किसी के हिनà¥à¤¦à¥‚ होने से तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¤¤à¤°à¤¾à¤œ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚
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Rajeev ChoudharyDate
05-Dec-2018Category
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05-Dec-2018Download PDF
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किसी गली, मौहलà¥à¤²à¥‡ या किसी चौराहे पर यदि दो बचà¥à¤šà¥‡ à¤à¤• दूसरे की जाति या धरà¥à¤® का उपहास उड़ाते दिख जाà¤à¤ तो चौकिये मत कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि धरà¥à¤®, जाति और गोतà¥à¤° अब राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ राजनीति के केंदà¥à¤° में आ चà¥à¤•à¥‡ हैं तो कह सकते हैं कि राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ राजनीति के हिसाब से उन बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ ने पà¥à¤°à¤—ति की है। पिछले दिनों राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ चà¥à¤¨à¤¾à¤µ के दौरान पà¥à¤·à¥à¤•à¤° में खà¥à¤²à¤¾à¤¸à¤¾ होता है कि राहà¥à¤² गाà¤à¤§à¥€ का गोतà¥à¤° दतà¥à¤¤à¤¾à¤¤à¥à¤°à¥‡à¤¯ है। इसके बाद देश के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ चà¥à¤¨à¤¾à¤µ पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° के दौरान ही पूरà¥à¤µà¤¾à¤‚चल पहà¥à¤‚च कर अपनी जाति का à¤à¤²à¤¾à¤¨ करते है। इसके बाद राजनितिक हलकों में राहà¥à¤² के गौतà¥à¤° और धरà¥à¤® को लेकर बखेड़ा खड़ा होता है। बार-बार उनके धरà¥à¤® और गोतà¥à¤° को लेकर पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ किये जाते हैं। उनसे उनके हिनà¥à¤¦à¥‚ होने के पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ मांगे जाते हैं।
पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ देने या सà¥à¤µà¤¯à¤‚ की à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤µ के कारण राहà¥à¤² कà¤à¥€ खà¥à¤¦ को जनेऊ धारी पंडित बताते हैं, खà¥à¤¦ को शिव à¤à¤•à¥à¤¤ बताते हैं और ततà¥à¤ªà¤¶à¥à¤šà¤¾à¤¤à¥ कैलाश मानसरोवर यातà¥à¤°à¤¾ पर निकल जाते हैं वापस आते हैं तो अपना गोतà¥à¤° कौल दतà¥à¤¤à¤¾à¤¤à¥à¤°à¥‡à¤¯ बताते हैं। विरोधी हà¤à¤¸à¤¤à¥‡ हैं उपहास उड़ाते हैं और उनके दादा का नाम लेकर फिर उनसे उनके धरà¥à¤® का पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¤ªà¤¤à¥à¤° मांगते हैं। इससे राजनितिक खिचड़ी तो पता नहीं कितनी पक जाती है पर वह लोग जरूर à¤à¤¯à¤à¥€à¤¤ हो जाते हैं जो सनातन धरà¥à¤® के आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• दरà¥à¤¶à¤¨ से पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ होकर पà¥à¤¨à¤ƒ हिनà¥à¤¦à¥‚ धरà¥à¤® में लौटे थे।
असल में आज जो यह हो रहा है ये कोई नया कारà¥à¤¯ या राजनीति नहीं है ये हमारा हजारों साल पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ इतिहास रहा है कि हम अपने धरà¥à¤® में किसी का सà¥à¤µà¤¾à¤—त करने के बजाय उपहास उड़ाते रहे हैं। कहा जा रहा है राहà¥à¤² के दादा पारसी समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ से आते थे तो राहà¥à¤² पारसी हà¥à¤ जबकि इस पर पà¥à¤°à¥‹à¤¹à¤¿à¤¤ बता रहे हैं कि पारसी समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ में पतà¥à¤¨à¥€ को हिंदू धरà¥à¤® की तरह पति का गोतà¥à¤° नहीं दिया जाता है। à¤à¤¸à¥‡ में पिता के गोतà¥à¤° का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² हो सकता है। इसी वजह से इंदिरा गांधी ने à¤à¥€ पिता पंडित जवाहरलाल नेहरू का गोतà¥à¤° कौल दतà¥à¤¤à¤¾à¤¤à¥à¤°à¥‡à¤¯ ही रखा, विवाह जरूर à¤à¤• पारसी से किया किनà¥à¤¤à¥ खà¥à¤¦ के धरà¥à¤® का तà¥à¤¯à¤¾à¤— नहीं किया बलà¥à¤•à¤¿ इसके उलट जब फिरोज गाà¤à¤§à¥€ को पहली बार दिल का दौरा पड़ा था तà¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने मितà¥à¤°à¥‹à¤‚ से कह दिया था कि वह हिंदू तरीकों से अपनी अंतà¥à¤¯à¥‡à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ करवाना पसंद करेंगे। जब उनकी मृतà¥à¤¯à¥ हà¥à¤ˆ तो तब 16 साल के राजीव गांधी ने दिलà¥à¤²à¥€ निगमबोध घाट पर फिरोज की चिता को आग लगाई। उनका अंतिम संसà¥à¤•à¤¾à¤° हिंदू रीतिरिवाजों से किया गया था।
शायद किसी à¤à¥€ इनà¥à¤¸à¤¾à¤¨ का अंतिम संसà¥à¤•à¤¾à¤° काफी होता है उसका धरà¥à¤® जानने के लिठफिरोज ने हिनà¥à¤¦à¥‚ दरà¥à¤¶à¤¨ और संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ को सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° कर लिया इसके अलावा हिंदू बनने का मानà¥à¤¯ तरीका कà¥à¤¯à¤¾ है? किस नदी में डà¥à¤¬à¤•à¥€ लगाने पर लोग हिंदू धरà¥à¤® में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ कर लेते हैं? उस नदी का नाम किस वेद में कहाठलिखा है? किसी के पास सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ जानकारी हो अवगत जरूर कराà¤à¤à¥¤ à¤à¤• ओर तो वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ सतà¥à¤¤à¤¾à¤§à¤¾à¤°à¥€ दल धरà¥à¤® और धरà¥à¤®à¤¾à¤‚तरण को लेकर आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• चिंता वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ करते दीखते हैं। दूसरी ओर अपने ही धरà¥à¤® को मानने वाले का उपहास उड़ाते दिख जाते है। तब उनसे यह à¤à¥€ पूछा जाना चाहिठकि आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• उचà¥à¤šà¤¤à¤¾ या किसी का धरà¥à¤® मापने का कोई फीता या सूचकांक उनके पास कहाठसे आया और कà¥à¤¯à¤¾ वह किसी विशà¥à¤µ धरà¥à¤® संसद से मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है? यदि नहीं तो आखिर कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ धरà¥à¤® पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¤ªà¤¤à¥à¤° की दà¥à¤•à¤¾à¤¨ खोलकर बैठगये।
किसी के धरà¥à¤® से जà¥à¥œà¥‡ होने या उसकी आसà¥à¤¥à¤¾ का पैरामीटर नहीं होता पर यह जरूर है कि ये उसी पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ बीमारी का नया लकà¥à¤·à¤£ हैं जिसने इस महान सनातन संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को मिटाने का कारà¥à¤¯ किया। जिसे यह जानना हो वह à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संघरà¥à¤· का इतिहास नामक पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• से इस विषय को गहराई से जान सकते हैं। पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• के लेखक डॉ नितà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¤‚द लिखते हैं कि रिनचिनशाह नाम का à¤à¤• साहसी बौदà¥à¤§ यà¥à¤µà¤¾ कशà¥à¤®à¥€à¤° के राजा रामचंदà¥à¤° की हतà¥à¤¯à¤¾ कर कशà¥à¤®à¥€à¤° का सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ बन गया था और रामचंदà¥à¤° की पà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ कोटारानी से विवाह कर लिया था। इसके बाद रिनचिनशाह की इचà¥à¤›à¤¾ हà¥à¤ˆ कि वह सनातन धरà¥à¤® गà¥à¤°à¤¹à¤£ कर ले। तब वह हिनà¥à¤¦à¥‚ धरà¥à¤®à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ देवसà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ की शरण में गया। परंतॠदेवसà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ ने रिनचिन को हिनà¥à¤¦à¥‚ धरà¥à¤® में शामिल करने से मना कर दिया था। यह बात रिनचीन शाह को काफी बà¥à¤°à¥€ लगी और वह सà¥à¤¬à¤¹ होते ही सूफी बà¥à¤²à¤¬à¥à¤²à¤¶à¤¾à¤¹ की अजान सà¥à¤¨à¤•à¤° उनके पास गया तो बà¥à¤²à¤¬à¥à¤²à¤¶à¤¾à¤¹ से रिनचिन ने इसà¥à¤²à¤¾à¤® की दीकà¥à¤·à¤¾ ली थी। जिसके बाद इसी राजा के राजà¥à¤¯ में अधिकतर हिंदà¥à¤“ं को मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ बनाने का à¤à¤• गंदा और घिनौना खेल हà¥à¤† था।
यही हाल बंगाल में à¤à¥€ हà¥à¤† था जब कालाचंद राय नाम के à¤à¤• बंगाली बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ यà¥à¤µà¤• ने पूरà¥à¤µà¥€ बंगाल में उस वकà¥à¤¤ के मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® शासक की बेटी से शादी की इचà¥à¤›à¤¾ जाहिर की थी। लड़की à¤à¥€ इसà¥à¤²à¤¾à¤® छोड़कर हिंदू विधि से उससे शादी करने के लिठतैयार हो गई लेकिन इन धरà¥à¤® के तथाकथित ठेकेदारों ने न केवल कालाचंद का विरोध किया बलà¥à¤•à¤¿ उस मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® यà¥à¤µà¤¤à¥€ के हिंदू धरà¥à¤® में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ की अनà¥à¤®à¤¤à¤¿ नहीं दी थी। इसके बाद कालाचंद राय को अपमानित किया गया। अपने अपमान से कà¥à¤·à¥à¤¬à¥à¤§ होकर कालाचंद ने इसà¥à¤²à¤¾à¤® सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤°à¤¤à¥‡ हà¥à¤ उस यà¥à¤µà¤¤à¥€ से निकाह कर लिया और गà¥à¤¸à¥à¤¸à¥‡ में बंगाल का धारà¥à¤®à¤¿à¤• समीकरण बदलकर रख दिया।
à¤à¤¸à¤¾ ही हाल साल 1921 में केरल के मालाबार में मोपला विदà¥à¤°à¥‹à¤¹ के दौरान हजारों हिंदà¥à¤“ं का कतà¥à¤²à¥‡à¤†à¤® हà¥à¤† और हजारों हिंदà¥à¤“ं को धरà¥à¤® बदलने के लिठबाधà¥à¤¯ होना पड़ा। वो तो शà¥à¤•à¥à¤° है आरà¥à¤¯ समाज का कि उससे जà¥à¥œà¥‡à¤‚ लोगों ने शà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ आंदोलन चलाया तो जिन हिंदà¥à¤“ं को जबरन मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® बना दिया गया था, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ वापस हिंदू धरà¥à¤® में लाया गया। वरना वो लोग à¤à¥€ आज इसी उपहास और अपमान का जीवन जी रहे होते। किनà¥à¤¤à¥ इतना सब कà¥à¤› होने के बाद à¤à¥€ यदि आप अब à¤à¥€ अपने धरà¥à¤® से जà¥à¥œà¥‡à¤‚ लोगों का उपहास उड़ायेंगे या बात-बात पर उससे धरà¥à¤® पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¤ªà¤¤à¥à¤° मांगेंगे तो इसे सबसे बड़ी मूरà¥à¤–ता कही जाà¤à¤—ी कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि आपने अपने इतिहास से कà¥à¤› सीखा ही नहीं बेशक आप राजनीति कीजिठसतà¥à¤¤à¤¾ सà¥à¤– पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कीजिठलेकिन धरà¥à¤® से जà¥à¥œà¥‡à¤‚ लोगों का उपहास करना बंद कीजिठआज देश का à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ आपके हाथों में है काश à¤à¤¸à¤¾ न हो कल का à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ आपके उपहासातà¥à¤®à¤• बयानों का मूलà¥à¤¯ चà¥à¤•à¤¾à¤à¥¤
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