक सीमित नहीं है, कà¥à¤°à¤¾à¤¨ को अपवितà¥à¤° करने के मामलों में यहां की à¤à¥€à¥œ हिंसक होकर ईशनिंदा करने वाले को मार डालती है। इस कानून में बदलाव की मांग करने वाले नेताओं को अपनी मौत से इसका खामियाज़ा à¤à¥à¤—तना पड़ा है। वह चाहे अलà¥à¤ªà¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤• मामलों के मंतà¥à¤°à¥€ शहबाज à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€ हों या फिर पंजाब के गवरà¥à¤¨à¤° सलमान तासीर।
कौन à¤à¥‚ला होगा कि à¤à¤• मौलवी मà¥à¤®à¤¤à¤¾à¤œ कादरी के उस बयान के बाद सलमान तासीर को कफन पहनाया गया, जिसमें मौलवी ने कहा था कि ईशनिंदा कानून में सà¥à¤§à¤¾à¤° की बात करने वाले सलमान तासीर जैसे लोगों का “वजिबà¥à¤² कतà¥à¤²” यानी उनकी हतà¥à¤¯à¤¾ की जानी चाहिà¤à¥¤
जब किसी पर अपना वश ना चले और उसे रासà¥à¤¤à¥‡ से हटाना हो तो मज़हब सबसे बेहतरीन हथियार है, इसमें समाज से लेकर सरकार तक सब आपके साथ खड़े मिलेंगे। यदि कोई बीच में बोले तो उसे मज़हब दà¥à¤°à¥‹à¤¹à¥€ काफिर कहकर à¤à¤¸à¥€ फटकार लगाओ कि उसकी अगली पीà¥à¥€ सच के सामने खड़े होने का साहस ना कर सके।
जब कोई देश किसी धरà¥à¤® को लेकर किसी वाजिब आधार पर सवाल करने का अधिकार छीन लेता है तो वह देश नहीं बलà¥à¤•à¤¿ कबीला हो जाता है। पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के रहनà¥à¤®à¤¾à¤“ं को यदि वासà¥à¤¤à¤µ में अपने अलà¥à¤ªà¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤• लोगों की चिंता है तो तà¥à¤°à¤‚त पहचान करें कि कौन लोग हैं, जो मज़हब के नाम पर दूसरों का कतà¥à¤² करने पर आमादा हैं? आखिर कौन लोग हैं जो मज़हब की ठेकेदारी की तखà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ गले में लटकाà¤à¤‚ घूम रहे हैं। जब ईशà¥à¤µà¤° या अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ को मानने का अधिकार बराबर है तो सज़ा का निरà¥à¤£à¤¯ à¤à¥€ उसी परमशकà¥à¤¤à¤¿ पर छोड़ दिया जाये। आखिर मज़हब के नाम पर कटà¥à¤Ÿà¤°à¤ªà¤‚थी लोग निरà¥à¤£à¤¯ लेकर किसी के खून के पà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥‡ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ रहे हैं?…राजीव चौधरी
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