“संसार की आदि à¤à¤¾à¤·à¤¾ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ कैसे असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ में आईâ€
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Manmohan Kumar AryaDate
05-Dec-2018Category
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संसार में अनेक à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ हैं। सबका अपना अपना इतिहास है। कोई à¤à¤¾à¤·à¤¾ अपनी पूरà¥à¤µà¤µà¤°à¥à¤¤à¥€ किसी à¤à¤¾à¤·à¤¾ का विकार है या वह उसमें सà¥à¤§à¤¾à¤° होकर बनी है तो कोई à¤à¤¾à¤·à¤¾ अनेक à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं से शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ को लेकर व अनà¥à¤¯ अनेक à¤à¥Œà¤—ोलिक आदि कारणों से असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ में आईं हैं। संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾ की बात करें तो यह à¤à¤¾à¤·à¤¾ संसार की आदि à¤à¤¾à¤·à¤¾ होने से सबसे पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ है और अनà¥à¤¯ सब à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं की जननी à¤à¥€ हैं। à¤à¤¾à¤·à¤¾ का समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ से होता है। à¤à¤¾à¤·à¤¾ है तो जà¥à¤žà¤¾à¤¨ है और जà¥à¤žà¤¾à¤¨ का आधार à¤à¤¾à¤·à¤¾ ही होती है। à¤à¤¾à¤·à¤¾ और जà¥à¤žà¤¾à¤¨ दोनों मनà¥à¤·à¥à¤¯ के आविषà¥à¤•à¤¾à¤° न होकर यह दोनों उसको परमातà¥à¤®à¤¾ से ही मिलते हैं। यदि परमातà¥à¤®à¤¾ से मिले हैं तो परमातà¥à¤®à¤¾ को इनका जà¥à¤žà¤¾à¤¨ अवशà¥à¤¯ होगा। इसका उतà¥à¤¤à¤° हां में मिलता है। परमातà¥à¤®à¤¾ की पà¥à¤°à¤®à¥à¤– सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° रचना यह सृषà¥à¤Ÿà¤¿ या बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤£à¥à¤¡ है। यह जà¥à¤žà¤¾à¤¨ व विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ के नियमों के आधार पर परमातà¥à¤®à¤¾ ने बनाया है। इससे सृषà¥à¤Ÿà¤¿ का उतà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾ व पालनकरà¥à¤¤à¤¾ जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¸à¥à¤µà¤°à¥‚प परमातà¥à¤®à¤¾ ही सिदà¥à¤§ होता है। परमातà¥à¤®à¤¾ का à¤à¤• नाम अगà¥à¤¨à¤¿ है जिसके अरà¥à¤¥ जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¸à¥à¤µà¤°à¥‚प व पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¸à¥à¤µà¤°à¥‚प आदि हैं। यदि परमातà¥à¤®à¤¾ जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¸à¥à¤µà¤°à¥‚प है तो उसकी à¤à¤¾à¤·à¤¾ अवशà¥à¤¯ ही होगी। इस चरà¥à¤šà¤¾ से यह सिदà¥à¤§ होता है कि परमातà¥à¤® जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥€ है और उसकी à¤à¤¾à¤·à¤¾ à¤à¥€ है। वह à¤à¤¾à¤·à¤¾ कौन सी है ? इसका उतà¥à¤¤à¤° यह है कि संसार में जà¥à¤žà¤¾à¤¨ आदि की व पà¥à¤°à¤¥à¤® पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• का पता किया जाये तो वेद, जो संसार की आदि पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• है, यदि उसके सà¤à¥€ सिदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤ सृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥à¤°à¤® के अनà¥à¤•à¥‚ल हैं तो वह अवशà¥à¤¯ ईशà¥à¤µà¤°à¥€à¤¯ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ होगा और उसकी à¤à¤¾à¤·à¤¾ à¤à¥€ ईशà¥à¤µà¤°à¥€à¤¯ ही होगी। इसका कारण यह है कि संसार के आदिकाल में जब ईशà¥à¤µà¤° से मनà¥à¤·à¥à¤¯ सृषà¥à¤Ÿà¤¿ हà¥à¤ˆ तो परमातà¥à¤®à¤¾ का यह करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ था कि वह मनà¥à¤·à¥à¤¯ को, मनà¥à¤·à¥à¤¯ शरीर, जà¥à¤žà¤¾à¤¨ व करà¥à¤®à¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚, मन, बà¥à¤‚दà¥à¤§à¤¿, चितà¥à¤¤ à¤à¤µà¤‚ अहंकार आदि उपकरणों को पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करने साथ सतà¥à¤¯ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ व à¤à¤¾à¤·à¤¾ à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करे। परमातà¥à¤®à¤¾ ने हमारे मानव शरीर को बनाकर हमें दिया है देता आ रहा है। इसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से उसका यह करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ था कि वह आदि मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ को अनà¥à¤¯ सà¤à¥€ शारीरिक उपकरणों सहित जà¥à¤žà¤¾à¤¨ व à¤à¤¾à¤·à¤¾ से à¤à¥€ यà¥à¤•à¥à¤¤ करता। यदि हम यह कहते हैं कि परमातà¥à¤®à¤¾ ने आदि मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ को जà¥à¤žà¤¾à¤¨ दिया था तो इसका सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ अरà¥à¤¥ यह है कि परमातà¥à¤®à¤¾ ने जà¥à¤žà¤¾à¤¨ के साथ à¤à¤¾à¤·à¤¾ à¤à¥€ दी थी। हमारे अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• या माता-पिता हमें जो बात सिखाते हैं अथवा हमें जो जà¥à¤žà¤¾à¤¨ देते हैं वह अपनी ही à¤à¤¾à¤·à¤¾ में देते हैं। जà¥à¤žà¤¾à¤¨ के साथ à¤à¤¾à¤·à¤¾ जà¥à¥œà¥€ हà¥à¤ˆ है। बिना à¤à¤¾à¤·à¤¾ के जà¥à¤žà¤¾à¤¨ का असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ नहीं होता। अतः सृषà¥à¤Ÿà¤¿ की आदि में जो à¤à¤¾à¤·à¤¾ थी वही ईशà¥à¤µà¤° की à¤à¤¾à¤·à¤¾ सिदà¥à¤§ होती है और संसार में जो सबसे पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ वेदों का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ है वह à¤à¥€ ईशà¥à¤µà¤° से मिला हà¥à¤† होना सिदà¥à¤§ होता है। परीकà¥à¤·à¤¾ कर पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨à¤¤à¤® जà¥à¤žà¤¾à¤¨ व à¤à¤¾à¤·à¤¾ के ईशà¥à¤µà¤°à¥‹à¤•à¥à¤¤ होने की पà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ की जा सकती है।
महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ à¤à¤• असाधारण, उचà¥à¤š कोटि के विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ व ऋषि थे। वह योगी थे और ईशà¥à¤µà¤° का साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•à¤¾à¤° à¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ हà¥à¤† था। उनको ईशà¥à¤µà¤° का साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•à¤¾à¤° होने का अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ उनके जà¥à¤žà¤¾à¤¨ व करà¥à¤®à¥‹à¤‚ सहित उनके गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ में उपलबà¥à¤§ कथनों के आधार पर किया जा सकता है। महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ ने अपने अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨, पà¥à¤°à¥à¤·à¤¾à¤°à¥à¤¥ à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤à¤µ से इस रहसà¥à¤¯ का पता लगाया था कि सृषà¥à¤Ÿà¤¿ की आदि में परमातà¥à¤®à¤¾ ने अमैथà¥à¤¨à¥€ सृषà¥à¤Ÿà¤¿ में उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ चार ऋषियों अगà¥à¤¨à¤¿, वायà¥, आदितà¥à¤¯ व अंगिरा को à¤à¤•-à¤à¤• वेद का अरà¥à¤¥ सहित जà¥à¤žà¤¾à¤¨ उनकी आतà¥à¤®à¤¾à¤“ं में पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ करके पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किया था। यह चार वेद ऋगà¥à¤µà¥‡à¤¦, यजà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦, सामवेद तथा अथरà¥à¤µà¤µà¥‡à¤¦ हैं। इनकी à¤à¤¾à¤·à¤¾ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ है। यह अतà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ उतà¥à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿ व दैवीय à¤à¤¾à¤·à¤¾ है। इस à¤à¤¾à¤·à¤¾ को मनà¥à¤·à¥à¤¯ कदापि नहीं बना सकते। इसका ईशà¥à¤µà¤° से मिलना सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ à¤à¤µà¤‚ तरà¥à¤•à¤ªà¥‚रà¥à¤£ सिदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤ है। हम कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ कर सकते हैं कि आदि मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ को यदि परमातà¥à¤®à¤¾ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ न देता तो आदि मनà¥à¤·à¥à¤¯ मूक, बधिर, जà¥à¤žà¤¾à¤¨ व à¤à¤¾à¤·à¤¾ से हीन तथा पशà¥à¤“ं के समान होते। सà¤à¥€ पशà¥à¤“ं à¤à¤µà¤‚ मनà¥à¤·à¥à¤¯à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के पास अपने जीवन का निरà¥à¤µà¤¾à¤¹ करने के लिये आवशà¥à¤¯à¤• सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• जà¥à¤žà¤¾à¤¨ होता है परनà¥à¤¤à¥ मनà¥à¤·à¥à¤¯ के बचà¥à¤šà¥‡ में वह जà¥à¤žà¤¾à¤¨ नहीं होता। किसी पशॠको, चाहे राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ की à¤à¥‚मि जहां जल उपलबà¥à¤§ नहीं होता, पानी में डाल दिया जाये तो वह तैरने लगता है परनà¥à¤¤à¥ समà¥à¤¦à¥à¤° या किसी नदी के किनारे उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ मनà¥à¤·à¥à¤¯ का बचà¥à¤šà¤¾ पानी में डालने पर तैरता नहीं अपितॠडूब जाता है। मनà¥à¤·à¥à¤¯ के बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को तैरने का सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• जà¥à¤žà¤¾à¤¨ नहीं है। मनà¥à¤·à¥à¤¯ के बचà¥à¤šà¥‡ को सब बातें माता-पिता व गà¥à¤°à¥à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ को सिखानी पड़ती हैं जबकि पशॠव पकà¥à¤·à¥€ जनà¥à¤® के कà¥à¤› ही दिनों में इस योगà¥à¤¯ हो जाते हैं कि वह चलना-फिरना व उड़ना सीख जाते हैं और अपने à¤à¥‹à¤œà¤¨ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने व खादà¥à¤¯ व अखादà¥à¤¯ पदारà¥à¤¥à¥‹à¤‚ का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ à¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ ईशà¥à¤µà¤° उनके सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ में ही पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करता है। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ किसी सà¥à¤•à¥‚ल व पाठशाला में किसी आचारà¥à¤¯ के पास जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ व कà¥à¤› सीखने के लिये जाने की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ नहीं होती।
à¤à¤¾à¤·à¤¾ के बारे में हम विचार करते हैं कि यदि सृषà¥à¤Ÿà¤¿ के आरमà¥à¤ में परमातà¥à¤®à¤¾ ने मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ को यà¥à¤µà¤¾ उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ किया और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¤¾à¤·à¤¾ व जà¥à¤žà¤¾à¤¨ नहीं दिया तो कà¥à¤¯à¤¾ वह सà¥à¤µà¤®à¥‡à¤µ कोई à¤à¤¾à¤·à¤¾ बना सकते थे ? परमातà¥à¤®à¤¾ से यदि आदि मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ को à¤à¤¾à¤·à¤¾ का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ नहीं मिलता तो इसका अरà¥à¤¥ हà¥à¤† कि आदि मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ को किसी à¤à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ का किंचित जà¥à¤žà¤¾à¤¨ नहीं था। जिस वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को किसी अकà¥à¤·à¤° व शबà¥à¤¦ का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ नहीं है, कà¥à¤¯à¤¾ वह à¤à¤¾à¤·à¤¾ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ कर सकता है ? विचार, चिनà¥à¤¤à¤¨ व विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£ करने पर यह निषà¥à¤•à¤°à¥à¤· निकलता है कि à¤à¤¸à¤¾ मनà¥à¤·à¥à¤¯ जिसे किसी अकà¥à¤·à¤° व शबà¥à¤¦ का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ नहीं है वह न तो अकà¥à¤·à¤°à¥‹à¤‚ का निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤£ कर सकता है और न ही बिना अकà¥à¤·à¤°à¥‹à¤‚ के जà¥à¤žà¤¾à¤¨ के शबà¥à¤¦à¥‹à¤šà¥à¤šà¤¾à¤° कर शबà¥à¤¦ की रचना व उनके अरà¥à¤¥ व à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ को निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ कर सकता है। वेद जैसी à¤à¤¾à¤·à¤¾ तो वह तीन कालों में कà¤à¥€ नहीं बना सकता। आज à¤à¥€ वेदों की à¤à¤¾à¤·à¤¾ को जानना, सीखना व उसका वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° करना आसान काम नहीं है। यह तब है कि जब हम पहले से ही कई à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं के विषय में जानते हैं। अतः सृषà¥à¤Ÿà¤¿ के आरमà¥à¤ काल में आदि मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤¾à¤·à¤¾ की उतà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ व रचना समà¥à¤à¤µ कोटि में नहीं आती। à¤à¤¾à¤·à¤¾ व जà¥à¤žà¤¾à¤¨ ईशà¥à¤µà¤° से ही मिलता है जैसे की ईशà¥à¤µà¤° से हमें यह सृषà¥à¤Ÿà¤¿, इसके समसà¥à¤¤ पदारà¥à¤¥ व मनà¥à¤·à¥à¤¯ जनà¥à¤® मिला है। चारों वेदों व इनकी à¤à¤¾à¤·à¤¾ की परीकà¥à¤·à¤¾ करने पर वेद ईशà¥à¤µà¤°à¥€à¤¯ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ सिदà¥à¤§ होता है और वेदों की à¤à¤¾à¤·à¤¾ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ ईशà¥à¤µà¤°à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾ सिदà¥à¤§ होती है। अपने मत की नà¥à¤¯à¥‚नताओं व हित-अहित के कारण कोई मतावलमà¥à¤¬à¥€ इस सिदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤ को à¤à¤²à¥‡ ही न मानें परनà¥à¤¤à¥ यह सिदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤ सतà¥à¤¯ सिदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤ है। वेदों की परीकà¥à¤·à¤¾ करने पर यह जà¥à¤žà¤¾à¤¤ होता है कि आदि काल में पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤ वेद जà¥à¤žà¤¾à¤¨ में सà¤à¥€ बातें व नियम इस संसार में घट रहे थे, आज à¤à¥€ घट रहे हैं व जो करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ वेदों में बातें गये हैं वह मानवता पर आधारित व मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ सà¥à¤– पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करने वाले तथा उतà¥à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿ सिदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤ हैं। सतà¥à¤¯ को सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° करना और असतà¥à¤¯ का तà¥à¤¯à¤¾à¤— करना मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ का परम करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ है। जो मनà¥à¤·à¥à¤¯ अपने हित-अहित के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° सतà¥à¤¯ को सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° नहीं करते, à¤à¤¸à¥‡ मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ व पशà¥à¤“ं में अधिक अनà¥à¤¤à¤° नहीं कहा जा सकता। à¤à¤¸à¥‡ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ ने पशà¥à¤“ं का बड़ा à¤à¤¾à¤ˆ कहा है।
यह जान लेने पर की वेद ईशà¥à¤µà¤°à¥€à¤¯ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ है तथा वेदों की à¤à¤¾à¤·à¤¾ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ ईशà¥à¤µà¤°à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾ है, हमें इनके अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ व पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° पर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देना चाहिये। यह मनà¥à¤·à¥à¤¯ का करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ व धरà¥à¤® दोनों है। ईशà¥à¤µà¤° ने जो जà¥à¤žà¤¾à¤¨ हमारे पूरà¥à¤µà¤œ चार ऋषियों को दिया था उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने उसे सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ रखते हà¥à¤ पीà¥à¥€ दर पीà¥à¥€ आगे बà¥à¤¾à¤¯à¤¾ है। हमारा à¤à¥€ करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ है कि हम à¤à¥€ उस जà¥à¤žà¤¾à¤¨ को विलà¥à¤ªà¥à¤¤ न होने दें अपितॠउसकी रकà¥à¤·à¤¾ करते हà¥à¤ उसे सà¥à¤µà¤¯à¤‚ सीखे और अपनी à¤à¤¾à¤µà¥€ सनà¥à¤¤à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करें। यदि हम à¤à¤¸à¤¾ करते हैं तो हमारा यह जीवन व परजनà¥à¤® à¤à¥€ सà¥à¤–ों से यà¥à¤•à¥à¤¤ व दà¥à¤ƒà¤–ों से रहित होगा। वेद जà¥à¤žà¤¾à¤¨ ईशà¥à¤µà¤°à¥€à¤¯ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ है और वेद à¤à¤¾à¤·à¤¾ ईशà¥à¤µà¤°à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾ है। यह दोनों सृषà¥à¤Ÿà¤¿ के आरमà¥à¤ में हमारे पूरà¥à¤µà¤œ ऋषियों को सरà¥à¤µà¤µà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• व सरà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤°à¥à¤¯à¤¾à¤®à¥€ ईशà¥à¤µà¤° से अरà¥à¤¥ सहित पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤ थे। उनà¥à¤¹à¥€à¤‚ से परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ आरमà¥à¤ होकर यह हमें पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤ हैं। हमारा à¤à¥€ करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ है कि हम इस महनीय महान परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ को सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ रखते हà¥à¤ आगे बà¥à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ जिससे आने वाली à¤à¤¾à¤µà¥€ पीà¥à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ लाà¤à¤¾à¤¨à¥à¤µà¤¿à¤¤ हो सकें। ओ३मॠशमà¥à¥¤
-मनमोहन कà¥à¤®à¤¾à¤° आरà¥à¤¯
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