चरà¥à¤š के खिलाफ हà¥à¤ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ हो गये आदिवासी
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Rajeev ChoudharyDate
15-Nov-2018Category
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15-Nov-2018Download PDF
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à¤à¤¾à¤°à¤¤ की महान धारà¥à¤®à¤¿à¤• à¤à¤µà¤‚ सामाजिक मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ जिनसे पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ विशà¥à¤µ में धारà¥à¤®à¤¿à¤• à¤à¤µà¤‚ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• परंपराओं का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ हà¥à¤† है, किनà¥à¤¤à¥ अब उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ चकनाचूर करने का कारà¥à¤¯ पिछले कई सौ वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से à¤à¤¾à¤°à¤–ंड, छतà¥à¤¤à¥€à¤¸à¤—ॠसमेत à¤à¤¾à¤°à¤¤ के कई राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में अनवरत चरà¥à¤š दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किया जा रहा है। यह à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ सच है जिसे देखकर वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से हमारे राजनेता और मीडिया मौन धारण किये हà¥à¤ हैं। हो सकता है इनकी कोई मजबूरी रही हो किनà¥à¤¤à¥ जनता जनारà¥à¤¦à¤¨ की कोई मजबूरी नहीं होती उनकी à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं का सेलाब जब उमड़ता है तो नेताओं और मीडिया की कà¥à¤¯à¤¾ बिसात, सतà¥à¤¤à¤¾ और सिंहासन तक बह जाते हैं।
बताया जा रहा है कि हाल ही में à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ ही धारà¥à¤®à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं का सैलाब à¤à¤¾à¤°à¤–ंड की राजधानी रांची से करीब 25 किलोमीटर दूर आदिवासी बहà¥à¤² गांव गà¥à¤–टंगा में देखने को मिला। इस गांव के लोगों ने आदिवासियों की जमीन पर बने चरà¥à¤š के ऊपर लगे कà¥à¤°à¥‰à¤¸ को तोड़कर अपना पारमà¥à¤ªà¤°à¤¿à¤• सरना à¤à¤‚डा लगा दिया है। यानि वहां से चरà¥à¤š को समापà¥à¤¤ कर दिया है। गाà¤à¤µ वालों का दावा है कि गलत तरीके से गाà¤à¤µ की जमीन को हथियाकर कर वहां पर विशà¥à¤µà¤µà¤¾à¤£à¥€ नाम से चरà¥à¤š बनवा दिया गया था। चरà¥à¤š के खिलाफ आदिवासियों के गà¥à¤¸à¥à¤¸à¥‡ से यही समà¤à¤¾ जा सकता है कि काफी समय से सरना आदिवासी और इनके संगठन à¤à¤¾à¤°à¤–ंड में ईसाइयों के धरà¥à¤® पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°à¤•à¥‹à¤‚ तथा चरà¥à¤š की गतिविधियों को लेकर कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ उबाल पर हैं।
वैसे देखा जाये तो पिछले काफी अरसे से चरà¥à¤š विशà¥à¤µ à¤à¤° में चरà¥à¤šà¤¾ का विषय बने हà¥à¤ और यदि इस विषय को à¤à¤¾à¤°à¤¤ के संदरà¥à¤ में देखें तो अलग-अलग पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¥‹à¤‚ में चरà¥à¤š अलग-अलग आरोप à¤à¥‡à¤² रहे हैं। केरल में चरà¥à¤š यौन उतà¥à¤ªà¥€à¤¡à¤¨ के कà¥à¤› विवादों में रहे हैं यानि कà¥à¤› पादरियों पर महिलाओं के यौन उतà¥à¤ªà¥€à¥œà¤¨ के आरोप लगे हैं। दिलà¥à¤²à¥€ और गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ के चरà¥à¤š à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ जैसे कथित हिंदूवादी दलों से सà¤à¥€ को सावधान रहने की लिठसà¤à¥€ गिरजाघरों को पतà¥à¤° लिख रहे हैं तो पूरà¥à¤µà¥€-उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ और मधà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ à¤à¤µà¤‚ बंगाल, उड़ीसा समेत अनà¥à¤¯ कई राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में कथित धरà¥à¤®à¤¾à¤‚तरण के आरोप से à¤à¥€ चरà¥à¤šà¥‹à¤‚ और पादरियों के दामन साफ नहीं है। किनà¥à¤¤à¥ à¤à¤¾à¤°à¤–ंड में चरà¥à¤š से आदिवासी समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ सीधा टकराता दिख रहा है। यहाठसिरà¥à¤« आरोप नहीं बलà¥à¤•à¤¿ आदिवासी समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤‚ à¤à¥€ देखने को मिल रही हैं। आदिवासी समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ सरना लोग गिरजाघरों के खिलाफ जगह-जगह बैठक कर धरनों का सिलसिला à¤à¥€ तेज हà¥à¤† है। सड़कों पर जà¥à¤²à¥‚स à¤à¥€ निकाले जाते रहे हैं।
यह टकराव नया नहीं है, आदिवासियों और ईसाई मिशनरियों में सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• और धारà¥à¤®à¤¿à¤• टकराव साल 2013 में उस समय à¤à¥€ देखनें को मिला था जब रांची के सिंहपà¥à¤° गांव के कैथलिक चरà¥à¤š में मदर मेरी की à¤à¤¸à¥€ मूरà¥à¤¤à¤¿ का अनावरण किया था जिसमें मदर को आदिवासी महिलाओं के पारंपरिक और सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• परिधान, लाल किनारे वाली सफेद साड़ी में दिखाया गया था। तब à¤à¥€ विरोध में रांची के मोराबादी मैदान में करीब 20,000 आदिवासियों ने जमा होकर विरोध किया था. मूरà¥à¤¤à¤¿ में मदर मेरी ने जिस तरीके से बालक यीशॠको पीले कपड़े से बांधकर गोद में ले रखा था, वह à¤à¥€ बिलà¥à¤•à¥à¤² वैसा ही था जैसे आदिवासी महिलाà¤à¤‚ अपने बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को रखती हैं।
हालाà¤à¤•à¤¿ अब à¤à¤¾à¤°à¤–ंड सरकार ने राजà¥à¤¯ में धरà¥à¤® परिवरà¥à¤¤à¤¨ पर पहरा लगा दिया है। लालच देकर या जबरन धरà¥à¤® परिवरà¥à¤¤à¤¨ कराने के मामले में, कानून बनाकर चार साल जेल की सजा के अलावा जà¥à¤°à¥à¤®à¤¾à¤¨à¥‡ का à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨ है। इसे गैर जमानतीय अपराध माना गया है। इसमें ये à¤à¥€ कहा गया है कि अगर अनà¥à¤¸à¥‚चित जाति और जनजाति के किसी वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ का धरà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤°à¤£ कराया जाता है, तो à¤à¤¸à¥‡ में चार साल की सजा और à¤à¤• लाख रà¥à¤ªà¤ तक का जà¥à¤°à¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¾ हो सकता है। अगर कोई वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ सà¥à¤µà¥‡à¤šà¥à¤›à¤¾ से धरà¥à¤® परिवरà¥à¤¤à¤¨ करना चाहता है, तो उसे समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¤¿à¤¤ जिले के उपायà¥à¤•à¥à¤¤ से अनà¥à¤®à¤¤à¤¿ लेनी होगी।
à¤à¤• समय आदिवासियों की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ बेहद दयनीय थी। दाने-दाने को लोग मोहताज थे, गरीबी और बीमारी से जूठरहे थे। कà¥à¤ªà¥‹à¤·à¤£ की समसà¥à¤¯à¤¾ à¤à¥€ चरम पर थी और अशिकà¥à¤·à¤¿à¤¤ तो थे ही, इसका ही फायदा ईसाई मिशनरियों ने खूब उठाया किनà¥à¤¤à¥ मिशनरियों के काम-काज देखकर शायद अब आदिवासियों को यह अहसास होने लगा है कि उनकी जमीन à¤à¥€ जा रही है और उनकी आदिकालीन संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ à¤à¥€ खतरे में है। इस कारण वह समठरहे है कि सेवा की आड़ में और पà¥à¤°à¤²à¥‹à¤à¤¨ देकर आदिवासियों का धरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤‚रण कराया जा रहा है तà¤à¥€ तो पिछले दिनों दà¥à¤®à¤•à¤¾ के सà¥à¤¦à¥‚र गांव में आदिवासियों ने ईसाई धरà¥à¤® के कथित पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°à¤•à¥‹à¤‚ को घेर लिया था, जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बाद पà¥à¤²à¤¿à¤¸ ने गिरफà¥à¤¤à¤¾à¤° कर जेल à¤à¥‡à¤œà¤¾à¥¤ थोड़े समय पहले ही चईबासा के à¤à¤• सà¥à¤¦à¥‚र गांव में कई आदिवासियों जो ईसाई बन गठथे उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ फिर से आदिवासी समाज में लाया गया था।
सरना परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ आदिवासियों के जीने की पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ है जिसमें लोक वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° के साथ पारलौकिक आधà¥à¤¯à¤®à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ और अधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤® जà¥à¤¡à¤¾ हà¥à¤† है। आतà¥à¤®à¤¾ और परम-आतà¥à¤®à¤¾ की आराधना उनके लोक जीवन और सामाजिक जीवन का à¤à¤• à¤à¤¾à¤— है, सरना आदिवासी पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का पूजन करता है वह पेड, खेत खलिहान सहित समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤•à¥‹à¤‚ की पूजन करता है। यहाठतक वह पेड काटने के पूरà¥à¤µ पेड से कà¥à¤·à¤®à¤¾ याचना करता है। कà¥à¥à¤² मिला कर यही कहा जा सकता है कि सरना आदिवासी निराकार ईशà¥à¤µà¤° को वेदों के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° à¤à¤• अमूरà¥à¤¤ शकà¥à¤¤à¤¿ के रूप में मानता है और ईसाई मिशनरियां वेटिकन के आदेश पर अपने धरà¥à¤® पोथे थोपने को आतà¥à¤° है। इसी वजह से चरà¥à¤š आदिवासियों के रीति-रिवाज और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ पर चोट पहà¥à¤‚चा रहे हैं। जिससे आदिवासी उबाल खा रहे है इस कारण कहना गà¥à¤¨à¤¾à¤¹ नहीं होगा कि चरà¥à¤š à¤à¤¾à¤°à¤–ंड को à¤à¤• किसà¥à¤® से अशांति की ओर à¤à¥€ धकेल रहे हैं।..
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