दलितों को समà¥à¤®à¤¾à¤¨ नहीं कम से कम हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ ही दे दीजिये
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Rajeev ChoudharyDate
05-Dec-2018Category
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05-Dec-2018Download PDF
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यूठतो हमेशा à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ राजनीति विवादों के आस-पास ही घूमती रहती है, किनà¥à¤¤à¥ हाल ही में राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ की à¤à¤• चà¥à¤¨à¤¾à¤µà¥€ रैली में उतà¥à¤¤à¤°-पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ योगी आदितà¥à¤¯à¤¨à¤¾à¤¥ ने हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी को दलित बताकर à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ राजनीति में à¤à¤• नया विवाद पैदा कर दिया है। जिसके बाद à¤à¥€à¤® आरà¥à¤®à¥€ चीफ चंदà¥à¤°à¤¶à¥‡à¤–र का बयान आया कि यदि हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ दलित हैं तो अब चà¥à¤¾à¤µà¥‡ हमारा ही अधिकार हैं। इसके बाद तो मानों बयानों के बाजार में देश की सियासत à¤à¤• बार फिर उफान पर आ गयी हैं।
कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ नेता अमित सिंह ने खà¥à¤¦ को दलित बताते हà¥à¤ कहा कि अब से अपनी जाति के देवता हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ के सà¤à¥€ मंदिरों में हम ही पूजा करेंगे और इनके हम ही महंत होंगे. देश में जितने à¤à¥€ हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ मंदिर हैं, उनका रखरखाव और पूजा करने वाला अब अनà¥à¤¸à¥‚चित जाति का वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ ही होगा। अखिल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ कोली समाज के उपाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· नंदलाल ने कहा कि हम मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ योगी से यह à¤à¥€ निवेदन करते हैं कि वे बता दें कि कौन-कौन से दूसरे à¤à¤—वान हमारे समाज में आते हैं।
à¤à¤¾à¤°à¤¤ जैसे देश में जहाठराजनीति जातिवाद के कंधे पर बैठकर चलती हो, जहाठअधिकांश नेता जनà¥à¤® ही जातिवाद की कोख से लेते हों वहां उस देश में à¤à¤²à¤¾ à¤à¤¸à¥‡ बयान को कौन हाथ से फिसल देना चाहेगा? यहाठतो नेता सà¥à¤¬à¤¹ उठकर à¤à¤• दूसरे का मूंह ताकते हैं कि कब किसका मà¥à¤‚ह खà¥à¤²à¥‡ और राजनीतिक मशाला हाथ लगे। खबर है बयान आने के बाद दलित समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के नेता देश à¤à¤° के हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ मंदिरों पर कबà¥à¤œà¤¾ करने की कोशिश में लग गये हैं।
à¤à¤²à¥‡ ही बहà¥à¤¤ से लोगों के लिठये खबर, विवाद या बयान हो लेकिन मेरे लिहाज से ये बहà¥à¤¤ गंà¤à¥€à¤° मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ है कि देश को आजाद हà¥à¤ करीब 70 वरà¥à¤· बीत चà¥à¤•à¥‡ हैं यदि इस दौरान हमने कोई अहसास खोया है तो वह सिरà¥à¤« ये खोया कि हम सब à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ है। हमने अà¤à¥€ तक सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को सामाजिक रूप से करीब 6 हजार जातियों में विà¤à¤•à¥à¤¤ किया फिर उसमें सामाजिक रूप से जातीय उंच-नीच का à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ पैदा à¤à¥€ किया इसके बावजूद हम आगे बà¥à¤¤à¥‡ रहे किनà¥à¤¤à¥ अब जिस तरह देश के वीरों, महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ और अराधà¥à¤¯ देवी-देवताओं को जाति में बाà¤à¤Ÿà¤¨à¥‡ का कारà¥à¤¯ कर रहे हैं ये शायद हमारी à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯à¤¤à¤¾ को नषà¥à¤Ÿ करने वाला है। हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ पर योगी का बयान आने के बाद जिस तरह अनà¥à¤¯ लोगों ने सकारातà¥à¤®à¤• पकà¥à¤· रखने के बजाय उलà¥à¤Ÿà¤¾ हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ की अलग-अलग जातियां बताने का कारà¥à¤¯ किया कà¥à¤¯à¤¾ वो सही है? शंकराचारà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ सà¥à¤µà¤°à¥‚पानंद सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ की माने तो à¤à¤—वान हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ थे, योगी जी ने दलित बताया अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ सबने अपने राजनितिक सà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¾à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° महावीर हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी की जाति बताने का कारà¥à¤¯ किया।
आखिर आज लाखों पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ इतिहास लेकर à¤à¤¸à¥‡ वाकयà¥à¤¦à¥à¤§ की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ आन पड़ी? सब जानते हैं वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से दलितों को पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ से लेकर अनà¥à¤¯ सामाजिक कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में वह समà¥à¤®à¤¾à¤¨ नहीं मिला जिसके वो हकदार थे अब यदि लोग उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ समà¥à¤®à¤¾à¤¨ नहीं दे सकते कम से कम à¤à¤—वान तो दे दीजिये. पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ नहीं दे सकते तो मंदिर दे दीजिये।
यह बात सरà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¤¿à¤¤ है कि चà¥à¤¨à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ के दौरान गांव-गांव, गली-गली सà¤à¥€ को विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ जातियों में बांट कर जीत या हार के लिठआंकडें गड़े जाते है। किनà¥à¤¤à¥ वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में जातिवाद की राजनीति से जो सबसे दà¥à¤ƒà¤–द पहलू उà¤à¤°à¤¾ है वह है कि अब महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ को à¤à¥€ जातिवाद की राजनीति ने डस लिया है। इसमें सबसे पहली सोचने वाली बात यह है कि कोई à¤à¥€ इनà¥à¤¸à¤¾à¤¨ उस समय महापà¥à¤°à¥à¤· या à¤à¤—वान बनता है कि उसने समसà¥à¤¤ समाज के लिठबिना à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ और जनकलà¥à¤¯à¤¾à¤£ के कारà¥à¤¯ किये हो। यदि इसके बाद उसे जाति की नजर से देखें तो यह समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ समाज और देश के लिठअपमान जनक है।
किनà¥à¤¤à¥ आज ये कारà¥à¤¯ बड़े सà¥à¤¤à¤° पर हो रहा है। देश के संविधान निरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤¾ अमà¥à¤¬à¥‡à¤¡à¤•à¤° साहब को आज तक उनके किये कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ उनकी जाति के नाम पर घसीटा जा रहा है। गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ चà¥à¤¨à¤¾à¤µ में à¤à¥€ गाà¤à¤§à¥€ जी की जाति को लेकर बवाल सबने सà¥à¤¨à¤¾ था। देश के पà¥à¤°à¤¥à¤® गृह मंतà¥à¤°à¥€ लौह पà¥à¤°à¥à¤· सरदार वलà¥à¤²à¤ à¤à¤¾à¤ˆ पटेल से लेकर वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में तो राजनेता महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ के साथ-साथ देवी, देवताओं, ऋषि मà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ तक को जाति विशेष के रंग में रंगने की कोशिश कर रहे हैं।
शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ और रावण की जाति से लेकर ये लोग किस तरह महरà¥à¤·à¤¿ बालà¥à¤®à¥€à¤•à¤¿ की जाति, संत रविदास को चरà¥à¤®à¤•à¤¾à¤°, विशà¥à¤µà¤•à¤°à¥à¤®à¤¾ को बà¥à¤ˆ, चितà¥à¤°à¤—à¥à¤ªà¥à¤¤ को कायसà¥à¤¥, कà¥à¤¬à¥‡à¤° को वैशà¥à¤¯, परशà¥à¤°à¤¾à¤® को बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ समाज से जोड़ कर देखने-दिखाने की रीत चल रही है। महाराणा पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª को लेकर सहारनपà¥à¤° में राजपूत और दलितों के बीच हà¥à¤ˆ हिंसा गत वरà¥à¤· कैसी सà¥à¤°à¥à¤–िया बनी थी कौन नहीं जानता। कà¥à¤¯à¤¾ महाराणा पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª ने सिरà¥à¤« à¤à¤• जातीय विशेष के लिठअकबर से यà¥à¤¦à¥à¤§ किया था या देश और धरà¥à¤® की रकà¥à¤·à¤¾ के लिà¤? आखिर कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ जो यà¥à¤¦à¥à¤§ जीतने वाले या समाज के लिठकारà¥à¤¯ करने वाले की जाति को लेकर अपनापन दिखाते हैं वह कनà¥à¤¨à¥Œà¤œ के राजा जयचंद और सिकनà¥à¤¦à¤° का साथ देने वाले राजा अमà¥à¤à¤¿à¤• की जाति बताने से कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ डरते है?
à¤à¤—वान परशà¥à¤°à¤¾à¤® जाति से बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ थे और कहा जाता है 21 बार उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने धरा कà¥à¤·à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯ विहीन की थी यानि बड़ा नरसंहार हà¥à¤† होगा ना? उनकी जय-जयकार की जाती रही है तो फिर सोमनाथ के मंदिर में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ दà¥à¤µà¤¾à¤° का रासà¥à¤¤à¤¾ बतलाने वाले पंडित रà¥à¤¦à¥à¤°à¥à¤à¤¦à¥à¤° की जाति को कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ सामने नहीं लाया जाता? समसà¥à¤¯à¤¾ यही है कि अचà¥à¤›à¥‡ लोगों को जाति में बाà¤à¤Ÿà¤•à¤° गरà¥à¤µ करो बà¥à¤°à¥‡ लोगों की जाति से किनारा करो, जबकि महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ के दरà¥à¤¶à¤¨ व शिकà¥à¤·à¤¾à¤à¤‚ जो समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ मानव जाति के लिठअनà¥à¤•à¤°à¤£à¥€à¤¯ हैं तथा उनके जैसी अतà¥à¤²à¤¨à¥€à¤¯ छवि को जाति में बांधना उनका घोर अपमान करना है। à¤à¤¸à¤¾ करने में कोई à¤à¤• शामिल नहीं है लेकिन इससे वीरों, महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ का जातिगत बंटवारा होकर उनकी शिकà¥à¤·à¤¾ और वीरता धूमिल हो जाती है और देश की à¤à¤•à¤¤à¤¾ अखंडता पर à¤à¥€ चोट लगती है।
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